दोस्तों बवासीर एक ऐसा रोग हैं जो किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता हैं चाहे वह बच्चा हो, जबान हो, या फिर बूढ़ा व्यक्ति हो। आजकल ये बीमारी तेजी से फैल रही हैं जो बहुत ही दर्दनाक हैं।
मलाशय के आसपास की नसों में सूजन के कारण बवासीर जैसे बीमारी उत्पन्न होती हैं।
इस बीमारी से मलत्याग के समय मलाशय में अत्यधिक पीड़ा होती हैं यदि आप भी बवासीर से परेशान हैं तो हम आपको ऐसी कुछ आयुवेर्दिक औषधियों के बारे में बताएंगे जिसका उपयोग करके आप आसानी से इस बीमारी से छुटकारा पा सकते हैं और बीमारी को जड़ से ठीक कर सकते हैं।
बवासीर क्या हैं?
मलाशय और गुदा में स्थित नसों का आकार बड़ जाता हैं गुदा के चारों तरफ सूजन आ जाती हैं इस स्थिति को बवासीर या पाइल्स कहा जाता हैं।
बवासीर एक ऐसी बीमारी हैं जो पहले ज्यादा उम्र के लोगों को होती थीं लेकिन अब यह बीमारी युवाओं और बच्चों को भी होने लगी हैं।
बवासीर को इंग्लिश में Piles और Hemorrhoids भी कहते हैं इस रोग में गुदा द्वार में मस्से निकल आते हैं और मलत्याग करते समय बहुत दर्द होता हैं और साथ ही खून भी निकलता हैं
बवासीर के दो प्रकार होते हैं।
- अंदरूनी
- बाहरी
1. अंदरूनी : अंदरूनी बवासीर में नस में जो सूजन होती हैं वो दिखाई नहीं देती लेकिन पीड़ित व्यक्ति को महसूस होती हैं। आंतरिक बवासीर गुदा या गुदा के भीतर होती हैं
2. बाहरी : बाहरी बवासीर में सबसे ज्यादा परेशानी होती हैं बाहरी पाइल्स में सूजन गुदा के बिल्कुल बाहर दिखाई देती हैं इसमें खुजली होती हैं।
अंदरूनी और बाहरी बवासीर थ्रोम्बोसिस हेमोररहोइड्स के रूप में विकसित होते हैं ज्यादा बवासीर होने पर नस के अंदर खून के थक्के जमने लगते हैं थ्रोम्बोसिस हेमोररहोइड्स से कोई बड़ी खतरनाक स्थिति पैदा नहीं होती हैं लेकिन इससे गुदा के चारों तरफ दर्द और सूजन होने लगती हैं।
बवासीर कैसे होता हैं?
बवासीर एक बीमारी हैं जो कब्ज (Constipation) द्वारा होती हैं कब्ज (Constipation) होने पर आपको मल (Stools) करते समय जोर लगाना पड़ता हैं जिसके कारण गुदा में दबाब पड़ता हैं लंबे समय तक कब्ज रहने पर आपको बवासीर की सिखायत हो सकती हैं।
पाइल्स के लक्षण
- लंबे समय तक कठोर कब्ज बना रहने से मल शुष्क हो जाता हैं।
- गुदा के आसपास चरम खुजली होती हैं।
- गुदा के चारों तरफ असहनीय दर्द होता हैं।
- दर्द होने के साथ शरीर में चिड़चिड़ापन मचती हैं।
- दर्दनाक आंत्र आंदोलन होता हैं।
- एक आंत्र आंदोलन के बाद रक्त का रिसाव होता हैं।
- गुदाशय के निचले हिस्से या गुदा के पास सूजन आ जाती हैं
- बवासीर में खुजली होती हैं बैंठने पर असहनीय दर्द होता है
खूनी बवासीर के लक्षण
- मल में खून आना
- मल त्याग करने की आदतों में बदलाव होना
- शरीर का वजन कम होने लगना
- गुदा में असहनीय दर्द होना
- पेट दर्द होना
- बुखार रहना
- चक्कर आना
- सिर घूमना
- उल्टी आना
- बवासीर के कारण
- कब्ज
- खराब खान-पान
- खाने में फाइबर की कमी
- ज्यादा देर तक बैठे रहना
- मानसिक तनाव
हल्दी से बवासीर का इलाज कैसे करें?
हल्दी भी बवासीर को ठीक करने के लिए काफी लाभदायक हैं हल्दी में एंटी इंफ्लेमेट्री गुण पाए जाते हैं जो सूजन घटाने का कार्य करते हैं हल्दी एंटी सेप्टिक होती हैं जो कीटाणुओं को नष्ट करती हैं और किसी भी प्रकार के घाव भरने में सहायक होती हैं पुराने समय से ही व्यक्ति बवासीर में हल्दी का उपयोग करते आए हैं उन्हीं में से कुछ तरीके नीचे दिए गए हैं जिन्हें उपयोग करके आप दर्दनाक बवासीर का इलाज किया जा सकता हैं।
- हल्दी और एलोवेरा
- हल्दी और देशी घी
- पेट्रोलियम जेली और हल्दी
- हल्दी और काला नमक
- हल्दी और दूध
- मूली और हल्दी
1. हल्दी और एलोवेरा
एक चम्मच पिसी हल्दी को आधे चम्मच एलोवेरा जेल में मिलाकर इसका पेस्ट तैयार कर लीजिए पेस्ट को सोने से पहले मलद्वार के अदंरूनी और बाहरी हिस्से पर लगाइए इसको लगातार एक हप्ते तक लगाइए आपको बवासीर से राहत जरूर ही मिलेगी।
2. हल्दी और देसी घी
आधे चम्मच हल्दी पाउडर में एक चम्मच देशी घी मिलाकर अच्छी तरह पेस्ट बना लीजिए इस मिश्रण को रात में सोने से पहले मलद्वार के अदंरूनी और बाहरी हिस्से पर लगाइए यह प्रक्रिया रोज रात सोने से पहले कीजिए बवासीर में राहत मिलेगी।
3. हल्दी और काला नमक
गुनगुने पानी में हल्दी पाउडर का चूर्ण और काला नमक मिलाकर पीने से बवासीर में राहत मिलती हैं दर्द कम होता हैं।
4. हल्दी और दूध
गुनगुने दूध में हल्दी पाउडर मिलाकर पीने से बवासीर में राहत मिलेगी साथ ही अच्छी नींद भी आएगी बवासीर होने पर उसके उपचार के साथ इसका बचाव भी जरूरी हैं।
5. मूली और हल्दी
बाजार से ताजा मूली ला कर अच्छे से धो ले फिर मूली को छीलकर काट ले अब मूली के ऊपर हल्दी पाउडर छिड़कर इसे दिन में दो-तीन बार खाए।
6. पेट्रोलियम जेली और हल्दी
एक चम्मच पेट्रोलियम जेली को एक चम्मच हल्दी के साथ मिलाकर पेस्ट बना लीजिए इस पेस्ट को मल त्याग करने के कुछ समय पहले अपनी गुदा के अंदरूनी और बाहरी हिस्सों पर अच्छे से लगा लीजिए पेट्रोलियम जेली आपके मलद्वार को मुलायम और चिकना बनाती हैं जिससे आपको मल त्यागने में आसानी होती हैं हल्दी से घाव कम होता हैं और असहनीय दर्द में भी राहत मिलती हैं।
पाइल्स ठीक करने के लिए घरेलू उपाए
- जीरा
- नीम
- छाछ
- त्रिफला
- अंजीर
- तिल
- बड़ी इलायची
- आंवला
- गुलाब की पंखुड़ियां
- इसबगोल
1. जीरा
जीरा पेट की समस्या में बहुत काम आता हैं जीरा को तबे के ऊपर डालकर भून लें और मिश्री के साथ मिला कर चूसने पर फायदा मिलता हैं इसके अलावा आप एक गिलास पानी में आधा चम्मच जीरा पाउडर डालकर पीने से फायदा मिलता हैं और आप जीरा पाउडर को मस्सों पर लगाने से भी फायदा मिलता हैं।
2. नीम
नीम के पेड़ से निंबौरी तोड़कर सूखा लें सुख जाने के बाद निबौरी को पीस कर चूर्ण बना लें फिर 10 ग्राम पानी में डालकर रोज रात में इसका सेवन करें इससे बवासीर में फायदा होगा इसके अलावा नीम का तेल मस्सों पर लगाने से फायदा मिलता हैं नीम के तेल की 4,5 बून्द रोज पीने से बवासीर में लाभ होता हैं।
3. छाछ
बवासीर को मिटाने के लिए मट्ठा/छाछ बहुत ही फायदेमंद हैं आप दो लीटर छाछ लीजिए उसमें 50 ग्राम जीरा पीस कर मिलाइए और स्वादानुसार नमक डालिए जब भी आपको प्यास लगें पानी की जगह इसको पिए जल्द ही आपकी बवासीर ठीक हो जाएंगी।
4. त्रिफला
बाजार से त्रिफला लाकर उसको अच्छे से बारीक पीस कर चूर्ण बना लें तथा रोज रात में सोने से पहले 1-2 चम्मच सेवन करें त्रिफला कब्ज की समस्या को दूर करता हैं और इससे बवासीर में भी राहत मिलती हैं।
5. अंजीर
अंजीर को सुखा कर रख लीजिए रात को 2 अंजीर को गर्म पानी में भिगो कर रख दीजिए सुबह उठकर खाली पेट खाने से आपको फायदा मिलेगा अंजीर बवासीर के इलाज के लिए एक अद्भुत आयुवेर्दिक उपचार हैं।
6. तिल
खूनी बवासीर को रोकने के लिए तिल भी बहुत लाभदायक हैं 10 से 12 ग्राम धुली हुई काली तिल को 1 ग्राम ताजा मक्खन के साथ मिला कर लेना हैं काली तिल से बवासीर से खून आना बंद हो जाएगा।
7. बड़ी इलायची
50 ग्राम बड़ी इलायची को तवे पर रख कर अच्छे से भूनते हुए जला लीजिए जब इलायची ठंडी हो जाए तब इसे पीस कर चूर्ण बना लें इस चूर्ण को रोज सुबह खाली पेट पानी के साथ लेने से बवासीर की समस्या ठीक हो जाएगी।
8. आंवला
आंवला पेट के लिए बहुत ही फायदेमंद हैं आंवले को काटकर सूखा ले सुख जाने के बाद आंवले का चूर्ण बना लें आवंले के इस चूर्ण को रोज सुबज शाम शहद के साथ खाने से फायदा मिलता हैं और बवासीर भी जल्द ही ठीक हो जाती हैं।
9. गुलाब की पंखुड़ियां
बवासीर में खून की समस्या को दूर करने के लिए गुलाब की पंखुड़ियां भी लाभदायक हैं, 50 मिलीलीटर पानी में थोड़ी सी गुलाब की पंखुड़ियां कुचल कर डाल दीजिए फिर इस घोल को सुबह खाली पेट पीने से बवासीर में आराम मिलता हैं लेकिन ध्यान रखें इस मिश्रण को पीने पर केले का सेवन न करें।
10. इसबगोल
इसबगोल की भूसी प्राकृतिक और चमत्कारिक औषधि हैं इसबगोल की भूसी का प्रयोग करने से कड़े मल में राहत मिलती हैं इसका सेवन करने से पेट भी साफ रहता हैं और बवासीर में ज्यादा दर्द नहीं होता हैं रात को सोने से पहले एक चम्मच इसबगोल की भूसी को पानी के साथ लीजिए आपको बहुत आराम मिलेगा।
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आशा है बवासीर की बीमारी की जानकारी वाली पोस्ट आपको पसंद आयी होगी ।
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