Site icon HTIPS

G तथा g में अंतर | गुरुत्वाकर्षण नियतांक G व गुरुत्वीय त्वरण g में क्या संबंध है

G aur g mein antar

नमस्कार दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम G तथा g में अंतर पढ़ेगे तो इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़े।

पिछले पेज पर हमने गतिज ऊर्जा की जानकारी शेयर की थी तो उस आर्टिकल को भी पढ़े।

चलिए आज के इस अध्याय में हम कैपिटल G और स्मॉल g में क्या संबंध है की जानकारी को पढ़ते और समझते हैं।

सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक G किसे कहते हैं

न्यूटन के सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियम से, 

                   F  = G m₁m₂ / r²……….… (1) 

समीकरण (1) में यदि m₁ = m₂ = 1 किग्रा तथा r = 1 मीटर हो, तो

                         F = G

“एकांक दूरी पर स्थित दो एकांक द्रव्यमानों के बीच लगने वाले आकर्षण बल के संख्यात्मक मान को ही गुरुत्वाकर्षण नियतांक कहते हैं।

इसे G से प्रदर्शित करते हैं। G एक अदिश राशि है।

G का मात्रक :-  न्यूटन-मीटर²/किग्रा²

G का विमीय सूत्र

समीकरण (1) से,

                        G = F × r²/m₁m₂

G का विमीय सूत्र = [MLT⁻²][L²]/[M][M]

             = [M⁻¹L³T⁻²]

G का मान कितना होता है?

सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक G का मान

        6.67 × 10⁻¹¹ न्यूटन-मीटर²/किग्रा²

गुरुत्वीय त्वरण g किसे कहते हैं

स्वतंत्रतापूर्वक नीचे गिरती हुई वस्तु के वेग में पृथ्वी के आकर्षण बल (गुरुत्व बल) के कारण प्रति सेकण्ड जितनी वृद्धि होती है उसे गुरुत्वीय त्वरण कहते हैं। इसे g से प्रदर्शित करते हैं। g एक सदिश राशि है।

g का मात्रक :-  मीटर/सेकण्ड²

g का विमीय सूत्र:-  [M°LT-²]

गुरुत्वीय त्वरण g का मान कितना होता है? 

g का औसत मान 9.8 m/sec² होता है।

गुरुत्वाकर्षण नियतांक G व गुरुत्वीय त्वरण g में अंतर

गुरुत्वाकर्षण नियतांक Gगुरुत्वीय त्वरण g
एकांक दूरी पर रखे दो एकांक द्रव्यमान के पिण्डों के बीच लगने वाले आकर्षण बल के संख्यात्मक मान को ही गुरुत्वाकर्षण नियतांक G कहते हैं।स्वतंत्रता पूर्वक नीचे गिरते हुए पिण्ड में पृथ्वी के आकर्षण बल के कारण उत्पन्न त्वरण को गुरुत्वीय त्वरण g कहते हैं।
G गुरुत्वाकर्षण नियतांक को प्रदर्शित करता है।
g गुरुत्वीय त्वरण को प्रदर्शित करता है।
G का मात्रक न्यूटन-मीटर²/किग्रा² होता है।g का मात्रक मीटर/सेकण्ड² होता है।
G का मान 6.67 × 10⁻¹¹ न्यूटन-मीटर²/किग्रा² होता है।g का औसत मान 9.8 मीटर/सेकण्ड² होता है।
गुरुत्वाकर्षण नियतांक एक अदिश राशि है।गुरुत्वीय त्वरण एक सदिश राशि है।
G का मान सभी स्थानों पर समान रहता है।g का मान भिन्न-भिन्न स्थानों पर भिन्न-भिन्न होता है।

G और g में सम्बन्ध

माना पृथ्वी का द्रव्यमान M तथा त्रिज्या R है| माना पृथ्वी की सतह पर m द्रव्यमान की एक वस्तु रखी है, तो  न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण नियम से पृथ्वी के कारण वस्तु पर लगने वाला बल  

                     F = GMm/R² ……… (i) 

यदि गुरुत्वीय त्वरण g  हो तो न्यूटन के द्वितीय नियम से, 

पृथ्वी के कारण वस्तु पर लगने वाला बल = द्रव्यमान × गुरुत्वीय त्वरण

                     F = m × g …….… (ii) 

 समीकरण (i) व (ii) से, 

                          mg = GM m/R²

                           g = GM/R²

यही गुरुत्वीय त्वरण g तथा गुरुत्वाकर्षण नियतांक G में संबंध है।

Note :- गुरुत्वीय त्वरण g का मान पृथ्वी के द्रव्यमान M तथा पृथ्वी की त्रिज्या R पर निर्भर करता है। g का मान वस्तु के द्रव्यमान m पर निर्भर नहीं करता है।

उम्मीद हैं आपको G तथा g में अंतर की जानकारी पसंद आयी होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आयी हो तो इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें धन्यवाद।

Exit mobile version