पर्यावरण क्या हैं

Environment शब्द फ्रांसीसी शब्द Environ से बना है जिसका अर्थ होता है घिरे हुए या इर्द-गिर्द और ment का अर्थ क्रिया है। कुल मिलाकर पर्यावरण या Environment जीव और प्रकृति के बीच की क्रिया है।

BY HTIPS

1. प्रथम चरण – इस चरण में मानव का प्रकृति के साथ सह अस्तित्व था मतलब इस चरण में प्रकृति ही मानव पर हावी रही जिस कारण पर्यावरण बहुत ही शुद्ध बना रहा।

2. द्वितीय चरण – इस चरण में मानव द्वारा कुछ हद तक प्रकृति पर विजय पाई गई फिर भी पूरी तरह से हावी ना होने पर पर्यावरण शुद्ध ही रहा।

3. तृतीय चरण – इस चरण में मानव ने प्रकृति पर पूरी तरह से विजय प्राप्त कर लिया और विकास की दिशा में अपने कदम बढ़ाए। इंसानों का प्रकृति पर नियंत्रण हो गया तथा वह प्राकृतिक संसाधनों का प्रयोग और दोहन करने लगा। जिसके कारण पर्यावरण में कुछ प्रदूषण तो उत्पन्न हुआ लेकिन मानव के स्वास्थ्य के लिए यह हानिकारक नहीं हुआ।

4. चतुर्थ चरण – इस चरण में इंसान ने प्रकृति पर पूरी तरह से नियंत्रण कर लिया। इसमें इंसान ने अपनी सुविधा के अनुसार प्राकृतिक संसाधनों का बहुत ज्यादा उपयोग किया और प्रकृति की दशा ही उजाड़ दी। जिस कारण अभी प्रदूषण की मात्रा इतनी बढ़ गई है कि पर्यावरण के संरक्षण की बात उठने लगी है।

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1. जैविक घटक 2. अजैविक घटक

पर्यावरण के घटक

पर्यावरण के प्रकार

1. प्राकृतिक पर्यावरण 2. मानव निर्मित पर्यावरण 3. मानव संशोधित पर्यावरण

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1. स्थलमंडल 2. जलमंडल 3. वायुमंडल 4. जैव मंडल

पर्यावरण के क्षेत्र

पर्यावरण के कार्य

1. संसाधनों की आपूर्ति प्रदान करता है। 2. जीवन को बनाए रखता है। 3. कचरे को समाप्त करता है। 4. जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाता है।

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जीव चाहे किसी भी प्रकार के हो उन्हें जीवन के लिए अच्छे पर्यावरण की आवश्यकता होती है। हम भूमि का उपयोग फसलों को उगाने के लिए करते हैं। मिट्टी पौधों की वृद्धि के लिए आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करती है। अगर मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी होती है तो उनमें उर्वरक को मिलाने की आवश्यकता होती है।

पर्यावरण का महत्व

पर्यावरण सुरक्षा अधिनियम, 1982

1.  पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए योजना बनाना और उसे लागू करना। 2.  पर्यावरण की गुणवत्ता के स्तर को निर्धारित करना। 3.  ऐसे क्षेत्रों को नियंत्रित करना जिसमें उद्योग स्थापित नहीं किए जा सकते। 4.  पर्यावरण का प्रदूषण करने वाली दुर्घटनाओं से सावधानी बरतने के लिए कार्यक्रम तैयार करना। 5.  प्रदूषण पैदा करने वाले सभी पदार्थों और प्रक्रियाओं की जांच करना।