इस पेज पर आज हम पड़ेगे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन की जानकारी को पढ़कर समझेंगे।
पिछले पेज पर हमने भारत के महान अमर शहीदों की जानकारी शेयर की है उसे भी जरूर पढ़े।
चलिए अब कांग्रेस के अधिवेशन को विस्तार से पढ़कर समझते है।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन की स्थापना
- कांग्रेस की स्थापना 28 दिसम्बर सन् 1885 ई0 में बंबई (आधुनिक मुम्बई) में एक सेवा निवृत्त अंग्रेज अधिकारी ए0 ओ0 ह्यूम द्वार की गई थी।
- कांग्रेस की स्थापना का उद्देश्य अंग्रेज सरकार के लिये सेफ्टी वाल्व के रुप में प्रयोग करना था।
- सर्वप्रथम कांग्रेस की अध्यक्षता मुबई में व्योमेश चन्द्र चटर्जी ने की।
- कांग्रेस की स्थापना के समय भारत का तत्कालीन गर्वनर जनरल लार्ड डफरिन था।
- शुरुआती कांग्रेस का कार्यकाल भी कुछ इसी प्रकार का था। लेकिन बाद में काँग्रेस में बड़े बदलाब देखने को मिले।
- 1906 ई0 के सूरत अधिवेशन की अध्यक्षता रास बिहारी बोस ने की इस अधिवेशन में काँग्रेस दो गुटों में नरम दल व गरम दल में टूट गई। तथा यह अब अंग्रेजो का साथ छोड़कर राष्ट्रवादी आन्दोलन के लिये अग्रसर हुई।
- तत्कालीन लार्ड डफरिन ने काँग्रेस के बारे में कहा कि कांग्रेस केवल सूक्ष्मदर्शी अल्पसंख्या का प्रतिनिधित्व करती है।
- लार्ड कर्जन ने काँग्रेस के बारे में कहा कि काँग्रेस अपने पतन की ओर लड़खड़ाती हुई जा रही है
- यह कथन उसके द्वारा काँग्रेस के नरम दल व गरम दल में विभिक्त होने के कारण कहा गया था।
- बंकिमचन्द्र चटर्जी ने कहा कांग्रेस के लोग पदों के भूखे राजनीतिज्ञ हैं।
- अरविन्द घोष के अनुसार कांग्रेस क्षयरोग से मरने ही वाली है।
कांग्रेस के अधिवेशन प्रत्येक वर्ष आयोजित किये जाते थें। जिससे इस संगठन को मजबूती व गति मिलती थी।
काग्रेस की स्थापना से लेकर भारत की आजादी तक कुल छप्पन से सत्तावन अधिवेशन हो चुके थे
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन कब और कहाँ (1885-1947)
अधिवेशन | वर्ष | स्थान | अधिवेशन के अध्यक्ष | विवरण विशेष |
---|---|---|---|---|
पहला अधिवेशन | 1885 ई0 | बंबई | व्योमेशचन्द्र बनर्जी | इस अधिवेशन में 72 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। |
दूसरा अधिवेशन | 1886 ई0 | कलकत्ता | दादाभाई नौरोजी | |
तीसरा अधिवेशन | 1887 ई0 | मद्रास | बदरुद्दीन तैय्यबजी | पहले मुस्लिम अध्यक्ष बने |
चौथा अधिवेशन | 1888 ई0 | इलाहाबाद | जाँर्ज यूले | प्रथम अंग्रेज अध्यक्ष |
पाँचवां अधिवेशन | 1889 ई0 | बंबई | सर विलियम वेडरबर्न | |
छठा अधिवेशन | 1890 ई0 | कलकत्ता | सर फिरोजशाह मेहता | |
सातवां अधिवेशन | 1891 ई0 | नागपुर | पी0 आंनद चालू | |
आठवां अधिवेशन | 1892 ई0 | इलाहाबाद | व्योमेशचन्द्र बनर्जी | |
नौवा अधिवेशन | 1893 ई0 | लाहौर | दादाभाई नौरोजी | |
दसवाँ अधिवेशन | 1894 ई0 | मद्रास | अल्फ्रेड वेब | |
ग्यारहवाँ अधिवेशन | 1895 ई0 | पूना | सुरेन्द्रनाथ बनर्जी | |
बारहवाँ अधिवेशन | 1896 ई0 | कलकत्ता | रहीमतुल्ला सयानी | पहली बार बंदे मातरम् इस अधिवेशन में गाया गया। |
तेरहवाँ अधिवेशन | 1897 ई0 | अमरावती | सी0 शंकरन नायर | |
चौदहवाँ अधिवेशन | 1898 ई0 | मद्रास | आनंद मोहन दास | |
पद्रहवाँ अधिवेशन | 1899 ई0 | लखनऊ | रमेशचंन्द्र दत्त | |
सोलहवाँ अधिवेशन | 1900 ई0 | लाहौर | एन0 जी0 चंन्द्रावकर | |
सत्रहवाँ अधिवेशन | 1901 ई0 | कलकत्ता | दिनशा इदुलजी वाचा | |
अठारहवां अधिवेशन | 1902 ई0 | अहमदाबाद | सुरेन्द्रनाथ बनर्जी | |
उन्नीसवाँ अधिवेशन | 1903 ई0 | मद्रास | लाल मोहन घोष | |
बीसवाँ अधिवेशन | 1904 ई0 | बंबई | सर हेनरी काटन | |
इक्कीसवाँ अधिवेशन | 1905 ई0 | बनारस | गोपालकृष्ण गोखले | |
बाइसवाँ अधिवेशन | 1906 ई0 | कलकत्ता | दादाभाई नौरजी | पहली बार स्वराज शब्द का प्रयोग |
तेइसवाँ अधिवेशन | 1907 ई0 | सूरत | डा0 रासबिहारी घोष | काँग्रेस का प्रथम विभाजन |
चौबसवाँ अधिवेशन | 1908 ई0 | मद्रास | डा0 रासबिहारी घोष | काँग्रेस संविधान का निर्माण |
पच्चीसवाँ अधिवेशन | 1909 ई0 | लाहौर | पं0 मदनमोहन मालवीय | काँग्रेस का रजत जंयती अधिवेशन |
छब्बीसवाँ अधिवेशन | 1910 ई0 | इलाहाबाद | विलियम वेडरबर्न | |
सत्ताइसवाँ अधिवेशन | 1911 ई0 | कलकत्ता | पं0 विशन नारायण | पहली बार जन गण मन गाया गया। |
अट्ठाइसवाँ अधिवेशन | 1912 ई0 | बाँकीपुर | आर0 एन0 माघोलकर | |
उन्नीसवाँ अधिवेशन | 1913 ई0 | कराची | नवाब सैयद मो0 बहादुर | |
तीसवाँ अधिवेशन | 1914 ई0 | मद्रास | भूपेन्द्रनाथ बसु | |
इक्कीसवाँ अधिवेशन | 1915 ई0 | बंबई | सर सत्येन्द्र प्रसन्न सिन्हा | लार्ड वेलिंगटन ने भाग लिया। |
बत्तीसवाँ अधिवेशन | 1916 ई0 | लखनऊ | अंबिकाचरण मजूमदार | मुस्लिम लीग से समझौता |
तैंतीसवाँ अधिवेशन | 1917 ई0 | कलकत्ता | श्रीमती एनी बेंसेट | प्रथम महिला अध्यक्ष |
विशेष अधिवेशन | 1918 ई0 | बंबई | हसन इमाम | काँग्रेस का दूसरा विभाजन |
चौतीसवाँ अधिवेसन | 1918 ई0 दिल्ली | दिल्ली | पं0 मदनमोहन मालवीय | |
पैंतीसवाँ अधिवेशन | 1919 ई0 | अमृतसर | पं0 मोतीलाल नेहरु | |
छत्तीसवाँ अधिवेशन | 1920 ई0 | नागपुर | सी0 वि0 राधवाचारियर | काँग्रेस संविधान में परिवर्तन |
विशेष अधिवेशन | 1920 ई0 | कलकत्ता | लाला लाजपत राय | |
सैंतीसवाँ अधिवेशन | 1921 ई0 | अहमदाबाद | हकीम अजमल खाँ | |
अड़तीसवाँ अधिवेशन | 1922 ई0 | गया | देशबन्धु चितरंजन दास | |
उन्तालीसवाँ अधिवेसन | 1923 ई0 | काकीनाड़ा | मौलाना मोहम्मद अली | |
विशेष अधिवेशन | 1923 ई0 | दिल्ली | अबुल कलाम आजाद | सबसे युवा अध्यक्ष |
चालीसवाँ अधिवेशन | 1924 ई0 | बेलगाम | महात्मा गाँधी | |
इकतालीसवाँ अधिवेशन | 1925 ई0 | कानपुर | श्रीमती सरोजिनी | प्रथम भारतीय महिला अध्यक्ष |
बयालीसवाँ अधिवेशन | 1926 ई0 | गुवाहटी | एस0 श्रीनिवास आयगार | सदस्यों हेतू खादी वस्त्र अनिवार्य कर दिये गये। |
तेतालीसवाँ अधिवेशन | 1927 ई0 | मद्रास | डा0 एम0 ए0 अंसारी | पूर्ण स्वाधीनता की माँग |
चौवालीसवाँ अधिवेशन | 1928 ई0 | कलकत्ता | पं0 मोतीलाल नेहरु | |
पैंतालीसवाँ अधिवेशन | 1929 ई0 | लाहौर | पं0 जवाहलाल नेहरु | पूर्ण स्वराज की माँग की |
छियालीसवाँ अधिवेशन | 1931 ई0 | कराची | सरदार बल्लभ भाई पटेल | मौलिक अधिकार की माँग |
सैंतालीसवाँ अधिवेशन | 1932 ई0 | दिल्ली | अमृत रणछोड़ दास सेठ | |
अड़तालीसवाँ अधिवेशन | 1933 ई0 | कलकत्ता | श्रीमती नेल्ली सेनगुप्ता | |
उनचासवाँ अधिवेशन | 1934 ई0 | बंबई | डाँ0 राजेन्द्र प्रसाद | |
पचासवाँ अधिवेशन | 1936 ई0 | लखनऊ | पं0 जवाहरलाल नेहरु | काँग्रेस का स्वर्ण जंयती अधिवेशन |
इक्यावनवाँ अधिवेशन | 1937 ई0 | फैजपुर | पं0 जवाहरलाल नेहरु | गाँव में आयोजित प्रथम अधिवेशन |
बावनवाँ अधिवेशन | 1938 ई0 | हरिपुरा | सुभाष चंन्द्र बोस | |
तिरुनवाँ अधिवेशन | 1939 ई0 | त्रिपुरी | सुभाष चन्द्र बोस | |
चौवनवाँ अधिवेशन | 1940 ई0 | रामगढ़ | अबुल कलाम आजाद | |
पचपनवाँ अधिवेशन | 1946 ई0 | मेरठ | जे0 वी0 कृपलानी | आजादी के समय काँग्रेस के अध्यक्ष |
छप्पनवाँ अधिवेशन | 1948 ई0 | जयपुर | बी0 पट्टाभि सीतारमय्या | |
सनतावनवाँ अधिवेशन | 1950 ई0 | नासिक | पुरुषोत्तम दास टंडन |
- सर्वाधिक बार अधिवेशन का आयोजन 10 बार कलकत्ता में हुआ यहाँ, सन् 1886, 1890, 1896, 1901, 1906, 1911, 1917, 1920, 1928, 1933 में काँग्रेस अधिवेशन का आयोजन किया गया।
- महात्मा गाँधी ने सन् 1924 ई0 में बेलगाम अधिवेशन में मात्र एक बार अध्यक्षता की।
- 1929 ई0 के लाहौर अधिवेश की अध्यक्षता पं0 जवाहरलाल नेहरु ने की तथा इसी में काँग्रेस ने पूर्ण स्वराज की माँग की तथा रात को रावी नदी के तट पर शपथ ली।
- हर वर्ष 26 जनवरी के दिन को स्वाधीनता दिवस के रुप में मनाया जायेगा। तथा कालान्तर में इसी दिवस को गणतंन्त्र दिवस के रुप मनाया जाने लगा।
- 1921 ई0 में अहमदाबाद में अध्यक्षता पद हेतु चितरंजन दास का चुनाव किया गया, मगर उनके जेल में होने के कारण अध्यक्षता हकीम अजमल खाँ ने की।
- काग्रेस अधिवेशनो की सर्वाधिक बार अध्यक्षता दादभाई नौरजी ने की उन्होने कुल तीन बार (सन् 1886 कलकत्ता अधिवेशन, 1893 ई0 लाहौर अधिवेशन, 1906 ई0 कलकत्ता अधिवेशन) इस भूमिका को निभाया।
- 1916 ई0 में अम्बिकाचरण मजूमदार के नेतृत्व में लखनऊ अधिवेशन में काँग्रेस और मुस्लिम लीग का पुनर्मिलन हुआ।
- 1891 ई0 में नागपुर में पी0 आन्नद चारलू के नेतृत्व में कांग्रेस का एक और नाम राष्ट्रीयता रखा गया।
भारत की स्वतंत्रता के उपरान्त कांग्रेस के अधिवेशन
अधिवेशन | वर्ष | स्थान | अध्यक्ष |
---|---|---|---|
58वाँ अधिवेशन | 1951 ई0 | नई दिल्ली | पं0 जवाहर लाल नेहरु |
59वाँ अधिवेशन | 1953 ई0 | हैदराबाद | पं0 जवाहर लाल नेहरु |
60वाँ अधिवेशन | 1955 ई0 | अवाड़ी | उच्छंगराय नवलराय ढेबर |
61वाँ अधिवेशन | 1956 ई0 | अमृतसर | उच्छंगराय नवलराय ढेबर |
62वाँ अधिवेशन | 1958 ई0 | गोहाटी | उच्छंगराय नवलराय ढेबर |
63वाँ अधिवेशन | 1960 ई0 | बंगलोर | नीलम संजीव रेडडी |
64वाँ अधिवेशन | 1961 ई0 | गुजरात | नीलम संजीव रेड्डी |
65वाँ अधिवेशन | 1962 ई0 | भुवनेश्र्वर | दामोदरन संजीवरैया |
66वाँ अधिवेशन | 1963 ई0 | पटना | दामोदरन संजीवरैया |
67वाँ अधिवेशन | 1964 ई0 | भुवनेश्र्वर | कामराज |
68वाँ अधिवेशन | 1965 ई0 | दुर्गापुर | कामराज |
अन्य महत्वपूर्ण बिन्दु –
- ब्रिटिश हाउस आँफ काँमन्स का चुनाव लड़ने वाले सर्वप्रथम भारतीय दादाभाई नौरोजी थे। इन्होंने लिबरल पार्टी के उम्मीदवार के रुप में फिंसवरी से, 1892 ई0 में चुनाव जीता था।
- बंगाल विभाजन के विरोध में 7 अगस्त 1905 ई0 को कलकत्ता के टाऊन हाँल में स्वदेशी आन्दोलन की घोषणा की गयी।
- बंगाल विभाजन 16 अक्टूबर 1905 ई0 को प्रभावी हुआ। इस दिन पूरे बंगाल में शोक दिवस मनाया गया।
- स्वदेशी आन्दोलन के दौरान बंगाल में बन्दे मातरम्, विभाजन नहीं चाहिये के नारे लगे।
- स्वदेशी आन्दोलन के समय ही रवीन्द्र नाथ टैगोर ने अपना लोकप्रिय गीत आमार सोनार बंगला लिखा था। बाद में यही गीत बांग्लादेश का राष्ट्रीय गीत बन गया।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेज के अधिवेशन से संबंधित प्रश्न उत्तर
1. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पहले अधिवेशन की अध्यक्षता किसने की थी?
A. ए ओ ह्यूम
B. बदरुद्दीन तैयबजी
C. जे बी क्रिप्प्नी कृपलानी
D. डब्ल्यू सी बनर्जी
Ans : डब्ल्यू सी बनर्जी
2. निम्नलिखित में से किसने 1909 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन की अध्यक्षता की थी?
A. दादाभाई नौरोजी
B. रासबिहारी बोस
C. मदन मोहन मालवीय
D. बिशन नारायण धर
Ans : मदन मोहन मालवीय
3. कांग्रेस के पहले अधिवेशन के समय ब्रिटिश भारत का वाइसराय कौन था?
A. लॉर्ड कर्जन
B. लॉर्ड डफरिन
C. लॉर्ड मेयो
D. लॉर्ड मिंटो
Ans : लॉर्ड डफरिन
4. निम्नलिखित में से किस अधिवेशन में कांग्रेस दो भागों (नरम दल और गरम दल) में विभाजित होगयी थी?
A. सूरत अधिवेशन
B. नागपुर अधिवेशन
C. बॉम्बे अधिवेशन
D. इलाहाबाद अधिवेशन
Ans : सूरत अधिवेशन
5. निम्नलिखित में से कौन पहला ब्रिटिश था जिसने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्षता की थी?
A. जॉर्ज यूल
B. विलियम वेद्देरबर्न
C. अल्फ्रेड वेब्
D. हेनरी कॉटन
Ans : जॉर्ज यूल
6. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के किस अधिवेशन में पूर्ण स्वराज के लिए प्रस्ताव पारित किया गया था?
A. मद्रास अधिवेशन
B. कलकत्ता अधिवेशन
C. लाहौर अधिवेशन
D. दिल्ली अधिवेशन
Ans : लाहौर अधिवेशन
7. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के किस अधिवेशन में वंदे मातरम् को पहली बार गाया गया था?
A. 1887 का मद्रास अधिवेशन
B. 1883 का इलाहाबाद अधिवेशन
C. 1907 का सूरत अधिवेशन
D. 1896 का कलकत्ता अधिवेशन
Ans : 1896 का कलकत्ता अधिवेशन
8. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के जिस अधिवेशन में वंदे मातरम् को पहली बार गाया गया था उसकी अध्यक्षता किसने की थी?
A. बदरुद्दीन तैयबजी
B. रहीमतुल्ला एम सयानी
C. रास बेहारी बोस
D. पंडित बिशन नारायण धर
Ans : रहीमतुल्ला एम सयानी
9. स्वतंत्रता के बाद जयपुर में आयोजित भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अधिवेशन के अध्यक्ष कौन थे?
A. पंडित जवाहरलाल नेहरु
B. आचार्य जे बी कृपलानी
C. डॉ. पट्टाभि सीतारमैया
D. सरोजिनी नायडू
Ans : डॉ. पट्टाभि सीतारमैया
10. कांग्रेस के पहले अधिवेशन में कुल कितने सदस्य शामिल हुए थे?
A. 65
B. 70
C. 72
D. 75
Ans : 72
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