Court Marriage कैसे करें | कोर्ट मैरिज के नियम एवं शर्तें

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पिछले पेज पर हमने मन को एकाग्र कैसे करें की जानकारी शेयर की हैं यदि आप अपने मन को एकाग्र करना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को भी पढ़े। चलिए आज हम Court Marriage कैसे करें की जानकारी पढ़ते और समझते हैं।

Court Marriage कैसे करें

अगर आप भी अपने मनपसंद के लड़के/लड़की से शादी करना चाहते हैं और आपके परिवार वाले इस रिश्ते से खुश नही है और आप शादी कैसे करें इसके लिए परेशान हो जाते हैं। तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है इसका उपाय हम बताने वाले हैं।

आपके परिवार वाले पसंदीदा जीवनसाथी से पारंपरिक शादी नहीं करवाना चाह रहे हैं तो आप कोर्ट मैरिज का सहारा ले सकते हैं। कोर्ट के द्वारा लीगल शादी कराया जाता है जिसका सर्टिफिकेट निर्गत किया जाता है। कोर्ट मैरिज किसी भी धर्म, जाति, समुदाय के बीच हो सकती हैं।

लेकिन आप सोच रहे होंगे कि आखिर यह कोर्ट मैरिज होता कैसे है तो आज हम इस पोस्ट में कोर्ट मैरिज कैसे करें, आवश्यक डॉक्यूमेंट, फीस इत्यादि के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं।

कोर्ट मैरिज क्या है

शादी की वैसी प्रक्रिया जो बिना किसी परंपरागत समारोह के मैरिज ऑफिसर के सामने कोर्ट में की जाती हो उसे कोर्ट मैरेज कहा जाता है। यह शादी भारतीय संविधान के स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 के तहत सम्पन्न होती है। 

यह शादी किसी भी धर्म संप्रदाय के युवक-युवतियों के बीच होती है। हालांकि कोर्ट मैरिज के लिए भी नियम एवं शर्ते बनाया गया है।

कोर्ट मैरिज के लिए नियम एवं शर्तें

अगर आप भी कोर्ट मैरिज करना चाहते हैं तो आपको स्पेशल मैरिज एक्ट के अंतर्गत बनाए गए नियम एवं शर्तों का पालन करना होगा वरना आपकी शादी नहीं हो सकती। कोर्ट मैरिज के लिए आवश्यक नियम एवं शर्ते नीचे दर्शाई गई है।

  • कोर्ट मैरिज के लिए युवक की उम्र 21 वर्ष और युवती की उम्र 18 वर्ष होना अनिवार्य है।
  • इससे पहले युवक युवती की शादी ना हुई हों।
  • शादी होने के बात जीवनसाथी मृत हो गया है तो मृत साबित करने के लिए डेथ सर्टिफिकेट दिखाकर दोबारा शादी हो सकती है।
  • शादी करने वाले दोनों दंपत्ति शारीरिक रूप से संतानोत्पत्ति के योग्य होना चाहिए।
  • युवक-युवती दोनों अपनी शादी के लिए सहमति प्रदान करने के लिए शारीरिक रूप से सक्षम हो। क्योंकि मैरिज ऑफिसर दोनों पक्षों को विवाह अपनी स्वेच्छा के अनुसार करवाता है।

कोर्ट मैरिज के लाभ

भारत में कोर्ट मैरिज का चलन बढ़ता जा रहा है क्योंकि कोर्ट मैरिज के कई लाभ होते हैं। कोर्ट मैरिज के विभिन्न लाभ दर्शाया जा रहे हैं।

  • पारंपरिक शादी के मुकाबले कोर्ट मैरिज में बेहद कम खर्चा लगता है।
  • पारंपरिक शादी का समारोह कई दिनों तक चलता है जिसमें खाने की बर्बादी होती है कम समय में कोर्ट मैरिज हो जाता है इससे खाने की बर्बादी ना के बराबर होती है।
  • कोर्ट मैरिज करने के बाद सरकार पुरस्कार के रुप में पैसे भी देती है। अगर आप दूसरे जाति या समुदाय से शादी कोर्ट में रचा रहे हैं तो आपको अनुदान का फायदा मिलेगा।
  • पारंपरिक शादी में कई रीति रिवाज की वजह से तनाव उत्पन्न हो जाता है लेकिन कोर्ट मैरिज में किसी प्रकार का रीति रिवाज नहीं होता है।

कोर्ट मैरिज के लिए आवश्यक डॉक्यूमेंट

कोर्ट मैरिज के लिए कई दस्तावेज लगते हैं। यह दस्तावेज युवक युवती की पहचान, उम्र साबित करने के लिए किया जाता है। क्योंकि कोर्ट मैरिज में युवक की उम्र 21 वर्ष और युवती की उम्र 18 वर्ष होनी चाहिए। कोर्ट मैरिज के दौरान लगने वाले डॉक्यूमेंट की लिस्ट नीचे दी गई है।

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  • शादी का फॉर्म और फीस
  • शादी करने वाले युवक युवती के चार पासपोर्ट साइज फोटो।
  • वर वधु की आधार कार्ड की फोटोकॉपी
  • युवक युवती की आवास और पहचान प्रमाण पत्र।
  • वर वधु के 10वीं या 12वीं के मार्कशीट (उम्र सिद्ध करने हेतु)
  • गवाह
  • सभी गवाह की फोटो और उनके पहचान पत्र
  • पैन कार्ड और ड्राइवरी लाइसेंस
  • शपथ पत्र (जिसमें वर वधू का किसी से अवैध संबंध ना हो)

कोर्ट मैरिज कैसे करें

अगर आप कोर्ट से मैरिज करना चाहते हैं तो नीचे दिए गए प्रक्रिया को अपनाकर आप सही तरीके से कोर्ट मैरिज कर सकते है।

 स्टेप 1. रजिस्ट्रार के पास आवेदन करे।

  • सबसे पहले कोर्ट मैरिज के लिए अपने जिला के मैरिज ऑफिसर के पास जाकर एक आवेदन देना पड़ता है। जिसमें वर-बधु दोनों अपनी स्वेच्छा से शादी करने की बात को दर्शाया गया हों।
  • युवक युवती को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि जिस जिले में शादी करना चाहते हैं वहां कम से कम 30 दिन निवास करना होगा।

 स्टेप 2. नोटिस जारी होना

  • शादी के लिए आवेदन देने के बाद संबंधित मैरिज ऑफिसर एक नोटिस जारी करता है। यह नोटिस संबंधित कार्यालय के नोटिस बोर्ड पर लगाया जाता है। इसके अलावा इस नोटिस को जिले के स्थानीय न्यूज़पेपर में भी प्रकाशित करवाया जाता है।
  • हालांकि यह नोटिस व्यक्तिगत रूप से वर वधु के घरवालों को नहीं भेजा जाता है।
  • अगर इस नोटिस पर 30 दिनों के अंदर जिले का कोई भी व्यक्ति आपत्ति दर्ज करता है तो मैरिज ऑफिसर उस आपत्ति की जांच करता है। जांच में आपत्ती जायज निकलता है तो मैरिज ऑफिसर शादी की आवेदन को रिजेक्ट कर सकता है।
  • हालांकि वर वधु मैरिज ऑफिसर के द्वारा आपत्ति स्वीकार नही किए जाने के खिलाफ जिला कोर्ट में जाकर अपील दायर कर सकता है।
  • अगर 30 दिन के भीतर नोटिस के ऊपर आपत्ति दर्ज नहीं किया जाता है तो आपका शादी के लिए एप्लीकेशन स्वीकार कर लिया जाएगा और आगे की प्रक्रिया बढ़ाया जाएगा।

स्टेप 3. मैरिज फॉर्म भरे

  • नोटिस जारी होने के 30 दिन के भीतर आपत्ति दर्ज नहीं होता है तो एक मैरिज फॉर्म भरना होता है यह मरीज फॉर कोर्ट में वकील के पास या ऑनलाइन भी मिलता है।

स्टेप 4. मैरिज ऑफिस जाएं

  • मैरिज फॉर्म भरकर वर वधु दोनों को मैरिज ऑफिस जाना होता है।
  • इसके बाद मैरिज ऑफिसर अपनी मौजूदगी में सभी गवाहों के सामने शादी की कुछ रस्म पूरा करता है और तस्वीरें निकालता है। इसके लिए निर्धारित फीस भी देनी होती है।
  • विवाह अधिकारी एक घोषणा पत्र पर तीन गवाह और वर वधु का हस्ताक्षर करवाएंगे।

फाइनल स्टेप – सर्टिफिकेट निर्गत करना

  • शादी पूरा होने के बाद मैरिज ऑफीसर सारी डिटेल फील करके मैरिज सर्टिफिकेट निर्मित करता है। मैरिज सर्टिफिकेट हासिल करने के बाद आपका कोर्ट मैरिज मान्य हो जाएगा।

नोट :- नोटिस प्रकाशित होने के 3 महीने के भीतर अगर शादी नहीं होती है तो युवक युवती को शादी के लिए फिर से आवेदन देना पड़ेगा। इस प्रक्रिया को पूरा करने में 30 से 40 दिन का समय भी लग सकता है।

जल्दी कोर्ट मैरिज कैसे करें

अगर आप जल्दी कोर्ट मैरिज करना चाहते हैं तो सबसे पहले मंदिर में जाकर विवाह करें। मंदिर में अपनी विवाह का सर्टिफिकेट बना कर मैरिज ऑफिसर को मैरिज सर्टिफिकेट के लिए आवेदन दे।

आपकी शादी को वेरीफाई करने के बाद मैरिज ऑफिसर आपको मैरिज सर्टिफिकेट बनाकर दे देगा। इस प्रक्रिया से आप की कोर्ट मैरिज बहुत जल्दी हो जाएगी।

कोर्ट मैरिज फीस और खर्चा

फीस के बारे में चर्चा करें तो अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग कोर्ट मैरिज फीस निर्धारित किया गया है। औसतन कोर्ट मैरिज फीस ₹500 से ₹1000 है। लेकिन अन्य कागजी कार्रवाई वकील से सहायता लेने में पैसे खर्च हो सकता है। कोर्ट मैरिज करने में आपको 10 हजार का खर्चा लग सकता है।

क्या कोर्ट मैरिज करने के बाद पैसे मिलते हैं?

जी हां अगर एक पक्ष दलित है और दूसरा पक्ष दूसरे समुदाय का है तो डॉक्टर अंबेडकर स्कीम फॉर सोशल इंटीग्रेशन थ्रू इंटर कास्ट मैरिज के तहत नव दंपति को ढाई लाख रुपए मिल सकता है। इसके लिए वर वधु को आवेदन फॉर्म जमा करना होता है।

FAQ

Q.1 कोर्ट मैरिज शादी करने में क्या क्या लगता है?

Ans. कोर्ट मैरिज के लिए किन डॉक्यूमेंट की जरूरत होगी?

आपको कोर्ट मैरिज करते समय एक एप्लीकेशन फॉर्म की जरूरत होगी जिस पर दोनों ही पार्टीज के सिग्नेचर होने चाहिए।
दोनों पार्टीज की डेट ऑफ बर्थ का प्रूफ होना चाहिए।
दोनों ही पार्टीज के रेजिडेंशियल एड्रेस का प्रूफ होना चाहिए।
दोनों पार्टीज की दो पासपोर्ट साइज फोटोज होनी चाहिए।

Q.2 कोर्ट मैरिज करने में कितना खर्च आता है?

Ans. वैसे तो कोर्ट मैरिज करने की न्यूनतम फीस 1000 रुपये है, लेकिन कागजी कार्यवाही और वकीलों को लेकर ये खर्चा 10 से 20 हजार तक पहुंच सकता है।

Q.3 कोर्ट मैरिज कितने दिन में हो जाती है?

Ans. भारत में कोर्ट मैरिज को पूरा होने में कम से कम 30-40 दिन लगते हैं।

Q.4 कोर्ट मैरिज कौन करवाता है?


Ans. मैरिज ऑफिसर

उम्मीद हैं आपको Court Marriage कैसे करें की जानकारी पसंद आयी होगी। यदि आपको यह पोस्ट पसंद आयी हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।

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