Site icon HTIPS

रौद्र रस की परिभाषा, अवयव और उदाहरण की जानकारी

raudra ras

नमस्कार दोस्तों, आज के इस आर्टिकल में हम रौद्र रस की जानकारी पढ़ने वाले हैं तो इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़िए।

पिछले पेज पर हमने अद्भुत रस की जानकारी शेयर की थी तो उस आर्टिकल को भी पढ़े।

चलिए आज हम इस पेज पर रौद्र रस की जानकारी को पढ़ते और समझते हैं।

रौद्र रस की परिभाषा

जिस काव्य रचना को पढ़कर या सुनकर हृदय में क्रोध के भाव उत्पन्न होता हैं वहां पर रौद्र रस होता हैं। इस प्रकार की रचनाओं में उत्प्रेरण सम्बन्धी विवरण होता हैं।

जब कोई व्यक्ति या पक्ष आपकी निंदा करता है, बुरा भला बोलता है, अपमान करता है या जब कोई आपकी आत्मीय निंदा करता है, तो उसके प्रति मन में जो क्रोध का भाव उत्पन्न होता है वही रौद्र रस कहलाता है।

रौद्र रस के उदाहरण

1. श्री कृष्ण के सुन वचन, अर्जुन क्रोध से जलने लगे ।
सब शोक अपना भूल कर, करतल युगल मलने लगे ।।
संसार देखें अब हमारे, शत्रु रण में मृत पड़े ।
करते हुए यह घोषणा वे हो गए उठ खड़े ।।

व्याख्या :- उपरोक्त पंक्ति मैथिलीशरण गुप्त की है। इस पंक्ति में कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए उपदेश के उपरांत अर्जुन क्रोध से जलने लगते हैं। सब कुछ नाश करने को आतुर होते हैं, अपराधियों को उसका दंड देना, धर्म और नीति का कार्य मांनते हैं।

2. सुनत लखन के बचन कठोर। परसु सुधरि धरेउ कर घोरा ।
अब जनि देर दोसु मोहि लोगू। कटुबादी बालक बध जोगू ।।

व्याख्या :- उपरोक्त प्रसंग सीता स्वयंवर का है, जिसमें लक्ष्मण के द्वारा मुनि परशुराम को भड़काने क्रोध दिलाने का प्रसंग है। लक्ष्मण परशुराम के क्रोध को इतना बढ़ा देते हैं कि वह बालक लक्ष्मण का वध करने को आतुर होते हैं।

उनकी भुजाएं फड़फड़ाने लगती है। इसे देखकर वहां दरबार में उपस्थित सभी राजा-राजकुमार थर-थर कांपने लगते हैं। क्योंकि परशुराम के क्रोध को सभी भली-भांति जानते हैं।

3. माखे लघन, कुटिल भयी भौंहें ।
रद-पट फरकत नैन रिसौहैं ॥
कहि न सकत रघुवीर डर, लगे वचन जनु बान
नाइ राम-पद-कमल-जुग, बोले गिरा प्रसाद ॥

4. भारत का भूगोल तड़पता, तड़प रहा इतिहास है।
तिनका – तिनका तड़प रहा है, तड़प रही हर सांस है।
सिसक रही है सरहद सारी, मां के छाले कहते हैं।
ढूंढ रहा हूं किन गलियों में, अर्जुन के सूत रहते हैं।।

5. खून उसका उबल रहा था।
मनुष्य से वह दैत्य में बदल रहा था।।

6. उस काल मरे क्रोध के तन काँपने उसका लगा
मानो हवा के जोर से सोता हुआ सागर जगा

7. फिर दुष्ट दुःशासन समर में शीघ्र सम्मुख आ गया।
अभिमन्यु उसको देखते ही क्रोध से जलने लगा।
निश्वास बारम्बार उसका उष्णतर चलने लगा।

8. सुनहूँ राम जेहि शिवधनु तोरा सहसबाहु सम सो रिपु मोरा
सो बिलगाउ बिहाइ समाजा न त मारे जइहें सब राजा

9. अतिरस बोले बचन कठोर।
बेगि देखाउ मूढ़ नत आजू।
उलटउँ महि जहाँ लग तवराजू।।

10. जब तैं कुमति जियं ठयऊ। खंड-खंड होइ हृदउ न गयऊ।।
बर मागत मन भइ नहिं पीरा। गरि न जीह मुँह परेउ न कीरा।।

11. जो राउर अनुशासन पाऊँ।
कन्दुक इव ब्रह्माण्ड उठाऊँ। काँचे घट जिमि डारिऊँ फोरी। सकौं मेरु मूले इव तोरी।।

12. उबल उठा शोणित अंगो का, पुतली में उत्तरी लाली।
काली बनी स्वय वह बाला, अलक अलक विषधर काली।।

रौद्र रस के भाव –

स्थाई भावक्रोध
आलंबन (विभाव)विपक्षी, अनुचित बात कहने वाला व्यक्ति, अपराधी व्यक्ति, शत्रु, दुराचारी, लोक पीड़ा, अत्याचारी, अन्यायी, आदि।
उद्दीपन (विभाव)विपक्षियों के कार्य तथा उक्तियाँ, अनिष्ट कार्य, निंदा, कठोर वचन, अपमानजनक वाक्य, आदि।
अनुभावआँख लाल होना, होंठों का फड़फड़ाना, शत्रुओं को ललकारना, अस्त्र-शस्त्र चलाना, मुख लाल होना, दांत पीसना, आत्म-प्रशंसा, भौहें चढ़ाना, कम्प, प्रस्वेद, गर्जन, आदि।
संचारी भावमोह, उग्रता, आशा, हर्ष, स्मृति, भावेग, चपलता, मति, उत्सुकता, अमर्ष, आदि।

रौद्र रस के अवयव

स्थाई भाव :- क्रोध

संचारी विभाव :-

अनुभाव :-

आलंबन विभाव :-

उद्दीपन विभाव :-

रौद्र रस से संबंधित प्रश्न उत्तर

1. क्रोध किस रस का स्थायी भाव हैं?
A. वीभत्स
B. भयानक
C. रौंद्र
D. वीर

उत्तर :- रौंद्र

2. श्री कृष्ण के सुन वचन, अर्जुन क्रोध से जलने लगे
सब शील अपना भूल कर, करतल युगल मलने लगे।।

निम्न पंक्तिया किसके द्वारा लिखित है?
A. केशवदास
B. द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
C. मैथली शरण गुप्त
D. तुलसी दास

उत्तर :- मैथली शरण गुप्त

3. रे नृपबालक कालबस बोलत तोहि न संभार ।
धनुही सम त्रिपुरारी द्युत बिदित सकल संसार ।।

निम्न पंक्तियो में कौन सा रस है?
A. वात्सल्य रस
B. शांत रस
C. वीभत्स रस
D. रौद्र रस

उत्तर :- रौद्र रस

4. रस कितने प्रकार के होते है?
A. 8
B. 9
C. 10
D. 11

उत्तर :- 11

5. दांत पीसना कौन सा भाव है?
A. विभाव
B. अनुभाव
C. संचारी भाव
D. आलंबन

उत्तर :- अनुभाव

6. स्थायी भाव कितने प्रकार के होते है?
A. 8
B. 9
C. 10
D. 11

उत्तर :- 9

7. अपराधी व्यक्ति कौन सा विभाव है?
A. उद्दीपन विभाव
B. अनुभाव
C. आलंबन विभाव
D. संचारी विभाव

उत्तर :- आलंबन विभाव

8. उस काल कारे क्रोध के, तन कांपने उसका लगा | मानो हवा के जोर से, सोता हुआ सागर जगा ।।

प्रस्तुत पंक्तियों में कौन -सा रस है?
A. वीर रस
B. रौद्र रस
C. अद्भुत रस
D. करुण रस

उत्तर :- रौद्र रस

9. क्रोध किस रस का स्थायी भाव है?
A. वीभत्स
B. भयानक
C. वीर रस
D. रौद्र

उत्तर :- रौद्र

10. रस मुख्य रूप से कितने प्रकार के होते हैं?
A. 1
B. 2
C. 3
D. 4

उत्तर :- 1

FAQ

रौद्र रस किसे कहते हैं?


Ans. जंहा शत्रु या दुष्ट अत्याचारी द्वारा किये गये अत्याचारों को देखकर अथवा गुरुजनों की निन्दा सुनकर चित्तमय एक प्रकार का क्रोध उत्पन्न करता है जिसे रौद्र रस कहते है |

Q.2 रौद्र रस के देवता कौन है?


Ans. रौद्ररस के वर्ण रक्त एवं देवता रुद्र है और रौद्र रस का ‘स्थायी भाव’ अथवा ‘क्रोध’ का भाव होता है।

Q.3 रौद्र रस का स्थायी भाव क्या है?


Ans. रौद्र रस का ‘स्थायी भाव’ अथवा ‘क्रोध’ का भाव होता है

Q.4 क्या रुद्र और रौद्र एक ही है?


Ans. रौद्र अर्थ है ‘जंगली’, यानी, असभ्य (अदम्य) प्रकृति का, और रुद्र नाम का अनुवाद ‘जंगली’ या ‘भयंकर देवता’ के रूप में किया गया है।

Q.5 रौद्र रस का दूसरा नाम क्या है?


Ans. रौद्र रस का दूसरा नाम क्रोध रस होता है।

जरूर पढ़िए :
श्रृंगार रसअद्भुत रस
करुण रसवीभत्स रस
भयानक रसहास्य रस

उम्मीद हैं आपको रौद्र रस की जानकारी पसंद आयी होगी। यदि आपको यह आर्टिकल पसंद आया हो तो इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर कीजिए।

Exit mobile version