नमस्कार दोस्तों, आज के इस आर्टिकल में हम भयानक रस की जानकारी पढ़ने वाले हैं तो इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़िए।
पिछले पेज पर हमने अद्भुत रस की जानकारी शेयर की थी तो उस आर्टिकल को भी पढ़े।
चलिए आज हम इस पेज पर भयानक रस की जानकारी को पढ़ते और समझते हैं।
भयानक रस की परिभाषा
जहां भयानक वस्तुओं को देखकर या भय उत्पन्न करने वाले दृश्यों/घटनाओं को देखकर मन में जो भाव उत्पन्न होते हैं वहां पर भयानक रस होता हैं।
किसी बलवान शत्रु वस्तु को देखकर जो भय उत्पन्न होता है वही भयानक रस हैं।
भयानक रस के उदाहरण :-
उदाहरण 1. उधर गरजती सिंधु लहरिया कुटिल काल के जालो सी।
चली आ रही फेन उंगलिया फन फैलाए ब्यालो सी।।
उदाहरण 2. विनय न मानत जलधि जड़, गये तीन दिन बीति।
बोले राम सकोप तब, भय बिनु होहि न प्रीति ।।
उदाहरण 3. भेहरात, झॅहरात, दाबानल आयो।
घेर चहुओर करि सोर अंधर वल,
धरनि आकास चहुँ पास छायौ ।
उदाहरण 4. बाल धी विशाल, विकराल, ज्वाला-जाल मानौ,
लंक लीलिबे को काल रसना परारी है।
उदाहरण 5. कैधों व्योम बीद्यिका भरे हैं भूरि धूमकेतु,
वीर रस वीर तरवारि सी उधारी है।
उदाहरण 6. उधर गरजति सिंधु लड़रियां
कुटिल काल के जालो सी।
चली आ रही फेन उगलती
फन फैलाए व्यालों सी।।
भयानक रस के अवयव
स्थायी भाव :- भय
संचारी भाव :-
- त्रास
- ग्लानि
- दैन्य
- शंका
- चिंता
- आवेग
- अमर्ष
- स्मृति
- अपस्मार
- मरण
- घृणा
- शोक
- भरम
- दैन्य
- चपलता
- किंकर्तव्यमूढ़ता
- निराशा
- आशा
अनुभाव :-
- स्वेद
- कंपन
- रोमांच
- हाथ पांव कांपना
- नेत्र विस्फार
- भागना
- स्वर भंग
- उंगली काटना
- जड़ता
- स्तब्धता
- रोमांच
- कण्ठावरोध
- घिग्घी बंधना
- मूर्छा
- चित्कार
- वैवर्ण्य
- सहायता के लिए इधर-उधर देखना
- शरण ढूंढना
- दैन्य–प्रकाशन रुदन
आलंबन विभाव :-
- भयावह जंगली जानवर अथवा बलवान शत्रु
- पाप या पाप-कर्म
- सामाजिक तथा अन्य बुराइयां
- हिंसक जीव-जंतु
- प्रबल अन्यायकारी व्यक्ति
- भयंकर अनिष्टकारी वस्तु
- देवी संकट
- भूत-प्रेत
उद्दीपन विभाव :-
- निस्सहाय और निर्भय होना
- शत्रुओं या हिंसक जीवों की चेस्टाएं
- आश्रय की असहाय अवस्था
- आलंबन की भयंकर चेष्टाएँ
- निर्जन स्थान
- अपशगुन
- बद-बंध
भयानक रस से संबंधित प्रश्न उत्तर
1. भयानक रस का स्थाई भाव क्या है?
A. घृणा
B. रति
C. हास
D. भय
उत्तर :- भय
2. एक और अजगर ही लखि, एक और मृगराज, विकल बटोही बीच ही परयों मूर्छा खाय।
इन पंक्तियों में कौन-सा रस है?
A. अद्भुत
B. भयानक
C. रौद्र
D. हास्य
उत्तर :- भयानक
3. हाथ पैर काँपना निम्न में से क्या है?
A. अनुभाव
B. विभाव
C. संचारी
D. उद्दीपन विभाव
उत्तर :- अनुभाव
4. भय किस रस का स्थाई भाव है?
A. करुण रस
B. वीर रस
C. अद्भुत रस
D. भयानक रस
उत्तर :- भयानक रस
5. चिंता निम्न में से क्या है?
A. उद्दीपन विभाव
B. आलंबन
C. संचारी भाव
D. अनुभाव
उत्तर :- संचारी भाव
6. भूत प्रेत निम्न में से क्या है?
A. अनुभाव
B. संचारी भाव
C. विभाव
D. आलंबन
उत्तर :- आलंबन
7. शत्रुओं या हिंसक जीवों की चेष्टाएँ में कौन सा भाव है?
A. आलंबन
B. उद्दीपन
C. अनुभाव
D. विभाव
उत्तर :- उद्दीपन विभाव
8. मूर्छा क्या है?
A. अनुभाव
B. उद्दीपन विभाव
C. आलंबन
D. विभाव
उत्तर :- अनुभाव
9. विनय न मानत जलधि जड़, गये तीन दिन बीति।
बोले राम सकोप तब, भय बिनु होहि न प्रीति ।।
निम्न पंक्तियों में कौन सा रस है?
A. वात्सल्य रस
B. वीर रस
C. भया नक रस
D. रौद्र रस
उत्तर :- भयानक रस
10. भयानक वस्तुओं को देखकर या भय उत्पन्न करने वाले दृश्यों/घटनाओं को देखकर मन में कौन सा भाव उत्पन्न होता है?
A. हास
B. रति
C. शोक
D. भय
उत्तर :- भय
FAQ
Ans. जब भी किसी काव्य को पढ़कर मन में भय उत्पन्न हो या काव्य में किसी के कार्य से किसी के भयभीत होने का वर्णन हो तो भया नक रस होता है।
Ans. भय
Ans. मुक्तिबोध की दो कविताएँ ‘अंधेरे में’ और ‘ब्रह्मराक्षस’ अर्थान्वयन की दृष्टि से कठिन कविताएं हैं। ब्रह्मराक्षस कविता यह है।
Ans. रस के चार अवयव होते हैं – स्थायी भाव, विभाव, अनुभाग, संचारी भाव
Ans. रसों का राजा शृंगार रस को माना जाता है।
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