बैटरी की परिभाषा, प्रकार, कार्यप्रणाली और उपयोग

इस आर्टिकल में आप बैटरी की जानकारी को पढ़कर समझेंगे जैसे Battery क्या है, इसके प्रकार, कार्यप्रणाली और उपयोग आदि।

बैटरी क्या है

बैटरी एक चार्जिंग डिवाइस है जिसका उपयोग लैपटॉप, मोबाइल फोन, इलेक्ट्रिक गीजर, फ्लैशलाइट, इलेक्ट्रिक वाहन आदि जैसे अनेक उपकरणों को बिजली देने के लिए किया जाता है।

बैटरी में कैथोड और एनोड नाम के दो टर्मिनल होते हैं कैथोड धनात्मक टर्मिनल होता है, जबकि एनोड ऋणात्मक टर्मिनल होता है।

इलेक्ट्रॉनों में ऋणात्मक आवेश होता है। इसलिए बैटरी का ऋणात्मक टर्मिनल Source Of Electrons होता है। 

जब हम बाहरी सर्किटरी को बैटरी के टर्मिनलों से जोड़ते हैं, तो इलेक्ट्रॉन ऋणात्मक से धनात्मक टर्मिनल की ओर Flow होता हैं। Reaction होता है, और Battery की Chemical Energy को Electric Current के रूप में कनेक्टेड सर्किटरी तक पहुंचाया जाता है।

बैटरी विभिन्न डिजाइनों और आकारों में आती है। कुछ छोटी बैटरी सेल का उपयोग घड़ियों में या रिमोट सेल के रूप में किया जाता है।

कलाई घड़ी या मोबाइल फोन चार्जर में पतले Cells का उपयोग किया जाता है। गाड़ियों में बड़ी लिथियम एसिड बैटरी होती है, जबकि बड़े कमरे जैसे Battery Computer Data Centre के लिए उपयोग किए जाते हैं।

बैटरी का इतिहास

आइए बैटरी के आविष्कार के बारे में विस्तार से चर्चा करते हैं। 

  • बैटरी का आविष्कार साल 1749 में Benjamin Franklin नामक अमेरिकी पोलीमैथ ने किया था। यहां, पॉलीमैथ का मतलब एक ऐसा व्यक्ति होता है जिसके पास कई विषय में ज्ञान हैं।
  • Benjamin उस समय Electricity के साथ Experiment कर रहे थे।
  • उसके बाद 1800 के आसपास इटली के Chemist और Physicist विज्ञानी Alessandro Volta ने बैटरी के आविष्कार को मंजूरी दी।
  • लेकिन, Alessandro Volta बैटरी से वोल्टेज उत्पन्न करने के पीछे Chemical Reaction के Concept को समझने में असमर्थ (Unable) थे।
  • Chemical Reactions के Concept को Michael Faraday नाम के अंग्रेजी वैज्ञानिक ने साल 1834 में सिद्ध किया था।
  • प्रारंभिक आविष्कार की बैटरियां Experimental Purpose के लिए अच्छी थीं, लेकिन लंबे समय तक करंट को Produce करने में असमर्थ (Unable) थीं।
  • 1836 में, एक ब्रिटिश Meteorologist और John Frederick Daniel नाम के एक Chemist ने पहले Electrochemical Cell का आविष्कार किया, जिसे Daniel Cell कहा गया । यह पहला सेल था जिसे Energy का Practical Source माना जाता था।
  • डैनियल सेल का उपयोग Outer Pot और Inner Container को बनाने में किया गया। बाहरी बर्तन कॉपर सल्फेट के तनु विलयन (Dilute Solution) से भरे तांबे का बना होता था। भीतरी मिट्टी के बर्तन (गैर कांच के बर्तन) को बाहरी बर्तन के घोल में डुबोया गया था। Internal Container में सल्फ्यूरिक एसिड के घोल से भरे जिंक इलेक्ट्रोड होते थे।
  • 19 वीं शताब्दी के आसपास Wet Cell की कमियों को दूर करने के लिए Dry Cell का आविष्कार किया गया था।

बैटरी की कार्यप्रणाली

आइए Battery के काम करने के बारे में विस्तार से चर्चा करें।

Principal of Battery

Battery Process सेल में मौजूद Chemical Energy को Electrical Energy में परिवर्तित करने के लिए होती है, जिसे इसके संचालन के लिए सर्किटरी तक पहुंचाया जाता है।

एक बैटरी में एक या विभिन्न Electrochemical Cell होते हैं। Battery में प्रत्येक सेल में एक इलेक्ट्रोलाइट और दो (Positive और Negative) चार्ज किए गए इलेक्ट्रोड शामिल होते हैं। Dry Cell में Paste के रूप में इलेक्ट्रोलाइट्स होते हैं, जबकि Wet Cell में Liquid के रूप में इलेक्ट्रोलाइट्स होते हैं। 

आइए इनके Components के बारे में जानते हैं।

Electrode

Battery में दो इलेक्ट्रोड होते हैं जिन्हें एनोड और कैथोड कहा जाता है। एनोड को Battery का नेगेटिव टर्मिनल कहा जाता है, जबकि कैथोड को Battery का पॉजिटिव टर्मिनल कहा जाता है। 

यह Quality, Design, Speed of Battery और Density को Define करती है। इसलिए यह Battery का सबसे महत्वपूर्ण Component है। यदि हम एक तार को इन दोनों टर्मिनलों से जोड़ते हैं, तो तार से करंट Flow होता हैं।

Electrolyte

इलेक्ट्रोलाइट एक Electrically Conducting Solution होता है जिसमें इलेक्ट्रोड Submerged होते हैं। यह Acid, Base और Soluble Salts आदि के रूप में हो सकता है जो Ions की गति को बढ़ावा देता है।

आइए बैटरी के काम के बारे में जानते हैं। यह हमें Electricity के Concept और Flow को समझने में मदद करेगा।

जैसा कि ऊपर बताया गया है, बैटरी में कैथोड, एनोड और इलेक्ट्रोलाइट नामक तीन भाग होते हैं। Chemical Composition एक Battery होता है जो दो इलेक्ट्रोड के बीच Potential Difference का कारण बनती है, जिसके Result से इलेक्ट्रॉनों का Flow होता है। 

इलेक्ट्रॉन उस स्थान की ओर आकर्षित (Attract) होते हैं जहाँ कम इलेक्ट्रॉन होते हैं। यह इलेक्ट्रॉनों को एनोड से कैथोड तक Flow करने का कारण बनता है।

जब बाहरी सर्किटरी को Battery के टर्मिनलों से जोड़ा जाता है, तो इलेक्ट्रॉन उस सर्किटरी की ओर Flow होते हैं। तब यह बिजली पैदा करता है।

जब सर्किट अधूरा होता है, तो Chemical Composition इलेक्ट्रॉनों के Flow को रोक देती है। अधिक उपयोग से इलेक्ट्रॉनों की अधिक हानि होती है इसलिए, बैटरियों में सीमित मात्रा में Power होती है।

इसी तरह, जब Recharging Battery पर बाहरी चार्ज लगाया जाता है, तो यह Chemical Composition को Reverse कर देता है। इलेक्ट्रॉनों को Restore किया जाता है जिससे Loss Power फिर से इकट्ठा होती है।

बैटरी के प्रकार

बैटरी दो प्रकार की होती है, प्राइमरी और सेकेंडरी। इसे प्राथमिक और द्वितीयक सेल के रूप में भी Define किया गया है।

Battery की Electrochemical Composition यह तय करती है कि Reaction, Reversible है या नहीं। यदि Reaction Reversible है, तो इसका मतलब है कि बैटरी को आसानी से चार्ज किया जा सकता है। 

आइए बैटरी के प्रकारों के बारे में विस्तार से चर्चा करें।

1. प्राथमिक बैटरी

प्राथमिक बैटरी को अस्थायी बैटरी या डिस्पोजेबल बैटरी कहा जाता है। प्राथमिक बैटरी आमतौर पर पोर्टेबल होती हैं। ऐसी बैटरियों में Chemical Reaction को Restore नहीं किया जा सकता है। इसलिए, प्राथमिक बैटरी रिचार्जेबल नहीं हैं।

उदाहरण के लिए, Zinc Carbon Cells, Alkaline Battery, Dry Cell, Lithium Metal Battery आदि।

2. सेकंडरी बैटरी

सेकेंडरी बैटरी को अक्सर रिचार्जेबल बैटरी कहा जाता है। Electric Current का उपयोग करके, हम इन बैटरियों को कई बार रिचार्ज कर सकते हैं। सेकेंडरी बैटरियों की Composition ऐसी होती है कि जब करंट लगाया जाता है तो इसे Restore किया जा सकता है।

उदाहरण के लिए, कारों, ट्रकों आदि जैसे वाहनों में उपयोग की जाने वाली लिथियम-एसिड बैटरी और लिथियम-आयन बैटरी मुख्य रूप से विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जैसे मोबाइल फोन या पर्सनल कंप्यूटर में उपयोग की जाती हैं।

बैटरी की Categories

Battery की दो Categories होती हैं, जिन्हें “Dry Cell” और “Wet Cell” कहा जाता है। दोनों Cell Primary या Secondary हो सकती हैं।

शुष्क सेल (Dry Cell)

Dry Cell में मौजूद इलेक्ट्रोलाइट को Paste के रूप में स्थिर (Immobilised) किया जाता है, जहां थोड़ी मात्रा में Moisture सेल में करंट के Flow की अनुमति देने के लिए होती है।

Dry Cell

जर्मन वैज्ञानिक Carl Gassner ने 1886 में Dry Cell का विकास किया था।

इसमें High Energy Density और Low Internal Resistance होता है। यह पोर्टेबल होता है क्योंकि इसमें कोई Liquid Material नहीं होता है।

Dry Cells बिना किसी रिसाव (Leakage) के किसी भी Orientation में भी काम कर सकती हैं।

उदाहरणों में Alkaline Battery, Silver Oxide Battery और Zinc Carbon Battery शामिल हैं।

Wet Cell

Wet Cell का इलेक्ट्रोलाइट Liquid के रूप में होता है। Laboratories में, Wet Cell को आमतौर पर Beaker में उनके कार्य को प्रदर्शित करने के लिए तैयार किया जाता है। इसमें Liquid की उपस्थिति के कारण Wet Cell को Proper Handling की आवश्यकता होती है।

Wet Cell

यह एक प्रकार की रिचार्जेबल बैटरी है। बैटरी का इलेक्ट्रोलाइट Liquid होता है, जो प्रकृति में अम्लीय (Acid) होता है। जैसे सल्फ्यूरिक एसिड।

उदाहरणों में Lead Acid Battery शामिल है। Wet Cell आमतौर पर Cell Phone Tower, Electric Utilities आदि में पाई जाती हैं।

Energy Density

Energy Density यह तय करता है कि Per Unit Volume में दिए गए छोटे द्रव्यमान में Energy कैसे Store की जा सकती है।

विभिन्न प्रकार की बैटरियों में, लिथियम-आयन Battery में सबसे अधिक Energy Density होता है। इसका मतलब है कि यह बड़ी मात्रा में ऊर्जा स्टोर कर सकता है।

लिथियम बैटरी क्या है

दैनिक जीवन में अधिकांश कामों में लिथियम Battery का उपयोग किया जाता है। लिथियम बैटरी के कई फायदे हैं, जैसे कि Lightweight, Long Lifetime और High Energy Density, जो इसे एक बढ़िया Choice बनाता है।

बैटरी
लिथियम बैटरी

आइए कुछ सबसे सामान्य प्रकार की लिथियम बैटरी पर चर्चा करें।

Lithium Metal Battery

लिथियम मेटल Battery नाम उस Material को Refer करता है, जो Battery के एनोड के रूप में मौजूद है। इसलिए, उन्हें लिथियम-मेटल Battery के रूप में जाना जाता है। ये बैटरियां प्राइमरी Battery की कैटेगरी में आती हैं।

Lithium Ion Battery

लिथियम-आयन बैटरियों का नाम इसमें मौजूद Active Material के आधार पर रखा गया है। 

यहां, हम लिथियम-आयन बैटरी के कुछ प्रकारों पर चर्चा करेंगे। 

  • Lithium Manganese Oxide

लिथियम मैंगनीज ऑक्साइड में कैथोड Material के रूप में मैंगनीज ऑक्साइड होता है। इसमें कम Internal Resistance, High Thermal Stability, Better Safety और बेहतर Current Flow होता है। Low Resistance का फायदा यह है कि यह फास्ट चार्जिंग को सक्षम बनाता है।

  • Lithium Iron Phosphate

लिथियम आयरन फॉस्फेट में कैथोड Material के रूप में फॉस्फेट होता है। ऐसी बैटरियों के उपयोग करने का लाभ Good Thermal Stability, Long Lifetime और High Current होता है। उच्च वोल्टेज पर, इन बैटरियों में Stress की स्थिति कम होती है। इसमें अन्य लिथियम-आयन बैटरी की तुलना में High Self Discharging क्षमता भी है।

  • Lithium Nickel Manganese Cobalt Oxide 

इसमें कैथोड Material के रूप में निकल मैंगनीज कोबाल्ट सबसे महत्त्वपूर्ण Combination में से एक है। निकेल में High Specific Energy का लाभ होता है, जबकि मैंगनीज में कम Internal Resistance होता है। निकेल और आयरन दोनों का Combination इसकी ताकत को बढ़ाता है। यह E-Bikes और Electric Power Trains जैसे Application के लिए अच्छा Choice है।

  • Lithium Cobalt Oxide

लिथियम कोबाल्ट ऑक्साइड बैटरी को डिजिटल कैमरा, कंप्यूटर और मोबाइल उपकरणों के लिए आम पसंद माना जाता है। कैथोड Material में कोबाल्ट ऑक्साइड होता है, जबकि एनोड का Material Graphite Carbon होता है।

कैथोड का Structure Layers के रूप में होता है। Discharging के दौरान, एनोड पर मौजूद लिथियम आयन कैथोड में चले जाते हैं। इसी तरह, चार्जिंग के दौरान कैथोड से एनोड की ओर Flow होता है। लेकिन, इसके कुछ नुकसान हैं, जैसे Short Lifetime और कम Low Thermal Stability.

बैटरी को Storage कैसे करे

जब भी हम किसी बैटरी को स्टोर करना चाहें, तो उसे डिवाइस से हटा दें और किसी ठंडी और सूखी जगह पर स्टोर कर लें। किसी भी प्रकार की Battery को Freeze करने की कोशिश न करें। 

हम जानते हैं कि बैटरी स्टोरेज से Charge Loss होता है इसलिए हमें हमेशा बैटरी का उपयोग करने से पहले उसके Specific Gravity और वोल्टेज की जांच करनी चाहिए। जिस Battery की Charge State 70 प्रतिशत से कम हो जाती है उसे चार्ज करने की आवश्यकता होती है।

अब, बैटरियों के प्रकार और Duration के बारे में चर्चा करते हैं जिसके लिए इसे Store किया जा सकता है।

  • लिथियम बैटरी का Storage लगभग 10 वर्षों की अवधि तक चल सकता है। चार्ज लॉस होगा, लेकिन कम।
  • निकेल-आधारित बैटरी का Storage 3 से 5 वर्ष तक हो सकता है। इसे जीरो वोल्टेज पर भी स्टोर किया जा सकता है। ऐसी बैटरियों की चार्ज स्टेट लगभग 40 प्रतिशत होनी चाहिए।
  • Alkaline और अन्य प्रकार की प्राथमिक बैटरियों को स्टोर करना आसान होता है। लेकिन, Humidity लगभग 50 प्रतिशत होनी चाहिए। ऐसी बैटरियों को फ्रीज़ करने से उस बैटरी की Molecular Structure में परिवर्तन हो सकता है।
  • लिथियम-आधारित प्राथमिक बैटरी को उनके Storage के लिए विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है।
  • Sealed Acid Battery बैटरी का Storage शर्तों के आधार पर अधिकतम दो वर्ष की अवधि तक चल सकता है।

बैटरी की रासायनिक संरचना

जब हम टॉर्च, रिमोट कंट्रोलर, गाड़ी आदि का उपयोग करते हैं तो कई Chemical Reaction Battery के अंदर होती हैं।  इलेक्ट्रोलाइट और उसके दो इलेक्ट्रोड (कैथोड और एनोड) के बीच Chemical Reaction होने पर बिजली उत्पन्न होती है।

बैटरी Nickel, Cadmium, Mercury, Lead, Lithium और Alkaline जैसे पदार्थों से बनी होती है।

आयन इलेक्ट्रोलाइट से एनोड की ओर बढ़ते हैं। एनोड पर एक Compound बनता है, जो इलेक्ट्रॉनों को मुक्त करता है। इसका मतलब है कि Oxidation Reaction एनोड पर होती है। 

इसी प्रकार, कैथोड पर एक Compound तब बनता है जब मुक्त इलेक्ट्रॉन इसके साथ जुड़ते हैं। इसका अर्थ है कि कैथोड पर Reduction Reaction होती है। 

एनोड इलेक्ट्रोलाइट से आयन लेकर इलेक्ट्रॉनों को छोड़ता है, और कैथोड इन इलेक्ट्रॉनों को Absorb करता है। एनोड से कैथोड तक इलेक्ट्रॉनों के Transport से Electricity उत्पन्न होती है। 

बैटरी में Chemical Composition की उपस्थिति Battery के जीवन को तय करती है। जैसे ही यह समाप्त होता है, बैटरी Energy खत्म होने लगती है।

उदाहरण के लिए,

लीड-एसिड बैटरी: इसमें दो इलेक्ट्रोड के लिए Material के रूप में एक Metallic Lead या Lead Dioxide और इलेक्ट्रोलाइट के Material के रूप में Sulfuric Acid Solution होता है। यह एक प्रकार की रिचार्जेबल Battery है।

Recharging Battery

कुछ बैटरियों, जैसे प्राइमरी Battery को एक से अधिक बार उपयोग नहीं किया जा सकता है। लेकिन, कुछ बैटरी जैसे सेकेंडरी बैटरी आमतौर पर रिचार्जेबल होती हैं और इन्हें बार-बार इस्तेमाल किया जा सकता है।

Discharging Battery

इलेक्ट्रॉन एनोड से कैथोड की ओर Flow होते हैं। यह इलेक्ट्रोलाइट में आयन (पॉजिटिव या नेगेटिव) छोड़ता है जो Battery के रूप में सर्किटरी को ऊर्जा देता है। 

जब ऊर्जा समाप्त हो जाती है तब इलेक्ट्रोलाइट  Reaction को जारी रखने से रोकता है। इसलिए, एक बैटरी Discharge होने लगती है।

Charging Battery

कुछ बैटरियों को इस तरह बनाया जाता है कि प्रक्रिया में Reaction को Reverse किया जा सकता है। इन बैटरियों के इलेक्ट्रोड उस Material से बनाए जाते हैं की बैटरियो में बाहरी Energy Flow करने पर इसकी Chemical Composition Reverse हो जाती है। 

इसका मतलब है कि बैटरी को Supply की जाने वाली बाहरी Energy उस Chemical Reaction को Reverse कर देती है जो उस बैटरी के Discharging का कारण बनती है। आयन Battery के कैथोड और एनोड में वापस आ जाते हैं। बैटरी चार्ज हो जाती है और इसे फिर से इस्तेमाल किया जा सकता है

मोबाइल डिवाइस से लेकर गाड़ियों तक, फास्ट चार्जिंग बैटरी की आज बहुत मांग है। यह बैटरियां चार्ज को जल्दी Absorb कर लेती हैं। कुछ फास्ट चार्जिंग बैटरी Lithium Ion Battery, Graphene Battery और Carbon Ion Battery हैं।

Toxic Materials से बनी बैटरी

उद्योगों आदि में उपयोग की जाने वाली कुछ बैटरियां Toxic Materials जैसे Mercury, Lead आदि से बनी होती हैं। इन Material को E-Waste (Electronic Waste) माना जाता है और इसे पर्यावरण को होने वाले नुकसान को रोकने के लिए Disposal की आवश्यकता होती है।

जहरीली बैटरियों के कारण होने वाला Leakage पानी और मिट्टी को Pollute कर सकता है, जो पृथ्वी के Wildlife को नुकसान पहुंचा सकता है।

अधिकांश निर्माता Toxic Materials से बचने की कोशिश कर रहे हैं। Recycling Schemes के बारे में जागरूकता (Awareness) पैदा करने के लिए कुछ Authorities भी मैन्युफैक्चरर्स में शामिल हो गए हैं।

यह Schemes उपयोग की गई Battery को लैंडफिल में जाने के बजाय Recycling के लिए भेजने की जानकारी फैलाती हैं। बैटरियों को इस तरह से रिसाइकिल किया जाता है कि Toxic Chemical पर्यावरण में प्रवेश नहीं करते हैं।

Solar Charging Batteries

सोलर चार्जिंग बैटरियों में एक चार्ज कंट्रोलर होता है जो सोलर से Energy लेता है और इसे चार्जिंग के लिए आवश्यक वोल्टेज में परिवर्तित करता है। ऐसी बैटरियों का Actual Solar Power Shadow, Overcast Sky, Raining आदि के दौरान कम हो जाता है।

ऐसा इसलिए है क्योंकि सोलर पैनल को Energy के रूप में Direct Solar Energy की आवश्यकता होती है। सोलर को एक Stationary Place पर Series में Arrange किया जाता है और ऊर्जा को स्टोर करने के लिए बैटरी बैंक से जोड़ा जाता है।

Off Pick State में, सोलर पैनल से स्टोर ऊर्जा का उपयोग करने की सलाह दी जाती है। छोटी सोलर बैटरियां पोर्टेबल होती हैं जिनका उपयोग डिवाइस में किया जाता है, जैसे कि मोबाइल फोन, आईपोड, आदि। 

बड़ी सोलर बैटरी आमतौर पर Public Place में एक निश्चित स्थान पर रखी जाती हैं जैसे पार्कों, सड़कों आदि। Wind Turbine Charging Battery भी उपलब्ध हैं।

इसमें एक चार्ज कंट्रोलर भी होता है जो Wind Turbine से ऊर्जा लेता है और इसे चार्जिंग के लिए आवश्यक वोल्टेज में परिवर्तित करता है।

सेल्फ-चार्जिंग बैटरी

सेल्फ-चार्जिंग बैटरियों को चार्ज करने की आवश्यकता नहीं होती है। ऐसी Battery बिना किसी Energy Loss के लंबे समय तक काम कर सकती है। इससे Power Output में भी वृद्धि होती है। 

सेल्फ-चार्जिंग क्षमता के पीछे का Concept Negative Resistance के साथ Negative Capacitance का Combination है। सेल्फ़-चार्जिंग Battery वर्तमान में Low Frequency वाले Application के लिए उपयोग किए जाते हैं। जैसे कि Digital Converters, Blinking Lights आदि।

Environmental Friendly बैटरी

हमें बैटरी खरीदने से पहले हमेशा पर्यावरण के अनुकूल, रिसाइकिल करने योग्य और रिचार्जेबल Battery को चुनना चाहिए। बैटरी जो Non Hazardous है और जिसे Recycle किया जा सकता है। वह है निकेल मेटल हाइड्राइड (NiMH), आदि। 

जो बैटरी खतरनाक हैं और जिन्हें Recycle भी किया जा सकता है। वह हैं निकल कैडमियम (NiCd), लेड एसिड बैटरी, बटन सेल बैटरी, आदि।

लेकिन, कुछ बैटरी सेल जिन्हें Recycle नहीं किया जा सकता है। वह हैं AAA, AA, D और C।

Battery के उपयोग

हमारे दैनिक जीवन में बैटरी के कुछ प्रमुख उपयोग यहां दिए गए हैं।

घर में बैटरी का उपयोग

हमारे घर में इस्तेमाल होने वाली कई चीजों में बैटरी का इस्तेमाल होता है। Remote Control, Torch, Wall Clock, Flashlight, Hearing Aids आदि जैसी चीजों को बिजली देने के लिए बैटरियों का उपयोग किया जाता है। 

रिचार्जेबल बैटरी का उपयोग विभिन्न उपकरणों जैसे डिजिटल कैमरा, मोबाइल फोन, गाड़ियों की बैटरी, वीडियो गेम डिवाइस, रिमोट कंट्रोल कार, घरेलू रखरखाव उपकरण और कई अन्य में भी किया जाता है।

चिकित्सा में बैटरी का उपयोग

Hospital, Health Center और अन्य Emergency Services काफी हद तक Battery पर निर्भर करती हैं। ठीक से काम करने के लिए Electrocardiogram, Electrocardiography, Infusion Pumps, Glucose Meters और अन्य Testing Kits जैसे उपकरण बनाने के लिए बैटरियों की आवश्यकता होती है।

Medical Industry में निकल-कैडमियम Battery और लिथियम-आयन Battery का अत्यधिक उपयोग किया जाता है क्योंकि उन्हें रिचार्ज किया जा सकता है।

आपातकाल में बैटरी का उपयोग

रेडियो एक Emergency Responder का सबसे महत्वपूर्ण उपकरण है। यह उन जगहों पर संचार के आसान तरीके के रूप में काम करते हैं जहां खतरा बना रहता है।

ये रेडियो High Quality वाली बड़ी बैटरी द्वारा संचालित होते हैं, जो भारी मात्रा में चार्ज करने में सक्षम होते हैं।

अन्य उपकरण जैसे ECG Monitor, Metal Detectors और Flashlight बैटरी द्वारा संचालित होते हैं। लोगों की जान बचाने के लिए ये डिवाइस बेहद जरूरी हैं।

सेना में बैटरी का उपयोग

Military Environment में इनका उपयोग कई तरह से किया जाता है। बैटरियों का उपयोग Radio Communication, Night Vision Device, Radar Communication, Optical Equipment और विभिन्न अन्य Field Device को Energy प्रदान करने के लिए किया जाता है जो काम को आसान और सुरक्षित बनाते हैं।

इलेक्ट्रिक वाहन में उपयोग

Electric Vehicles में उपयोग की जाने वाली बैटरियों को Electric Vehicle Battery (EVB) (या Traction Battery) कहा जाता है।

Electric Vehicles की Battery आमतौर पर रिचार्जेबल (सेकेंडरी) बैटरी होती हैं, और आमतौर पर लिथियम-आयन Battery का उपयोग किया जाता है। इन बैटरियों को विशेष रूप से High Output Ampere Hour (या Kilowatt Hour) क्षमता के लिए डिज़ाइन किया गया है।

आशा है बैटरी की जानकारी आपको पसंद आयी होगी

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