लेखांकन की परिभाषा, उद्देश्य, प्रकार और आवश्यकता

इस पेज पर आप लेखांकन की परिभाषा प्रकार और अन्य जानकारी को पढ़कर विस्तार में समझेंगे।

पिछले पेज पर हमने बैंक और खाता की जानकारी शेयर की थी तो उस आर्टिकल को भी पढ़े।

चलिए आज के इस पेज पर हम लेखांकन की परिभाषा, उद्देश्य, प्रकार और आवश्यकता की जानकारी को पढ़ते और समझते हैं।

लेखांकन क्या है

किसी खास उद्देश्य को हासिल करने के लिए Events को अंकों में लिखे जाने की क्रिया को लेखांकन कहा जाता है।

यहाँ Events से मतलब उस सभी कामों से होता है जिसमें रूपये का लेन देन होता है।

लेखांकन का अर्थ हिंदी में Accounting कहते है।

सरल शब्दों में लेखांकन का मतलब वित्तीय लेन देनों को Listed रूप में Accountable करने, उनका Classification करने, Summary तैयार करने एवं उनको इस प्रकार Present करने से है जिससे उनका Analysis व Selection हो सके। 

उदाहरण से समझते हैं :-

किसी व्यवसाय में बहुत बार वस्तु खरीदा जाता है और बहुत बार बेचा है। खर्च भी होता रहता है और आमदनी भी होता रहता है। कुल मिलाकर कितना खर्च हुआ कितना आमदनी हुआ, किन-किन लोगों पर कितना Due है तथा लाभ या हानि कितना हुआ।

इन सभी जानकारियों को हासिल करने के लिए Businessman अपने Accounts में Events को लिखता रहता है। यही लिखने के क्रिया को लेखांकन कहा जाता है। अतः व्यवसाय के वित्तीय लेन-देनों को लिखा जाना ही लेखांकन है।

लेखांकन के कार्य

लेखांकन के प्रमुख कार्य निम्लिखित हैं चलिए पढ़ते हैं।

1. अभिलेखन (Recording)

लेन-देन को पहली बार Accounts में लिखे जाने के क्रिया को अभिलेखन कहा जाता है। अभिलेखन को Journal भी कहा जाता है।

2. वर्गीकरण (Classification)

Recording किए गए Events को अलग-अलग भागो में बांट कर लिखे जाने की क्रिया को वर्गीकरण कहा जाता है । वर्गीकरण को खाता (Ledger) भी कहते हैं।

3. संक्षेपण (Summarising)

Classification किए गए Events को एक जगह लिखे जाने के क्रिया को संक्षेपण कहा जाता है । संक्षेपण को परीक्षासूची (Trial balance) भी कहते हैं।

लेखांकन के प्रकार

विभिन्न उद्देश्यों को पूरा करने के लिए अलग-अलग प्रकार की Accounting Types हैं। लेखांकन के मुख्य प्रकार निम्नलिखित हैं।

1. वित्तीय लेखांकन (Financial Accounting)

वित्तीय लेखांकन का उद्देश्य Financial Statement तैयार करके वित्तीय लेनदेन पर नज़र रखना, रिकॉर्ड बनाना और रिपोर्ट करना है ।

यह आम तौर पर Generally Accepted Accounting Principles (GAAP) Rules में पाए गए Guidelines का उपयोग करके किया जाता है। ये Financial Accounting Standards Board (FASB) द्वारा निर्धारित किए गए हैं और Reporting Process में Consistency को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।

वित्तीय लेखांकन हमेशा पिछले Performance को देखता है, Management Accounting की तरह आगे नहीं देखता है। इसके बजाय, वित्तीय लेखांकन Financial Statement के रूप में एक Specific Period में Business Performance पर एक सटीक नज़र प्रदान करता है।

वित्तीय लेखांकन दो प्रकार के होते हैं : Cash और Accrual Accounting वित्तीय लेनदेन को सटीक रूप से रिकॉर्ड करने के लिए दोनों Double Entry Accounting का उपयोग करती हैं ।

2. प्रबंधन लेखांकन (Management Accounting)

प्रबंधन लेखांकन दुनिया भर के व्यवसायों में उपयोग किए जाने वाले लेखांकन का एक रूप है। प्रबंधन लेखांकन को व्यवसाय के लिए High Level Decision लेने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

तीन सामान्य प्रकार के प्रबंधन लेखांकन का उपयोग किया जाता है।

  • Strategic Management
  • Performance Management
  • Risk Management

Situation के आधार पर, सभी तीन प्रकार के प्रबंधन लेखांकन का एक साथ उपयोग किया जा सकता है, या केवल एक या दो Methods का भी उपयोग किया जा सकता है, जो उनकी इच्छा के आधार पर होता है।

3. सरकारी लेखांकन (Government Accounting)

सरकारी लेखांकन Government Accounting Standards Board (GASB) द्वारा चलाया जाता है, जिसने GAAP की तरह Tracking और Reporting Standards को विकसित किया है।

वित्तीय लेखांकन और सरकारी लेखांकन के बीच मुख्य अंतर यह है कि सरकारी संस्थाएँ Income और Expenditure पर नज़र रखने के लिए अलग-अलग Funds  का उपयोग करती हैं।

उदाहरण के लिए, यदि कोई County Road Improvement Project शुरू करता है, तो वह उस Project से संबंधित सभी Income और Expenditure का ट्रैक Capital Projects Fund में रखेंगे।

प्रत्येक फंड या Project कैसा प्रदर्शन कर रहा है और Public Money कैसे खर्च किया जा रहा है, इसकी सटीक रिपोर्ट करने के लिए Tracking आवश्यक है।

ज्यादातर मामलों में, पाँच सरकारी Funds का उपयोग किया जाता है।

  • General Fund
  • Permanent Fund
  • Special Revenue Fund
  • Capital Projects Fund
  • Debt Services Fund

पैसा कैसे खर्च किया जाता है, साथ ही साथ किसी खाते के बारे में पूरी रिपोर्ट प्रदान करने के लिए प्रत्येक फंड को अलग से ट्रैक किया जाता हैं।

4. सार्वजनिक लेखा (Public Accounting)

सार्वजनिक लेखा Firm Accounting Service, Manufacturer, Retailers, Non Profitable Organization, Governmental Organization और व्यक्तियों सहित विभिन्न प्रकार के ग्राहकों को लेखांकन सेवाएं प्रदान करती हैं। 

सार्वजनिक लेखांकन Financial Statement तैयार करने और Tax Preparation, Tax Advisory, Consulting Activity का काम करती है ।

इसके अलावा Public Accounting Firm अपने ग्राहकों को अन्य वित्तीय सेवाएं प्रदान कर सकती हैं जैसे Complete Bookkeeping , Accounting Management, Financial Consulting और Payroll Service. 

5. लागत लेखांकन (Cost Accounting)

लागत लेखांकन व्यवसाय करने की Actual Cost को बारीकी से देखता है। लागत लेखांकन आमतौर पर Manufacturing में उपयोग किया जाता है, हालांकि इसका उपयोग Service Business के लिए भी किया जा सकता है।

लागत लेखांकन Fixed और Variable दोनों Cost को देखता है जो एक Business Material, Labour, Overhead, Maintenance और Production Costs जैसे खर्च करता है

अधिकांश व्यवसाय Standard Costing System का उपयोग करते हैं, जो Production के लिए Average Cost प्रदान करती है, हालांकि अन्य Costing Method का उपयोग किया जा सकता है।

6. फोरेंसिक अकाउंटिंग (Forensic Accounting)

फोरेंसिक अकाउंटिंग, ऑडिटिंग, Investigative Techniques का एक Unique Combination है। फोरेंसिक अकाउंटिंग का उपयोग व्यक्तियों और व्यवसायों दोनों की Financial Activities की जांच के लिए किया जाता है। 

यह अक्सर बैंकों, पुलिस विभागों, वकीलों और व्यवसायों द्वारा उपयोग किया जाता है। यह वित्तीय लेनदेन की जांच करता है और बाद में एक Complete Report में उन Results को प्रदान करता है।

Data Collection और Preparation Techniques, Data Analysis और Reporting Methods का उपयोग करके धोखाधड़ी के मामलों में फोरेंसिक एकाउंटेंट का अक्सर उपयोग किया जाता है।

इसके अलावा, फोरेंसिक एकाउंटेंट को Financial Data को फिर से बनाने में मदद करने के लिए बुलाया जा सकता है, और अक्सर उनके Results को समझाने के लिए अदालत में गवाही देने के लिए कहा जाता है।

7. कर लेखांकन (Tax Accounting)

 कर लेखांकन Internal Revenue Code (IRC) द्वारा Regulated होता है, और यह Ensure करने के लिए डिज़ाइन किया गया है कि सभी मौजूदा Tax Rules को Business, Non Profitable Organization के द्वारा Follow किया जा रहा है या नहीं। 

कर लेखांकन के लिए Accountants को विभिन्न Tax Rules को जानने की आवश्यकता होती है जो साल-दर-साल बदलते हैं। इसके आलावा कर लेखांकन का उपयोग Tax Due की सही गणना, Lower Tax Liability, Tax Return को सही ढंग से पूरा करने और समय पर Tax Files को दाखिल करने के लिए किया जाता है। 

टैक्स रिटर्न तैयार करने के अलावा, टैक्स अकाउंटिंग का इस्तेमाल टैक्स प्लानिंग के लिए भी किया जा सकता है, जो व्यक्तियों और व्यवसायों दोनों को Tax को कम करने के लिए टैक्स Strategy विकसित करने में मदद करता है।

8. लेखा परीक्षा (Auditing)

जबकि Accounting में किसी व्यवसाय के लिए सभी Financial Activities की ट्रैकिंग और रिपोर्टिंग शामिल है। तो Auditing को उस Financial Activities का एक Analysis प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है ताकि यह पता चल सके कि कोई व्यवसाय Rules और Standards का पालन करते हुए लेन देन कर रहा है।

लेखांकन में उपयोग किए जाने वाले शब्द

आय (Revenue) :- Revenue में से Expense घटाने पर जो शेष बचता है, उसे आय (Income) कहा जाता है।

Income =  Revenue – Expense

देनदार (Debtor) :- वे व्यक्ति, संस्था, फर्म, कम्पनी आदि जिनसे धन वसूलना रहता है अथवा जिनके पास संस्था की राशि दी गई है, उन्हें देनदार (Debtor) कहा जाता है।

व्यय (Expenses) :- Advance की प्राप्ति के लिए प्रयोग की गई वस्तुओं एवं सेवाओं की खर्च को व्यय कहते हैं।

व्यय के उदाहरण :-

Advertisement Expenses, Commission, Rent, Salary, आदि।

पूँजी (Capital) :- उस धन को पूँजी कहा जाता है जिसे व्यवसाय का Owner व्यवसाय में लगाता है। इसी राशि से व्यवसाय शुरु किया जाता है।

Prepaid Expense :- जो खर्च पहले ही चूका दिया जाता है उसे Prepaid Expense(पूर्वदत्त व्यय ) कहा जाता है।

आगम (Revenue) :- Revenue का मतलब व्यवसाय की Income से है। Revenue से पूँजी में वृद्धि होती है।

Goods :- जिन वस्तुओं का कोई व्यापारी व्यापर करता है, वह उसका माल (Goods) कहलाता है, जैसे – यदि कोई व्यापारी गेहूँ का व्यापर करता है तो गेहूँ उसका माल कहलाएगा, यदि फर्नीचर का व्यापार करता है तो फर्नीचर उसका माल कहलाएगा।

तो हम इसे ऐसे भी कह सकते है कि जब किसी वस्तु का निर्माण या क्रय, बिक्री करने के उद्देश्य से होता है तो वह माल कहा जाती है।

खर्च (Expenditure) :- सम्पत्ति, माल अथवा सेवाएँ प्राप्त करने के लिए किया गया कोई भी खर्च, खर्च कहलाता है।

लेनदार (Creditor) :- जिस व्यक्ति, संस्था, फर्म, कम्पनी या निगम, आदि को या Loan के लिए व्यापारी द्वारा धन दिया जाता है, वह व्यापारी के लेनदार कहे जाते हैं।

लेखांकन के विभिन्न कदम

लेखांकन के निम्नलिखित कदम (Steps) है।

1. आर्थिक घटनाए (Economic Events)

व्यावसायिक संगठनों का सम्बन्ध Economics/Financial Events से होता है, जिन्हें पैसों में मापा जा सकता है। जेसे माल की खरीददारी, मशीन की खरीददारी, वस्तुओं एवं सेवाओं की बिक्री, इत्यादि Economic Events है।

2. व्यावसायिक लेन-देनों की पहचान करना

इसका काम यह तय करना है कि किन लेन-देनों को Record किया जाए।

3. लेन-देनों का मापन

Accounts Recording में उन्हीं लेन-देनों को Record किया जाता है, जिनका Evaluation पैसों के रूप में है।

उदाहरण के लिए, माल की खरीददारी के लिए आदेश देना एक Event है लेकीन इसका Accounting नहीं किया जाता है, क्योंकि इन्हे पैसों से नहीं मापा जा सकता है।

4. अभिलेखन (Recording)

Accounting में Financial Events के लेन-देनों को दिन और तारीख के अनुसार Record किया जाता है। Recording इस प्रकार किया जाता है कि इनका Summary तैयार किया जा सके।

लेखांकन के कार्य

लेखांकन के छः कार्य निम्नलिखित है।

1. लेखात्मक कार्य (Recordative Function)

लेखांकन का यह सबसे Basic कार्य है। इस कार्य के अन्तर्गत व्यवसाय की Accounting Books में Listed Recording करना, उनका Classification करना और उनसे Accounts तैयार करना जैसे कार्य शामिल हैं।

2. संप्रेषणात्मक कार्य (Communicating Function)

लेखांकन को व्यवसाय की भाषा कहा जाता है। जिस प्रकार भाषा का मुख्य उद्देश्य Communication के साधन के रूप में कार्य करना है ठीक उसी प्रकार लेखांकन व्यवसाय के वित्तीय स्थिति और अन्य सूचनाएँ उन सभी लोगों तक पहुंचना है जिनके लिए यह जरुरी हैं।

3. वैधानिक आवश्यकताओं की पूर्ति करना (Meeting Legal Needs)

विभिन्न कानून जैसे – Company Act, Income Tax Act आदि द्वारा विभिन्न प्रकार के Details को जमा किया जाता है। जैसे – Annual Account, Income Return आदि। ये सभी जमा किये जा सकते हैं यदि लेखांकन ठीक से रखा जाए।

4. व्यवसाय की सम्पत्तियों की रक्षा करना (Protecting Business Assets)

लेखांकन का एक महत्वपूर्ण कार्य व्यवसाय की सम्पतियों की रक्षा करना है। यह तभी सम्भव है, जब विभिन्न Assets के Records रखे जाये।

5. निर्णय लेने में सहायता करना (Facilitating Decision Making)

लेखांकन महत्वपूर्ण आँकड़े उपलब्ध कराता है जिससे Decision लेने में सुविधा होती है।

लेखांकन के उद्देश्य

लेखांकन के निम्नलिखित प्रमुख उद्देश्य है –

  • लेखांकन का पहला उद्देश्य सभी व्यावसायिक लेन-देनों का पुरा हिसाब रखना है। अच्छे ढंग से Events को Record करने से भूल की संभावना नहीं रहती हैं। 
  • लेखांकन का दूसरा उद्देश्य एक Fixed Period के लाभ-हानि को पता करना है।
  • लेखांकन का एक उद्देश्य संस्था की वित्तीय स्थिति (Financial Status) के बारे में जानकारी प्राप्त करना है।
  • लेखांकन का एक उद्देश्य Financial सूचनाएँ प्रदान करना है जिससे Managers को सही तरह से Company को Grow करने का तरीका मिल सकें। 
  • व्यवसाय में कई लोगो को लाभ होते हैं, जैसे कर्मचारी, Manager, Creditor आदि। व्यवसाय में लाभ रखने वाले विभिन्न लोगो को उनसे संबंधित सूचनाएँ प्राप्त कराना भी लेखांकन का एक उद्देश्य है।

लेखांकन की आवश्यकता

आधुनिक युग में व्यवसाय के आकार में वृद्धि के साथ-साथ व्यवसाय की Complexities में भी वृद्धि हुई है। व्यवसाय का संबंध अनेक ग्राहकों तथा कर्मचारियों से रहता है और इसलिए व्यावसायिक में सैकड़ों, हजारों या लाखों लेन-देन हुआ करते हैं। 

सभी लेन-देनों को मौखिक (Oral) रूप से याद रखना कठिन होता है। यदि हम व्यवसाय से हुए लाभ को जानना चाहते हैं और यह भी जानना चाहते हैं कि उसकी Assets कितनी हैं, उसकी पूँजी कितनी है इत्यादि। इन सभी बातों की जानकारी के लिए लेखांकन की आवश्यकता पड़ती है।

लेखांकन के लाभ

लेखांकन के निम्नलिखित लाभ है।

  • कोई भी व्यक्ति कितना भी Capable क्यों न हो, सभी बातों को याद नहीं रख सकता है। व्यापार में प्रतिदिन सैकड़ों लेन-देन होते हैं, वस्तुओं को खरीदना और बेचना होता है। यह नकद और उधार दोनों हो सकते हैं। मजदूरी, वेतन, कमीशन, आदि के रूप में भुगतान होते हैं। इन सभी को याद रखना कठिन है। लेखांकन इस परेशानी को दूर कर देता है।
  • लेखांकन से व्यवसाय से संबंधित कई महत्वपूर्ण सूचनाएँ प्राप्त होती हैं जैसे लाभ-हानि की जानकारी होना, Assets की जानकारी होना, कितना रुपया लेना है और कितना रुपया देना है इसकी जानकारी होना, व्यवसाय की आर्थिक स्थिति कैसी है इत्यादि। इन सभी बातों की जानकारी रखने में भी लेखांकन के लाभ है।
  • Financial Accounting से कर्मचारियों के वेतन, बोनस, भत्ते, आदि से संबंधित समस्याओं में मदद मिलती है।

आशा है लेखांकन की जानकारी आपको पसंद आयी होगी।

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