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भारत की अर्थव्यवस्था की जानकारी

भारतीय अर्थव्यवस्था

इस पेज पर आप सामान्य ज्ञान के अध्याय भारत की अर्थव्यवस्था की जानकारी को पढ़ेंगे जो भारत के सभी नागरिको को ज्ञात होना आवश्यक है।

पिछले पेज पर हमने सामान्य ज्ञान के अध्याय भारत के स्वतंत्रता संग्राम और भारत के स्मारक की जानकारी शेयर की है उसे जरूर पढ़े।

चलिए अब भारत की अर्थव्यवस्था की जानकारी को पड़कर समझते है।

भारत की अर्थव्यवस्था

अर्थव्यवस्था मानव विकास की आर्थिक रुप रेखा को दर्शाती है। मानव को जिन क्रियाओ में हानि-लाभ का बोध होता है वह आर्थिक गतिविधियाँ कहलाती है।

भारतीय अर्थव्यवस्था एक मिश्रित अर्थव्यवस्था है। जिसमें पूँजीवादी व समाजवादी या सार्वजनिक अर्थव्यवस्था दोनो का समावेश है।

अर्थव्यवस्था के क्षेत्र :

प्राथमिक क्षेत्र: वानिकी, कृषि, मत्स्यन, खनन आदि आते हैं।

द्वतीय क्षेत्र: निर्माण, विनिर्माण, विघुत, गैस एवं जलापूर्ति आदि।

तृतीय क्षेत्र: परिवहन एवं संचार, बैकिंग, बीमा, व्यापार, भण्डारण आदि।

राष्ट्रीय आय :

किसी वृत्तीय वर्ष में उत्पादित अन्तरिम वस्तुओं एवं सेवाओं के शुध्दतम मूल्य के योग को राष्ट्रीय आय कहते हैं। साथ ही विदेशों से अर्जित शुध्द आय भी इसमें शामिल की जाती है।

नोट: सर्वप्रथम भारत की राष्ट्रीय आय की गणना दादा भाई नौरोजी की थी।

इस समय भारतीय राष्ट्रीय आय की गणना केन्द्रीय सांख्यिकी संगठन (CSO) करता है।

सकल घरेलू उत्पाद (GDP) :

देश के भौगोलिक क्षेत्र (घरेलू सीमा)  के भीतर एक वर्ष में उत्पादित सभी अन्तिम वस्तुओं एवं सेवाओ के मौद्रिक मूल्य केयोग को सकल घरेलू उत्पाद कहते हैं।

सकल राष्ट्रीय उत्पाद :

किसी देश के नागरिकों द्वारा एक निश्चित समयावधि सामान्यतः एक वर्ष में उत्पादित अन्तिम वस्तुओं एवं सेवाओं के मौद्रिक मूल्य को सकल राष्ट्रीय उत्पाद कहते हैं।

निवल घरेलू उत्पाद :

जब सकल घरेलू उत्पाद में से उत्पादन की प्रक्रिया में प्रयुक्त मशीन और पूँजी के मूल्य में आई कमी को घटा दिया जाता है, तो इसे निवल घरेलू उत्पाद कहते हैं।

NDP = GDP – Depreciation

मानव विकास सूचंकाक :

यह मानव विकास की दर को दर्शाता है। इसका प्रतिपादन अर्थशास्त्री महबूब-उल-हक ने किया था। मानव विकास सूंचकाक की रिपोर्ट में निम्न तीन बिन्दु महत्वपूर्ण होते हैं। 

सन् 2019 की मानव विकास रिपोर्ट के अनुसार भारत का स्थान इस रैंकिग में 189 देशों में  129 वाँ रहा। वही सन् 2018 में भारत का स्थान इस रैंकिग में 130 वाँ रहा था।

विश्व खुशहाली रिपोर्ट – 2019

संयुक्त राष्ट्र महासभा के नेतृत्व में संयुक्त राष्ट्र निर्वहनीय विकास समाधान नेटवर्क द्वारा 20 मार्च 2019 को सातवीं विश्व प्रसन्नता रिपोर्ट 2019 जारी की गई। जिसमें 156 देशों का शामिल किया गया है। तथा उन देशों के नागरिकों का विभिन्न बिन्दुओं का आकलन कर उनकी प्रसन्नता के स्तर के अनुसार रैंकिग प्रदान की है।

विश्व प्रसन्नता रिपोर्ट 2019 में देशों की स्थिति

देशरैंक 2019रैंक 2018
ब्राजील 32 28
रुस 68 59
चीन 93 86
दक्षिण अफ्रीका 106 105
भारत 140 133

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भारतीय में आर्थिक नियोजन

योजना आयोग :

इसकी स्थापना 15 मार्च 1950 को की गई थी। यह एक गैर- संवैधानिक संस्था थी। अब इसे नीति आयोग में बदल दिया गया है। जिसे सरकार थिंक टैंक के रुप में उपयोग कर सकती है।

नीति आयोग :

इस आयोग की स्थापना योजना आयोग के स्थान पर जनवरी 2015 को हुई। यह सरकार के लिये थिंक टैंक के रुप में कार्य करता है। यह सरकार के कार्यो को गतिशीलता व अधिक महत्व रुप देने के लिये तैयार किया गया है।

नीति आयोग से सम्बधित पदाधिकारी

स्थापना1 जनवरी 2015
पूराना नामयोजना आयोग
अध्यक्षभारत के प्रँधानमत्री पदेन अध्यक्ष होते हैं नरेन्द्र मोदी
मुख्यालयनई दिल्ली

पंचवर्षीय योजनाएँ

भारत में प्रथम पंचवर्षीय योजना की शुरुआत 1 अप्रैल, 1951 को की गई थी।

प्रथम पंचवर्षीय योजना हैराल्डडाँमर संवृध्दि माँडल पर तथा दितीय पंचवर्षीय योजना पी सी महालनोबिस माँडल चार क्षेत्रीय पर आधारित थी।

चौथी योजना को गाडगिल योजना के नाम से भी जाना जाता है। इसके बाद चौथी व पाँचवी योजनाओं के बीच में प्लान ब्रेक 3 वर्ष के लिये हुआ। जिसमें वार्षिक योजना  तहत इसको संचालित किया गया था। व सातवीं व आठवी पंचवर्षीय योजनाओं के बीच भी इस पर प्रकार की वार्षिक योजनाये चलाई गयी थी।

योजनाअवधिलक्षित विकास दरप्राप्त विकास दरप्राथमिक क्षेत्र
पहली योजना1951-562.13.6कृषि, सिंचाई, विघुत
दूसरी योजना1956-614.54.2भारी उघोग
तीसरी योजना1961-665.62.5खाद्दान, उघोग
चौथी योजना1969-745.73.2कृषि, व खाद्दान में आत्मनिर्भर होना
पांचवी योजना1974-794.45.0निर्धनता उन्मूलन, आर्थिक आत्मनिर्भरता
छठी योजना1980- 855.25.5कृषि व उघोग
सांतवी योजना1985- 905.05.5ऊर्जा व खाद्दान
आठवीं योजना1992- 975.66.5मानव संसाधन, शिक्षा
नौंवी योजना1997-026.55.5सामाजिक न्याय
दसवी योजना2002-078.07.6रोजगार, ऊर्जा
ग्याहवीं योजना2007-129.07.9समावेशी विकास
बारहबी योजना2012-178.0त्वरित, सतत्, एवं समावेशी विकास
तेरहवी योजना2017-22सतत विकास की ओर

भारतीय अर्थव्यवस्था से संबंधित मुद्रा व बैकिंग

भारतीय रिर्जव बैंक आँफ इण्डिया

भारत में कार्यरत प्रमुख निजी बैंक

भारत के प्रमुख प्रतिभूति मुद्रण केन्द्र

इण्डिया सिक्योरिटी प्रेसनासिक (महा0)
सिक्योरिटी पेपर मिलहोशांगाबाद ( म0प्र0 )
बैंक नोट प्रेसदेवास (म0प्र0)
करेन्सी नोट प्रेसनासिक ( महा0)

भारतीय अर्थव्यवस्था से संबंधित स्टाँक एवं शेयर मार्केट

स्टाक एक्सचेंजसूचकांक
बम्बईडाँलेक्स, सेन्सेक्स, एस एण्ड पी सी एन एक्स निफ्टी, (फिफ्टी)
हाँगकांगहाँग सेन
थाइलैण्डसेट
ताइवानतेन
अमेरिकानासदाक
ब्राजीलबोवेस्पा
दक्षिण कोरियासियोल कम्पोजिट
सिंगापुरसिमेक्स
टोकियोनिक्की
जर्मनीमिड डेक्स (फ्रैंकफर्ट)
न्यूयाँर्कडो जोन्स
चीनशंघाई काँम

महारत्न कम्पनियाँ

महारत्न कम्पनियों की मान्यता सरकार द्वारा 2009 से प्रदान की गई। यह कम्पनियाँ अपनी कुल निवल मूल्य के 25 प्रतिशत तक का निवेश करने के लिए स्वतन्त्र हैं। अब तक कुल 7 कम्पनियों को महारत्न का दर्जा प्राप्त हैं।

नवरत्न कम्पनियाँ

सार्वजनिक उपक्रम की कम्पनियाँ जिन्हें नवरत्न व मिनीरत्न का दर्जा प्राप्त इस समय भारत कुल 14 कम्पनियों को यह दर्जा प्राप्त है जो निम्न हैं।

भारतीय अर्थव्यवस्था से संबंधित विदेश व्यापार –

विश्व व्यापार में भारत का हिस्सा केवल 2 प्रतिशत है भारत के द्वारा आयात की जाने वाली वस्तुओं में पेट्रोलियम का हिस्सा सबसे बड़ा है। उसी प्रकार निर्यात वस्तुओं में अभियान्त्रिकी वस्तुओं एवं गुड्स ज्यादातर निर्यात की जाति हैं।

भारत के प्रमुख निर्यातक देशभारत के प्रमुख आयातक देश
संयुक्त अरब अमीरातचीन
सं रा0 अमेरिकाअमेरिका
सऊदी अरबसंयुक्त अरब अमीरात

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