नमस्कार दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम फूलों के नाम हिंदी व अंग्रेजी भाषा में पढ़ने वाले हैं तो यदि आप फूलों के नाम की जानकारी जानना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को जरूर पढ़े।
पिछले पेज सब्जियों के नाम की जानकारी शेयर की हैं तो उस आर्टिकल को भी पढ़े।
चलिए इस आर्टिकल में फूलों के नाम को हिंदी और अंग्रेजी भाषा में पढ़कर समझते हैं।
फूलों के नाम
विश्वभर में लगभग 18000 प्रकार के फूलों की प्रतियाँ पाई जाती है जिससे हर एक फूल की सुगंध और ख़ूबसूरती अलग-अलग होती है। चलिए ऐसे ही कुछ फूलों के नामों को उनके फोटो के साथ पढ़ते और समझते हैं।
1. गुलाब (Rose)
गुलाब का फूल एक बहुवर्षीय, झाड़ीदार, कंटीला, पुष्पीय पौधा हैं जिसमें सुंदर-सुंदर फूल उगते हैं गुलाब का फूल कोमलता और सुंदरता के लिए प्रसिद्ध हैं। गुलाब एक भातीय पुष्प हैं गुलाब का वैज्ञानिक नाम रोजा हाइब्रिडा हैं।
भारत वर्ष में यह पौधा बहुत वर्षों से लगाया जा रहा हैं कई स्थानों में यह फूल जंगली भी पाया जाता हैं कश्मीर और भूटान में पीले रंग के जंगली गुलाब होते हैं गुलाब के फूल कई रंगों के होते हैं।
जैसे:- सफेद, पीले, लाल इत्यादि कई जगह हरे और काले रंग के गुलाब के फूल भी होते हैं सफेद फूल को सेवती कहाँ जाता हैं।
ऋतु के अनुसार दो प्रकार के गुलाब होते हैं पहला सदा गुलाब और दूसरा चैती गुलाब हैं सदा गुलाब प्रत्येक ऋतु में फूलता फलता हैं।
जबकि चैती गुलाब केवल बसंत ऋतु में फूलता हैं चैती गुलाब में बहुत अच्छी खुश्बू आती हैं चैती गुलाब का उपयोग इत्र और दवाइयां बनाने में किया जाता हैं।
गुलाब के फूल से होने वाले फायदे
- गुलाब के फूलों से शरीर को ठंडक मिलती हैं।
- यह शरीर के रंग-रूप को निखारती हैं।
- यह हमारे मन को प्रशन्न करती हैं।
- गुलाब हमारे शरीर की पाचन क्रिया को बढ़ाती हैं।
- गुलाब में विटामिन सी काफी मात्रा में पाया जाता हैं
- गुलाब का फूल दिल, दिमाक, और अमाशय को बलवान बनाता हैं।
- आयुर्वेदिक में गुलाब के फूल को वात-पित्तनाशक दाह, जलन, अधिक प्यास तथा कब्ज नाशक कहाँ जाता हैं।
2. कमल (Lotus)
कमल भारत का राष्ट्रीय पुष्प हैं इसका वैज्ञानिक नाम नींलबियन न्यूसिफेरा होता हैं इसके पौधे में सुंदर और बड़े फूल खिलते हैं कमल के फूल का रंग गुलाबी और सफेद होता हैं और इसके पत्ते गोल, ढाल जैसे होते हैं
गुलाब के पत्तों की लंबी डंडियों और नसों से एक रेशा निकाला जाता हैं जिससे दीपों की बत्तियां बानाई जाती हैं तो मंदिरों में पूजा के काम आती हैं।
संस्कृत में कमल के फूल के नाम – कमल, पद्य, पंकज, पंकरुह, सरसिज, सरोज, सरोरुह, जलज, नीरज, वारिज, अंबुज, अंभोज, अब्ज, अरविंद, नलिन, इंदीवर, वनज आदि।
फ़ारसी भाषा में कमल के फूल को नीलोफर कहते हैं, अंग्रेजी भाषा में इंडियन लोटस, चाइनीज में वाटर-लिली, इजिप्शियन या पाइथागोरस बिन कहलाता हैं।
कमल के फूल से होने वाले फायदे
- खूनी बवासीर में कमल का सेवन लाभदायक होता हैं मक्खन और मिश्री के साथ कमल के फूल का रोजाना सेवन करने से खूनी बवासीर को लाभ मिलता हैं और वो जल्द ही ठीक हो जाती हैं।
- पानी में कमल की जड़ को घिसकर त्वचा के रोग, दाद खुजली पर लगाने से लाभ मिलता हैं।
- कमल की जड़ का चूर्ण बना लीजिए और एक चम्मच मिश्री के साथ इसका सेवन कीजिए इसे हृदय और मस्तिष्क की शक्ति बढ़ती हैं।
- नारियल के तेल में कमल की दो गुनी जड़ों के साथ उबाल लीजिए इस तेल को रोजाना सिर पर लगाने से सिर दर्द ठीक होता हैं और आँखों को ठंडक मिलती हैं।
3. चमेली (Jasmine)
चमेली एक सुगंधित फूल हैं जिसकी खुशबू मात्र से लोग मोहित हो जाते हैं चमेली का फूल झाड़ी या बेल जाती से संबंधित हैं चमेली नाम पारसी शब्द Jasmine से बना है जिसका मतलब प्रभु की देन हैं।
चमेली के फूल से दवाइयां बनाई जाती हैं जो सिर दर्द, सर्दी जुखाम, चक्कर आदि में काम आती हैं।
चमेली के फूल से होने वाले फायदे
- चमेली के फूलों को पीसकर त्वचा पर लगाने से दाद, खाज, खुजली में आराम मिलता हैं।
- चमेली के तेल को सिर पर लगाने से सिर दर्द में आराम मिलता हैं।
- चमेली के पत्तों का काढ़ा बना कर दिन में 3,4 बार गरारे कीजिए जल्द ही आराम मिलेगा।
- चमेली के पत्तों को मुँह मे पान की तरह चबाने से मुँह के छाले, घाव, जल्द ही ठीक हो जाते हैं।
- चमेली के पत्तों का रस को तिल की बराबर मात्रा में मिलाकर पकाएं जब पानी छनक जाए तेल शेष रह जाए इस तेल को गुदा में दिन में दो-तीन बार नियम से लगाए इस से खूनी बवासीर जल्द ही खत्म हो जाती हैं।
4. गेंदा (Yellow Marigold)
गेंदे के फूल बरसात के मौसम में ज्यादा पाए जाते हैं गेंदे के फूल लाल तथा पीले रंग के होते हैं इसके पत्ते हरे रंग के होते हैं इसका स्वाद हल्का तीखा होता हैं गेंदे को अंग्रेजी में मेरीगोल्ड कहाँ जाता हैं इसका साइंटिफिक नाम Tagetes हैं।
गेंदा का फूल हृदय और मन को कॉफी प्रसन्न करता हैं और उत्तम स्वास्थ्य प्रदान करता हैं गेंदे के फूल में विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाया जाता हैं इसलिए इसके फूल से बने अर्क का सेवन करने से हृदय रोग, कैंसर, और स्टॉक को रोकने में हमारी मदद करता हैं।
गेंदा के फूल से होने वाले फायदे
- बवासीर रोगी को गेंदा बहुत ही फायदेमंद होता हैं आप गेंदे की पत्तियों को पीसकर इसका रस निकाल लीजिए इसमें एक चुटकी कालीमिर्च पाउडर और एक चुटकी नमक मिलाकर पी जाएं इससे आपको बवासीर में जल्द आराम मिलेगा।
- गेंदे के फूल में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाया जाता हैं आप गेंदे के तेल से शरीर पर मालिश कीजिए आपका अर्थराइटिस का दर्द और जोड़ो का दर्द दोनों इससे जल्दी ठीक हो जाएंगे।
- सिर पर फोड़े फुंसियां या घाव हो जाने पर गेंदों के फूलों से घाव भर जाता हैं आप गेंदों के फूलों को पीसकर 1 चम्मच मैंदे के साथ थोड़ी गेंदे की पत्तियों को पीस कर इसका पेस्ट बना लीजिए इस पेस्ट को हप्ते में 2 बार सिर पर लगाइए इस पेस्ट से आपके घाव जल्दी भर जाएंगे।
- थोड़े से गेंदों के पत्तो को मोमबत्ती में गर्म करके फिर इसे ठंडा करके एड़ी पर लगाने से से एड़ियो की दरारे भर जाती हैं।
- गेंदे की पत्तियों को पानी में उबालकर इस पानी से कुल्ला करने से दांत दर्द में आराम मिलता हैं।
- एक चम्मच सूखे हुए गेंदे के फूल में एक चम्मच मिश्री मिलाकर सेवन करने से दमा रोग और खासी रोग को फायदा मिलता हैं।
5. बबूल (Acacia)
अकैसिया प्रजाति का एक वृक्ष हैं प्राचीन समय में बबूल के पेड़ की पूजा की जाती थी पुरानी मान्यताओं के अनुसार इस पेड़ में भगवान विष्णु का निवास माना जाता हैं। जिस जगह पर यह पेड़ होता हैं वह जगह अत्यंत शुभ मानी जाती हैं।
बबूल का पेड़ औषधीय गुणों से भरपूर होता हैं यह पेड़ बहुत से उपचारों में काम आता हैं बबूल के पेड़ का गोद बनाया जाता हैं बबूल के पेड़ में जो हरि पतली टहनियां होती हैं वो दातुन के काम आती हैं बबूल की दातुन करने से दांत स्वच्छ और स्वस्थ रहते हैं, बबूल की लकड़ी का कोयला भी अच्छा जलता हैं।
बबूल के फूल से होने वाले फायदे
- बबूल के पत्ते पीसकर टिकिया बना कर आँखों के ऊपर रखने से नेत्र रोग में आराम मिलता हैं।
- बबूल की गोंद और शक्कर को बराबर मात्रा में पीसकर गोलियां बनाकर चूसने से सूखी खांसी को आराम मिलता हैं।
- बबूल की छालों को सुखा कर चूर्ण बना ले और छालों वाली जगह पर लगाने से छाले जल्दी ठीक हो जाएंगे।
- बबूल की फली को सुखाकर पाउडर बना कर सुबह एक चम्मच गुनगुने पानी के साथ खाने से घुटने का दर्द बिल्कुल ठीक हो जाता हैं।
6. रात की रानी (Night Blooming Jasmine)
यह फूल रात को खिलता हैं इसलिए इसे रात की रानी कहाँ जाता हैं यह सोलेनेसी कुल का एक पादम हैं इसका वनस्पति नाम Cestrum Noctumum हैं इसमें रात्रि के समय ताजे और सुंगन्धित फूल खिलते है इसलिए इसे रात की रानी कहाँ जाता हैं।
रात की रानी की यह विशेषता हैं कि पूर्णिमा के दिन इस पर पूरे खिले फूल खिलते है और अमावस्या के दिन फूल नहीं खिलते हैं।
रात की रानी फूल से होने वाले फायदे
- रातरानी की पत्तियों में मच्छर भगाने का गुण होता हैं आप इसके फूल या पत्तियों को पीसकर आंगन में छिड़काव करने से शाम को मच्छर नहीं आते हैं।
- रातरानी की पत्ती को पीसकर सूजन वाली जगह पर बांधने से सूजन कम होती हैं।
- मुँह में छाले होने पर रात की रानी के फूल की एक पत्ती का टुकड़ा मुँह में डाल कर चूसने से छालों को आराम मिलता हैं।
- रात की रानी का तेल या इत्र स्किन पर लगाने से मुँहासे, दाग डब्बे, पिंपल्स, चोट के निशान पर फायदा मिलता हैं।
7. मोगरा (Jasminum Sambac)
मोगरा एक फूल देने वाला पौधा होता हैं यह फिलिपींस का राष्ट्रीय पुष्प हैं मोगरा को संस्कृत भाषा में मालती तथा मल्लिका कहते हैं मोगरा एक भारतीय पुष्प हैं मोगरे का फूल बहुत सुगन्धित होता हैं। मोगरे के फूलों से सुंदर-सुंदर गजरा बनाए जाते हैं।
मोगरे के फूल से होने वाले फायदे
- मोगरा का इत्र कान में डालने से कान दर्द जल्द ही ठीक हो जाता हैं।
- मोगरा कोढ़, मुँह और आंख के रोगों से लाभ देता हैं।
- मोगरे की चाय पीने से बुखार, इंफेक्शन और मूत्र रोगों में आराम मिलता हैं।
- मोगरे की चाय का सेवन करने से कैंसर से बचाव होता हैं।
8. चांदनी का फूल (Crape Jasmine)
चाँदनी के फूल सफेद रंग के सुगन्धित होते हैं यह दो प्रकार के होते हैं सफेद पाँच पंखुड़ियों वाले और दो पंक्तियों में व्यवस्थित पाँच पंखुड़ियों से युक्त होते हैं। चाँदनी का वृक्ष सदैव हरा-भरा रहता हैं इसके पौधे चमकीले, भूरे रंग के होते हैं इसके पत्ते चिकने एवं हरे रंग के होते हैं।
चांदनी के फूल से होने वाले फायदे
- चांदनी के पौधों से निकलने वाला दूध तेल में मिलाकर मस्तक पर लगाने से सिर तथा आखों का दर्द ठीक होता हैं।
- चाँदनी की जड़ो का पेस्ट बनाकर उसमें नींबू का रस मिलाकर उसको आखों के चारों तरफ लगाने से आंखों की बीमारियों से लाभ मिलता हैं।
- चाँदनी के पत्ते का काढ़ा बनाकर पीने से उच्च रक्त चाप में लाभ होता हैं।
- चाँदनी के फूल के रस को त्वचा पर लगाए इससे जलन, दर्द, सूजन और दाद में लाभ होता हैं।
9. सूरजमुखी का फूल (Sunflower)
सूरजमुखी का फूल देखने में बहुत ही आकर्षक लगता हैं लेकिन यंग फूल गंधरहित होता हैं इसका वैज्ञानिक नाम हेलियनथस एनस हैं सूरज मुखी का फूल सूर्य के चारों तरफ घूमता रहता हैं जिस तरफ सूर्य होगा सूरजमुखी का फूल भी उसी तरफ घूम जाता हैं।
सूरजमुखी के फूल सूर्य के आने पर खिल जाते हैं और सूर्य के अस्त हो जाने पर चले जाते हैं सूरजमुखी के फूलों का रंग सफेद, बैंगनी, और पीला होता हैं इसकी पत्तियां पांच पत्तों वाली होती हैं। सूरजमुखी के फूल, पत्ते, बीज और टहनियां सभी औषधीय के रूप में इस्तेमाल किए जाते हैं।
सूरजमुखी के फूल से होने वाले फायदे
- सूरजमुखी के फूलों से पेट दर्द या पेट में होने वाली सूजन या पेट में हुए कीड़े आदि ठीक हो जाते हैं।
- यह पाचन क्रिया के लिए भी लाभकारी होता हैं।
- सूर्यमुखी के फूल की पंखुड़ियों से रंग बनाया जाता हैं।
- ये शरीर में होने वाली जलन को खत्म करने में मदद करते हैं।
10. बबूने का फूल (Chamomile)
बबूने के फूल को अंग्रेजी भाषा में कैमोमाइल कहाँ जाता हैं इसके तेल का इस्तेमाल औषधि के लिए किया जाता हैं जैसे:- बुखार, कोल्ड, अनिद्रा, जैसी समस्याओं के इलाज के लिए बबूने के तेल का इस्तेमाल किया जाता हैं।
बबूने के फूल से होने वाले फायदे
- बबूने के तेल मे हेयर लाइटनिंग तत्व होते हैं इसको सिर में लगाने से डैंड्रफ दूर हो जाते है।
- इसके फूलों से बनी हर्बल टी का दिन में तीन बार सेवन से आपको काफी फायदा मिलता हैं।
- चोट के निशान और घाव को भरने के लिए बबूने के तेल का इस्तेमाल किया जाता हैं।
- बबूने के तेल में जैतून और बादाम का तेल मिलाकर स्किन पर लगाने से त्वचा में निखार आता हैं।
- बबूने के तेल को एक्जिमा, मुंहासे और स्किन में लगाने से फायदा मिलता हैं।
11. पीला कनेर (Yellow Oleander)
कनेर का फूल बहुत ही मशहूर हैं यह फूल सिरे से नोकदार, नीचे को खुरदरे और ऊपर से चिकने होते हैं इस वृक्ष में पीले फूल लगते हैं इसकी पत्तियां लम्बी-पतली होती हैं इसकी छाल कड़वी होती हैं कनेर का बीज विषाक्त होता हैं। इसके फूल ज्यादातर गर्मियों के मौसम में खिलते हैं।
पीली कनेर के फूल से होने वाले फायदे
- कनेर की जड़ को ठंडे पानी में पीसकर फोड़े फुंसियों पर लगाने से फोड़ो जल्दी फूटने लगते हैं।
- पीली कनेर के फूल का दूध शरीर की जलन को रोकने के लिए फायदेमंद होता हैं।
- फूल को पीस कर त्वचा पर लगाने से चेहरे का रंग निखलता हैं।
- सिर दर्द के लिए कनेर का फूल काफी लाभदायक है।
12. सदाबहार (Periwinkle)
सदाबहार फूल बारह महीने खिलता हैं इसलिए इस फूल का नाम सदाबहार हैं सदाबहार फूल का वैज्ञानिक नाम केथारेन्थस हैं इस फूल की आठ जातियां होती हैं इसमें से सात मेडागास्कर में तथा आठवीं भारतीय उपमहाद्वीप में पाई जाती हैं।
सदाबहार के फूल से होने वाले फायदे
- सदाबहार की जड़े ब्लड शूगर लेवल को कम करती हैं यह डायबिटीज के इलाज के लिए काफी फायदेमंद होता हैं।
- सदाबहार के पौधों को कैंसर की बीमारी के उपचार के लिए असरकारी मानते हैं सदाबहार वृक्ष की पत्तियां कैंसर धारी होती हैं यह कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकती हैं।
- सदाबहार के फूल को सूंघने से मुँह और नाक से खून आना बंद हो जाता हैं।
- सदाबहार के फूल से जो दूध निकलता हैं उसको घाव के ऊपर लगाने से इंफेक्शन का खतरा नहीं होता हैं।
13. छुईमूई (Shameplant)
छुईमूई की पत्तियों को जैसे ही आप छुएंगे वैसे ही उसकी पत्तियां शर्मा कर मुर्छाने लगती हैं इसी कारण से इसके बहुत से नाम हैं जैसे:- लाजवंती, शर्मीली, लजौली और छुईमूई आदि।
छुईमूई का पौधा औषधीय गुणों से परिपूर्ण होता हैं जिसकी जड़, बीज एवं पत्तियां बहुत सी बीमारियों के लिए लाभदायक होती हैं जैसे:- आखों के काले घेरे, आतँ का घाव, कब्ज, कमजोरी, नेत्र रोग, मधुमेह रोग, पेट दर्द, फोड़े फुन्सी, बवासीर, डायबिटीज आदि।
छुईमूई के फूल से होने वाले फायदे
- तीन ग्राम छुईमूई के बीजों के चूर्ण को दूध के साथ मिलाकर सोने से पहले इसका सेवन कीजिए शारीरिक कमजोरी दूर होती हैं।
- घाव को ठीक करने के लिए छुईमूई की जड़ों का चूर्ण बनाकर घाव पर लगाने से घाव जल्द ही भर जाता हैं।
- छुईमूई की पत्तियों को पीसकर टॉन्सिल पर लगाने से जल्द ही आराम मिलता हैं।
- छुईमूई की पत्तियों को काढ़ा बनाकर पीने से डायबिटीज में आराम मिलता हैं।
14. धतूरा (Pricky Pear)
धतूरा एक पादम हैं यह वृक्ष काला और सफेद दोनों रंग का होता हैं धतूरे के फूल शंकर जी को चढ़ाए जाते हैं धतूरे के फूल, फल, पत्ते, बीज, जड़ का प्रयोग औषधि के लिए किया जाता हैं जो बहुत ही फायदेमंद हैं।
धतूरा से होने वाले फायदे
- धतूरा के 2,3 बीजों को रोज ऐसे ही निगलने से सिर दर्द ठीक होता हैं।
- आखों के लिए भी धतूरा लाभदायक है धतूरे के पत्तो के रस को आंखों के बाहर चारों तरफ लगाने से आंखों का दर्द कम होता हैं।
- सर्दी खासी या किसी भी प्रकार के साइड इफेक्ट के लिए या कान में सूजन के लिए धतूरे के पत्ते का काढ़ा बनाकर कान के चारों तरफ लगाने से लाभ मिलेगा।
- हैजा वाले रोगियों के लिए धतूरे का सेवन लाभदायक है।
Flowers Name in Hindi and English
1 | Rose | गुलाब |
2 | Lotus | कमल |
3 | Daisy | गुलबहार |
4 | Palash | पलाश के फूल |
5 | Sunflower | सूरजमुखी |
6 | Jasmine | चमेली का फूल |
7 | Marigold | गेंदे का फूल |
8 | Hibiscus | गुड़हल का फूल |
9 | Blue water lily | नीलकमल |
10 | Chrysenthemum flower | चंद्रमल्लिका |
11 | Periwinkle | सदाबहार |
12 | Pansy | बनफूल |
13 | Star jasmine | कुंद पुष्प |
14 | Crossandra | अबोली |
15 | Acacia | बबूल |
16 | Blue water lily | नीलकमल |
17 | Bluestar flower | असोनिया |
18 | Tulip | कंद पुष्प |
19 | Sweet violet | बनवशा का फूल |
20 | Stramonium | धतुरा या सफेद धतूरा |
21 | Anemone flower | एनीमोन फ्लावर |
22 | Monsoon lily | सफेद लिली |
23 | Siroi lily | सिरोई कुमुदिनी |
24 | Canna lily | सर्वजय |
25 | Cockscomb flower | लाल मुर्गा |
26 | Rohira | रोहेड़ा |
27 | Daffodils | नरगिस |
28 | Creeper | लता |
29 | Mexican tuberrose | रजनीगंधा |
30 | Mountain lorel | माउंटेन लॉरेल |
31 | Spanish cherry | मोलश्री का पुष्प |
32 | Burmann’ s sundew | मुखजली |
33 | Night flowering jashmine | रात रानी |
34 | Cobra saffron | नाग चंपा |
35 | Pink rose | गुलाबी गुलाब |
36 | Burr marrow | बिचता |
37 | Brahma kamal | ब्रहा कमल |
38 | Glory lily | बचनाग |
39 | Snowdrop flower | गुलचंदनी फूल |
40 | Asiatic lily | एशियाटिक लिली |
41 | Bouganvillea | बुगनबेल |
42 | Tanner cassia | तरवडं के फूल |
43 | Blue morning glory | प्रातः श्री |
44 | Queen crape myrtle | जरुल |
45 | Lilac | बकाइन |
46 | Indigo flower | नील फूल |
47 | Star glory | कामलता फूल |
48 | Orchid flower | आर्किड के फूल |
49 | Golden frangipani | सोन चंपा |
50 | Monsoon lily | सफेद मूसली |
51 | Orange tiger lily | टाइगर लिली |
52 | Ashok flower | सीता अशोक |
53 | Prickly pear | नाग फनी |
54 | Pot marigold | गुले असरफी |
55 | Common white frangipani | गुलांची |
56 | Peacock flower | गुलेतुरा फ्लावर |
57 | Balsam | गुल मेहंदी |
58 | Star glory | स्टार महिमा |
59 | Red lotus | कुमुद |
60 | Bud | कली |
61 | Narcissus | नरगिस |
62 | Oleander | कनेर |
63 | Pandanus | केवड़ा |
64 | Yellow oleander | पीला कनेर |
65 | Tribulus terristeris | गोखरू |
66 | Lavender | लेवेंडर के फूल |
67 | Primrose | बसंती गुलाब |
68 | Motia | मोतिया |
69 | Poppy | ख़स ख़स अफीम |
70 | Stramonium | धतुरा |
71 | Arabian jashmine | मोगरा |
72 | Bluestar | असोनिया |
73 | Pot marigold | गुले असरफी |
74 | Hollyhock | गुलखेरा |
75 | Mesua ferrea | नाग केसर |
76 | Combretum indicum | कॉम्ब्रेटम संकेत |
77 | Geranium flower | गेरियम फूल |
78 | Crape jashmine | चांदनी के फूल |
79 | Blueball flower | ब्लू बेल फ्लावर |
80 | Columbine flower | कलुम्बिन फूल |
81 | Mirabilis jalapa | गुल अब्बास |
82 | Hypericum flower | हैपैरिकम फूल |
83 | Renuculus flower | रेनुकुलस फूल |
84 | Common crape myrtle | सावनी |
85 | Murraya | कामिनी |
86 | Mesua ferrea | नाग केसर |
87 | Hiptage | माधवी पुष्प |
88 | Erythrina | परिजात |
89 | Cypress | कामलता |
90 | Aconite | कुचला |
91 | Peacock flower | गुलेतुला फूल |
92 | Scarlet milkweed | ककतुण्डि |
93 | Black turmeric flower | काली हल्दी का फूल |
94 | Puncture wine | गोखरू |
95 | Shameplant | छुईमुई |
96 | Balsam | गुलमेहँदी |
97 | Flax() | पटसन |
98 | Pendanus | केवड़ा |
99 | Persian bettercup | फ़ारसी बेटरकप |
100 | Bindweed creeper | काम लता |
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