यदि आप भारत की प्रमुख नदियों के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही पेज पर आए हैं क्योंकि इस पेज पर आप सामान्य ज्ञान के महत्वपूर्ण अध्याय भारत की प्रमुख नदियाँ, लम्बाई और उद्गम स्थल के बारे में समस्त जानकारी पढ़ेंगे।
पिछले पेज पर हम सामान्य ज्ञान के महत्वपूर्ण अध्याय भारतीय कला एवं संस्कृति की जानकारी शेयर कर चुके है उसे जरूर पढ़े।
चलिए अब भारत में बहने वाली प्रमुख 51 नदियों की जानकारी को पढ़कर समझते है।
भारत की प्रमुख नदियाँ
क्रमांक | नदी | लम्बाई (कि.मी.) | उद्गम स्थान | सहायक नदियाँ | प्रवाह क्षेत्र (सम्बन्धित राज्य) |
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1 | गंगा नदी | 2,525 | गंगोत्री के निकट गोमुख से | यमुना, रामगंगा, गोमती, बागमती, गंडक, कोसी, सोन, अलकनंदा, भागीरथी, पिण्डार, मंदाकिनी, | उत्तरांचल, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल |
2 | ब्रह्मपुत्र नदी | 2,900 | मानसरोवर झील के निकट | घनसिरी, कपिली, सुवनसिती, मानस, लोहित, नोवा, पद्मा, दिहांग | अरुणाचल प्रदेश, असम |
3 | कावेरी नदी | 805 | केरकारा के निकट ब्रह्मगिरी | हेमावती, लोकपावना, शिमला, भवानी, अमरावती, स्वर्णवती | कर्नाटक तमिलनाडु |
4 | सिन्धु नदी | 3,180 | मानसरोवर झील के निकट (तिब्बत) | सतलुज, व्यास, झेलम, चिनाब, रावी, शिंगार, गिलगित, श्योक | जम्मू और कश्मीर लेह |
5 | गोदावरी नदी | 1,465 | नासिक की पहाड़ियों से | प्राणहिता, पेनगंगा, वर्धा, वेनगंगा, इन्द्रावती, मंजीरा, पुरना | महाराष्ट्र, कर्नाटक, आन्ध्र प्रदेश |
6 | नर्मदा नदी | 1,312 | अमरकंटक चोटी | तवा, शेर, शक्कर, दूधी, बर्ना | मध्य प्रदेश, गुजरात |
7 | यमुना नदी | 1,376 | यमुनोत्री ग्लेशियर | चम्बल, बेतवा, केन, टोंस, गिरी, काली, सिंध, आसन | उत्तरांचल उत्तर प्रदेश दिल्ली |
8 | महानदी | 900 | सिहावा के निकट रायपुर | सियोनाथ, हसदेव, उंग, ईब, ब्राह्मणी, वैतरणी | मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा |
9 | सतलुज नदी | 1,450 | मानसरोवर के निकट राकसताल | व्यास, स्पिती, बस्पा | हिमाचल प्रदेश, पंजाब |
10 | कोशी नदी | 729 | नेपाल में सप्तकोशिकी (गोंसाईधाम) | इन्द्रावती, तामुर, अरुण, कोसी | सिक्किम बिहार |
11 | चम्बल नदी | 1,024 | मऊ के निकट जानापाव पहाड़ी से | काली सिंध, सिप्ता, पार्वती, बनास | मध्य प्रदेश |
12 | सोन नदी | 784 | अमरकंटक की पहाड़ियों से | रिहन्द, कुनहड़ | मध्य प्रदेश, बिहार |
13 | ताप्ती नदी | 724 | मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में मुल्ताई नामक स्थान से | पूर्णा नदी, गिरना नदी, पंजारा नदी, वाघुर नदी, बोरी नदी और अनर नदी | मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र |
14 | झेलम नदी | 725 | शेषनाग झील, जम्मू-कश्मीर | किशन, गंगा, पुँछ लिदार,करेवाल, सिंध | जम्मू-कश्मीर |
15 | बेतवा नदी | 590 | भोपाल के पास उबेदुल्ला गंज के पास | यमुना | मध्य प्रदेश |
16 | घाघरा नदी | 1,080 | मप्सातुंग (नेपाल) हिमनद | शारदा, करनली, कुवाना, राप्ती, चौकिया, | उत्तर प्रदेश, बिहार |
17 | चेनाब नदी | 960 | बारालाचा दर्रे के निकट | चन्द्रभागा | जम्मू-कश्मीर |
18 | अलकनन्दा नदी | 195 | उत्तराखंड में संतोपंथ और भगीरथ खरक नामक हिमनदों से | सरस्वती, ऋषिगंगा, लक्मनगंगा, पश्चिमी धोलीगंगा, बालखिल्य, बिरहिगंगा, पातालगंगा, गरुनगंगा, नंदाकिनी, पिंडर, मंदाकिनी | उत्तराखंड |
19 | दामोदर नदी | 592 | छोटा नागपुर पठार से दक्षिण पूर्व | कोनार, जामुनिया, बराकर | झारखण्ड पश्चिम बंगाल |
20 | कृष्णा नदी | 1,400 | महाबलेश्वर के निकट | कोयना, यरला, वर्णा, पंचगंगा, दूधगंगा, घाटप्रभा, मालप्रभा, भीमा, तुंगप्रभा, मूसी | महाराष्ट्र, कर्नाटक, आन्ध्र प्रदेश |
21 | हुगली नदी | 260 | नवद्वीप के निकट | जलांगी, गंगा नदी | |
22 | रामगंगा नदी | 596 | नैनीताल के निकट एक हिमनदी से | खोन | उत्तरांचल, उत्तर प्रदेश |
23 | साबरमत्ती नदी | 371 | जयसमंद झील (उदयपुर) | वाकल, हाथमती | राजस्थान गुजरात |
24 | लूनी नदी | 495 | नाग पहाड़ | सुकड़ी, जनाई, बांडी | राजस्थान, गुजरात, मिरूडी, जोजरी |
25 | केन नदी | 427 | जबलपुर, मध्यप्रदेश से | उर्मिला नदी, सुनार नदी | मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश |
26 | तीस्ता नदी | 315 | पश्चिम बंगाल राज्य तथा बांग्लादेश से | रांगपो नदी | पश्चिम बंगाल राज्य, बांग्लादेश से |
27 | भागीरथी नदी | 205 | उत्तरकाशी ज़िले में गौमुख से | रुद्रागंगा, केदारगंगा, जाडगंगा, सियागंगा, असीगंगा, भिलंगना, भिलंगना, अलकनंदा | उत्तराखण्ड राज्य |
28 | तुंगभद्रा नदी | 531 | औकबरदा, कुमुदावती, वरदा, वेदवती, हांद्री | कर्नाटक एवं आन्ध्र प्रदेश | |
29 | गोमती नदी | 900 | पीलीभीत जिले की तहसील माधौटान्डा के पास फुल्हर झील से | गैहाई | |
30 | व्यास नदी | 470 | रोहतांग दर्रा | तीर्थन, पार्वती, हुरला | हिमाचल प्रदेश |
31 | शिप्रा नदी | 195 | काकरी बरडी पहाड़ी, इंदौर | चम्बल नदी | |
32 | पद्मा नदी | 120 | |||
33 | बनास नदी | 512 | राजसमंद जिले के अरावली पर्वत श्रेणियों में कुंभलगढ़ के पास ‘खमनोर की पहाडी’ से | बेडच, कोठरी, मांसी, खारी, मोरेल | राजस्थान |
34 | भीमा नदी | 861 | पश्चिमी घाट की भीमशंकर पर्वतश्रेणी से | कृष्णा नदी | महाराष्ट्र, कर्नाटक |
35 | काली सिंध नदी | 630 | बागलो, ज़िला देवास,विंध्याचल पर्वत | यमुना नदी | |
36 | इंद्रावती नदी | 531 | कालाहाण्डी, उड़ीसा | नारंगी, कोटरी | उड़ीसा |
37 | घग्गर नदी | 320 | कालका, हिमाचल प्रदेश | हिमाचल प्रदेश | |
38 | टोंस नदी | 150 | मैहर के समीप तमशाकुण्ड जलाशय से | वेलन | |
39 | रावी नदी | 720 | रोहतांग दर्रा, कांगड़ा | साहो, सुइल | पंजाब |
40 | सरयू नदी | 350 | कुमाऊँ क्षेत्र, उत्तराखंड, भारत | राप्ती | उत्तराखंड |
41 | पेन्ना नदी | 970 | कर्नाटक में नन्ददुर्ग पहाड़ी से | पापाधन और चित्रावती | उड़ीसा |
42 | बाणगंगा नदी | 380 | जयपुर जिले की बैराड़ पहाड़ियों c | यमुना नदी | राजस्थान |
43 | बागमती नदी | 597 | हिमालय की महाभारत श्रेणियों से | लाल बकेया नदी, लखनदेई नदी, चकनाहा नदी, जमुने नदी, सिपरीधार नदी, छोटी बागमती, कोला नदी | नेपाल, बिहार |
44 | सारदा नदी | 350 | कालापानी नामक स्थान | गंगा नदी | भारत के उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश |
45 | मही नदी | 583 | मेहद झील से | सोम, जोखम, अनास, सोरन | मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात |
46 | वैनगंगा नदी | 569 | मध्यप्रदेश के सिवनी जिला, गोपालगंज से | थेल, थनवार, बाग, चुलबंद, गढ़वी, खोब्रगढ़ी, कथनी बाएं तट से जुड़ती हैं और हीरा, चंदन, बावनथरी, कन्हान और मूल दाहिने किनारे से जुड़ती हैं। | सिवनी जिला, मध्यप्रदेश |
46 | महानंदा नदी | 360 | हिमालय से | गंगा नदी | पंचगढ़ जिले के टेंटुलिया |
48 | कोयना नदी | 130 | महाराष्ट्र के पश्चिमी घाट में स्थित महाबालेश्वर से | कृष्णा, औरंगा | महाराष्ट्र |
49 | तवा नदी | 117 | मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले से | नर्मदा नदी | मध्यप्रदेश से होशंगाबाद |
50 | पुनपुन नदी | 200 | झारखंड के छोटानागपुर के पठार से | गंगा नदी | पटना के नजदीक फतुहा |
51 | राप्ती नदी | 600 | रोहणी नदी | उत्तर प्रदेश |
1. गंगा नदी
गंगा नदी उत्तर भारत के मैदानों की विशाल नदी हैं इस नदी को उत्तर भारत की अर्थव्यवस्था का मेरुदण्ड भी कहाँ गया हैं गंगा नदी भारत और बांग्ला देश को मिलाकर 2,525 किलोमीटर की दूरी तय करती हैं।
यह विश्व के सबसे उपजाऊ और घनी आबादी वाले क्षेत्रों से होकर बहती हैं गंगा नदी को पूजनीय और पवित्र माना जाता हैं इसे माँ और गंगा मैया के नाम से पुकारा जाता हैं गंगा नदी पानी के निर्वाहन के आधार पर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी नदी हैं।
भारत की चार सबसे बड़ी नदियों में गंगा नदी भी शामिल हैं सिंधु, ब्रह्मपुत्र, गंगा और गोदावरी इन नदियों के प्रमुख नाम हैं गंगा नदी को सबसे पवित्र नदी माना जाता हैं भागीरथी नदी गंगा नदी की महत्वपूर्ण सहायक नदी हैं जो गोमुख स्थान से 25 किलोमीटर लम्बे गंगोत्री हिमनद से निकलती हैं।
गंगोत्री हिमनद उत्तराखण्ड राज्य में उत्तरकाशी जिले में स्थित हैं यह समुद्रतल से 618 मीटर की ऊँचाई पर और ऋषिकेश से 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं।
2. ब्रह्मपुत्र नदी
ब्रह्मपुत्र एक नदी है जो तिब्बत, भारत तथा बांग्लादेश से होकर बहती है। ब्रह्मपुत्र का उद्गम हिमालय के उत्तर में तिब्बत के पुरंग जिले में स्थित मानसरोवर झील के निकट होता है जहाँ इस नदी को यरलुंग त्संगपो कहा जाता है।
तिब्बत में बहते हुए यह नदी भारत के राज्य अरुणांचल प्रदेश में प्रवेश करती है आसाम घाटी में बहते हुए इसे ब्रह्मपुत्र और फिर बांग्लादेश में प्रवेश करने पर इसे जमुना भी कहा जाता है। पद्मा (गंगा) से संगम के बाद इनकी संयुक्त धारा को मेघना कहा जाता है, जो कि सुंदरबन डेल्टा का निर्माण करते हुए बंगाल की खाड़ी में जाकर मिल जाती है।
ब्रह्मपुत्र नदी की लम्बाई लगभग 2900 किलोमीटर है। ब्रह्मपुत्र का नाम तिब्बत में सांपो, अरुणाचल में डिहं तथा असम में ब्रह्मपुत्र है। ब्रह्मपुत्र नदी बांग्लादेश की सीमा में जमुना के नाम से दक्षिण में बहती हुई गंगा की मूल शाखा पद्मा के साथ मिलकर बंगाल की खाड़ी में जाकर मिलती है।
सुवनश्री, तिस्ता, तोर्सा, लोहित, बराक आदि ब्रह्मपुत्र की उपनदियां हैं। ब्रह्मपुत्र के किनारे स्थित शहरों में डिब्रूगढ़, तेजपुर एंव गुवाहाटी प्रमुख हैं प्रायः भारतीय नदियों के नाम स्त्रीलिंग में होते हैं पर ब्रह्मपुत्र एक अपवाद है। संस्कृत में ब्रह्मपुत्र का शाब्दिक अर्थ ब्रह्मा का पुत्र होता है।
3. कावेरी नदी
कावेरी नदी कर्नाटक तथा उत्तरी तमिलनाडु में बहने वाली एक सदानीरा नदी है। कावेरी नदी पश्चिमी घाट के पर्वत ब्रह्मगिरी से निकली है। कावेरी नदी की लम्बाई 800 किलोमीटर है और इसकी ऊँचाई 1,276 मीटर (4, 186 फीट) हैं दक्षिण पूर्व में प्रवाहित होकर कावेरी नदी बंगाल की खाड़ी में मिली है।
कावेरी नदी की उपनदियाँ सिमसा, हिमावती,भवानी इसकी है। कावेरी नदी के किनारे बसा हुआ शहर तिरुचिरापल्ली हिन्दुओं का प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है। कावेरी नदी के डेल्टा पर अच्छी खेती होती है। इसके पानी को लेकर दोनो राज्यों में विवाद है। इस विवाद को लोग कावेरी जल विवाद कहते हैं। कावेरी नदी पर तमिलनाडु में होगेनक्कल जलप्रपात तथा कर्नाटक राज्य में भारचुक्की और बालमुरी जलप्रपात अवस्थित है। इसे दक्षिण भारत की गंगा भी कहते है।
4. सिन्धु नदी
सिन्धु नदी को अंग्रेजी में Indus River कहाँ जाता हैं सिंधु नदी एशिया की सबसे लम्बी नदियों में से एक है। यह पाकिस्तान, भारत (जम्मू और कश्मीर) और चीन (पश्चिमी तिब्बत) के माध्यम से बहती है सिन्धु नदी का उद्गम स्थल, तिब्बत के मानसरोवर के निकट सिन-का-बाब नामक जलधारा माना जाता है।
सिंधु नदी की लम्बाई 3,180 (2,880) किलोमीटर है यहां से यह नदी तिब्बत और कश्मीर के बीच बहती है। नंगा पर्वत के उत्तरी भाग से घूम कर यह दक्षिण पश्चिम में पाकिस्तान के बीच से गुजरती है और फिर जाकर अरब सागर में मिलती है। इस नदी का ज्यादातर अंश पाकिस्तान में प्रवाहित होता है। यह पाकिस्तान की सबसे लंबी नदी और राष्ट्रीय नदी है।
सिंधु नदी की पांच उपनदियां हैं। इनके नाम – वितस्ता, चन्द्रभागा, ईरावती, विपासा एंव शतद्रु हैं इनमें शतद्रु सबसे बड़ी उपनदी है। सतलुज/शतद्रु नदी पर बना भाखड़ा-नंगल बांध के द्वारा सिंचाई एंव विद्दुत परियोजना को बहुत सहायता मिली है। इसकी वजह से पंजाब (भारत) एंव हिमाचल प्रदेश में खेती ने वहां का चेहरा ही बदल दिया है। वितस्ता (झेलम) नदी के किनारे जम्मू व कश्मीर की राजधानी श्रीनगर स्थित है।
5. गोदावरी नदी
गोदावरी दक्षिण भारत की एक प्रमुख नदी है गोदावरी नदी दूसरी प्रायद्वीपीय नदियों में से सबसे बड़ी नदी है। गोदावरी नदी को दक्षिण गंगा भी कहा जाता है। इस नदी की उत्पत्ति पश्चिमी घाट में त्रयंबक पहाड़ी से हुई है। यह नदी महाराष्ट्र राज्य में नासिक जिले से निकलती है।
गोदावरी नदी की लम्बाई प्रायः 1465 किलोमीटर है इस नदी का पाट बहुत बड़ा है गोदावरी की उपनदियों में प्रमुख हैं प्राणहिता, इन्द्रावती, मंजिरा। यह नदी महाराष्ट, तेलंगना और आंध्र प्रदेश से बहते हुए राज हमुन्द्री शहर के समीप बंगाल की खाड़ी मे जाकर मिलती है गोदावरी नदी की औसत गहराई 17 फीट (5 मीटर) और अधिकतम गहराई 62 फीट (19 मीटर) है।
6. नर्मदा नदी
नर्मदा नदी को रेवा के नाम से भी जाना जाता है, नर्मदा नदी मध्य भारत की एक नदी और भारतीय उप महाद्वीप की पांचवीं सबसे लंबी नदी है। यह गोदावरी नदी और कृष्णा नदी के बाद भारत के अंदर बहने वाली तीसरी सबसे लंबी नदी है।
मध्य प्रदेश राज्य में इसके विशाल योगदान के कारण इसे “मध्य प्रदेश की जीवन रेखा” भी कहा जाता है। यह उत्तर और दक्षिण भारत के बीच एक पारंपरिक सीमा की तरह कार्य करती है। यह अपने उद्गम से पश्चिम की ओर 1,312 किलोमीटर तक फैली हैं यह नदी खंभात की खाड़ी से होकर अरब सागर में जा कर मिलती है।
नर्मदा नदी मध्य भारत और गुजरात राज्य में बहने वाली एक प्रमुख नदी है। मैकल पर्वत के अमरकण्टक शिखर से नर्मदा नदी की उत्पत्ति हुई है नर्मदा नदी की लम्बाई 1312 किलोमीटर है यह नदी पश्चिम की तरफ जाकर खम्बात की खाड़ी में गिरती है।
7. यमुना नदी
यमुना नदी यमुनोत्री नामक स्थान से निकलती है। यह गंगा नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी है। यमुना का उद्गम स्थान हिमालय के हिमाच्छादित श्रंग बंदरपुच्छ ऊँचाई 6200 मीटर से 7 से 8 मील उत्तर-पश्चिम में स्थित कालिंद पर्वत है, जिसके नाम पर यमुना को कालिंदजा अथवा कालिंदी कहा जाता है।
अपने उद्गम से आगे कई मील तक विशाल हिमगारों और हिम मंडित कंदराओं में अप्रकट रूप से बहती हुई तथा पहाड़ी ढलानों पर से अत्यन्त तीव्रतापूर्वक उतरती हुई इसकी धारा यमुनोत्तरी पर्वत (20,731 फीट ऊँचाई) से प्रकट होती है। वहाँ इसके दर्शनार्थ हजारों श्रद्धालु यात्री प्रतिवर्ष भारत वर्ष के कोने-कोने से पहुँचते हैं।
8. महानदी
महानदी छत्तीसगढ़ तथा उड़ीसा अंचल की सबसे बड़ी नदी है। प्राचीनकाल में महानदी का नाम चित्रोत्पला था। महानदी के दो नाम – महानन्दा एवं नीलोत्पला हैं। महानदी का उद्गम रायपुर के समीप धमतरी जिले में स्थित सिहावा नामक पर्वत श्रेणी से हुआ है।
महानदी का प्रवाह दक्षिण से उत्तर की तरफ है। सिहावा से निकलकर राजिम में यह जब पैरी और सोढुल नदियों के जल को ग्रहण करती है तब तक विशाल रूप धारण कर चुकी होती है सिहावा से निकलकर बंगाल की खाड़ी में गिरने तक महानदी लगभग 855 किलोमीटर की दूरी तय करती है।
9. सतलज नदी
सतलुज नदी उत्तरी भारत में बहने वाली एक सदानीरा नदी हैं सतलुज नदी का पौराणिक नाम शतुर्दि हैं इसकी लम्बाई 1,450 किलोमीटर हैं दक्षिण-पश्चिम तिब्बत में समुद्र तल से 4,600 मीटर की ऊंचाई पर इसका उद्गम मानसरोवर के निकट राक्षस ताल से है, जहां इसका स्थानीय नाम लोगचेन खम्बाव है इसकी लम्बाई पंजाब में बहने वाली पांच नदियों में सबसे अधिक हैं।
ब्यास और चिनाब नदियाँ सतलुज नदी की सहायक नदी हैं उद्गम स्थल से हिमाचल प्रदेश में प्रवेश करने से पहले यह पश्चिम की ओर मुड़कर कैलाश पर्वत के ढाल के पास बहती है। यहाँ से यह नदी गहरे खड्डों से होकर बहती है और पर्वत श्रेणियों की क्रमिक ऊंचाई सतलुज घाटी में चबूतरों में परिवर्तित हो जाती है।
हिमाचल प्रदेश के पहाड़ों से अपना रास्ता तय कराते हुये यह नदी पंजाब के नांगल में प्रवेश करती है। नांगल से कुछ किलोमीटर ऊपर हिमाचल प्रदेश के भाखड़ा में सतलुज पर बांध बनाया गया है। बांध के पीछे एक विशाल जलाशय का निर्माण किया गया है, जो गोविंद सागर जलाशय कहलाता है।
10. कोशी नदी
कोसी नदी नेपाल में हिमालय से निकलती है और बिहार में भीम नगर के रास्ते से भारत प्रज्वल में दाखिल होती है कोसी नदी की लंबाई 729 किलोमीटर हैं इसमें आने वाली बाढ से बिहार में बहुत तबाही होती है जिससे इस नदी को ‘बिहार का अभिशाप (बिहार क शोक) कहा जाता है।
कोसी नदी का भौगोलिक स्वरूप पिछले 250 वर्षों में 120 किमी का विस्तार कर चुकी है। हिमालय की ऊँची पहाड़ियों से तरह तरह से अवसाद (बालू, कंकड़-पत्थर) अपने साथ लाती हुई ये नदी निरंतर अपने क्षेत्र फैलाती जा रही है। उत्तरी बिहार के मैदानी इलाकों को तरती ये नदी पूरा क्षेत्र उपजाऊ बनाती है। नेपाल और भारत दोनों ही देश इस नदी पर बाँध बना चुके हैं; हालाँकि कुछ पर्यावरणविदों ने इससे नुकसान की भी संभावना जतायी थी।
हिन्दू ग्रंथों में इसे कौशिकी नाम से उद्धृत किया गया है। कहा जाता है कि विश्वामित्र ने इसी नदी के किनारे ऋषि का दर्ज़ा पाया था। वे कुशिक ऋषि के शिष्य थे और उन्हें ऋग्वेद में कौशिक भी कहा गया है। सात धाराओं से मिलकर सप्तकोशी नदी बनती है जिसे स्थानीय रूप से कोसी कहा जाता है महाभारत में भी इसका ज़िक्र कौशिकी नाम से मिलता है।
11. चम्बल नदी
चंबल नदी जानापाव पर्वत बाचू पाईट महू से निकलती हैं इसका प्राचीन नाम “चरमवाती” हैं इसकी लगभग लम्बाई 1,024 किलोमीटर हैं चम्बल नदी मध्य भारत में यमुना नदी की सहायक नदी हैं इसकी सहायक नदिया शिप्रा, सिंध, काली सिन्ध, ओर कुनू नदी है।
यह नदी भारत में उत्तर तथा उत्तर-मध्य भाग में राजस्थान के कोटा तथा धौलपुर, मध्य प्रदेश के धार, उज्जैन, रतलाम, मन्दसौर, भिंड, मुरैना आदि जिलो से होकर बहती है।
12. सोन नदी
सोन नदी मध्यप्रदेश के अमरकंटक नामक पहाड़ से निकलकर 350 मील का चक्कर काटती हुई पटना से पश्चिम में मिलती हैं सोन नदी की लगभग लम्बाई 784 किलोमीटर हैं।
सोन नदी का पानी मीठा, निर्मल और स्वास्थ्यवर्धक हैं गंगा की सहायक नदियों में सोन का प्रमुख स्थान हैं इसका पुराना नाम संभवतः सोहन था जो अब बिगड़कर सोन बन गया।
13. ताप्ती नदी
ताप्ती नदी का उद्गम स्थल मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में मुल्ताई नामक स्थान से निकलकर सतपुड़ा पर्वत प्रक्षेपों के मध्य से पश्चिम की ओर बहती हुई महाराष्ट्र के खानदेश के पठार एवं सूरत के मैदानों को पार करती है।
इस स्थान का मूल नाम मूलतापी है जिसका अर्थ है तापी का मूल या तापी माता इस नदी की कुल लम्बाई 724 किलोमीटर हैं हिन्दू मान्यता अनुसार ताप्ती को सूर्य एवं उनकी एक पत्नी छाया की पुत्री माना जाता है और ये शनि की बहन है।
14. झेलम नदी
झेलम उत्तरी भारत में बहने वाली नदी हैं इसका वास्तविक नाम वितस्ता हैं और कश्मीरी भाषा में इसे व्यथ कहते हैं झेलम नदी की कुल लम्बाई 725 किलोमीटर हैं इसका उद्भव वेरीनाग नामी नगर में हैं झेलम नदी का उद्गम स्थल जम्मू कश्मीर के शेषनाग या बेरीनाग से हैं।
15. बेतवा नदी
बेतवा भारत के मध्य प्रदेश राज्य में बहने वाली एक नदी है बेतवा नदी यमुना की सहायक नदी है यह मध्य-प्रदेश में रायसेन के कुम्हारा गांव से निकलकर उत्तर-पूर्वी दिशा में बहती हुई भोपाल, विदिशा, झाँसी, ललितपुर आदि जिलों से होकर बहती है
इसके ऊपरी भाग में कई झरने मिलते हैं किन्तु झाँसी के निकट यह काँप के मैदान में धीमे-धीमें बहती है इसकी सम्पूर्ण लम्बाई 480 किलोमीटर है।
16. घाघरा नदी
घाघरा (गोगरा या करनाली) उत्तरी भारत में बहनेवाली एक नदी है यह गंगा नदी की प्रमुख सहायक नदी है घाघरा नदी की कुल लम्बाई 1,080 किलोमीटर हैं यह दक्षिणी तिब्बत के ऊंचे पर्वत शिखरों (हिमालय) से निकलती है जहाँ इसका नाम कर्णाली है।
इसके बाद यह नेपाल से होकर बहती हुई भारत के उत्तर प्रदेश एवं बिहार में प्रवाहित होती है। लगभग 970 किमी की यात्रा के बाद बलिया और छपरा के बीच यह गंगा में मिल जाती है इसे ‘सरयू नदी’, सरजू, शारदा आदि के नाम से भी जाना जाता है।
17. चेनाब नदी
चनाब नदी जम्मू और कश्मीर के जम्मू क्षेत्र से होकर पंजाब, पाकिस्तान के मैदानी इलाकों में बहती है
इसकी कुल लम्बाई 960 किलोमीटर चिनाब का पानी भारत और पाकिस्तान द्वारा सिंधु जल समझौते की शर्तों के अनुसार साझा किया जाता है।
यह जम्मू और कश्मीर के जम्मू क्षेत्र से होकर पंजाब के मैदानी इलाकों में बहती है।
18. अलकनन्दा नदी
अलकनंदा गंगा के चार नामों में से एक है चार धामों में गंगा के कई रूप और नाम हैं।
गंगोत्री में गंगा को भागीरथी के नाम से जाना जाता है, केदारनाथ में मंदाकिनी और बद्रीनाथ में अलकनन्दा नदी हैं।
यह उत्तराखंड में संतोपंथ और भगीरथ खरक नामक हिमनदों से निकलती है यह स्थान गंगोत्री कहलाता है अलकनंदा नदी घाटी में लगभग 195 किलोमीटर तक बहती है
देव प्रयाग में अलकनंदा और भागीरथी का संगम होता है और इसके बाद अलकनंदा नाम समाप्त होकर केवल गंगा नाम रह जाता है।
19. दामोदर नदी
दामोदर पश्चिम बंगाल तथा झारखंड में बहने वाली एक नदी है इस नदी के जल से एक महत्वाकांक्षी पन बिजली परियोजना दामोदर घाटी परियोजना चलाई जाती है जिसका नियंत्रण डी वी सी करती है।
दामोदर नदी झारखण्ड के छोटा नागपुर क्षेत्र से निकलकर पश्चिमी बंगाल में पहुँचती है हुगली नदी के समुद्र में गिरने के पूर्व यह उससे मिलती है।
इसकी कुल लम्बाई 592 किलोमीटर है इस नदी के द्वारा 2500 वर्ग मील क्षेत्र का जलनिकास होता है।
पहले नदी में एकाएक बाढ़ आ जाती थी जिससे इसको ‘बंगाल का अभिशाप’ कहा जाता था कुनर तथा बराकर इसकी सहायक नदियाँ हैं।
20. रामगंगा नदी
रामगंगा नदी भारत की पवित्र नदियों में से एक हैं रामगंगा नदी का उद्गम उत्तराखण्ड के राज्य के पौड़ी गढ़वाल जिले में दूधातोली पहाड़ी की दक्षिणी ढलानों में होता है।
नदी का स्रोत, जिसे “दिवालीखाल” कहा जाता है।
रामगंगा नदी की कुल लम्बाई 596 किलोमीटर हैं जो भारत के उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश राज्यों में बहती हैं।
21. हुगली नदी
हुगली भारत की एक नदी है जो गंगा नदी की सहायक नदी है इसको विश्व का सबसे अधिक विश्वास घाती नदी कहते है।
इसी के तट पर कोलकाता बन्दरगाह स्थित है जिसको पुर्व का लंदन भी कहा जाता है।
हुगली नदी की लम्बाई 260 किलोमीटर हैं हुगली एक काफी गहरी एवं एक सबसे बड़ी गहराई वाली नदी है।
इसकी औसत गहराई 108 फीट (32 मीटर) और अधिकतम गहराई है 381 फीट (117 मीटर) है। इसकी दूर की गहराई 95 फीट (29 मीटर) है।
22. कृष्णा नदी
कृष्णा भारत में बहने वाली एक नदी है कृष्णा नदी पश्चिमी घाट के पर्वत महाबलेश्वर से निकलती है।
इसकी लम्बाई प्रायः1400 किलोमीटर है। यह दक्षिण-पुर्व राज्य महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगणा, आंध्र प्रदेश में बहती हुई बंगाल की खाड़ी में जाकर गिरती है।
कृष्णा नदी की उपनदियों में प्रमुख हैं कुडाली, वेना, कोयना, पंचगंगा तुंगभद्रा, घाटप्रभा, मूसी और भीमा हैं।
कृष्णा नदी के किनारे विजयवाड़ा एंव मूसी नदी के किनारे हैदराबाद स्थित है कृष्णा नदी का संगम बंगाल की खाड़ी है।
23. साबरमत्ती नदी
साबरमती नदी भारत की एक प्रमुख नदी है इस नदी का उद्गम राजस्थान के उदयपुर जिले में अरावली पर्वतमालाओं के दक्षिण भाग में स्थित धेबार झील से होता है, और फिर राजस्थान और गुजरात में दक्षिण-पश्चिम दिशा की ओर बहते हुए 371 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद यह अरब सागर की खंभात की खाड़ी में गिर जाती है।
नदी की लम्बाई राजस्थान में 78 किलोमीटर, और गुजरात में 323 किलोमीटर है।
साबरमती गुजरात की प्रमुख नदी है; इसके तट पर राज्य के अहमदाबाद और गांधीनगर जैसे प्रमुख नगर बसे हैं।
24. लूनी नदी
लूनी यह नदी अरावली पर्वत के निकट नाग पहाड से उत्पन्न होकर दक्षिण पश्चिम क्षेत्र में प्रवाहित होते हुए कच्छ के रन में जाकर मिलती है
राजस्थान की नदियां में यह नदी जैतारण के लोटोती से भी निकलती है व रास से भी निकलती है।
इस नदी का पानी उद्गम स्थान से लेकर बालोतरा (बाडमेर) तक मीठा होता है लेकिन बालोतरा में पहुंचता है उसके बाद उसका पानी खारा हो जाता है।
इसकी कुल लम्बाई 495 किलोमीटर और राजस्थान में 330 किलोमीटर हैं।
25. केन नदी
केन यमुना की एक उपनदी या सहायक नदी है जो बुन्देलखंड क्षेत्र से गुजरती है।
इस नदी का “शजर” पत्थर मशहूर है मंदाकिनी तथा केन यमुना की अंतिम उपनदियाँ हैं क्योंकि इस के बाद यमुना गंगा से जा कर मिलती है।
केन नदी की कुल लम्बाई 427 किलोमीटर हैं इसकी सहायक नदियां उर्मिला नदी और सुनार नदी हैं।
केन नदी जबलपुर, मध्यप्रदेश से प्रारंभ होती है, पन्ना में इससे कई धारायें आ जुड़ती हैं और फिर बाँदा, उत्तरप्रदेश में इसका यमुना से संगम होता है।
26. तीस्ता नदी
तिस्ता नदी भारत के सिक्किम तथा पश्चिम बंगाल राज्य तथा बांग्लादेश से होकर बहती है।
यह सिक्किम और पश्चिम बंगाल के जलपाइगुड़ी विभाग की मुख्य नदी है इस नदी की पूरी लम्बाई 315 किमी है नदी की सहायक रांगपो नदी पर रंगीत बांध है।
पश्चिम बंगाल में यह दार्जिलिङ जिले में बहती है तिस्ता नदी को सिक्किम और उत्तरी बंगाल की जीवनरेखा भी कहा जाता है।
सिक्किम और पश्चिम बंगाल से बहती हुई यह बांग्लादेश में प्रवेश करती है और ब्रह्मपुत्र नदी में मिल जाती है।
27. भागीरथी नदी
भागीरथी भारत के उत्तराखण्ड राज्य में बहने वाली एक नदी है यह देवप्रयाग में अलकनंदा से मिलकर गंगा नदी का निर्माण करती है।
भागीरथी का उद्गम स्थल उत्तरकाशी ज़िले में गौमुख (गंगोत्री ग्लेशियर) से हुआ हैं।
भागीरथी यहाँ 24 किलोमीटर लम्बे गंगोत्री हिमनद से निकलती है 205 किलोमीटर बहने के बाद, भागीरथी व अलकनंदा का देवप्रयाग में संगम होता है, जिसके पश्चात वह गंगा के रूप में पहचानी जाती है।
28. तुंगभद्रा नदी
तुंगभद्रा नदी दक्षिण भारत में बहने वाली एक पवित्र नदी हैं यह कर्नाटक एवं आन्ध्र प्रदेश में बहती हुई आन्ध्र प्रदेश में एक बड़ी नदी कृष्णा नदी में मिल जाती है।
रामायण में तुंगभद्रा नदी को पंपा के नाम से जाना जाता था तुंगभद्रा नदी का जन्म तुंगा एवं भद्रा नदियों के मिलन से हुआ है।
तुंगभद्रा नदी की कुल लम्बाई 531 किलोमीटर हैं।
तुंगभद्रा नदी पश्चिमी घाट के पूर्वा ढाल से होकर बहती है पश्चिमी घाट के गंगामूला नामक स्थान से (उडुपी के पास) समुद्र तल से कोई 1,198 मीटर की ऊँचाई से तुंग तथा भद्रा नदियों का जन्म होता है जो शिमोगा के पास जाकर सम्मिलित होती हैं जहाँ से इसे तुंगभद्रा कहते हैं।
29. गोमती नदी
गोमती उत्तर भारत में बहने वाली एक प्रमुख नदी है इसका उद्गम पीलीभीत जिले की तहसील माधौटान्डा के पास फुल्हर झील (गोमत ताल) से होता है।
इस नदी का बहाव उत्तर प्रदेश में 900 किलोमीटर तक है।
गोमती नदी वाराणसी के निकट सैदपुर के पास कैथी नामक स्थान पर गंगा में मिल जाती है।
पुराणों के अनुसार गोमती ब्रह्मर्षि वशिष्ठ की पुत्री हैं तथा एकादशी को इस नदी में स्नान करने से संपूर्ण पाप धुल जाते हैं।
हिन्दू ग्रन्थ श्रीमद्भागवत गीता के अनुसार गोमती भारत की उन पवित्र नदियों में से है जो मोक्ष प्राप्ति का मार्ग हैं।
30. ब्यास नदी
ब्यास नदी को अंग्रेजी भाषा में Beas कहाँ जाता हैं ब्यास नदी भारत के पंजाब राज्य में बहने वाली एक प्रमुख नदी हैं।
इसकी लम्बाई 470 किलोमीटर हैं जो पंजाब की पांच प्रमुख नदियों में से एक हैं इसका उल्लेख ऋग्वेद में एक बार हैं ब्यास नदी का उद्गम मध्य हिमाचल प्रदेश में वृहद हिमालय की जासकर पर्वतमाला के रोहतांग दर्रे पर 4,361 मीटर की ऊंचाई से होता है।
यहाँ से यह कुल्लू घाटी से होते हुये दक्षिण की ओर बहती है। जहां पर सहायक नदियों को अपने में मिलाती है फिर यह पश्चिम की ओर बहती हुई मंडी नगर से होकर कांगड़ा घाटी में आ जाती है। घाटी पार करने के बाद ब्यास पंजाब (भारत) में प्रवेश करती है व दक्षिण दिशा में घूम जाती है और फिर दक्षिण-पश्चिम में यह 470 कि॰मी॰ बहाने के बाद आर्की में सतलुज नदी में जा मिलती है।
व्यास नदी 326 ई. पू. में सिकंदर महान के भारत आक्रमण की अनुमानित पूर्वी सीमा थी ब्यास नदी का पुराना नाम ‘अर्जिकिया’ या ‘विपाशा’ था।
यह कुल्लू में व्यास कुंड से निकलती है। व्यास कुंड पीर पंजाल पर्वत शृंखला में स्थित रोहतांग दर्रे में है। यह कुल्लू, मंडी, हमीरपुर और कांगड़ा में बहती है।
31. शिप्रा नदी
शिप्रा नदी भारत की एक प्रमुख नदी हैं जो मध्यप्रदेश में बहने वाली एक ऐतिहासिक नदी हैं।
इंदौर के काकराबड़ी से शिप्रा नदी का उद्गम स्थल हैं।
शिप्रा नदी की कुल लम्बाई 195 किलोमीटर हैं गंगा नदी शिप्रा नदी की सहायक नदी हैं।
द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग इसी नदी के तट पर स्थित है।
यह नदी इंदौर की जानापाव पहाड़ियों से निकली है। 12 वर्षों में पढ़ने वाला कुंभ का मेला कि क्षिप्रा नदी के तट पर संपन्न होता है।
32. पद्मा नदी
पद्मा एक नदी है जो बांग्लादेश में गंगा की मुख्य धारा है। अर्थात् गंगा नदी बांग्लादेश में प्रवेश करते ही ‘पद्मा’ के नाम से जानी जाती है।
पद्मा नदी की कुल लम्बाई 225 मील है।
राजमहल से 30 किलोमीटर पूर्व में गंगा की एक शाखा निकलकर मुर्शिदाबाद, बहरमपुर, नदिया, हुगली और कलकत्ता होती हुई पश्चिम-दक्षिण की ओर बंगाल की खाड़ी में गिर जाती है, जो ‘भागीरथी’ शाखा के नाम से प्रसिद्ध है।
मूल नदी के संगम स्थान से गंगा, ‘पद्मा’ नाम धारण कर पबना और गोआलंद होती हुई गई है।
गोआलंद के निकट ब्रह्मपुत्र नदी की शाखा, जो ‘जमुना’ नाम से प्रसिद्ध है, आकर इसमें गिरी है। इसके बाद मूल नदी ने ब्रह्मपुत्र के साथ मिलकर ‘मेघना’ नाम धारण किया है और नोआखाली के निकट समुद्र में मिल गई है।
33. बनास नदी
बनास एक मात्र ऐसी नदी है जो अपना संपूर्ण चक्र राजस्थान में ही पूरा करती है।
बन + आस अर्थात बनास अर्थात (वन की आशा) के रूप में जानी जाने वाली यह नदी राजसमंद जिले के अरावली पर्वत श्रेणियों में कुंभलगढ़ के पास ‘खमनोर की पहाडी’ से निकलती है।
यह नाथद्वारा, राजसमंद और भीलवाड़ा जिलों में बहती हुई टौंक, सवाई माधोपुर के पश्चात रामेश्वरम सवाई माधोपुर के समीप चंबल में गिर जाती है।
इसकी लंबाई लगभग 480 किलोमीटर है इसकी सहायक नदियों में बेडच, कोठरी, मांसी, खारी, मोरेल व धुन्ध ढील डाई है।
34. भीमा नदी
भीमा भारत की एक प्रमुख नदी हैं भीमा नदी, कृष्णा नदी की प्रमुख सहायक नदी है इस नदी को भीमरथी नदी के नाम से भी जाना जाता है।
यह नदी महाराष्ट्र और कर्नाटक राज्यों से होकर बहती है।
इसका उद्गम पश्चिमी घाट की भीमशंकर पर्वतश्रेणी से होता है और यह महाराष्ट्र में 725 किमी दक्षिण-पूर्व की ओर बहने के बाद कर्नाटक में कृष्णा नदी से जा मिलती है।
भीम नदी की कुल लम्बाई 861 किलोमीटर हैं।
इस नदी की प्रमुख सहायक नदियाँ सीना और नीरा हैं भीमा अपवाह क्षेत्र पश्चिमी घाट (पश्चिम), बालाघाट पर्वतश्रेणी (उत्तर) और महादेव पर्वतश्रेणी (दक्षिण) से सीमांकित है।
35. काली गन्दरी नदी
इंद्रावती नदी मध्य भारत की एक बड़ी नदी है और गोदावरी नदी की सहायक नदी है।
इस नदी का उद्गम स्थान उड़ीसा के कालाहन्डी जिले के रामपुर थूयामूल में है।
इस नदी की कुल लम्बाई 240 मील (390 कि॰मी॰) है।
यह नदी प्रमुख रूप से छत्तीसगढ़ राज्य के बस्तर दन्तेवाडा जिले में प्रवाहित होती है।
दन्तेवाडा जिले के भद्रकाली में इंद्रावती नदी और गोदावरी नदी का सगंम होता है इंद्रावती नदी की सहायक नदियां पामेर और चिंटा प्रमुख हैं।
36. इंद्रावती नदी
इंद्रावती नदी मध्य भारत की एक बड़ी नदी है और यह गोदावरी नदी की सहायक नदी है इस नदी का उदगम स्थान उड़ीसा के कालाहन्डी जिले के रामपुर थूयामूल में है।
इंद्रावती नदी की कुल लम्बाई 535 किलोमीटर (240 मील) है।
यह नदी प्रमुख रूप से छत्तीसगढ़ राज्य के बस्तर दन्तेवाडा जिले में प्रवाहित होती है।
दन्तेवाडा जिले के भद्रकाली में इंद्रावती नदी और गोदावरी नदी का सगंम होता है। अपनी पथरीले तल के कारण इसमे नौकायन संभव नहीं है।
इसकी कई सहायक नदियां हैं, जिनमें पामेर और चिंटा नदियां प्रमुख हैं।
37. घग्गर नदी
घग्गर-हकरा नदी भारत और पाकिस्तान में वर्षा-ऋतु में चलने वाली एक मौसमी नदी है।
इसे हरयाणा के ओटू वीयर (बाँध) से पहले घग्गर नदी के नाम से और उसके आगे हकरा नदी के नाम से जाना जाता है।
इसकी कुल लम्बाई 320 किलोमीटर हैं जो हिमालय प्रदेश के शिवालिक पहाड़ों में शिमला के पास से निकलती हैं हरियाणा के कालका से अंबाला और पंजाब से गुजरती हैं।
38. टोंस नदी
यह नदी मध्यप्रदेश के सतना जिला के कैमोर श्रेणी में स्थित मैहर के समीप तमशाकुण्ड जलाशय से निकलकर उत्तर-पूर्व में प्रवाहित होती है तथा सतना नदी में मिलती हैं।
यह इलाहबाद के समीप मे तहसील में सिरसा नामक स्थान पर गंगा नदी में मिल जाती हैं।
वेलन इसकी सहायक नदी हैं टोंस नदी की लम्बाई लगभग 265 किलोमीटर हैं।
39. रावी नदी
रावी नदी उत्तरी भारत में बहती हैं, रावी नदी हिमाचल प्रदेश के कांगडा जिले में रोहतांग दर्रे से निकल कर हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर तथा पंजाब होते हुए पाकिस्तान से बहती हुयी झांग जिले की सीमा पर चिनाव नदी में मिल जाती हैं जिस पर थीन बांध बना है पकिस्तान में सिन्धू नदी से मिलने के बाद अरब सागर में जाकर मिल जाती हैं।
40. सरयू नदी
सरयू नदी हिमालय से निकलकर उत्तरी भारत के गंगा मैदान में बहने वाली नदी है जो बलिया और छपरा के बीच में गंगा में मिल जाती है।
इसकी लगभग लम्बाई 350 किलोमीटर (217 मील) हैं।
अपने ऊपरी भाग में, जहाँ इसे काली नदी के नाम से जाना जाता है, यह काफ़ी दूरी तक भारत के उत्तराखण्ड राज्य और नेपाल के बीच सीमा बनाती है।
सरयू नदी की प्रमुख सहायक नदी राप्ती है जो इसमें उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के बरहज नामक स्थान पर मिलती है।
इस क्षेत्र का प्रमुख नगर गोरखपुर इसी राप्ती नदी के तट पर स्थित है और राप्ती तंत्र की अन्य नदियाँ आमी, जाह्नवी इत्यादि हैं जिनका जल अंततः सरयू में जाता है।
41. पेन्ना नदी
पेन्ना नदी भारत की एक प्रमुख नदी हैं पेन्ना नदी कर्नाटक में नन्ददुर्ग पहाड़ी से निकलकर पूरब की ओर 970 किलोमीटर बहकर बंगाल की खाड़ी में गिरती है।
पापाधन और चित्रावती इसकी सहायक नदियाँ हैं।
इसकी निचली घाटी में नहरें निकाल कर सिंचाई की जाती है।
42. बाणगंगा नदी
बाणगंगा भारत की एक प्रमुख नदी हैं इस नदी को ताला नदी भी कहाँ जाता हैं क्योंकि यह नदी ताला गाँव से होकर निकलती हैं इसे रुणिडत नदी भी कहाँ जाता हैं।
बाणगंगा नदी की कुल लम्बाई 380 किलोमीटर हैं इस नदी का पानी भरतपुर में घना पक्षी राष्ट्रीय उद्यान में भूमिगत होकर नम भूमि का निर्माण करता है इसे ‘अर्जुन की गंगा’ भी कहा जाता है।
बाणगंगा नदी का उद्गम जयपुर जिले की बैराड़ पहाड़ियों से निकल कर पूर्व की ओर बहते हुए भरतपुर में प्रवेश करती हैं इस नदी का मुहाना फतेहाबाद, आगरा में यमुना में मिलती हैं बाणगंगा राजस्थान के तीन जिलों में बहती है: जयपुर, दौसा एवं भरतपुर।
यह यमुना की सहायक नदी है। बाणगंगा राजस्थान की एकमात्र ऐसी नदी है, जिसके उद्गम से लेकर विलय तक कोई सहायक नदी नहीं है।
43. बागमती नदी
बागमती नदी नेपाल और भारत की एक बहुत महत्वपूर्ण नदी है इस नदी के तट पर काठमांडू स्थित है नेपाल का सबसे पवित्र तीर्थ स्थल पशुपतिनाथ मंदिर भी इसी नदी के तट पर स्थित है।
बागमती नदी हिमालय की महाभारत श्रेणियों में नेपाल से निकलती है।
यह नदी नेपाल में लगभग 195 किलोमीटर की यात्रा तय कर के बिहार के सीतामढ़ी जिले में समस्तीपुर-नरकटियागंज रेल लाइन पर स्थित ढेंग रेलवे स्टेशन के 2.5 किलोमीटर उत्तर में भारत में प्रवेश करती है। बिहार में इस नदी की कुल लम्बाई 394 किलोमीटर है। नेपाल में इस नदी का कुल जल ग्रहण क्षेत्र 7884 वर्ग किलोमीटर है।
इस नदी का उद्गम स्थान बागद्वार है। काटमाण्डौ के टेकु दोभान मैं विष्णुमति नदी इसमें समाहित होती है।
नेपाली सभ्यता में इस नदी का बहुत महत्त्वपूर्ण स्थान है इस नदी के किनारे में अवस्थित आर्य घाटौं पर राजा से लेकर रंक तक सभी का अन्तिम संस्कार किया जाता है।
44. सारदा नदी
सारदा नदी को काली नदी, महाकाली या कालीगंगा के नाम से जाना जाता हैं सारदा नदी भारत के उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश राज्यों में बहती हैं काली नदी/महाकाली/शारदा नदी की कुल लम्बाई 350 किलोमीटर (217 मील) हैं इस नदी का उद्गम स्थान वृहद्तर हिमालय में 3,600 मीटर की ऊँचाई पर स्थित कालापानी नामक स्थान पर है।
जो उत्तराखण्ड राज्य के पिथौरागढ़ जिले में है इस नदी का नाम काली माता के नाम पर पड़ा जिनका मंदिर कालापानी में लिपु-लीख दर्रे के निकट भारत और तिब्बत की सीमा पर स्थित है। अपने उपरी मार्ग पर यह नदी नेपाल के साथ भारत की निरंतर पूर्वी सीमा बनाती है, जहां इसे महाकाली कहा जाता है।
उद्गम के बाद लगभग 160 किलोमीटर प्रवाहित होने के पश्चात् पंचेश्वर के निकट इसमें सरयू और पूर्वी रामगंगा आकर मिलती हैं। यहीं से यह नदी सरयू या शारदा के नाम से पहाड़ियों में चक्करदार मार्ग से होकर ब्रह्मदेव के निकट मैदानी भाग में प्रवेश करती है। यहाँ यह कई भागों में बँट जाती है। परन्तु आगे चलकर मुढ़िया के निकट से सभी प्रवाह मार्ग पुनः एक हो जाते हैं। बहरामघाट के निकट पहुँचकर यह करनाली तथा घाघरा नदी में मिल जाती है।
45. मही नदी
मही नदी पश्चिमी भारत की एक प्रमुख नदी हैं मही का उद्गम मध्यप्रदेश के धार जिला के समीप मिन्डा ग्राम की विंध्याचल पर्वत श्रेणी से हुआ है
मही नदी की कुल लम्बाई 583 किलोमीटर हैं और इसकी ऊँचाई लगभग 4,800 मीटर (15, 748 फीट) हैं।
यह दक्षिणी अरावली में जयसमन्द झील से प्रारम्भ होती है मही नदी मध्य प्रदेश के धार, झाबुआ और रतलाम जिलों तथा गुजरात राजस्थान राज्य से होती हुई खंभात की खाड़ी द्वारा अरब सागर में गिरती है।
मही भारत की एकमात्र ऐसी नदी है जो कर्क रेखा को दो बार काटती है।
यह भारत की पवित्र नदियो मे से एक है। मही पर एक जलविद्युत ऊर्जा उत्पन्न करने का एक बाँध है जो गुजरात के महीसागर ज़िले में स्थित है जो कदाणा बाँध कहलाता है।
46. वैनगंगा नदी
वैनगंगा नदी का उद्गम स्थल सिवनी से नागपुर रोड पर 10 किलोमीटर दूरी पर बसे ग्राम गोपालगंज से लगभग 6 किलोमीटर पूर्वी दिशा में ग्राम मुंडारा हैं भारत के मध्यप्रदेश राज्य के सिवनी जिला में वैनगंगा नदी का उद्गम हुआ मुंडारा गाँव के पास स्थित रजोलाताल से वैनगंगा नदी एक कुंड से निकलती हैं।
वैनगंगा नदी की कुल लम्बाई लगभग 569 किलोमीटर (354 मील) हैं और इस नदी की ऊँचाई 1,048 मीटर (3,438 फीट) हैं मुंडारा गांव के पास स्थित रजोलाताल से वैनगंगा नदी एक कुंड से निकलती है।
यह नदी सिवनी की अर्द्व परिक्रमा करती हुई पहले उत्तर में फिर पूर्व की ओर दक्षिणी-पूर्वी दिशा में बहती है इसका प्रारम्भिक बहाव क्षेत्र चट्टानी हैं परन्तु फिर उपजाऊ मैदान तथा सकरी घाटीयो से होकर बहती है।
यह नदी दिघोरी, बंडोल छपारा से होते हुये सीधे छपारा के भीमगढ संजय सरोवर बांध जो कि एशिया का सबसे बडा मिट्टी का बांध हैं से जल भराव के बाद मझगवा, केवलारी से बालाघाट जिला होते हुये गोंदिया तथा चांदा जिले से बहती हुई वर्धा नदी में मिलती है।
47. महानंदा नदी
महानन्दा नदी का उद्गम हिमालय से हुआ इसकी लम्बाई लगभग 360 किलोमीटर हैं 2,100 मीटर (6,900 फीट) की ऊँचाई पर दार्जिलिंग जिले के कुरसेओंग के पूर्व में चिमली के पास महालदीराम पहाड़ी पर पगलाजोरा फॉल्स यह महानंदा वन्यजीव अभयारण्य से होकर बहती है और सिलीगुड़ी के पास के मैदानों में उतरती है।
यह पंचगढ़ जिले के टेंटुलिया के पास बांग्लादेश में प्रवेश करता है, 3 किलोमीटर (1.9 मील) के बाद बहती हुई टेंटुलिया से भारत लौटती है। पश्चिम बंगाल में उत्तर दिनाजपुर जिले और बिहार में किशनगंज, पूर्णिया और कटिहार जिलों से बहने के बाद, यह पश्चिम बंगाल में मालदा जिले में प्रवेश करता है।
महानंदा जिले को दो क्षेत्रों में विभाजित करता है – पूर्वी क्षेत्र, जिसमें मुख्य रूप से पुरानी जलोढ़ और अपेक्षाकृत बांझ मिट्टी होती है, जिसे आमतौर पर बारिंद (बोरेंड्रोवोमे), और पश्चिमी क्षेत्र के रूप में जाना जाता है, जो कि कालिंद्री नदी से दो क्षेत्रों में विभाजित है।
उत्तरी क्षेत्र को “ताल” के रूप में जाना जाता है। यह बरसात के दौरान कम-झूठ और कमजोर पड़ने वाली बाढ़ है; दक्षिणी क्षेत्र में बहुत उपजाऊ भूमि होती है और यह घनी आबादी वाली होती है, जिसे आमतौर पर “दियारा” के रूप में जाना जाता है यह बांग्लादेश में नवाबगंज जिले के गोडागिरी में गंगा नदी में मिलती है।
48. कोयना नदी
कोयना नदी भारत की एक प्रमुख नदी हैं यह पश्चिमी घाट से निकलती है कोयना नदी की लम्बाई 130 किलोमीटर हैं इसकी सहायक नदी कृष्णा, औरंगा हैं।
यह महाराष्ट्र के पश्चिमी घाट में स्थित महाबालेश्वर से निकलती है।
कोयना नदी महाराष्ट्र के सातारा जिले मे स्थित कराड शहर मे कृष्णा नदी मे मिलती है कोयना नदी पर शिवजी सागर बांध महाराष्ट्र में यह नदी कृष्ण नदी से मिलती है।
49. तवा नदी
तवा नदी मध्यप्रदेश की एक प्रमुख नदी हैं तवा नदी की कुल लम्बाई 172 किलोमीटर हैं।
इसका उद्गम मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले के पंचमढ़ी के महादेव पर्वत श्रंखला की पारस बड़ा पहाड़ियों से हुआ है।
मध्य प्रदेश का सबसे लंबा पुल तवा नदी पर ही स्थित है पुल का नाम-तवा नदी, पुल की लंबाई 1322 मीटर है।
नवीनतम तथ्यों के अनुसार मध्य प्रदेश का सबसे लंबा सड़क पुल वर्तमान में 2009 से शिवपुरी में सिंध नदी पर NH-27 पर बना है जिसकी लंबाई 2.5 किलोमीटर है।
50. पुनपुन नदी
पुनपुन नदी भारत देश के बिहार राज्य में बहती हैं पुनपुन नदी गंगा नदी की सहायक नदी हैं।
मध्य बिहार की पहाड़ियों से निकलने वाली यह नदी पटना की पूर्वी सीमा बनाती है।
पुनपुन नदी झारखंड के छोटानागपुर के पठार से निकलती है।
यह पलामू जिले से निकलती है यह पटना के नजदीक फतुहा में गंगा में मिलती है पुनपुन नदी को पवित्र माना जाता है यहाँ पर तीर्थयात्री अपना सिर मुड़वाते और स्नान करते हैं।
51. राप्ती नदी / इरावती
पूर्व उत्तर प्रदेश में बहने वाली राप्ती नदी का प्राचीन नाम इरावती था राप्ती नदी नेपाल की लघु हिमालय श्रेणियों में धौलागिरि के दक्षिण में रुकुमकोट के पास से निकलकर पहले दक्षिण में और फिर पश्चिम में बहती है।
इसके बाद एक बार पुनः दक्षिण की ओर बहने के बाद बहराइच, गोंडा, बस्ती और गोरखपुर ज़िलों में बहती हुई बरहज के निकट घाघरा नदी से मिल जाती है।
राप्ती/इरावती नदी की कुल लम्बाई 640 किलोमीटर हैं इस नदी के उत्तर की ओर से रोहणी नदी आकर मिलती है जो कि इसकी मुख्य सहायक नदी है
यह नदी कुशीनगर के निकट बहती थी इस तरह कुशीनगर आते समय चुंद के साथ तथागत ने इरावती नदी पार की और स्वयं उस नगर के एक उपभवन में ठहरे जहाँ कमलों से सुशोभित एक प्रशान्त सरोवर स्थित था।
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