सोडियम किसे कहते हैं इसके गुण, उपयोग और सोडियम के यौगिक

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चलिए आज हम सोडियम की समस्त जानकारी इस आर्टिकल के माध्यम से समझते हैं।

सोडियम क्या है

सोडियम को क्षार धातु समूह के रासायनिक तत्व के रूप में परिभाषित किया जाता है। सोडियम तत्व एक बहुत ही नरम और सफेद धातु है। यह सबसे आम क्षार धातु है और पृथ्वी पर छठा सबसे प्रचुर तत्व है। यह पृथ्वी की परत का 2.8% हिस्सा है।

Sodium का रासायनिक सूत्र Na है। Sodium का परमाणु संख्या 11 तथा परमाण्विक भार 22.9898 हैं। Sodium का गलनांक 97.81° सेल्सियस तथा क्वथनांक 882.9° सेल्सियस हैं।

sodium

Sodium की प्राप्ति

अत्यंत ही क्रियाशील तत्व होने के कारण Sodium मुक्त अवस्था में नहीं पाया जाता है। संयुक्त अवस्था में यह पर्याप्त मात्रा में क्लोराइड, नाइट्रेट, कार्बोनेट, बोरेट और सल्फेट के रूप में पाया जाता है।

सोडियम धातु का निष्कर्षण

Sodium धातु का निष्कर्षण कास्टनर विधि द्वारा द्रवित Sodium हाइड्राक्साइड के विद्युत अपघटन से किया जाता है। डाउन विधि द्वारा भी पिघले हुए Sodium क्लोराइड के विद्युत अपघटन से Sodium धातु बड़े पैमाने पर प्राप्त की जाती है।

Sodium धातु के भौतिक गुण

सोडियम धातु के भौतिक गुण निम्नलिखित हैं।

  • यह चांदी के समान सफेद धातु है।
  • Sodium एक मुलायम धातु है इसलिए इसे चाकू से आसानी से काटा जा सकता है।
  • इसका आपेक्षिक घनत्व 0.97 होता है।
  • Sodium पानी से हल्का होता है इसके कारण यह पानी पर तैरने लगता है।
  • यह विद्युत का सुचालक होता है।
  • Sodium धातु बेंजीन तथा ईथर में विलय होता है।

सोडियम धातु के रासायनिक गुण

Sodium धातु के रासायनिक गुण निम्नलिखित हैं।

  • साधारण ताप पर शुष्क हवा या शुष्क ऑक्सीजन का सोडियम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। 
  • आर्द्र हवा में Sodium की सतह मलिन पड़ जाती है, क्योंकि उस पर Sodium ऑक्साइड की सतह जम जाती है जो जलवाष्प से संयोग कर Sodium हाइड्राक्साइड का निर्माण करती है और यह Sodium हाइड्राक्साइड वायु में उपस्थित CO₂ से सहयोग कर Sodium कार्बोनेट बनाता है। यही कारण है कि Sodium धातु को किरासन तेल के अंदर डूबा कर रखा जाता है। 
  • यह जल के साथ तीव्रता से प्रतिक्रिया कर Sodium हाइड्राक्साइड एवं हाइड्रोजन गैस बनाता है।
  • यह क्लोरीन में जलाए जाने पर Sodium क्लोराइड बनाता है। 
  • यह कार्बन डाइऑक्साइड गैस में जलाए जाने पर Sodium कार्बोनेट बनाता है।
  • यह अमोनिया के साथ प्रतिक्रिया कर सोडामाइड बनाता हैं।
  • यह अल्कोहल के साथ प्रतिक्रिया कर Sodium एलकोक्साइड बनाता हैं और हाइड्रोजन गैस मुक्त होती हैं।
  • यह अम्लों के साथ प्रतिक्रिया कर लवण बनाता हैं और हाइड्रोजन गैस मुक्त होती हैं।

सोडियम के उपयोग

सोडियम के निम्नलिखित उपयोग हैं।

  • सोडियम का उपयोग अवकारक के रूप में किया जाता है।
  • द्रवित सोडियम का उपयोग नाभिकीय रिएक्टर में ठंडक उत्पन्न करने के लिए होता है। 
  • सोडियम-लेड मिश्र धातु का उपयोग टेट्राइथाइल लेड नामक अपस्फोटनरोधी यौगिक बनाने में होता है।

सोडियम के यौगिक

1. सोडियम हाइड्राक्साइड :- Sodium हाइड्राक्साइड को कास्टिक सोडा या दाहक सोडा भी कहा जाता है। इसका उपयोग पेट्रोलियम को शुद्ध करने में, साबुन बनाने में, कागज, सूती कपड़ों में चमक पैदा करने में, कृत्रिम रेशम निर्माण में, रंग तथा रेयॉन बनाने में, प्रयोगशाला में प्रतिकारक के रूप में तथा Sodium धातु के निर्माण में होता है।

2. सोडियम कार्बोनेट :- सोडियम कार्बोनेट को धोने वाला सोडा या वाशिंग सोडा भी कहा जाता है। सोडियम कार्बोनेट का उपयोग जल का खारापन दूर करने में, पेट्रोलियम को शुद्ध करने में, प्रयोगशाला में प्रतिकारक के रूप में तथा शीशा साबुन, कागज, कास्टिक सोडा आदि के उत्पादन में होता है।

3. सोडियम बाइकार्बोनेट :- Sodium बाइकार्बोनेट का दूसरा नाम बेकिंग सोडा है। Sodium बाइकार्बोनेट को खाने वाला सोडा भी कहा जाता है।

Sodium बाइकार्बोनेट का उपयोग औषधि के रूप में, पेट की अम्लता दूर करने में, बेकिंग पाउडर बनाने में तथा अग्निशामक यंत्रों में होता है।

4. ग्लोबर साल्ट :- सोडियम सल्फेट को ग्लोबर साल्ट कहा जाता है। यह सोडियम हाइड्राक्साइड या सोडियम कार्बोनेट पर सल्फ्यूरिक अम्ल की प्रतिक्रिया से तैयार किया जाता है। इसका उपयोग शीशा बनाने, कागज बनाने, दवा बनाने तथा Sodium सल्फाइड के निर्माण आदि में होता है।

5. सोडियम क्लोराइड :- Sodium क्लोराइड को साधारण नमक कहा जाता है। नमक को खुली हवा में छोड़ देने पर यह हवा से नमी सोख लेता है। Sodium क्लोराइड मानव के भोजन का अंग है। समुद्री जल में कुल घुलनशील ठोस का 75% Sodium क्लोराइड होता है।

6. सोडियमपरआक्साइड :- यह हल्के पीले रंग का चूर्ण होता है। इसका उपयोग हाइड्रोजन पेरॉक्साइड के निर्माण में, रंगाई के काम में, प्रयोगशाला में ऑक्सीकारक के रूप में, रेशम, ऊन आदि के विरंजन में होता है।

7. सोडियम नाइट्रेट :- Sodium नाइट्रेट को चिली साल्टपीटर कहा जाता है। यह चिली तथा पेरू में काफी मात्रा में मिलता है। इसका उपयोग खाद के रूप में तथा नाइट्रिक अम्ल के निर्माण में होता है।

8. सोडियम थायोसल्फेट :- इसे हाइपो के नाम से भी जाना जाता है। इसका उपयोग फोटोग्राफी में नेगेटिव और पॉजिटिव का स्थायीकरण करने में किया जाता है।

इसका उपयोग प्रतिक्लोर के रूप में विरंजीत वस्त्रों से क्लोरीन दूर करने में होता है। इसके अलावा इसका उपयोग सिल्वर और गोल्ड के निष्कर्षण में भी होता है।

9. बोरेक्स या सुहागा :- Sodium टेट्राबोरेट डेका हाइड्रेट को सुहागा या बोरेक्स कहते हैं। इसका उपयोग कांच, इनेमिल, साबुन व मोमबत्ती उद्योग में, जल को मीठा करने में, चमड़ा उद्योग में खोल को साफ करने में एवं चमड़े की रंगाई करने में किया जाता है।

10. माइक्रोकॉस्मिक लवण :- Sodium अमोनियम हाइड्रोजन फास्फेट को माइक्रोकॉस्मिक लवण कहते हैं।

11. केल्गन :- Sodium हेक्सा मेटाफॉस्फेट को केल्गन कहते हैं। इसका प्रयोग जल की कठोरता दूर करने में किया जाता है।

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