टैक्स की परिभाषा, प्रकार, उदाहरण और विशेषताए

किसी राष्ट्र को अच्छे ढंग से चलाने के लिए, सरकार को वहां के नागरिकों से कर यानी टैक्स इकट्ठा करने की आवश्यकता होती है। सरकार इसी टैक्स से राष्ट्र या देश को चलाती हैं।

आज इस आर्टिकल में हम आपको टैक्स (कर) के बारे में समस्त जानकारी बताएंगे।

टैक्स क्या हैं

टैक्स एक वित्तीय शुल्क होता है जो किसी भी सरकार द्वारा किसी व्यक्ति या संगठन पर सुविधा और बुनियादी ढांचा प्रदान करने वाले कार्यों के लिए रेवेन्यू इकट्ठा करने के लिए लगाया जाता है। 

यदि कोई व्यक्ति टैक्स का भुगतान नहीं करता है या टैक्स (कर) देने से इनकार करता है तो निर्धारित कानून के तहत गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते हैं।

टैक्स दिवस कब मनाया जाता हैं

भारत में कर दिवस हर साल 24 जुलाई को मनाया जाता है। क्योंकि सर जेम्स विल्सन (Sir James Wilson) द्वारा भारत में पहली बार 24 जुलाई 1980 को आयकर पेश किया गया था।

इसका उद्देश्य 1857 में ब्रिटिश शासन के विरुद्ध स्वतंत्रता के पहले, युद्ध के दौरान ब्रिटिश शासन को हुए नुकसान की भरपाई करना था। 24 जुलाई 2010 को पहली बार भारत में आयकर दिवस मनाया गया था।

टैक्स के प्रकार

व्यक्ति हो या कोई व्यवसाय या संगठन सभी को अलग-अलग तरीको से टैक्स का भुगतान करना पड़ता है। इन टैक्स को प्रत्यक्ष (Direct) और अप्रत्यक्ष (Indirect) टैक्स और अन्य टैक्स में बाटा जाता है। आइए हम तीनों प्रकार के टैक्स के बारे में विस्तार से जानते हैं।

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टैक्स के प्रकार

1. प्रत्यक्ष कर या सीधा (Direct Tax)

डायरेक्ट टैक्स की परिभाषा इसके नाम में ही छिपी है जिसका अर्थ है कि यह कर जनता द्वारा सीधे सरकार को भुगतान किया जाता है। भारत में इस प्रकार के कर के सामान्य उदाहरण आयकर हैं।

सरकार के नजरिए से डायरेक्ट टैक्स से किसी व्यक्ति के आय (Income) का अनुमान लगाना आसान होता है क्योंकि यह कर देने वालों की आय या धन से सीधा संबंध रखता हैं।

भारत में प्रत्यक्ष कर के कुछ उदाहरण हैं

(a). आयकर

जिस व्यक्ति की आय एक विशेष कर योग्य श्रेणी में आती है उसे एक निश्चित राशि का भुगतान करना पड़ता है। इस टैक्स को इनकम टैक्स कहते हैं। भारत में आयकर विभाग CBDT के अंतर्गत आता है।

यह रेवेन्यू विभाग का भी एक हिस्सा है जो वित्त मंत्रालय के अंतर्गत आता है। आयकर धन के प्रमुख स्रोतों में से एक है जिसका उपयोग सरकार अन्य गतिविधियों के लिए करती है।

(b). प्रतिभूति लेनदेन कर

इसे 2004 में पेश किया गया था और यह इक्विटी की खरीद और बिक्री में लगाया जाता है। यह भारत के स्टॉक एक्सचेंजों पर प्रतिभूतियों की खरीद या बिक्री के समय लगाया जाने वाला डायरेक्ट कर है।

(c). कॉर्पोरेट आयकर

यह एक प्रकार का कर है जो एक वर्ष में लाभ कमाने वाले कॉर्पोरेट घरानों पर लगाया जाता है। कॉर्पोरेट आयकर कंपनियों से इकठ्ठा किया जाता है। इसके अलावा यह कर आम तौर पर एक व्यावसायिक वर्ष के लिए होता है।

2. अप्रत्यक्ष कर (Indirect Tax)

Indirect Tax, डायरेक्ट टैक्स से थोड़े अलग होते हैं और इनके वसूली का तरीका भी थोड़ा अलग होता है। यह कर उपभोग-आधारित होते हैं जो वस्तुओं या सेवाओं पर तब लागू होते हैं जब उन्हें खरीदा और बेचा जाता हैं।

अप्रत्यक्ष कर सरकार द्वारा माल या सेवाओं के बेचने से प्राप्त किया जाता है। अप्रत्यक्ष टैक्स के कुछ सामान्य उदाहरणों में बिक्री टैक्स, माल और सेवा टैक्स (GST) 

भारत में अप्रत्यक्ष कर के कुछ उदाहरण हैं

(a). सीमा शुल्क

यह एक विशेष अप्रत्यक्ष कर है जो भारत में आयातित मतलब आने वाली वस्तुओं पर लगाया जाता है। साथ ही यह उन सामानों पर लगाया जाता है जो भारत से निर्यात मतलब बाहर भेजे जाते हैं। 

(b). मूल्य वर्धित कर (Value Added Tax)

जब हम भोजन करते हैं या खरीदते हैं तो हम जो अलग से पैसे का भुगतान करते हैं उसे वैट (VAT) कहा जाता है। फिलहाल इस कर की जगह GST ने ले ली है।

(c). सेवा कर

यह वह कर है जो भारत सरकार द्वारा भारत में प्रदान की जाने वाली सेवाओं के लिए लगाया जाता है। इस प्रकार, सेवा प्रदान करने वाला व्यक्ति कर एकत्र करता है और सरकार को वापस भुगतान करता है।

3. अन्य कर

यह कर का तीसरा प्रकार है। अन्य टैक्स रेवेन्यू जनरेटर होते हैं। 

अन्य टैक्स के विभिन्न उदाहरण इस प्रकार हैं

(a). संपत्ति कर

इसे अचल संपत्ति कर या नगर निगम कर भी कहा जाता है। आवास और वाणिज्यिक संपत्ति के मालिक को संपत्ति कर देना पड़ता हैं। इसका उपयोग कुछ मूलभूत सिविल सेवाओं के रखरखाव के लिए किया जाता है। संपत्ति कर प्रत्येक शहर में स्थित नगर निकायों द्वारा लगाया जाता है।

(b). व्यावसायिक कर

यह रोजगार कर उन लोगों पर लगाया जाता है जो पेशा करते हैं जैसे वकील, चार्टर्ड एकाउंटेंट, डॉक्टर इत्यादि। यह टैक्स राज्य में अलग-अलग होते है। सभी राज्य व्यवसायिक कर नहीं लगाते हैं ।

(c). मनोरंजन कर

यह वह टैक्स है जो टेलीविजन, फिल्मों आदि पर लगाया जाता है। 

(d). हस्तांतरण कर

यह संपत्ति खरीदने के समय संपत्ति टैक्स के अलावा अलग से लगने वाला कर हैं।

(e). प्रवेश कर

यह वह टैक्स है जो किसी राज्य में प्रवेश करने वाले उत्पादों या सामानों पर लगाया जाता है। दिल्ली, असम, गुजरात, मध्य प्रदेश, आदि राज्यों में प्रवेश कर लागू होता हैं।

(f). रोड टैक्स और टोल टैक्स

इस टैक्स का इस्तेमाल सड़कों और टोल इंफ्रास्ट्रक्चर के रखरखाव के लिए किया जाता है।

टैक्स के लाभ

टैक्स का उद्देश्य सरकार को खर्च करने के लिए धन उपलब्ध कराना है। सरकार द्वारा विभिन्न उद्देश्यों के लिए कर का उपयोग किया जाता है। जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं।

  • सार्वजनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर
  • विकास और कल्याणकारी परियोजनाएं
  • रक्षा व्यय 
  • वैज्ञानिक अनुसंधान
  • सार्वजनिक बीमा
  • राज्य और सरकारी कर्मचारियों का वेतन
  • सरकार का संचालन
  • सार्वजनिक परिवहन
  • बेरोजगार
  • सेवा निवृत्त योजनायें
  • कानून स्थापित करने वाली संस्था
  • सार्वजनिक स्वास्थ्य
  • लोक शिक्षा
  • सार्वजनिक उपयोगिताओं जैसे पानी, ऊर्जा और अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली

टैक्स का भुगतान करने से आम व्यक्ति को लाभ

टैक्स के लायक पैसा कमाने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए अपना इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य और फायदेमंद भी है। समय पर अपने कर का भुगतान करने के कुछ लाभ यहां दिए गए हैं

ऋण :- लोन के लिए आवेदन करते समय, विशेष रूप से होम लोन आदि। अधिकांश बैंक आपके इनकम कर रिटर्न का एक कॉपी मांग सकते हैं। यह पिछले 2 से 3 साल का ITR हो सकता हैं

ITR होने से अधिक लोन प्राप्त करने में मदद मिल सकती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बैंक आपके इनकम के आधार पर लोन चुकाने की आपकी क्षमता को समझते हैं। 

वीज़ा आवेदन :- कई देशों में जाने के लिए आपको वीज़ा आवेदन के दौरान पिछले वर्षों के अपने इनकम कर रिटर्न देने की आवश्यकता होती है। यह UK, US, यूरोप और कनाडा के लिए अनिवार्य है, लेकिन दक्षिण पूर्व एशियाई देशों और मध्य पूर्व के लिए इतना अधिक नहीं है।

ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इनकम कर रिटर्न इस बात का सबूत है कि आप टैक्स चोरी करने के लिए देश छोड़ने की कोशिश नहीं कर रहे हैं। 

हाई-कवर लाइफ इंश्योरेंस :- लाइफ कवर या टर्म पॉलिसी जिसमें 50 लाख रुपये से लेकर 1 करोड़ रुपये तक की बीमा राशि होती है का लाभ केवल इनकम कर रिटर्न दे कर के लिया जा सकता है। बहुत अधिक बीमा कवर तभी दिया जाता है जब ज्यादा आमदनी होती है जिसके लिए इनकम टैक्स रिटर्न की रसीदें जरूरी होती हैं।

टैक्स से जुड़े कानून

टैक्स से जुड़े कानून निम्नलिखित दिए

धारा 140 A (1) : यदि कोई कर का भुगतान करने में असफल रहता है तो कर निर्धारण अधिकारी धारा 221(1) के अनुसार बकाया के बराबर जुर्माना लग सकता हैं

धारा 231 (C) : यदि कोई वास्तविक आय या कमाई का खुलासा नहीं करता है, तो इस धारा में उस व्यक्ति पर 100% से 300% का जुर्माना लगाया जा सकता हैं

धारा 142 (1) और 143 (2) : इन धाराओं के तहत को व्यक्ति कर का भुगतान नहीं करता तो उस व्यक्ति को एक आयकर नोटिस भेजा जाता है और यदि वह इसका जवाब नहीं देता है तो अधिकारी उस व्यक्ति को रिटर्न दाखिल करने या अपने सभी आय का विवरण प्रस्तुत करने के लिए कह सकता हैं

भारत में टैक्स का योगदान

सबसे ज्यादा इनकम कर देनेवाले राज्यों की सूची में महाराष्ट्र सबसे आगे है। सिर्फ महाराष्ट्र का योगदान इस सूची में शामिल होने वाले अन्य चार राज्यों के कुल योगदान से ज्यादा है। इसके अलावा महाराष्ट्र और दिल्ली मिलकर देश का आधा इनकम टैक्स देते हैं। 

जिस राज्य में जितनी ज्यादा कंपनियां हैं वहां से सबसे ज्यादा कर का कलेक्शन होता है। 2014-15 और 2017-18 के बीच ₹1 करोड़ से ज्यादा की आय घोषित करने वाले कुल कर देने वालों की संख्या 60% बढ़ गई हैं।

इनमें कंपनियां, फर्म्स, हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) सभी शामिल हैं। महाराष्ट्र और दिल्ली का कर में योगदान पहले के मुकाबले घट रहा है जबकि कर्नाटक, तमिलनाडु और गुजरात का योगदान बढ़ रहा हैं

राजस्थान में कर कलेक्शन सात सालों में तीन गुना से ज्यादा बढ़ा है। सबसे बड़ी आबादी वाला राज्य उत्तर प्रदेश इनकम कर कलेक्शन में सिर्फ 2.3% का योगदान करता हैं

टैक्स में सुधार

वर्ष 2017 में, सरकार ने माल और सेवा कर (GST) की शुरुआत की, जिसे स्वतंत्र भारत में अब तक का सबसे क्रांतिकारी कर सुधार माना जाता हैं। 

इससे पहले भी सरकार विभिन्न सेवाओं का लाभ उठाने या विभिन्न सामान खरीदने के लिए विभिन्न राज्य और केंद्र कर लगाती थीं। पहले के सुधारों के साथ समस्या यह थी कि इनको करने की प्रक्रिया जटिल थी।

इनकम टैक्स क्या हैं

सबसे सामान्य प्रकार का कर जो नागरिकों को सरकार को देना होता है। आपकी आय का एक हिस्सा हर साल सरकार को भुगतान किया जाता है और सरकार इस पैसे का उपयोग देश भर में विकास और विकास गतिविधियों को समर्थन देने के लिए करती है। इसी टैक्स को इनकम टैक्स कहते हैं।

उम्मीद हैं आपको कर की समस्त जानकारी पसंद आयी होगीं

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