आज के इस आर्टिकल में हम चंद्रमा की समस्त जानकारी पढ़ने वाले हैं यदि आप चन्द्रमा की जानकारी जानना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़े।
पिछले पेज पर हमने पृथ्वी की जानकारी शेयर की हैं यदि आपने वह पोस्ट नहीं पढ़ी तो उस पोस्ट को भी पढ़े। तो चलिए इस पेज पर चन्द्रमा की जानकारी को पढ़ते और समझते हैं।
चंद्रमा का परिचय
चंद्रमा पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह है। यह सौरमंडल का पांचवा सबसे बड़ा उपग्रह है। इसे जीवाश्म ग्रह भी कहा जाता है। चंद्रमा की सतह और उसकी आंतरिक स्थिति का अध्ययन करने वाला विज्ञान चंद्र-विज्ञान (Selenography) कहलाता है।

चंद्रमा की पृथ्वी से औसत दूरी | 3,84,403 km |
चंद्रमा की पृथ्वी से निम्नतम दूरी | 3,63,104 km |
चंद्रमा की पृथ्वी से अधिकतम दूरी | 4,06,696 km |
चंद्रमा का द्रव्यमान | 8.10 × 10¹⁹ टन |
चंद्रमा का घनत्व | 3.34 ग्राम/घन सेमी |
चंद्रमा का व्यास | 3476 km |
चंद्रमा का अपने अक्ष पर झुकाव | 5° |
चंद्रमा का परिक्रमण काल | 27 दिन 7 घंटे 43 मिनट |
चंद्रमा की परिक्रमण गति | 3700 किमी/घंटा |
पृथ्वी से चंद्रमा का दृश्यमान भाग | 57% |
चंद्रमा का पलायन वेग | 2.38 किमी/सेकंड |
चंद्रमा का सबसे ऊंचा पर्वत | लिबनिट्ज पर्वत |
चंद्रमा की उम्र | 460 करोड़ वर्ष |
चंद्रमा पर कदम रखने वाला प्रथम मानव | नील आर्मस्ट्रांग |
चन्द्रमा की उत्पत्ति
पृथ्वी की तरह चन्द्रमा की उत्पत्ति संबंधी कई मत प्रस्तुत किए गए हैं। 1938 ई० में सर जॉर्ज डार्विन ने सुझाया कि प्रारंभ में पृथ्वी और चन्द्रमा तेजी से घूमते एक ही पिंड थे। यह पूरा पिंड डंबल की आकृति में परिवर्तित हुआ और अंत में जाकर टूट गया।
उनके अनुसार चन्द्रमा का निर्माण उसी पदार्थ से हुआ है जहां आज प्रशांत महासागर एक गर्त के रूप में मौजूद है। यद्यपि वर्तमान समय के वैज्ञानिक इनमें से किसी भी व्याख्या को स्वीकार नहीं करते।
ऐसा विश्वास किया जाता है कि पृथ्वी के उपग्रह के रूप में चन्द्रमा की उत्पत्ति एक बड़े टकराव का नतीजा है जिसे The Big Splat कहा गया है। ऐसा मानना है कि पृथ्वी बनने के कुछ समय बाद ही मंगल ग्रह के 1 से 3 गुना बड़े आकार का पिंड पृथ्वी से टकराया।
इस कारण पृथ्वी का एक हिस्सा टूट कर बिखर गया। टकराव से अलग हुआ यह पदार्थ में घूमने लगा और आज का चंद्रमा बना। चन्द्रमा की उत्पत्ति लगभग 4.44 अरब वर्ष पहले हुई।
चंद्रमा का वायुमंडल
चन्द्रमा पर वायुमंडल नहीं है। वायुमंडल के अभाव के कारण चंद्रमा पर मौसमी तत्व जैसे बादल, वर्षा तथा कुहासा आदि की कमी पायी जाती है। चन्द्रमा के धरातल पर धूल के मैदान को शांति सागर कहते हैं। यह चंद्रमा का पिछला भाग है जो अंधकार में होता है।
चन्द्रमा पृथ्वी की तुलना में अधिक ठोस है। इसकी भूपर्पटी पर ऑक्सीजन तथा सिलीकेट प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसके धरातल पर पर्वत, क्रेटर तथा घाटी इत्यादि की बहुलता है।
इसकी चट्टानों में टाइटेनियम की मात्रा अधिक मात्रा में पाई जाती है। चन्द्रमा के ध्रुव क्षेत्र पर जल और हिमावरण हैं। चन्द्रमा भूकंपीय दृष्टि से निष्क्रिय है। चन्द्रमा का मेंटल ठोस तथा दृढ़ हैं।
चंद्रमा पर दिन तथा अवधि
सूर्य के संदर्भ में चन्द्रमा की परिक्रमा की की अवधि 29.53 दिन होती है। इस समय को एक चंद्रमास या साइनोडिक मास कहा जाता है। 12 चंद्रमास की अवधि चंद्र वर्ष कहलाती हैं।
नक्षत्र समय के दृष्टिकोण से चंद्रमा लगभग 27 ½ दिन में पुनः उसी स्थिति में होता है। 27 ½ दिन की अवधि नक्षत्र मास कहलाती है।
जब किसी पूर्णिमा को चन्द्रमा अपनी कक्षा में पृथ्वी के निकटतम बिंदु या उसके समीप स्थित होता है तो यह परिघटना सुपरमून कहलाती है।
चंद्रग्रहण

पृथ्वी और चन्द्रमा दोनों ही सूर्य के प्रकाश से प्रकाशित होता है। पृथ्वी और चन्द्रमा की गति एक समान होने के कारण पृथ्वी पर से चंद्रमा का केवल एक ही भाग दिखाई पड़ता है।
पृथ्वी पर चन्द्रमा का संपूर्ण प्रकाशित भाग महीने में केवल एक बार अर्थात पूर्णिमा को दिखाई देता है। ठीक इसी प्रकार महीने में केवल एक बार चन्द्रमा का संपूर्ण प्रकाशित भाग पृथ्वी के सामने होता है, इसे अमावस्या कहते हैं।
जब पृथ्वी, सूर्य और चन्द्रमा के बीच आ जाता है तो सूर्य की रोशनी चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाती और पृथ्वी की छाया के कारण उस पर अंधेरा छा जाता है। इस स्थिति को चंद्र ग्रहण कहते हैं।
चंद्र ग्रहण हमेशा पूर्णिमा की रात को होता है। एक कैलेंडर वर्ष में अधिकतम 7 चंद्रग्रहण हो सकते हैं। हम पूर्ण सूर्य ग्रहण देख सकते हैं परंतु पूर्ण चंद्र ग्रहण नहीं देख सकते, क्योंकि सूर्य, चंद्रमा एवं पृथ्वी के आकार में अंतर है।
सूर्य और चन्द्रमा में अंतर
सूर्य | चंद्रमा |
यह सौर मंडल के केंद्र में स्थित एक तारा है। | यह एक खगोलीय पिंड है जो पृथ्वी की परिक्रमा करता है। |
यह आकार में चन्द्रमा से काफी बड़ा है। | यह आकार में सूर्य से बहुत छोटा है। |
सूर्य का अपना प्रकाश है। | यह अपना प्रकाश स्वयं उत्पन्न नहीं करता है। |
सूर्य आकाशगंगा के केंद्र की परिक्रमा करता है। | चन्द्रमा पृथ्वी की परिक्रमा करता है। |
पृथ्वी से इसकी औसत दूरी लगभग 92,900,000 मील (149, 600,000 किलोमीटर) है। | पृथ्वी से इसकी औसत दूरी लगभग 238,855 मील (384,400 किमी) है। |
चंद्रयान
चंद्रमा मानव के लिए सदैव जिज्ञासा का विषय रहा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र से ध्रुवीय अंतरिक्ष प्रक्षेपणयान PSLV-C-1 माध्यम से चंद्रयान-1 को चंद्रमा की कक्षा में 22 अक्टूबर 2008 को सफलतापूर्वक स्थापित किया।
इस अभियान में भारत निर्मित मानव रहित अंतरिक्षयान मून इंपैक्ट प्रोब को चंद्रमा की सतह पर उतारा गया। चंद्रयान-1 ने चंद्रमा पर बर्फ होने की जानकारी दी है। चंद्रयान पर नजर रखने हेतु बेंगलुरु से 40 किलोमीटर दूर ब्यालालू में इंडियन डीप स्पेस नेटवर्क सेंटर की स्थापना की गई है।
भारत ने इसरो व रूस के रॉस कॉसमॉस ने संयुक्त रूप से 16 अगस्त 2009 को चंद्रायन-2 का डिजाइन तैयार किया गया। जिसे सन 2012 में लैंड रोवर उपकरण की मदद से चंद्रमा की सतह पर उतारा गया।
13 नवंबर 2009 को नासा के वैज्ञानिकों ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव स्थित क्रेटर पर पानी (हाइड्रोकार्बन) उपस्थित होने की पुष्टि कर दी। भारत सहित 8 देशों ने चंद्रमा के अन्वेषण के लिए अमेरिका के साथ एक ऐतिहासिक समझौते पर जुलाई 2008 में हस्ताक्षर किए थे।
भारत के अलावा अमेरिका के साथ इस समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले देशों में ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और दक्षिण कोरिया भी शामिल है।
विश्व के मानवरहित चंद्रमिशन
चंद्रमिशन | देश | प्रक्षेपण तिथि |
स्मार्ट -1 | यूरोप | 2006 |
आउना (VSAT) | जापान | 2007 |
चंद्रायन -1 | भारत | 2008 |
एम० आई० पी० | भारत | 2008 |
ओकिना (RSAT) | जापान | 2009 |
कागूआ | जापान | 2009 |
लूनर रिकोनेसेंस ऑर्बिटरर्स | USA | 2009 |
लक्रोस | USA | 2009 |
लूना ग्लोब -1 | रूस | 2010 |
चेंज -2 | चीन | 2010 |
ग्रेल (GRAIL) | USA | 2011 |
लेडिल (LADEEL) | USA | 2011 |
लूना ग्लोब -2 | रूस | 2011 |
चंद्रायन -2 | भारत | 2012 |
आई० एल० एन० नोड -1 | USA | 2013 |
सेलेना -2 | जापान | 2013 |
मून एल० आई० टी० ई० | UK | 2013 |
चेंज -3 | चीन | 2013 |
आई० एल० एन० नोड -2 | USA | 2014 |
लूना ग्रंट-1 | रूस | 2014 |
लूना ग्रंट-2 | रूस | 2015 |
चंद्रमा के बारे में रोचक तथ्य
- चन्द्रमा पृथ्वी का एकमात्र स्थायी प्राकृतिक उपग्रह है।
- चन्द्रमा दूसरा सबसे घना उपग्रह है।
- चन्द्रमा की सतह वास्तव में काली है।
- चन्द्रमा हर साल हमारे ग्रह से लगभग 3.8 सेंटीमीटर दूर जा रहा है।
- चीन इकलौता देश है जो चांद के अंधेरे हिस्से पर उतरा है।
- चन्द्रमा नींबू के आकार का है।
- सूर्य की चमक से मेल खाने में लगभग 4,00000 चन्द्रमा लगेंगे।
- चन्द्रमा हमारे सोने के तरीके को प्रभावित कर सकता है।
- चन्द्रमा पर छाया पृथ्वी की तुलना में अधिक गहरी होती है।
- चन्द्रमा पर काले धब्बों को “मारिया” कहा जाता है।
- चन्द्रमा पर तापमान -387 से 260° फ़ारेनहाइट तक हो सकता है।
उम्मीद हैं आपको चन्द्रमा की जानकारी पसंद आयी होगी। यदि आपको यह पोस्ट पसंद आयी हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें धन्यवाद।