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चलिए आज हम ग्लुकोज की समस्त जानकारी पढ़ते और समझते हैं।
ग्लुकोज क्या हैं
ग्लूकोज एक कार्बोहाइड्रेट शर्करा हैं जो कार्बन, हाइड्रोजन एवं आक्सीजन के परमाणु से मिल कर बना होता हैं तथा यह एक यौगिक ऊर्जा हैं सभी जीव श्वसन के माध्यम से तोड़कर ऊर्जा प्राप्त करते हैं।
ग्लूकोज एक रंगहीन, मीठा अणु का पदार्थ हैं जो पानी में बहुत अच्छी तरह से घुल जाता हैं तथा ग्लूकोज पौधों के अभी भाग (अंगों) में पाया जाता हैं।
यह एक Monosaccharide (सरल कार्बोहाइड्रेट) हैं। तथा इसमें एक CHO का ग्रुप का अणु भी होता हैं इसी के कारण ग्लूकोज को अल्डोहेक्सोज (Aldohexose) कहते हैं।
ग्लूकोज का रासायनिक सूत्र
ग्लूकोज का रासायनिक सूत्र C₆H₁₂O₆ हैं।
ग्लूकोज का IUPAC नाम डी-ग्लूकोज हैं।
ग्लूकोज को कैसे बनाया जाता हैं
ग्लूकोज को दो तरीके से बनाया जाता है
1. गन्ने के रस से
जब गन्ने के रस पर और स्टार्च पर Dilute Hydrochloric Acid (पतला हाइड्रोक्लोरिक एसिड) और Sulphuric Acid (गंधक का तेजाब) को मिलाकर hydrolysis अभिक्रिया की जाती हैं। तथा बाद में ग्लूकोज और फ्रक्टोज़ मिलता हैं।

2. स्टार्च से
जब स्टार्च पर डैल्युट सुल्फुरिक एसिड के सानिध्य में, 393 केल्विन के तापमान पर हाइड्रोलैसीस अभिक्रिया की जाती हैं, तब अभिक्रिया के अंत में ग्लूकोस प्राप्त होता हैं।

सुल्फुरिक एसिड को न्यूट्रलाइज करने के लिए हाइड्रोलैसीस अभिक्रिया के बाद चाक पाउडर तयार मिश्रण में मिलाया जाता हैं। अन्य पदार्थों को ग्लूकोज़ से अलग करने के लिए एक्तिवेटेड कार्बन का इस्तेमाल किया जाता हैं।
ग्लूकोज के लाभ
- ग्लूकोज से एनर्जी :- कुछ भी खा लेने से ग्लूकोज के जितने एनेर्जी नही मिल सकती हैं ग्लूकोज में सबसे ज्यादा एनर्जी मिलती हैं।
- थकान के टाइम :- जब कोई इंसान दौड़ने के बाद या कुछ काम करने के बाद थक जाता हैं तथा उसको कमजोरी महसूस होती हैं तो उसको ग्लूकोज का घोल पिलाना चाहिए जिससे उस इंसान की थकान पूरी तरह से दूर हो जाती हैं।
- बॉडी टेम्प्रेचर :- गर्मियों के समय जब बहुत तेज धूप निकलती हैं। तो बॉडी का टेम्प्रेचर बढ़ जाता हैं। यदि टेम्प्रेचर को नही बढ़ने देना हैं तो सुबह के समय ग्लूकोज का घोल पीना चाहिए जिससे बॉडी का टेम्प्रेचर सही रहता हैं तथा ग्लूकोज हमारे शरीर को ठंडा बनाए रखने में सहायता करता हैं।
- पानी की कमी :- बॉडी में हुए पानी की कमी को पूरा करने के लिए पानी और ग्लूकोज का घोल बना के पीना चाहिए। ग्लूकोज शरीर में पानी की कमी नही होने देता हैं। जिससे शरीर स्वस्थ बना रहता हैं।
- स्वस्थ के लिए :- ग्लूकोज शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए बहुत ही जरूरी हैं इसमे सभी फैटी एसिड होते हैं साथ ही वसा भी होता हैं। शरीर के लिए ग्लूकोज आवश्यक होता हैं।
रसोईघर में ग्लूकोज का उपयोग
- ग्लूकोज का उपयोग केक बनाने में किया जाता हैं।
- ग्लूकोज का उपयोग आइसक्रीम बनाने में किया जाता हैं जिससे उसका बर्फ जम जाए।
- मिठाई बनाने में किया जाता हैं।
- जलेबी बनाने में किया जाता हैं।
- घर मे खाने वाले बहुत से पदार्थो में ग्लूकोज का उपयोग किया जाता हैं।
ग्लूकोज की कमी को दूर करने के तरीके
ग्लूकोज की कमी को दूर करने के लिए सबसे पहले आपको चिकित्सालय में जाँच करानी चाहिए।
यह बहुत ही जरूरी हैं इसके अलावा हमारे खाने पीने का असर ग्लूकोज की मात्रा पर पढ़ता हैं।
शरीर में ग्लूकोज की मात्रा को कम करने के उपाय निम्नलिखित हैं।
- अंडा
- मछली
- मटर, पनीर
- हरि-सब्जियां
- रोटी
- चावल
- पास्ता
- आम
- खीरा
- शहद
ग्लूकोज की अधिकता के नुकसान
शरीर मे ग्लूकोज की अधिक मात्रा हो जाने पर Hyperglycaemia की स्थिति हो जाती हैं जिसके कारण शरीर मे बहुत समस्याएं होने लगती हैं।
ग्लूकोज का लेवल बढ़ जाने के निम्लिखित कारण हैं ।
- चिंता और अवसाद
- असन्तुलन खानपान
- शराब का सेवन
- बीमारी के समय इन्फ़ेक्सन
- कार्बोहाइड्रेट का सेवन
रक्त में ग्लूकोज की कमी
रक्त में ग्लूकोज की कमी या शक्कर की कमी से रक्त में ग्लूकोज का स्तर सामान्य से नीचे गिरने लगता हैं। जिससे रक्त में ग्लूकोज की कमी होती हैं।
रक्त में ग्लूकोज की कमी के लक्षण
रक्त में ग्लूकोज की कमी तब होती हैं जब आपका ग्लूकोज का स्तर इतना कम हो जाता हैं कि आप अपने आप चिकित्सालय पहुचने में असमर्थ हो जाते हैं और आपको किसी दूसरे इंसान की जरुरत पढ़ती हैं।
रक्त में ग्लूकोज का रोग बहुत ही खतरनाक हैं इसका इलाज तुरंत ही कराना चाहिए।
- चिड़चिड़ापन होना
- भूक न लगना
- सिरदर्द होना
- नींद न आना
- बहुत थकान होना
शरीर मे ग्लूकोज कैसे काम करता हैं
जब हम बहुत थक जाते हैं जिससे घबराहट और चक्कर आने लगते हैं या कोई बच्चा बहुत तेज दौड़ कर आता हैं तो उसको ग्लूकोज खिलाने से तुरंत ही एनर्जी मिलने लगती हैं।
एन्जाइम अग्न्याशय की मदद से टूटने की क्रिया चालू होने लगती हैं। अग्न्याशय जब इन्सुलिन के साथ हार्मोन का उत्पादन करता हैं तो हमार शरीर ग्लूकोज से डील करता हैं।
जब हम ग्लूकोज खाते हैं। तो हमारा शरीर अग्न्याशय को सुझाव देता हैं। की उसे रक्त शुगर के लेवल से निपटने से लिये इंसुलिन रिलीज करता हैं।
यदि शरीर इन्सुलिन उत्पाद नही कर पाता हैं तो फैटी एसिड रिलीज किया जाता हैं। जिससे ketoacidosis नामक स्तिथि उतपन्न हो जाती हैं।
ग्लूकोज की जाँच
मधुमेह से पीड़ित लोगो के लिए ग्लूकोज की जाँच करना बहुत ही जरूरी होता हैं।
यदि मधुमेह से पीड़ित इंसान ग्लूकोज की जांच न कराये तो उसके शरीर में ग्लूकोज की मात्रा दिन पर दिन कम होती जाएगी जिससे वो व्यक्ति बहुत ही बीमार होता जाएगा।
इसलिए ग्लूकोज की कमी से पीड़ित व्यक्तियों को अपनी दैनिक दिनचर्या में ब्लड शुगर की जाँच करानी चाहिए जिससे ग्लूकोज की कमी का पता चलता रहे।
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