इस पोस्ट में आप हिंदी व्याकरण के महत्वपूर्ण अध्याय संज्ञा की जानकारी को विस्तार से पढ़ेंगे।
पिछली पोस्ट में हम हिंदी व्याकरण के अध्याय अव्यव की परिभाषा आपके साथ शेयर कर चुके है यदि आपने अव्यव की पोस्ट को नहीं पढ़ा तो जरूर पढ़े।
चलिए इस पेज पर संज्ञा की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण को पढ़ते और समझते हैं।
संज्ञा की परिभाषा
किसी जाति, व्यक्ति, वस्तु, स्थान आदि तथा नाम के गुण, धर्म, स्वभाव का बोध कराने वाले शब्द को संज्ञा कहते हैं।
दूसरे शब्दों में, संज्ञा का शाब्दिक अर्थ नाम होता है अतः व्यक्ति, गुण, प्राणी, व जाति, स्थान, वस्तु, क्रिया और भाव आदि के नाम को संज्ञा कहते हैं।
जैसे : राम, टेबल, आम, मिठाई, हाथी आदि।
उदाहरण : रमेश परीक्षा में प्रथम आया था इसलिए वह दौड़ता हुआ स्कूल से घर पहुंचा, इस बात से वह बहुत खुश था। उसने यह बात अपने माता-पिता को बताई यह समाचार सुन वह इतने आनंदित हुए कि उन्होंने उसे गले लगा लिया।
यहाँ पर खुश और आनंदित (भाव), रमेश, माता-पिता (यक्ति), स्कूल, घर (स्थान), सुन, गले (क्रिया) आदि संज्ञा आई हैं।
संज्ञा के प्रकार
संज्ञा 5 प्रकार के होते हैं।
1. व्यक्तिवाचक संज्ञा
वह संज्ञा (नाम) जो किसी व्यक्ति वस्तु स्थान आदि का बोध (नाम) कराती हैं उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहा जाता हैं।
जिस शब्द से किसी एक विशेष व्यक्ति, वस्तु, या स्थान आदि का बोध हो उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं।
अथार्त जिस संज्ञा शब्द से किसी विशेष स्थान, वस्तु,या व्यक्ति के नाम का पता चले वहाँ पर व्यक्तिवाचक संज्ञा होती है।
उदहारण : भारत, भोपाल, सीता, सरीता, टेबल, रामु, कुर्सी, गोवा, दिल्ली, भारत, महात्मा गाँधी, कल्पना चावला, महेंद्र सिंह धोनी, रामायण, गीता, रामचरितमानस आदि।
2. जातिवाचक संज्ञा
वे संज्ञाएँ जो किसी विशेष जाती के वर्ग को प्रदर्शित करती हैं जातिवाचक संज्ञा कहलाती हैं।
जिस शब्द से एक ही जाति के अनेक प्राणियों, वस्तुओं का बोध हो उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं अथार्त जिस शब्द से किसी जाति का सम्पूर्ण बोध होता हो यह उसकी पूरी श्रेणी और पूर्ण वर्ग का ज्ञान होता है उस संज्ञा शब्द को जातिवाचक संज्ञा कहते हैं।
उदहारण : मोटर-साइकिल, कार, टीवी, पहाड़, तालाब, लड़का, लडकी, घोडा, शेर, नदी, शहर, ऋषि, पर्वत, गाय, गांव आदि।
3. द्रव्यमान वाचक संज्ञा
वह संज्ञा जो पदार्थ के द्रव्यमान का बोध कराती हैं द्रव्यमान वाचक संज्ञा कहलाती हैं।
जो संज्ञा शब्द किसी द्रव्य पदार्थ या धातु का बोध कराते है उसे द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं। अथार्त जो शब्द किसी पदार्थ, धातु और द्रव्य को दर्शाते हैं वहाँ पर द्रव्यवाचक संज्ञा होती है।
उदहारण : गेंहू, तेल, पानी, सोना, चाँदी, दही, स्टील, घी, लकड़ी, दूध, पेट्रोल, ताँबा, पत्थर, ईट आदि।
4. भाववाचक संज्ञा
वह संज्ञा जो भाव विचार और गुण आदि का बोध कराती हैं भाववाचक संज्ञा कहलाती हैं।
जिस संज्ञा शब्द से किसी के गुण, दोष, दशा, स्वाभाव , भाव आदि का बोध हो वहाँ पर भाववाचक संज्ञा कहते हैं। अथार्त जिस शब्द से किसी वस्तु , पदार्थ या प्राणी की दशा, दोष, भाव, आदि का पता चलता हो वहाँ पर भाववाचक संज्ञा होती है।
उदहारण : गर्मी, सर्दी, मिठास, खटास, हरियाली, सुख, घृणा, प्रसन्नता, कड़वा, तत्परता आदि।
भाववाचक संज्ञा चार प्रकार की होती हैं।
जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा बनाना
जातिवाचक | भाववाचक संज्ञा |
---|---|
प्रभु | प्रभुता |
माता | मातृत्व |
मनुष्य | मनुष्यता |
मित्र | मित्रता |
इंसान | इंसानियत |
बच्चा | बचपन |
शैतान | शैतानी |
शत्रु | शत्रुता |
समाज | सामाजिकता |
मूर्ख | मूर्खता |
डाकू | डकैती |
पात्र | पात्रता |
युवक | योवन |
भ्राता | भ्रातृत्व |
आदमी | आदमियता |
सेवक | सेवा |
अध्यापक | अध्यापन |
भाई | भाईचारा |
वकील | वकालत |
साधू | साधुता |
सर्वनाम से भाववाचक संज्ञा बनाना
सर्वनाम | भाववाचक संज्ञा |
---|---|
माँ | ममता, ममत्व |
सर्व | सर्वस्व |
अपना | अपनापन |
पराया | परायापन |
निज | निजत्व |
विशेषण से संज्ञा बनाना
विशेषण | संज्ञा |
---|---|
अच्छ | अच्छाई |
सुन्दर | सुन्दरता, सौंदर्य |
शीतल | शीतलता |
सफल | सफलता |
कायर | कायरता |
चतुर | चातुर्य, चतुराई |
निर्बल | निर्बलता |
बड़ा | बड़प्पन |
कातर | कातरता |
मधुर | मधुरता, माधुर्य |
छोटा | छुटपन |
भला | भलाई |
तीखा | तीखापन |
मीठा | मिठास |
सरल | सरलता |
निपुण | निपुणता |
नीच | नीचता |
तीक्ष्ण | तीक्ष्णता |
ऊँचा | ऊंचाई |
बूढा | बुढ़ापा |
काला | कालापन |
नीला | नीलापन |
लाल | लाली |
वीर | वीरता |
लालची | लालच |
डरावना | डर |
क्रोधी | क्रोध |
भिन्न | भिन्नता |
शांत | शांति |
दुष्ट | दुष्टता |
संपन्न | संपन्नता |
प्रयुक्त | प्रयाग |
अंध | अधिकार , अँधेरा |
सुखद | सुखदायी |
विपन्न | विपन्नता |
साहित्यिक | साहित्य |
एक | एकता |
शूर | शूरता , शौर्य |
सम | समता , समानता |
पथरीली | पथरीलापन |
क्षुब्ध | क्षोभ |
बहुत | बहुतायत |
शीघ्र | शीघ्रता |
अमीर | अमीरी |
रोगी | रोग |
क्रिया से भाववाचक संज्ञा बनाना
क्रिया | भाववाचक संज्ञा |
उड़ना | उड़न |
लिखना | लेख |
खोदना | खुदाई |
बढ़ना | बाढ़ |
कमाना | कमाई |
घेरना | घेरा |
खपना | खपत |
बचना | बचाव |
नाचना | नाच |
पड़ना | पड़ाव |
लूटना | लूट |
संज्ञा से भाववाचक बनाना
संज्ञा | भाववाचक संज्ञा |
मनुष्य | मनुष्यता |
पशु | पशुत्व |
भार | भारीपन |
मित्र | मित्रता |
किशोर | किशोरपन |
दास | दासता |
मानव | मानवता |
प्रभु | प्रभुता |
पंडित | पांडित्य |
शत्रु | शत्रुता |
बाल | बालपन |
देव | देवत्व |
बालक | बालकपन |
नारी | नारीत्व |
बच्चा | बचपन |
स्त्री | स्त्रीत्व |
लड़का | लडकपन |
पुरुष | पुरुषत्व |
नुष्य | मनुष्यता |
दानव | दानवता |
बूढ़ा | बुढ़ापा |
शत्रु | शत्रुता |
मित्र | मैत्री |
शिष्य | शिष्यत्व |
माता | मातृत्व |
भ्राता | भ्रातृत्व |
5. समूहवाचक संज्ञा
वह संज्ञा जो किसी व्यक्ति, स्थान या वस्तु आदि का बोध न कराकर उनके एक समूह का बोध कराती हैं समूह वाचक संज्ञा कहलाती हैं।
इसे समुदायवाचक संज्ञा भी कहा जाता है। जो संज्ञा शब्द किसी समूह या समुदाय का बोध कराते है उसे समूह वाचक संज्ञा कहते हैं।
अथार्त जो शब्द किसी विशिष्ट या एक ही वस्तुओं के समूह या एक ही वर्ग व् जाति के समूह को दर्शाता है वहाँ पर समूहवाचक संज्ञा होती है।
उदहारण : गेंहू का ढेर, लकड़ी का गट्ठर, विद्यार्थियों का समूह, भीड़, सेना, खेल, परिवार, सरकार, आयोग, समीति, पुलिस, कक्षा, आदि।
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