इस पेज पर आप हिंदी व्याकरण के अध्याय सर्वनाम की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण को पढ़ेंगे जो कि सभी परीक्षाओ के लिए महत्वपूर्ण है।
पिछली पोस्ट में हम हिंदी व्याकरण के अध्याय संज्ञा की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण की जानकारी शेयर कर चुके है उसे जरूर पढ़े।
तो चलिए इस पेज पर हम सर्वनाम की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण को पढ़ते और समझते हैं।
सर्वनाम की परिभाषा
“संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले शब्द सर्वनाम कहलाते हैं।”
- ये किसी भी संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त किए जा सकते हैं, इसलिए हर भाषा में इनकी संख्या थोड़ी ही होती है।
जैसे :– मैं, हम, तू, आप, यह, वह, जो, कोई, कुछ, कौन, क्या आदि। - सर्वनाम का प्रयोग संज्ञा के स्थान पर होता है, इसलिए संज्ञा के समान ही कारक के कारण इनमें विकार या परिवर्तन होता है।
जैसे :– हमने, हमको, हमसे, मैंने, मुझको, मुझसे आदि। इसे भी संज्ञा की तरह एकवचन या बहुवचन का रूप दिया जा सकता है। - संज्ञा के समान इनके साथ संबोधन का प्रयोग नहीं किया जा सकता।
सर्वनाम किसे कहते है
“वे शब्द जो संज्ञा (कर्ता) के स्थान पर प्रयुक्त होकर उस स्थान पर आने वाली संज्ञा के अर्थ की पूर्ति करते हैं किंतु संज्ञा नहीं होते है सर्वनाम कहलाते है।
सर्वनाम का शाब्दिक अर्थ सबका नाम हैं अर्थात सर्वनाम शब्द किसी एक व्यक्ति का नाम न होकर सभी (वाक्य बोलने वाले) का नाम होता हैं।
अतः भाषा को प्रभावशाली बनाने के लिए जो शब्द संज्ञा के स्थान पर प्रयोग किये जाते हैं उसे सर्वनाम कहते हैं।
सर्वनाम को संज्ञा के स्थान पर रखा जाता है। वाक्यों में सर्वनाम वह शब्द है जो किसी प्रश्नाधीन आदमी की जगह पर उपस्थित होता है।
सर्वनाम केवल एक नाम नहीं बल्कि सबके नाम के बारे में बताती हैं। संज्ञा की पुनरुक्ति को दूर करने के लिए ही सर्वनाम का प्रयोग किया जाता है।
हिंदी में कुल 11 मूल सर्वनाम होते हैं :- मैं, तू, यह, वह, आप, जो, सो, कौन, क्या, कोई, कुछ आदि।
उदाहरण :-
- मैं चाय पीकर खाना खाती हूँ।
- सीता ने गीता से कहा, मैं तुम्हे पुस्तक दूंगी।
- सीता ने गीता से कहा, मैं बाजार जाती हूँ।
- सोहन एक अच्छा विद्यार्थी है वह रोज स्कूल जाता है।
- राम, मोहन के साथ उसके घर गया।
नोट : यहाँ पर मैं, वह और उसके संज्ञा के स्थान पर सर्वनाम प्रयुक्त हुए हैं।
यहाँ पर मैं किसी एक व्यक्ति का सूचक नहीं हैं किंतु इस वाक्य को बोलने वाले प्रत्येक व्यक्ति का सूचक सर्वनाम के रूप में हैं।
सर्वनाम के प्रकार
सर्वनाम मुख्य रूप से 6 प्रकार के होते हैं।
1. पुरुषवाचक सर्वनाम
वे सर्वनाम जो केवल पुरुष जाति का ही बोध कराते हैं जिन शब्दों से व्यक्ति का बोध होता है उन्हें पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं।
- इसका प्रयोग व्यक्तिवाचक संज्ञा की जगह पर किया जाता है।
- इसका प्रयोग स्त्री और पुरुष दोनों के लिए किया जाता है।
जिस सर्वनाम का प्रयोग सुननेवाले यानि श्रोता, बोलनेवाले यानि वक्ता और किसी और व्यक्ति के लिए होता है उसे पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं।
जैसे :- मैं, तू, वह, हम, वे, आप, उसे, उन्हें, ये, यह, आदि।
पुरुषवाचक सर्वनाम के प्रकार
पुरुषवाचक सर्वनाम 3 प्रकार के होते हैं।
- उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम
- मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम
- अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम
a). उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम
जिन शब्दों का प्रयोग कहने वाला खुद को प्रकट करने के लिए करता है उसे उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं।
अथार्त जिन शब्दों का प्रयोग बोलने वाला खुद के लिए करता है उसे उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं।
जैसे :- मैं, हम, हमारा, मुझे, मुझको, हमको, मेरा, हमें आदि।
b). मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम
जिन शब्दों को सुनने वाले के लिए प्रयोग किया जाता है उसे मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं।
अथार्त जिन शब्दों का प्रयोग बोलने वाला यानि वक्ता , सुनने वाले यानि की श्रोता के लिए प्रयोग करता है उसे मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं।
जैसे :- तुम, आप, तू, तुझे, तुम्हारा, आप, आपको, तेरा, तुम्हे, आपका, आप लोग, तुमसे, तुमने आदि।
c). अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम
जो व्यक्ति उपस्थित नही होता है वह वक्ता और श्रोता के लिए अन्य व्यक्ति होता है जिन शब्दों का प्रयोग अन्य व्यक्तियों के लिए किया जाये वे सभी अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम होते हैं।
अथार्त जिन शब्दों का प्रयोग बोलने वाला, सुनने वाले के अलावा जिसके लिए करता है उसे अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं।
जैसे :- वह, वे, उसने, यह, ये, इसने, वो, उसका, उनका, उन्हें, उसे आदि।
पुरुष वाचक सर्वनाम के कारक रूप
कारक | एकवचन | बहुवचन |
---|---|---|
कर्ता | मैं, मैंने | तू, तूने, वह, उसने, हम, हमने, तुम, तुमने, वे, उन्होंने आदि। |
कर्म | मुझे, मुझको | तुझे, तुझको, उसे, उसको, हमें, हमको, तुम्हें, तुमको, उन्हें, उनको आदि। |
करण | मुझसे, मेरे द्वारा | तुझसे, तेरे द्वारा, उससे, उसके द्वारा, हमसे, हमारे द्वारा, तुमसे, तुम्हारे द्वारा, उनसे, उनके द्वारा आदि। |
सम्प्रदान | मेरे लिए, मुझे, मुझको | तेरे लिए, तुझे, तुझको, उसके लिए, उसे उसको, हमारे लिए, हमें, हमको, तुम्हारे लिए, तुम्हे, तुमको, उनके लिए, उन्हें, उनको आदि। |
अपादान | मुझसे | तुझसे, उससे, हमसे, तुमसे, उनसे आदि। |
संबंध | मेरा, मेरी, मेरे | तेरा, तेरी , तेरे, उसका, उसकी, उसके, हमारा, हमारी, हमारे, तुम्हारा, तुम्हारी, तुम्हारे, उनका, उनकी, उनके आदि। |
अधिकरण | मुझमें, मुझ पर | तुझमें, तुझ पर, उसमें, उस पर, हममें, हम पर, तुममें, तुम पर, उनमें, उन पर आदि। |
2. निजवाचक सर्वनाम
वह सर्वनाम जो किसी व्यक्ति के द्वारा कार्य करने की इच्छा संभावना आदि के अर्थ को प्रदर्शित करता हैं निजवाचक सर्वनाम कहलाता हैं।
निज शब्द का अर्थ होता है अपना और वाचक का अर्थ होता है बोध, अपनेपन का बोध करने वाले शब्दों को निजवाचक सर्वनाम कहते हैं।
अथार्त जिन सर्वनामों का प्रयोग कर्ता के साथ अपने पन का बोध करने के लिए किया जाता है उसे निजवाचक सर्वनाम कहते हैं।
जहाँ पर वक्ता अपने या अपने आप शब्द का प्रयोग करता है वहाँ पर निजवाचक सर्वनाम होता है।
जैसे :- हमें, तुम, अपने, आप, अपने आप, निजी, खुद, स्वंय आदि।
निजवाचक सर्वनाम के कुछ उदाहरण
1. आपको संज्ञा या सर्वनाम के निश्चय के लिए प्रयोग किया जाता है।
जैसे :- मैं आपके वहीं से आया हूँ।
2. आपको दूसरे व्यक्तियों के निराकरण के लिए किया जाता है।
जैसे :- उन्होंने मुझे रहने के लिए कहा था और आप चलते बने।
3. आपको सर्वसाधारण के अर्थ के लिए प्रयोग किया जाता है।
जैसे :- अपने से बड़ों का आदर करना उचित होता है।
4. आपका प्रयोग अवधारण में कभी कभी ही जोडकर किया जाता है।
जैसे :-
- मैं यह कार्य आप ही कर लूँगा।
- आप ही (स्वयं के लिए)
- स्वयं ही अपना कार्य करना चाहिए।
3. निश्चितवाचक सर्वनाम
वे सर्वनाम जो निकट या दूर की वस्तु, स्थान आदि का निश्चिय अर्थ के भाव को प्रदर्शित करते हैं निश्चितवाचक सर्वनाम सर्वनाम कहलाते हैं।
जिन शब्दों से किसी व्यक्ति, वस्तु अथवा घटना की ओर निश्चयात्मक रूप से संकेत करे उसे निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं।
इसे संकेतवाचक सर्वनाम भी कहते हैं। इसमें यह, वह, वे, ये आदि का निश्चय रूप से बोध कराते हैं।
जैसे :-
- यह मेरी पुस्तक हैं।
- वे मेरे आदमी हैं।
- वह मेरा गॉंव है।
- यह मेरी पुस्तक है।
- ये सेब हैं।
- ये पुस्तक रानी की है।
इसमें वह, यह, ये आदि शब्द निश्चित वस्तु की और संकेत कर रहे हैं।
निश्चयवाचक सर्वनाम के प्रकार
- निकटवर्ती निश्चयवाचक सर्वनाम
- दूरवर्ती निश्चयवाचक सर्वनाम
a). निकटवर्ती निश्चयवाचक सर्वनाम
जो शब्द निकट या पास वाली वस्तुओं का निश्चित रूप से बोध कराएँ उन्हें निकटवर्ती निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं।
जैसे :-
- यह मेरी पुस्तक है।
- ये मुझे बहुत पसंद है।
इसमें यह और ये निकट वाली वस्तु का बोध करा रही हैं।
b). दूरवर्ती निश्चयवाचक सर्वनाम
जो शब्द दूर वाली वस्तुओं की ओर निश्चित रूप से संकेत करती है उसे दूरवर्ती निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं।
जैसे :- वह मेरी पैन है या वे सेब हैं
इसमें वह और वे दूर वाली वस्तुओं का बोध करा रहे हैं।
4. अनिश्चितवाचक सर्वनाम
वे सर्वनाम जो अनिश्चिचतता का बोध करते हैं जिन शब्दों से किसी व्यक्ति, वस्तु आदि का निश्चयपूर्वक बोध न हो वहाँ पर अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं।
जैसे :- कोई, कुछ, किसी, कौन, किसने, किन्ही को, किन्ही ने, जौन, तौन, जहाँ, वहाँ आदि।
उदाहरण:-
- कुछ लोग आज आ सकते हैं।
- दरवाजे पर कोई हैं।
- कुछ लोग स्कूल जा रहे हैं।
- किसी दिन हम घूमने चलेगें।
- वहाँ देखो मेरे दोस्त खड़े हैं।
5. प्रश्नवाचक सर्वनाम
वे सर्वनाम जो प्रश्न होने का बोध कराते हैं। जिन सर्वनाम शब्दों को प्रश्न पूछने के लिए प्रयोग किया जाता है उसे प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते हैं। अथार्त जिस शब्दों से प्रश्न का बोध होता है उसे प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते हैं।
जैसे :- कैसे, किसका, किसको, क्या, कौन, किसने, किसलिए, कहाँ आदि।
उदाहरण:-
- कौन आ रहा हैं।
- दूध में क्या गिर गया।
- रामू क्या कर रहे हो।
- क्या श्याम पास हो गया।
- सीता कहाँ जा रही हैं।
- यह काम कैसे हुआ।
संयुक्त सर्वनाम :- संयुक्त सर्वनाम अलग श्रेणी के सर्वनाम होते हैं सर्वनाम से इनकी भिन्नता इस लिए है क्योकि उनमें एक शब्द नहीं बल्कि एक से ज्यादा शब्द होते हैं।
कुछ शब्द ऐसे होते हैं जो संयुक्त सर्वनाम के होते हैं संयुक्त सर्वनाम के शब्दों को संज्ञा के शब्दों के साथ स्वतंत्र रूप से प्रयोग किया जाता है।
जैसे :- जो कोई, कोई न कोई, कोई कोई, कौन कौन, कुछ कुछ, सब कोई, हर कोई, और कोई, कोई और आदि।
सर्वनाम का विकारी रूप या रूपांतरण
सर्वनाम में लिंग की वजह से कोई परिवर्तन नहीं होता है। सर्वनाम शब्दों का पुरुष, वचन कारक आदि के करण रूपांतरण होता है।
6. संबंधवाचक सर्वनाम
वे सर्वनाम जो एक दूसरे के बीच संबंध को दर्शाते हैं जिन शब्दों से परस्पर संबंध का पता चले उसे संबंधवाचक सर्वनाम कहते हैं। जिन शब्दों से दो पदों के बीच के संबंध का पता चले उसे संबंध वाचक सर्वनाम कहते हैं।
जिन शब्दों से किसी व्यक्ति , वस्तु का अहसास तो होता है लेकिन उसका निश्चित रूप पता नहीं चलता उसे अनिश्चय वाचक सर्वनाम कहते हैं।
जैसे :- जिसकी, सो, जिसने, तैसी, जहाँ, जैसी, वैसी, जैसा, जो, वहाँ, जिसकी, उसकी, जितना, उतना आदि।
उदाहरण:-
- जो आया हैं सो जाएगा।
- जो परिश्रम करेगा वो सफल हो जाएगा।
- जैसा कर्म वैसा फल।
- जो जैसा कर्म करेगा वैसा फल उसको मिलेगा।
- वह जो बैठा हैं वो मेरा भाई हैं।
सर्वनाम की कारक-रचना
संज्ञा शब्दों की तरह सर्वनाम शब्दों की भी रूप-रचना होती हैं।
सर्वनाम शब्दों के प्रयोग के समय जब इनमें कारक चिन्हों का प्रयोग किया जाता हैं तो इनके रूप में परिवर्तन आ जाता हैं।
मैं – उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम की रचना
कारक | एकवचन | बहुवचन |
---|---|---|
कर्ता | मैं, मैंने | हम, हमने |
कर्म | मुझे, मुझको | हमें, हमको |
करण | मुझसे | मेरे द्वारा, हमसे, हमारे द्वारा |
सम्प्रदान | मुझे, मेरे लिए | हमें, हमारे लिए |
अपादान | मुझसे | हमसे |
संबंध | मेरा, मेरी, मेरे | हमारा, हमारी, हमारे |
अधिकरण | मुझमें, मुझपर | हममें, हमपर |
तू, तुम, – मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम की रचना
कारक | एकवचन | बहुवचन |
---|---|---|
कर्ता | तू, तूने | तुम, तुमने, तुम लोगों ने, आप, आपने |
कर्म | तुझको, तुझे | तुम्हें, तुम लोगों को, आपको। |
करण | तुझसे, तेरे द्वारा | तुमसे, तुम्हारे से, तुम लोगों से, तुम्हारे द्वारा, आपसे, आपके द्वारा। |
सम्प्रदान | तुझको, तेरे लिए, तुझे | तुम्हें, तुम्हारे लिए, तुम लोगों के लिए, आपके लिए। |
अपादान | तुझसे | तुमसे, तुम लोगों से, आपसे। |
संबंध | तेरा, तेरे, तेरी | तुम्हारा, तुम्हारी, तुम लोगों का, तुम लोगों की, आपका, आपके, आपकी |
अधिकरण | तुझमें, तुझपर, | तुममें, तुम लोगों में, तुम लोगों पर आपमें, आप पर आदि। |
आप – आदरसूचक सर्वनाम की रचना
कारक | एकवचन | बहुवचन |
---|---|---|
कर्ता | आपने | आपलोगों ने |
कर्म | आपको | आपलोगों को |
करण | आपसे | आपलोगों से |
सम्प्रदान | आपको, के लिए | आपलोगों को, के लिए |
अपादान | आपसे | आपलोगों से |
सम्बन्ध | आपका, की, के | आपलोगों का, की, के |
अधिकरण | आप में, पर | आपलोगों में, पर |
वह – अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम की रचना
कारक | एकवचन | बहुवचन |
---|---|---|
कर्ता | वह, उसने | वे, उन्होंने |
कर्म | उसे, उसको | उन्हें, उनको |
करण | उससे, उसके द्वारा | उनसे, उनके द्वारा |
सम्प्रदान | उसको, उसे, उसके लिए | उनको, उन्हें, उनके लिए |
अपादान | उससे | उनसे |
सम्बन्ध | उसका, उसकी, उसके | उनका, उनकी, उनके |
अधिकरण | उसमें, उसपर | उनमें, उनपर |
यह – निश्चयवाचक सर्वनाम की रचना
कारक | एकवचन | बहुवचन |
---|---|---|
कर्ता | यह, इसने | ये, इन्होंने |
कर्म | इसको, इसे | ये, इनको, इन्हें |
करण | इससे | इनसे |
सम्प्रदान | इसे, इसको | इन्हें, इनको |
अपादान | इससे | इनसे |
सम्बन्ध | इसका, की, के | इनका, की, के |
अधिकरण | इसमें, इसपर | इनमें, इनपर |
कोई – अनिश्चयवाचक सर्वनाम की रचना
कारक | एकवचन | बहुवचन |
---|---|---|
कर्ता | कोई, किसने | किन्हीं ने |
कर्म | किसी को | किन्हीं को |
करण | किसी से | किन्हीं से |
सम्प्रदान | किसी को, किसी के लिए | किन्हीं को, किन्हीं के लिए |
अपादान | किसी से | किन्हीं से |
सम्बन्ध | किसी का, किसी की, किसी के | किन्हीं का, किन्हीं की, किन्हीं के |
अधिकरण | किसी में, किसी पर | किन्हीं में, किन्हीं पर |
जो – संबंध वाचक सर्वनाम की रचना
कारक | एकवचन | बहुवचन |
---|---|---|
कर्ता | जो, जिसने | जो, जिन्होंने |
कर्म | जिसे, जिसको | जिन्हें, जिनको |
करण | जिससे, जिसके द्वारा | जिनसे, जिनके द्वारा |
सम्प्रदान | जिसको, जिसके लिए | जिनको, जिनके लिए |
अपादान | जिससे (अलग होने) | जिनसे (अलग होने) |
संबंध | जिसका, जिसकी, जिसके | जिनका, जिनकी, जिनके |
अधिकरण | जिसपर, जिसमें | जिनपर, जिनमें |
कौन – प्रश्नवाचक सर्वनाम की रचना
कारक | एकवचन | बहुवचन |
---|---|---|
कर्ता | कौन, किसने | कौन, किन्होंने |
कर्म | किसे, किसको, किसके | किन्हें, किनको, किनके |
करण | किससे, किसके द्वारा | किनसे, किनके द्वारा |
सम्प्रदान | किसके लिए, किसको | किनके लिए, किनको |
अपादान | किससे (अलग होने) | किनसे (अलग होने) |
संबंध | किसका, किसकी, किसके | किनका, किनकी, किनके |
अधिकरण | किसपर, किसमें | किनपर, किनमें |
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