नमस्कार दोस्तों, इस पेज पर हम विस्मयादिबोधक की जानकारी शेयर करने वाले हैं तो इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़िए।
पिछले पेज पर हमने संज्ञा और सर्वनाम की जानकारी शेयर की हैं तो उस आर्टिकल को भी पढ़े। चलिए आज हम विस्मयादिबोधक की जानकारी को पढ़ते और समझते हैं।
विस्मयादिबोधक किसे कहते हैं
विस्मयादिबोधक ऐसे शब्द होते है जिनका इस्तेमाल भावनाओं को व्यक्त करने के लिए किया जाता है।
जैसे :- ओह!, वाह!, उफ़!, हे भगवान!, हाय! इत्यादि।
दूसरे शब्दों में जो अव्यय हर्ष, शोक, घृणा तथा विस्मय इत्यादि भावनाओं को व्यक्त करें, उसे विस्मयादिबोधक कहते हैं।
विस्मयादिबोधक शब्द के उदाहरण
- अरे!
- हाय!
- शाबास!
- शांत!
- क्या!
- वाह! वाह!
- छी! छी!
- बहुत अच्छा!
- हा! हा! – आश्चर्य
- बाय!
विस्मयादिबोधक के प्रकार
भावना व्यक्त करने के आधार पर विस्मयादिबोधक को मुख्यतः चार भागों में बांटा गया हैं।
- शोक बोधक
- तिरस्कार बोधक
- स्वीकृति बोधक
- विस्मयादिबोधक
- संबोधन बोधक
- हर्ष बोधक
- भय बोधक
- आशीर्वाद बोधक
- अनुमोदन बोधक
- विदास बोधक
- विवशता बोधक
1. शोक बोधक
ऐसे विस्मयादिबोधक शब्द जो शोक व्यक्त करें, उसे शोक बोधक विस्मयादिबोधक अव्यय कहते हैं।
जहां वाक्य में हे राम!, बाप रे बाप!, ओह!, उफ़!, हाँ! आदि आते हैं, तो वहां पर शोक बोधक होता है। इन शब्दों से शोक की भावना व्यक्त की जाती है।
जैसे :- हाय! यह क्या हो गया?
उदाहरण :-
- हे राम! ऐसा मेरे साथ ही क्यूँ होता है!
- बाप रे बाप! अब मेरा क्या होगा!
- हाय! नाना जी चल बसे!
- ओह! मैं ये सब नहीं कर सकता!
2. तिरस्कार बोधक
जब वाक्यों में छि: ! , थू-थू , धिक्कार ! , हट ! , धिक् ! , धत ! , चुप ! आदि शब्दों का प्रयोग किया जाता है तो वे शब्द तिरस्कार बोधक कहलाते हैं।
उदाहरण :-
- छि:! कितनी गन्दी जगह है ये!
- अगर तुम यह भी नहीं कर सके तो धिक्कार! है तुम पे!
- चुप! लगता है कोई आ रहा है!
3. स्वीकृति बोधक
जब अच्छा ! , ठीक ! , हाँ ! , जी हाँ ! , बहुत अच्छा ! , जी ! आदि शब्दों का प्रयोग किया जाता है , तो ये स्वीकृति बोधक के अंतर्गत आते हैं। इनसे हमें स्वीकृति की भावना का बोध होता है। अतः ये स्वीकृति बोधक कहलाते हैं।
उदाहरण :-
- अच्छा ! फिर ठीक है।
- तुम यही चाहते हो तो फिर ठीक!
- जी हाँ! मैं ही वह बन्दा हूँ।
4. संबोधन बोधक
जब हो !, अजी !, ओ !, रे !, री !, अरे !, अरी !, हैलो !, ऐ! आदि शब्दों का प्रयोग किया जाता है, तो वे संबोधन बोधक कहलाते हैं। इन शब्दों का प्रयोग करके हम किसी का संबोधन करते हैं।
उदाहरण :-
- अजी ! सुनते हो।
- अरे! ज़रा रुको तो सही।
- हैलो ! आप कौन बोल रहे हैं ?
5. हर्ष बोधक
जब वाह -वाह !, धन्य !, अति सुन्दर !, अहा !, शाबाश !, ओह ! आदि शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है , तो ये हर्ष बोधक कहलाते हैं। इन शब्दों का प्रयोग करके हम हर्ष की भावना व्यक्त करते हैं।
ऐसे विस्मयादिबोधक शब्द जो खुशी को व्यक्त करें, उसे हर्ष बोधक विस्मयादिबोधक अव्यय कहते हैं।
जैसे :- अहा! कितनी सुंदर वाटिका हैं।
उदाहरण :-
- अहा! यह बहुत अच्छा हुआ।
- शाबाश ! तुमने यह कर दिखाया।
- वाह ! ये तो किसी अजूबे से कम नहीं।
6. भय बोधक
जब बाप रे बाप ! , ओह ! , हाय ! , उई माँ ! , त्राहि – त्राहि जैसे शब्दों का प्रयोग वाक्य में किया जाता है, तो ये भयबोधक कहलाते हैं। इन शब्दों से भय या डर की भावना व्यक्त होती है।
उदाहरण :-
- हाय! अब मेरा क्या होगा।
- उई माँ! बहुत जोर से दर्द हो रहा है।
- बाप रे बाप ! इतना बड़ा सांप।
7. आशीर्वाद बोधक
जब किन्ही वाक्यों में जीते रहो!, खुश रहो!, सदा सुखी रहो!, दीर्घायु हो आदि शब्दों का प्रयोग किया जाता है तो ये आशीर्वाद बोधक कहलाते हैं। ये तब प्रयोग करते ही जब बड़े लोग छोटे लोगों को आशीर्वाद देते हैं।
उदाहरण :-
- सदा खुश रहो! बेटा।
- जीते रहो ! पुत्र तुम्हें कामयाबी मिले।
8. विस्मयादिबोधक
ऐसे विस्मयादिबोधक शब्द जो विस्मय अर्थात आश्चर्य व्यक्त करें, उसे विस्मयादिबोधक अव्यय कहते हैं।
जब वाक्य में अरे ! , क्या ! , ओह ! , सच ! , हैं ! , ऐ ! , ओहो ! , वाह ! आदि शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है , तो वे शब्द विस्मयादिबोधक कहलाते हैं। इन शब्दों से हमें आश्चर्य कि भावना का बोध होता है।
जैसे :- क्या! ऐसा हो गया?
उदाहरण :-
- अरे ! यह क्या हुआ।
- अरे! तुम कब आये ?
- क्या! यह सच में बदल गया ?
9. अनुमोदन बोधक
जब वाक्य में हाँ !, बहुत अच्छा !, अवश्य ! आदि शब्दों का प्रयोग किया जाता है, तो वे अनुमोदनबोधक कहलाते हैं। इन शब्दों से अनुमोदन की भावना का बोध होता है।
उदाहरण :-
- अवश्य! तुम यह कर सकते हो।
- बहुत अच्छा ! अब आगे जाकर दिखाओ।
- हाँ हाँ ! हम ज़रूर मिलेंगे।
10. विदास बोधक
जब अच्छा !, अच्छा जी !, टा -टा ! आदि शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है तो वे शब्द विदास बोधक कहलाते हैं।
उदाहरण :-
- टा-टा ! अब हम जाते हैं।
- अच्छा ! फिर मिलते हैं।
11. विवशता बोधक
जब वाक्य में काश ! , कदाचित् ! , हे भगवान ! जैसे शब्दों का प्रयोग किया जाता है, तो वे शब्द विवशता बोधक शब्द कहलाते हैं। इन शब्दों से विवशता की भावना व्यक्त की जाती है।
उदाहरण :-
- काश! मैं भी यह कर पाता।
- हे भगवान! अब मेरा क्या हाल होगा?
विस्मयादिबोधक शब्द की विशेषता
विस्मयादिबोधक शब्द की निम्नलिखित विशेषताएँ होती है।
- विस्मयादिबोधक शब्दों से खुशी, दुख या शोक व्यक्त होता है।
- विस्मयादिबोधक को प्रायः वाक्य का अंग नहीं माना जाता है।
- विस्मयादिबोधक शब्द वाक्य के शुरुआत में रहते हैं।
- विस्मयादिबोधक शब्द के बाद (,) या (!) का प्रयोग किया जाता है।
विस्मयादिबोधक से सम्बंधित प्रश्न उत्तर
Q1. निम्नलिखित दिए गए वाक्यों में बताएं कि विस्मयादिबोधक के किस भाव को व्यक्त किया जा रहा है?
(क). वाह! हमने यह मैच जीत लिया।
उत्तर :- खुशी
(ख). हे भगवान! वह कुत्ता मर गया।
उत्तर :- शोक
(ग). अरे! तुम कैसे हो?
उत्तर :- आश्चर्य
(घ). आह! यह हमने क्या किया?
उत्तर :- आश्चर्य
(ङ). बहुत अच्छे! हम तुम्हारे काम से खुश हैं।
उत्तर :- खुशी
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