इस पेज पर आप तरंग किसे कहते है और इससे सबंधित समस्त जानकारी को पढ़ेंगे।
पिछली पोस्ट में हमने मात्रक की जानकारी शेयर की है उसे जरूर पढ़िए।
चलिए तरंग क्या है इसके प्रकार और उपयोग आदि की जानकारी को समझते है।
तरंग की परिभाषा
तरंग वह विक्षोभ है जिसके माध्यम से ऊर्जा एक स्थान से दूसरे स्थान तक संचरण करती है।
विक्षोभों के प्रतिरूप या पैटर्न जो द्रव्य के वास्तविक भौतिक स्थानांतरण अथवा समूचे द्रव्य के प्रवाह के बिना ही एक स्थान से दूसरे स्थान तक गति करते हैं तरंग कहलाते हैं।
तरंग के प्रकार
तरंगें दो प्रकार की होती हैं।
1. यांत्रिक तरंग
वे तरंगे जिनको गति करने के लिए किसी माध्यम की आवश्यकता होती हैं अर्थात यह तरंगे (ठोस, द्रव एवं गैस) तीनों माध्यम में गति कर सकती हैं।
उदाहरण :- ध्वनि, जल की तरंगे, पराश्रव्य तरंगे, तनी हुई डोरी का कम्पन आदि।
यांत्रिक तरंग के प्रकार
यांत्रिक तरंग दो प्रकार की होती हैं।
- अनुदैधर्य तंरग
- अनुप्रस्थ तंरगे
(a). अनुदैर्ध्य तरंग
जब तरंग गति की दिशा माध्यम के कणों के कंपन करने की दिशा के समांतर होती है, तो ऐसी तरंग को अनुदैर्ध्य तरंग कहते है अर्थात यह तंरगे, तरंग के समांतर गति करती हैं।
उदाहरण:-
ध्वनि तरंग – ध्वनि तरंग ध्वनि ऊर्जा को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाती हैं। ध्वनि की चाल सर्वाधिक ठोस पदार्थों में और सबसे कम गैसीय पदार्थों में होती हैं।
(b). अनुप्रस्थ तरंग
वह तंरगें जो तरंगों की दिशा के समांतर गति नहीं करती किन्तु यह तरंगों की दिशा के लंबवत्त गति करती हैं अनुप्रस्थ तंरगें कहलाती हैं।
उदाहरण :-
प्रकाश तरंगे – प्रकाश एक प्रकार की ऊर्जा हैं जो विधुत चुम्बकीय तरंगों के रूप में संचालित होती हैं इसका ज्ञान हमे आँखों द्वारा प्राप्त होता हैं इसका तरंग दैर्ध्य 3,900 A° से 7,800 A° के बीच होता हैं।
2. विधुत चुम्बकीय तरंग
विद्युत चुम्बकीय तरंगों को गति करने के लिए किसी माध्यम की आवश्यकता नहीं होती इन तरंगों की चाल एवं व्यवहार प्रकाश तरंगों के समान हैं अर्थात तरंगे निर्वात में भी संचरित हो सकती हैं उन्हें विद्युत चुम्बकीय या आयांत्रिक तरंगे कहते हैं।
यह ठोस, द्रव्य और गैस माध्यमों के साथ-2 निर्वात में भी समान गति से गमन करती हैं। सभी विद्युत चुम्बकीय तरंगे एक ही चाल से चलती हैं जो प्रकाश की चाल के बराबर होती हैं। सभी विद्युत चुम्बकीय तरंगे फोटान की बनी होती हैं।
विद्युत चुम्बकीय तरंगों के प्रकार
विद्युत चुम्बकीय तंरग 7 प्रकार की होती हैं।
(a). गामा किरणें
गामा किरणों के खोजकर्ता – बैकुरल
तरंगदैर्ध्य परिसर :- 10⁻¹⁴ m से 10⁻¹⁰ m
तरंगदैर्ध्य की आवृत्ति :- 10²⁰ सेे 10¹⁸ तक
(b). X – किरणें
X – किरणों के खोजकर्ता – रॉन्जन
तरंगदैर्ध्य परिसर – 10⁻¹⁰ m से 10⁻⁸ m तक
(c). पराबैंगनी किरणें
पराबैंगनी किरणों के खोजकर्ता – रिटर
तरंगदैर्ध्य परिसर – 10⁻⁸ m से 10⁻⁷ m तक
आवृत्ति परिसर Hz – 10¹⁶ से 10¹⁴ तक
(d). दृश्य प्रकाश
दृश्य प्रकाश किरणों के खोजकर्ता – न्यूटन
तरंगदैर्ध्य परिसर – 3.9 x 10⁻⁷ m से 7.8 x10⁻⁷ m तक
आवृत्ति परिसर Hz – 10¹⁴ से 10¹² तक
(e). लघु रेडियों तरंगे
लघु रेडियों तरंगों के खोजकर्ता – हर्शेल
तरंगदैर्ध्य परिसर – 10⁻³ m से 1m तक
आवृत्ति परिसर Hz – 10¹⁰ से 10⁸ तक
(f). दीर्ध रेडियों तंरग
दीर्ध रेडियों तरंगों के खोजकर्ता – मारकोनी
तरंगदैर्ध्य परिसर – 1 m से 10⁴ m तक
आवृत्ति परिसर Hz – 10⁶ से 10⁴ तक
नोट :- 10⁻³ m से 10⁻² m की तरंगें सूक्ष्म तरंगें कहलाती हैं।
(g). अवरक्त प्रकाश
अवरक्त प्रकाश किरणों के खोजकर्ता – हरशैल
तरंगदैर्ध्य परिसर – 7.8 x 10⁻⁷ m से 10⁻³ m तक
आवृत्ति परिसर Hz – 10¹² से 10¹⁰ तक
विद्युत चुंबकीय तरंगों के गुण
- यह उदासीन होती है।
- ये अनुप्रस्थ होती है।
- यह प्रकाश के वेग से गमन होती है।
- इसके पास ऊर्जा एवं संवेग होता है।
- यह अवधारणा मैक्सवेल के द्वारा प्रतिपादित की गई है।
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आशा है तरंगे की जानकारी आपको पसंद आयी होगी।
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आपने अच्छे से समझाया है मुझे यह लेख बहुत अच्छा लगा है