आपके महत्वपूर्ण डाटा को स्टोर और बैकअप करने के लिए अनेक प्रकार की Storage Device उपलब्ध है लेकिन इनमें किसी दुर्घटना (जैसे: टूटना, चोरी) की वजह से डाटा खोने की संभावना होती है। जिसके समाधान के लिए Cloud Storage का निर्माण हुआ है और बहुत कम समय में यह लोगप्रिय हो चूका है
इसलिए इस पेज पर हम Cloud Storage की समस्त जानकारी (जैसे: Cloud Storage क्या है, इसके प्रकार, लाभ और हानि आदि) को समझेंगे ताकि आप भी इसका उपयोग करके अपने डाटा को सुरक्षित स्टोर कर पाए।
Cloud Storage क्या है
क्लाउड स्टोरेज एक Cloud Computing Model है जो Cloud Computing Provider के माध्यम से इंटरनेट पर डाटा स्टोर करता है।
जो एक Service के रूप में Digital Storage का प्रबंधन करता है। यह आपको कभी भी और कहीं भी डाटा को वैश्विक स्तर और स्थायित्व (Durability) प्रदान करता है।
Cloud Storage आपकी डाटा और फाइलों को एक Off Site Location पर स्टोर करने की अनुमति देता है जिसे आप Public Internet या एक निजी इंटरनेट के माध्यम से एक्सेस कर सकते हैं।
जिस डाटा को आप स्टोरेज के लिए Off Site ट्रांसफर करते हैं उसे सुरक्षित रखना Third Party Cloud Provider की जिम्मेदारी होती है।
Cloud Provider Server यह सुनिश्चित करता है कि जब भी आपको अपने डाटा की जरूरत हो तो आपको वह डाटा आपको मिल जाएगा।
कंप्यूटर हार्ड ड्राइव केवल सीमित मात्रा में डाटा स्टोर कर सकता है और जब यूजर्स का Storage समाप्त हो जाता है तो उन्हें डाटा को किसी स्टोरेज डिवाइस में Transfer करने की आवश्यकता होती है।
इसलिए बहुत सारे Organization’s ने डाटा स्टोर करने के लिए Storage Area Network ( SAN ) का निर्माण और रखरखाव किया।
हालांकि Storage Area Network को बनाए रखना काफी महंगा है क्योंकि जैसे-जैसे स्टोर डाटा बढ़ता है कंपनियों को स्टोरेज की बढ़ती हुई मांग पुरा करने के लिए Server और Infrastructure को जोड़ने में निवेश करना पड़ता है।
Cloud Storage का इतिहास
Cloud Storage की शुरुआत सन 1960 में J. C. R. Licklider द्वारा शुरू किया गया था। उन्होंने अपने ARPANET के कार्य के दौरान इसे विकसित किया था।
इसके पीछे उनका यह मकसद था कि लोग कहीं से भी किसी भी वक्त अपना डाटा प्राप्त कर सके। इसके लिए उन्होंने 20 से ज्यादा कंप्यूटर को आपस में जोड़ा था। इसी व्यवस्था का उपयोग करते हुए Cloud Storage की शुरुआत हुई थी।
इंटरनेट पर व्यवसायिक तौर पर क्लाउड स्टोरेज की शुरुआत Amazon द्वारा Web Service के लिए क्लाउड स्टोरेज सर्विस AWS S-3 के नाम से साल 2006 में शुरू किया गया था।
इसके साथ ही इनके साथ मिलकर के अन्य कंपनियां जिन्होंने AWS S-3 के साथ मिलकर के Cloud Storage की सुविधा प्रदान की ऐसी कंपनियों में Dropbox, Pinterest, Smugmug आदि कंपनियां प्रमुख थी।
Cloud Storage कैसे काम करता है
On Premise स्टोरेज नेटवर्क की तरह क्लाउड स्टोरेज डाटा को स्टोर करने के लिए Server का उपयोग करता है हालांकि डाटा को एक Off Site स्थान पर Server को भेजा जाता है। आपके द्वारा उपयोग किए जाने वाले अधिकांश सरवर Physical Server पर पोस्ट की गई Virtual Machine है।
जैसे-जैसे आपके स्टोरेज की आवश्यकता बढ़ती है। Cloud Provider मांग को पूरा करने के लिए नए-नए Virtual Server बनाता है।
आमतौर पर आप Web Portal, Website या Mobile App का उपयोग करके इंटरनेट या निजी कनेक्शन के माध्यम से क्लाउड स्टोरेज से जुड़ते हैं।
सेवा के रूप में Cloud Provider आमतौर पर सुरक्षा के लिए एक ही डाटा को कई मशीनों पर स्टोर करते हैं। इस तरह यदि किसी Server को किसी कारण से बंद कर दिया जाता है या एक Outage का सामना करना पड़ता है तब भी आप अपने डेटा तक पहुंच सकते हैं।
क्लाउड स्टोरेज कैसे काम करता है यह इस्तेमाल किए गए स्टोरेज के प्रकार पर निर्भर करता है।
Cloud Storage के प्रकार
इसके तीन मुख्य प्रकार है।
1. Block Storage
यह बड़ी मात्रा में डाटा को छोटे छोटे हिस्सों में बांटता है जिसे Block कहा जाता है। प्रत्येक ब्लॉक एक विशेष पहचानकर्ता से जुड़ा होता है और सिस्टम के स्टोरेज ड्राइव में रखा जाता है।
Block Storage तेज और कुशल होता है और डेटाबेस पर High Performance Workload जैसे प्रयोगों के लिए आवश्यकता से कम समय खर्च करता है।
2. File Storage
यह डाटा को फाइल और फोल्डर के रूप में व्यवस्थित करता है। यह आमतौर पर Personal Computer, Hard Drive और Network Attached Storage (NAS) के साथ प्रयोग किया जाता है।
फाइल स्टोरेज सिस्टम में डाटा फाइलों और फोल्डर्स में स्टोर होता है। Director और Subdirector का उपयोग फोल्डर को व्यवस्थित करने और फाइलों और डाटा का पता लगाने के लिए किया जाता है।
3. Object Storage
यह डाटा को Object के रूप में स्टोर करता है। जिसमें तीन कंपोनेंट्स होते हैं एक फाइल में स्टोर डाटा, डाटा फाइल से जुड़ा Metadata और एक विशेष पहचानकर्ता।
Restful API का उपयोग करते हुए एक Object Storage Protocol एक फाइल और उससे जुड़े Metadata को एक Object के रूप में स्टोर करता है और उसे एक पहचान ID Number प्रदान करता है।
Cloud Storage के प्रकार
क्लाउड स्टोरेज निजी, सार्वजनिक और हाइब्रिड क्लाउड में उपलब्ध है।
1. Public cloud storage
इस मॉडल में आप इंटरनेट पर एक क्लाउड स्टोरेज से जुड़ते हैं जो एक Cloud Provider द्वारा बनाए रखा जाता है और अन्य कंपनियों द्वारा उपयोग किया जाता है।
आमतौर पर Cloud Storage Provider स्मार्टफोन और डेस्कटॉप के साथ किसी भी डिवाइस सेवाओं को आसान बनाते हैं और आपको आवश्यकतानुसार Upgrade और Downgrade करने देते हैं।
2. Private cloud storage
प्राइवेट क्लाउड स्टोरेज सेटअप आमतौर पर क्लाउड मॉडल को दोहराते हैं लेकिन वह आपके नेटवर्क के भीतर रहते हैं।
प्राइवेट क्लाउड स्टोरेज को बैंक और कंपनियां पसंद करती है क्योंकि वह डाटा को निजी तौर पर स्टोर करते हैं।
3. Hybrid Cloud Storage
यह मॉडल निजी और सार्वजनिक क्लाउड के तत्वों को जोड़ता है जिससे किसी भी कंपनी को यह विकल्प मिलता है कि किस क्लाउड में कौन सा डाटा स्टोर किया जाए।
कुछ कंपनी अपने Internal Storage Network को सार्वजनिक क्लाउड स्टोरेज के साथ पूरा करने के लिए हाइब्रिड क्लाउड का उपयोग करते हैं।
Cloud Storage के लाभ
किसी भी क्लाउड आधारित तकनीक की तरह क्लाउड स्टोरेज भी कुछ विशेष लाभ प्रदान करता है।
1. क्लाउड स्टोरेज आसान उपयोगिता और पहुंच के कारण काफी लाभकारी होती है। क्लाउड स्टोरेज के माध्यम से हम अपनी स्टोर फाइल्स को इंटरनेट की सहायता से दुनिया में कहीं और कभी भी एक्सेस कर सकते हैं।
2. क्लाउड स्टोरेज पर फाइलों का सुविधाजनक साझाकरण किया जा सकता है। इसमें लोगों को Individual Email भेजने की जरूरत नहीं होती है। इसमें एक ईमेल के जरिए एक WebLink अपने Recipients को भेजकर फाइल या पूरा फोल्डर ही शेयर कर सकते हैं।
3. Automation और Synchronization भी क्लाउड स्टोरेज की एक खासियत है। इसमें आप अपने मोबाइल या लैपटॉप में काम करते हुए Background में डाटा को Synchronize कर सकते हैं और यह सब अपने आप ही होता रहता है।
4. क्लाउड स्टोरेज अपनी बेहतर सुरक्षा के लिए भी प्रयोग की जाती है यदि कुछ भी इंटरनेट से जुड़ा है तो सुरक्षा एक प्राथमिक चिंता होती है इसलिए ज्यादातर बड़े और छोटे व्यवसाय क्लाउड स्टोरेज सेवाओं का उपयोग करते हैं
5. क्लाउड स्टोरेज काफी Cost-Efficient भी होती है क्योंकि इसमें यूजर को उसके स्पेस और इस्तेमाल किए जा रहे संसाधनों के हिसाब से ही रुपया देना होता है
6.क्लाउड स्टोरेज Scalable और Flexible होती है। यदि आपका स्टोरेज भर जाता है तो आप स्टोरेज को अपग्रेड कर सकते हैं और आपको अपने मौजूदा डेटा को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने की आवश्यकता नहीं होती है।
अतिरिक्त स्टोरेज को आपकी मौजूदा स्टोरेज क्षमता में जोड़ दिया जाता है। कुछ अतिरिक्त सुविधाओं को भी साथ में जोड़ा जा सकता है और आवश्यकता न होने पर अतिरिक्त स्टोरेज क्षमता को हटाया भी जा सकता है
7. Disaster Recovery और Backup जैसी सुविधाएं भी क्लाउड स्टोरेज में मिलती है
Cloud Storage के नुकसान
1. क्लाउड स्टोरेज मुख्य रूप से सुरक्षा और प्रशासनिक नियंत्रण को लेकर कंपनियों के लिए कुछ चिंताएं पैदा करता है। कई बार क्लाउड स्टोरेज का डाटा लीक हो जाता है।
2. बिना इंटरनेट के क्लाउड स्टोरेज का डाटा ना तो डाउनलोड किया जा सकता है ना अपलोड और ना ही Edit यदि किसी फाइल को डाउनलोड करते समय इंटरनेट विफल हो जाए तो यह फाइल Corrupt हो सकती और उस समय फाइल को फिर से डाउनलोड करना पड़ेगा।
3. क्लाउड स्टोरेज से डेटा Transmission में देरी हो सकती है। खासकर जब आप सार्वजनिक इंटरनेट कनेक्शन का उपयोग करते हैं।
4. व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए डिजाइन होने की वजह से क्लाउड स्टोरेज महंगी होती है। इसका कारण यह है कि यह विशेष रूप से व्यावसायिक उद्देश्य की पूर्ति के लिए डिजाइन की गई होती है।
5. क्लाउड स्टोरेज में आपका डाटा किसी अन्य व्यक्ति के हाथ यानी Cloud Storage Provider Company के हाथों में होता है। इसलिए अपने डाटा के लिए आप हमेशा ही चिंतित रहते हैं।
आशा है Cloud Storage की जानकारी आपको पसंद आयी होगी।
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