बौने ग्रह क्या हैं बौने ग्रह निर्धारित करने के मापदण्ड

इस पेज पर आप बौने ग्रह की समस्त जानकारी पढ़ने वाले हैं तो यदि आप बौने ग्रह की जानकारी जानना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़े।

पिछले पेज पर हमने पृथ्वी और चंद्रमा की जानकारी शेयर की हैं तो उस आर्टिकल को भी पढ़े। चलिए आज हम बौने ग्रह की जानकारी को पढ़ते और समझते हैं।

बौने ग्रह क्या हैं

‘बौना’ शब्द का अर्थ छोटा आकार होता है। एक बौना ग्रह एक ग्रह की ही भांति होता हैं लेकिन इनका द्रव्यमान और आकार ग्रहों से कम होता हैं। इनका आकार ग्रहों से छोटा और उपग्रहों से बड़ा होता हैं।

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बौने ग्रह निर्धारित करने के मापदण्ड

अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय इकाई के अनुसार, किसी ग्रह को बौना ग्रह कहलाने के लिए विशिष्ट मानदंडों को पूरा करने की आवश्यकता होती है।

  • इसे अन्य ग्रहों की तरह सीधे सूर्य की परिक्रमा करनी चाहिए।
  • उसके पास पर्याप्त गुरुत्वाकर्षण होना चाहिए ताकि वह अपने द्रव्यमान को गोलाकार में रख सकें।
  • इसकी कक्षा छोटी वस्तुओं अथवा पिंडो से मुक्त होनी चाहिए।

उपरोक्त मानदंड में यदि कोई ग्रह इन सभी मानदंडों को पूरा करता है, तो उसे बौने ग्रह के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।

बौने ग्रह के उदाहरण

I.A.U. ने ओस्लो बैठक के बाद कहा कि नेपच्यून के बाद या उससे दूर की कोई भी गोल आकार वस्तु होगी जिसमें गुरुत्वाकर्षण बल के साथ साथ न्यूनतम निर्धारित चमक होगी उसे प्लूटोइड कहा जाएगा।

बौने ग्रह में निम्नलिखित ग्रह को शामिल किया गया हैं।

1. यम/कुबेर (Pluto)

प्लूटो की खोज 1930 ईस्वी में क्लाइड टॉमबैग ने की थी। 24 अगस्त, 2006 की I.A.U. की प्राग सम्मेलन में ग्रह कहलाने के मापदंड पर खरे नहीं उतरने के कारण प्लूटो को ग्रहों की श्रेणी से अलग कर बौने ग्रह की श्रेणी में रखा गया है। I.A.U. ने इसका नया नाम 1,34,340 रखा है।

प्लूटो को ग्रह की श्रेणी से निकाले जाने के निम्नलिखित कारण है।

  • आकार में चंद्रमा से छोटा होना
  • इसकी कक्षा का वृत्ताकार नहीं होना
  • वरुण की कक्षा को काटना

2. सेरस

सेरस की खोज 1801 ई० में इटली के खगोलविद गुसेपी पियाजी ने किया था। I.A.U. की नई परिभाषा के अनुसार इसे बौने ग्रह की श्रेणी में रखा गया है, जहां इसे संख्या 1 से जाना जाएगा। इसका व्यास 1025 किलोमीटर है, जो बुध के व्यास का 1/5 भाग है।

3. इरिस

इरिस की खोज 1898 ई० में हुई थी। इसका आकार अनियमित है। यह 23 किलोमीटर लंबा और 11 किलोमीटर चौड़ा है।

अमेरिका द्वारा निर्मित उपग्रह नियर शूमेकर को 2001 में इरिस पर उतारा गया। किसी बौने ग्रह पर मानव निर्मित उपग्रह का उतारना एक विस्मयकारी घटना रहा। I.A.U. ने इसका नया नाम 2003 अब 313 रखा।

4. माकेमेक

हमने इसे 2008 में एक बौने ग्रह के रूप में वर्गीकृत किया था।

5. हौमिया

इसे2004 में खोजा गया, 2005 में घोषित किया गया और 2008 में बौने ग्रह के रूप में वर्गीकृत किया गया।

क्या क्षुद्रग्रह बौने ग्रह हैं

नहीं, क्षुद्रग्रह बौने ग्रह नहीं हैं। मुख्य रूप से बृहस्पति और मंगल के बीच बेल्ट में सूर्य की परिक्रमा करने वाले चट्टानी पिंडों को क्षुद्रग्रह के रूप में जाना जाता है। अधिकांश क्षुद्रग्रह गोलाकार नहीं होते इसलिए वह बौने ग्रह नहीं कहलाते हैं।

उम्मीद हैं आपको बौने ग्रह की जानकारी पसंद आयी होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आयी हो तो इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।

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