अपरिमेय संख्या की परिभाषा, पहचान और गुणधर्म

इस पेज पर आप गणित के महत्वपूर्ण अध्याय अपरिमेय संख्या की जानकारी को समझेंगे।

पिछले पेज पर हम परिमेय संख्या की जानकारी शेयर कर चुके है उसे जरूर पढ़े।

चलिए इस पेज पर अपरिमेय संख्या की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण की जानकारी पढ़ते हैं।

अपरिमेय संख्या किसे कहते हैं

ऐसी संख्याएँ जिन्हें p/q के रूप में नही लिखा जा सकता और मुख्यतः उन्हें (”√”) के अंदर लिखा जाता हैं और कभी भी उनका पूर्ण वर्गमूल नहीं निकलता अपरिमेय संख्या कहलाती हैं।

दूसरे शब्दों में – ऐसी वास्तविक संख्याएँ जिसे पूर्णांक के अनुपात के रूप में व्यक्त नहीं किया जा सकता है। साथ ही अंश और हर के रूप में भी व्यक्त नही किया जा सकता है अपरिमेय संख्या कहलाती है।

Ex :- ∅, π, √3, √11, √17, √19, √105

नोट :- (π एक अपरिमेय संख्या हैं।)

अपरिमेय संख्या की पहचान कैसे करें

ऐसी संख्या जिसे p/q के रूप में व्यक्त नहीं किया जा सकता है, जहाँ p और q पूर्णांक हैं और q ≠ 0 को अपरिमेय संख्या के रूप में व्यक्त किया जाता है। अपरिमेय संख्या हमेशा ( √ ) के रूप में होता है।

जैसे :- √2, √5, √7, √29 ……….

अपरिमेय संख्या के गुणधर्म

  • परिमेय और अपरिमेय संख्या का योग हमेशा अपरिमेय संख्या होता है।
  • दो परिमेय संख्याओं का गुणनफल हमेशा अपरिमेय संख्या होता है।
  • एक से अधिक अपरिमेय संख्या का लघुत्तम परिमेय या अपरिमेय हो सकता है।
  • दो अपरिमेय संख्या का गुणनफल परिमेय या अपरिमेय हो सकता है।

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