ब्लैकहोल की परिभाषा, प्रकार एवं ब्रह्मांड में कितने ब्लैक होल हैं

इस पेज पर आप ब्लैकहोल की समस्त जानकारी पड़ेगें। यदि आप ब्लैकहोल की जानकारी जानना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़िए।

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चलिए आज हम ब्लैकहोल की समस्त जानकारी को पढ़ते और समझते हैं।

ब्लैकहोल क्या हैं

ब्लैक होल अंतरिक्ष में सबसे अजीब और सबसे आकर्षक वस्तुओं में से एक हैं। ब्लैकहोल इतने घने होते हैं और उनका गुरुत्वाकर्षण आकर्षण इतना अधिक होता हैं की प्रकाश भी उनकी पकड़ से नहीं बच सकता।

नासा के अनुसार ब्लैक होल अंतरिक्ष में स्थित ऐसा स्थान या पदार्थ जहां गुरुत्वाकर्षण बल इतना अधिक होता हैं कि प्रकाश के कण भी इनसे बाहर नहीं आ पाते हैं।

blackhole

एक आकाशगंगा में 100 मिलियन से अधिक ब्लैक होल हो सकते हैं, हालांकि इनका पता लगाना बहुत मुश्किल होता है। हमारे आकाशगंगा अर्थात मिल्की वे के केंद्र में एक सुपरमैसिव ब्लैक होल है।

नासा के एक बयान के अनुसार, मिल्कि वे में स्थित आकाशगंगा सूर्य के द्रव्यमान का लगभग 4 मिलियन गुना है और वह पृथ्वी से लगभग 26,000 प्रकाश वर्ष दूर है।

ब्लैक होल की पहली तस्वीर 2019 में Event Horizon Telescope (EHT) के सहयोग से ली गई थी। पृथ्वी से 55 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर M87 आकाशगंगा के केंद्र में ब्लैक होल की तस्वीर ने पूरी दुनिया के वैज्ञानिकों को चकित कर दिया था।

ब्लैक होल की खोज किसने की

अल्बर्ट आइंस्टीन ने सबसे पहले 1916 में अपने सापेक्षता के सामान्य सिद्धांत में ब्लैक होल के अस्तित्व की भविष्यवाणी की थी।

“ब्लैक होल” शब्द कई साल बाद 1967 में अमेरिकी खगोलशास्त्री जॉन व्हीलर द्वारा बतलाया गया था। दशकों के बाद ब्लैक होल को केवल सैद्धांतिक वस्तु के रूप में जाना जाने लगा।

अब तक खोजा गया पहला ब्लैक होल सिग्नस X-1 था, जो सिग्नस आकाशगंगा के भीतर स्थित है। खगोलविदों ने 1964 में ब्लैक होल के पहले सबूत देखे थे।

ब्लैक होल के प्रकार

ब्लैक होल कैसे बनते हैं, यह उनके प्रकार पर निर्भर करता हैं। वैज्ञानिकों ने ब्लैकहोल के चार प्रकार बताए हैं जो निम्नलिखित हैं।

  • Supermassive Black Hole
  • Stellar Mass Black Hole
  • Miniature Black Hole

1. सुपरमैसिव ब्लैक होल

तीनों प्रकारों के ब्लैक होल  में ऐसे ब्लैक होल सबसे बड़े होते हैं। इसकी शक्ति कई मिलियन सूर्य के बराबर होती हैं।

हमारी आकाशगंगा अर्थात मिल्की वे के बीच भाग में इस प्रकार का ब्लैक होल मौजूद है जिसे वैज्ञानिकों ने Sagittarius A* नाम दिया है।

2. स्टेलर ब्लैक होल

यह ब्लैकहोल सामान्य आकार के होते हैं इनका भार सूर्य से 20 गुना ज्यादा होता है। यह किसी बड़े तारे के टूटने से बनते हैं। इस प्रक्रिया को सुपरनोवा कहा जाता है।

3. मिनिएचर ब्लैक होल

आजतक इस प्रकार के ब्लैक होल की खोज नहीं हुई है। वैज्ञानिकों के अनुसार ब्रह्मांड के शुरुआत में इस प्रकार के ब्लैक होल होते थे।

ब्लैक होल कैसे बनता हैं

जब कोई बड़ा तारा मर जाता है अर्थात समाप्त हो जाता है तो उससे स्टेलर ब्लैक होल बनता है। इस घटना के कारण एक सुपरनोवा बन जाता है, जिसका विस्तार समय से साथ होता रहता हैं।

वैज्ञानिक ब्लैक होल को कैसे खोजते हैं

आमतौर पर यदि हम किसी अंधेरे कमरे में टॉर्च जलाए तो हमें उसका Reflection दिखाई देता हैं लेकिन ब्लैक होल में ऐसा नहीं होता हैं। ब्लैक होल अपने अंदर आने वाली प्रत्येक वस्तु को अपने अंदर ही समाहित कर लेता हैं।

ऐसे ही अंतरिक्ष में कई ऐसे स्थान हैं जहां प्रकाश नहीं है अर्थात वह जगहें पूरी तरह से अंधेरे में हैं। ऐसे में वैज्ञानिक यह अनुमान लगा लेते हैं की वहां ब्लैक होल हो सकता हैं।

ब्रह्मांड में कितने ब्लैक होल हैं

स्पेस टेलिस्कोप साइंस इंस्टिट्यूट (STScI) के अनुसार हर हजार में से लगभग एक तारा इतना विशाल है कि वह ब्लैक होल बन सकता है।

चूंकि मिल्की वे में 100 बिलियन से अधिक आँकड़े हैं, इसलिए हमारी आकाशगंगा में लगभग 100 मिलियन ब्लैक होल होने चाहिए।

हालांकि ब्लैक होल का पता लगाना एक मुश्किल काम है और नासा के अनुमानों से पता चलता है कि मिल्की वे में 10 मिलियन से एक बिलियन स्टेलर ब्लैक होल हो सकते हैं।

पृथ्वी के निकटतम ब्लैक होल को “द यूनिकॉर्न“ कहा जाता है और यह लगभग 1,500 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है। 

यदि हम ब्लैक होल में गिर जाए तो क्या होगा

चुंकि हम इस बात को जानते है की किसी भी ब्लैक होल में गुरुत्वाकर्षण बहुत अधिक होता हैं। इसलिए यदि कोई व्यक्ति अगर ब्लैक होल में गिर जाए तो वह ब्लैक होल के अंदर के गुरूत्वाकर्षण को सहन नहीं कर पाएगा और अंत में उसका शरीर पूरी तरह से फट जायेगा।

क्या ब्लैक होल वास्तव में मौजूद हैं

शायद। खगोलविदों ने काफी कुछ वस्तुओं की खोज की है जिन्हें केवल ब्लैक होल के रूप में समझाया जा सकता है। यह वस्तुएं अंधेरे में हैं, इसलिए हम उन्हें नहीं देख सकते हैं।

लेकिन वह अपने आस पास के सितारों, गैस और यहां तक ​​​​कि उनके आस-पास के प्रकाश को भी अपनी तरफ खींच लेती हैं। यह वस्तुएं इतनी गहरी, घनी और भारी हैं कि वह या तो ब्लैक होल होनी चाहिए या कुछ और।

क्या कोई ब्लैक होल पृथ्वी के करीब है

अभी तक खोजे गए निकटतम ब्लैक होल कई हजार प्रकाश वर्ष दूर हैं। वह इतने दूर हैं कि उनका पृथ्वी या उसके पर्यावरण पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

एक सुपरमैसिव ब्लैक होल मन्दाकिनी के केंद्र में लगभग 27,000 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है। यह सूर्य के द्रव्यमान का कई मिलियन गुना है, लेकिन इसकी दूरी यह सुनिश्चित करती है कि यह हमारे सौरमंडल को प्रभावित नहीं करेगा।

उम्मीद हैं आपको ब्लैक होल की जानकारी पसंद आयी होगी। यदि आपको यह आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।

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