इस पेज पर आप सह अभाज्य संख्या किसे कहते हैं की जानकारी को पढ़ेंगे।
पिछले पेज पर हम अपरिमेय संख्या की जानकारी शेयर कर चुके है उसे जरूर पढ़े।
चलिए इस पेज पर सह अभाज्य संख्याओं की जानकारी पढ़ते और समझते हैं।
सह अभाज्य संख्या की परिभाषा
दो या दो से अधिक संख्याओं के बीच यदि अधिकतम उभयनिष्ठ 1 हो तो वे संख्याएँ सह अभाज्य संख्याएँ कहलाती है।
दूसरे शब्दों में – कम से कम 2 अभाज्य संख्याओ का ऐसा समूह जिसका महत्तम समापवर्तक (HCF) 1 हो।
उदाहरण :–
(2, 3), (3, 4), (5, 6), (14, 15),………….
सह अभाज्य संख्याओं को हम इस प्रकार भी समझ सकते हैं –
जैसे :–
(2, 3)
2 × 1 = 2
3 × 1 = 3
(3, 4)
3 × 1 = 3
4 × 1 = 4
(5, 6)
5 × 1 = 5
6 × 1 = 6
गुणनखण्ड में आप देख सकते हैं कि सभी में उभयनिष्ठ 1 प्राप्त होता हैं अर्थात यह सह अभाज्य संख्याएँ हैं।
(14, 15)
14 के भाजक : 1, 2, 7, 14
15 के भाजक : 1, 3, 5, 15
14 तथा 15 के गुणनखंड में 1 के अतिरिक्त कोई भी संख्या उभयनिष्ठ नहीं है। अतः 14 तथा 15 में उभयनिष्ठ गुणनखंड केवल 1 हैं। अतः 14 तथा 15 सह अभाज्य संख्याएँ हैं।
सह अभाज्य संख्या को अंग्रेजी में “Co-Prime Number” बोलते हैं।
Note :
- सह अभाज्य संख्याओं में दोनों संख्याएं अभाज्य हो ऐसा जरुरी नहीं हैं।
- 2 भाज्य संख्याएं भी सह अभाज्य संख्याएं हो सकती हैं।
- जैसे : 8 तथा 15 यहां दोनों संख्याएं ही भाज्य हैं।
- 8 तथा 15 में उभयनिष्ठ गुणनखंड में केवल 1 आता है अतः यह दोनों संख्याएं भी सह अभाज्य संख्याएं हैं।
- सह अभाज्य संख्याओं में दोनों संख्याएँ अथवा एक संख्या अभाज्य हो ऐसा होना आवश्यक नहीं हैं।
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उम्मीद हैं आपको सह अभाज्य संख्याओं की जानकारी पसंद आयी होगीं।
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