फ्लॉपी डिस्क क्या है इसके पार्ट्स, प्रकार और उपयोग

फ्लॉपी डिस्क का अविष्कार 1967 में हुआ था लेकिन समय के साथ इसका उपयोग कम होता गया। लेकिन आज भी फ्लॉपी डिस्क का उपयोग करने वाले समस्त लोगो को इसकी जानकारी होना आवश्यक है इसलिए इस पेज पर हमने Floppy Disk Drive की जानकारी शेयर की है।

फ्लॉपी डिस्क क्या है

फ्लॉपी डिस्क डाटा को स्टोर करने का एक माध्यम जिसे हम Storage Device भी बोलते है यह स्टोर डाटा के जानकारी को पढ़ता है इसे Floppy Disk, Floppy या Floppy Disk के रूप में भी जाना जाता है। इसका उपयोग कंप्यूटर फाइल की तरह Electronic Data को स्टोर करने के लिए किया जाता है।

एक फ्लॉपी डिस्क ड्राइव को डाटा के किसी भी हिस्से को सीधे प्राप्त करने में केवल एक सेकंड का दसवां हिस्सा लगता है। यह डिवाइस पतले प्लास्टिक के वृत्ताकार टुकड़े पर चुंबकीय पदार्थ की परत चढ़ा कर बनाया जाता है।

जब फ्लॉपी डिस्क को कंप्यूटर में डाला जाता है तो यह अपने आवरण में घूमती है जिससे इस पर डाटा स्टोर किया जा सके। यह स्टोर डाटा को पढ़कर कंप्यूटर मेमोरी में Transfer करती है।

फ्लॉपी डिस्क का इतिहास

Floppy Disk Drive को Allan Sugart द्वारा IBM में 1967 में बनाया गया था। यह पहले प्रकार का हार्डवेयर स्टोरेज डिवाइस था जो पोर्टेबल था। जब इसका पहली बार आविष्कार किया गया था तो यूजर्स CD ROM की तरह डाटा को लिखने में असमर्थ थे।

तब इसका व्यास 8 इंच था जिसे बाद में Diskette कहा जाता था। यह डिस्क केवल 80 KB डाटा स्टोर करने में सक्षम थी लेकिन बाद के संस्करण में 800 KB तक डाटा स्टोर करने की क्षमता थी। बाद में इसका आकार छोटा हो गया जो 5.25 इंच था इसलिए इसे Disk कहा जाने लगा।

5.25 इंच की डिस्क का प्रयोग सबसे पहले अगस्त 1981 में IBM के पर्सनल कंप्यूटर पर किया गया था। Magnetic Recording Media में सन 1980 तक सुधार के साथ-साथ Read, Write और Head के बेहतर डिजाइंस ने बहुत कम Flexible 3.5 इंच 1.44 MB की छमता फ्लॉपी डिस्क ड्राइव का उपयोग किया।

कुछ सालों तक कंप्यूटर में फ्लॉपी डिस्क ड्राइव का साइज 3.5 इंच और 5.25 इंच दोनों थे। लेकिन 1990 तक 5.25 इंच का Version Popular हो गया था।

फ्लॉपी डिस्क के पार्ट्स

1. Mechanical Frame :- यह फ्लॉपी डिस्क की Protective Window को खोलती है ताकि फ्लॉपी के फ्रेम को एक बटन के दबाने पर बाहर निकाला जा सके। इसके लिए इसमें एक Spring का इस्तेमाल होता है जो फ्लॉपी रखने वाले फ्रेम को फ्लॉपी ड्राइव से बाहर निकालता है।

2. Circuit Board :- Circuit Board में सभी Electronics शामिल है ताकि यह फ्लॉपी से डाटा को पढ़ और लिख सके साथ ही यह Stepper Motor को भी संभालता है ताकि Read/Write Head हर ट्रैक तक पहुंच सके।

3. Stepper Motor :- यह मोटर Precise नंबर की Stepped Revolutions का आकलन करता है। जिससे Read/Write Head Assembly, Proper Track Position में मूव कर सकता है।

4. Read / Write Head :- यह डिस्क के दोनों साइड पर पाए जाते हैं। इसमें हेड की सहायता से पढ़ने और लिखने का काम होता है। इनका दूसरा हिस्सा थोड़ा चौड़ा होता है जो डाटा को हटाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

5. Drive Motor :- यह एक छोटी सी मोटर होती है जो फ्लॉपी से जुड़े धातु के साथ Centre में जुड़ी होती है और यह 1 मिनट में लगभग 300 और 360 बार घूमती है। यह फ्लॉपी डिस्क के सबसे महत्वपूर्ण पार्ट्स में से एक है।

6. चौकोर प्लास्टिक जैकेट :- फ्लॉपी डिस्क को वातावरण के बुरे प्रभाव से बचाने के लिए चौकोर प्लास्टिक जैकेट काम करता है।

7. Read/Write Window :- इसमें हेड की सहायता से पढ़ने और लिखने का काम होता है।

8. Hub Ring :- फ्लॉपी डिस्क के बीच में Hole जिससे डिस्क अंदर जाने पर Metal का Spindle Ring को पकड़े रखने का काम Hub Ring ही करता है।

9. Write Protect Notch :- Write Protect Notch होने से अगर टैब बंद हो तो हमारे डिस्क में सेव की हुई जानकारी बिल्कुल सुरक्षित होती हैं। कोई भी इसे हटा या बदल नहीं सकता है।

10. Index Hole :- Soft Sector Disk में एक Index Hole होता है और Hard Sector में प्रत्येक सेक्टर के लिए अलग Hole होता है।‌ Index Hole हमें Soft Sector Disk और Hard Sector Disk के बारे में बताने का काम करता है।

Floppy Disk के Technical Terms

1. TPI :- TPI का पूरा नाम Track Per Inch होता है। यह प्रति इंच पर Track की संख्या होती है जो कि डाटा के घनत्व को बताती है। यह जितना बड़ा होगा आप फ्लॉपी डिस्क में उतने ही अधिक डाटा को स्टोर कर पायेंगे।

2. Track :- फ्लॉपी डिस्क के डिस्क को कई गोलों में बांटा जाता है और इसे नंबर दिए जाते हैं। इस प्रकार के गोले ही Track कहलाते हैं। सबसे बाहरी गोले का नंबर 0 होता है और यह नंबर अंदर की ओर बढ़ता जाता है।

3. Cluster :- Cluster डिस्क का सबसे छोटा यूनिट है जिससे फाइल को कोई भी आदेश दिया जाता है।

4. Sector :- Sector किसी भी फ्लॉपी डिस्क का सबसे छोटा Storage Unit होता है। और इस प्रकार के Track के बहुत सेक्टर होते हैं। हर एक Sector को नंबर दिया जाता है।

Sector को दो प्रकार के नंबर दिए जाते हैं।

  • Soft Sectring :- Soft Sectring में सॉफ्टवेयर द्वारा सेक्टर बनाए जाते हैं। 
  • Hard Sectring :- इस प्रकार के सेक्टर को पहचानने के लिए एक Hole होता है।

FAT : FAT का पुरा नाम File Allocation Table होता है। इसमें सभी Clusters की जानकारी होती है। इसके बिना हम डिस्क का उपयोग नहीं कर सकते हैं और कंप्यूटर भी इसे Access नहीं कर पाता है क्योंकि इसमें किसी भी फाइल का Address होता है।

फ्लॉपी डिस्क के प्रकार

कई प्रकार की फ्लॉपी डिस्क ड्राइव है जो बाजार में आई और अधिक उपयोग ना करने के कारण समय के साथ चले गई।

8 इंच ड्राइव

1970 के दशक की शुरुआत में, 8 इंच पहला Floppy डिजाइन था। जिसे केवल पढ़ने के रूप में उपयोग किया गया था और फिर धीरे-धीरे पढ़ने और लिखने दोनों के लिए सक्षम हो गया। इसकी शुरुआती क्षमता 100K Bytes (100000 Characters) थी।

5.25 इंच फ्लॉपी (मिनी फ्लॉपी)

1980 के दशक के दौरान इस फ्लॉपी डिस्क ड्राइव का आविष्कार किया गया था जो पीसी पर बड़े पैमाने में उपयोग में था। 1990 के दशक की शुरुआत में 5.5 इंच फ्लॉपी डिस्क ड्राइव को कंप्यूटर पर भी शामिल किया गया था। इस डिस्क का इस्तेमाल भी डाटा को रीड/ राइट करने के लिए किया जाता था। 

इस डिस्क की स्टोरेज क्षमता इसके सिंगल और डबल साइड पर निर्भर करती है जो घनत्व में अपना रिकॉर्ड रखती है। यह दो प्रकार की होती है।

DSDD इसकी क्षमता – 360 KB

DSHD इसकी क्षमता – 1.2 MB

3.5 इंच फ्लॉपी

3.5 इंच की लोकल डिस्क को आधुनिक Floppy भी कहा जाता है। इस Floppy Disk के द्वारा फास्ट स्पीड से डाटा को रीड/राइट किया जाता है।

यह आकार में छोटी होती है लेकिन इसकी स्टोरेज क्षमता बहुत अधिक होती है। यह डिस्क High Density Disk पर 1.44 MB और Double Density Disk पर 730 KB डेटा स्टोर कर सकती है।

Zip Drive

1990 के दशक के मध्य मे, Lomega Corporation ने जिप ड्राइव की शुरुआत की थी। एक जिप डिस्क एक डिस्क पर 100 MB, 250 MB और यहां तक कि 750 MB डाटा स्टोर करने में सक्षम थी।

जिप ड्राइव का उपयोग सीमित था क्योंकि यह बहुत महंगा था, जो इसे लोकप्रिय स्टोरेज डिवाइस बनने से रोकता था और अंत में इसकी गिरावट का कारण बना।

फ्लॉपी डिस्क के लाभ

Floppy Disk में अधिक स्टोरेज क्षमता नहीं होती है जो इन्हे High-Resolution, फोटो, संगीत और वीडियो आदि को स्टोर करने के लिए अनुपयुक्त बना देती है। हालांकि फ्लॉपी डिस्क में कुछ कमियां तो है लेकिन उनके कुछ लाभ भी हैं जो इस प्रकार है:

Portability

फ्लॉपी डिस्क आकार में छोटे और Portable होते हैं जो फ्लॉपी डिस्क के मुख्य लाभों में से एक है। CD की तुलना में 3.5 इंच की फ्लॉपी आकार में छोटी होती है। साथ ही Transport के मामले में उन्हें ज्यादा जगह की आवश्यकता नहीं होती। 

फ्लॉपी डिस्क किसी भी दुर्घटना से डाटा को मिटाने या नुकसान होने से भी रोकती है क्योंकि इसमें डाटा अंदर मौजूद होता है। इसकी Portability यूजर्स को छोटे आकार की फाइलों जैसे दस्तावेजों को एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस में Transfer करने का लाभ प्रदान करती है।

Boot Disk

कंप्यूटर एक Operating System को बूट करने का प्रयास करता है जिससे Boot Sequence कहा जाता है। एक फ्लॉपी ड्राइव या CD Drive या अन्य डिस्क में Boot Program नहीं होता है।

फ्लॉपी डिस्क यह भी लाभ प्रदान करती है कि उन्हें Loading की मदद से Boot Disk में बदला जा सकता है। जिससे डिस्क पर एक सुविधाजनक प्रोग्राम स्टोर किया जा सकता है।

Compatibility

पुराने कंप्यूटर के साथ डाटा स्टोरेज डिवाइस के मामले में भी एक महत्वपूर्ण लाभ है। क्योंकि पुराने कंप्यूटर अन्य डाटा स्टोरेज डिवाइस को Access नहीं करते हैं।

फ्लॉपी डिस्क के नुकसान

1. Speed

फ्लॉपी डिस्क में डाटा Transfer के स्पीड बहुत धीमी होती है। जब डाटा फ्लॉपी डिस्क से कंप्यूटर में Transfer हो रहा होता है तो इसमें काफी समय लग सकता है।

2. Storage Capacity

फ्लॉपी डिस्क ड्राइव में डाटा स्टोर के लिए सीमित स्थान होता है। यह आजकल के स्टोरेज डिवाइस की तुलना में बहुत कम स्टोरेज क्षमता प्रदान करती है।

3. File Corruption

File Corruption फ्लॉपी डिस्क के मुख्य नुकसानों में से एक है। फ्लॉपी डिस्क बाहरी वातावरण से प्रभावित होते हैं। इस प्रकार इस पर स्टोर डाटा खराब हो सकती है।

इसके अलावा किसी भी अन्य स्टोरेज डिवाइस की तुलना में फ्लॉपी डिस्क अधिक सुरक्षा प्रदान नहीं करते हैं क्योंकि यह Virus के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं जो File Corruption का कारण हो सकता है।

4. Reliability

समय के साथ फ्लॉपी डिस्क का उपयोग 2000 के दशक तक कम या बंद हो गया। इस समय के बाद यह स्टोरेज का एक अविश्वसनीय स्रोत बन जाता है।

5. Physical Damage

Floppy Disk Drive बनाने के लिए Plastic Casing का उपयोग किया जाता है जो बहुत नाजुक और लचीली होती है। यदि कोई उचित देखभाल के बिना इसे पकड़ लेता है तो यह आसानी से टूट सकता है।

Floppy Disk के प्रश्न और उत्तर

Floppy Disk Drive का उपयोग कैसे किया जाता था?

कंप्यूटर के शुरुआती समय में Floppy Disk केवल जानकारी का बैकअप लेने और कंप्यूटर पर एक नया प्रोग्राम बनाने के लिए उपयोग किया जाता था क्योंकि कंप्यूटर में CD ROM, Drive और USB शामिल नहीं थे।

यदि किसी प्रोग्राम का आकार 1.44 MB हो तो Program एक फ्लॉपी डिस्क से Install करने में सक्षम था। इसी तरह अधिकांश प्रोग्राम जिनका आकार 1.44 MB से छोटा होता तो उसको फ्लॉपी डिस्क की आवश्यकता होती थी।

फ्लॉपी डिस्क का आज के समय में उपयोग

Floppy Disk अब पुरानी हो चुकी है और उन्हें USB और Network File Transfer जैसे अन्य स्टोरेज डिवाइस से बदल दिया गया है। अब बहुत से लोग अपने डेटा का बैकअप लेने के लिए या रिकॉर्ड करने के लिए CD और USB Flash Drive का उपयोग करते हैं।

चूकि फ्लॉपी डिस्क ड्राइव डाटा को स्टोरेज करने का माध्यम था। आधुनिक समय में जिप ड्राइव के रूप में CD और USB Flash Drive पेश किए गए हैं।

आशा है Floppy Disk Drive की जानकारी आपको पसंद आयी होगी।

Floppy Disk Drive से संबंधित किसी भी प्रश्न के लिए कमेंट करे।

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