दिन प्रतिदिन कंप्यूटर का उपयोग बढ़ता जा रहा है और अब तो लगभग सभी काम जैसे ऑनलाइन मोबाइल रिचार्ज, ट्रैन टिकट, बिजली के बिल का भुगतान आदि कंप्यूटर की मदद से होने लगा है इसलिए इस पेज पर हमने कंप्यूटर की जानकारी शेयर की है जो समस्त लोगो को ज्ञात होना आवश्यक है।
तो चलिए कंप्यूटर की जानकारी को समझते है।
कंप्यूटर का परिचय
कंप्यूटर एक ऑटोमेटिक इलेक्ट्रॉनिक मशीन हैं जो अनेक कार्य जैसे: आँकड़ों का संकलन, निवेशन, आंकड़ों का संचयन, आंकड़ों का संसाधन और आँकड़ों का निर्गमन या पुनर्निर्गमन आदि को बहुत ही कम समय मे कर सकती हैं।
साधारण भाषा में “कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक यंत्र हैं जो उपयोगकर्ता के द्वारा दिए गए निर्देशों को प्रोसेस करके रिजल्ट देता हैं।”
Computer को हिंदी भाषा में संगणक कहते हैं जो बहुत कम लोगो को ज्ञात होता है।
पहले के समय में Computer के द्वारा सिर्फ गणना की जाती थी लेकिन जैसे-जैसे इसमें बदलाव किए गए और अन्य डिवाइस को जोड़ा गया वैसे-वैसे यह काम करने में अधिक बेहतर होता गया।
Computer शब्द की उत्तपत्ति लैटिन भाषा के Computare से हुई है जिसका मतलब गणना (Computer) करना होता हैं।
Computer मुख्यतः तीन स्टेप में काम करता हैं।
Step#1. उपयोगकर्ता इनपुट डिवाइस के द्वारा Computer को निर्देश देता हैं।
Step#2. Computer उपयोगकर्ता के द्वारा निर्देश को प्रोसेस करता हैं।
Step#3. प्रोग्राम के अनुसार निर्देश प्रोसेस होने के बाद आउटपुट देता है।
आज Computer इतना विकसित हो गया है कि इससे दैनिक जीवन में अनेक कार्य जैसे Online Study, Banking, Business आदि हो रहे है।
Computer का Full Form
Computer शब्द के प्रत्येक अक्षर का अलग-अलग एक मतलब है अर्थात Computer शब्द आठ शब्दो से मिलकर बना है।
- C – Commonly
- O – Operated
- M – Machine
- P – Particularly
- U – Used
- T – Technical
- E – Educational
- R – Research
Computer का आविष्कार किसने किया
Computer का आविष्कार चार्ल्स बैबेज ने 1822 ई में Differential Engine के नाम से Mechanical Computer बनाकर किया था इसलिए चार्ल्स बैबेज को Computer का पिता माना जाता हैं।
कंप्यूटर का इतिहास
लगभग 2000 साल पहले Computer का आविष्कार किया गया था। Abacus दुनिया का पहला कंप्यूटर हैं।
Abacus लकड़ी का बना हुआ रैक होता हैं जिसमें सिर्फ कैलकुलेशन किए जाते हैं।
जैसे-जैसे Development होता गया इसको Generation के रूप में बांटा गया।
Computer के Generation को पाँच भागों में बांटा गया हैं।
First Generation Vacuum Tubes (1940 – 1956)
First Generation Vacuum Tubes को सर्किटरी और मैग्नेटिक ड्रम के रूप में मेमोरी के लिए इस्तेमाल करते थे।
इन Computer का आकार बड़ा और उपयोग करना बहुत महंगा होता था क्योंकि इनको चलाने पर अधिक बिजली खर्च होती थी।
Second Generation Transistor (1956 – 1963)
Second Generation में Vacuum Tubes की जगह Transistor का यूज होने लगा।
Transistor का आविष्कार Bell Labs ने 1947 ई. में किया था।
यह ट्रांजिस्टर, वैक्यूम ट्यूब्स की तुलना में कई गुना अच्छे थे क्योंकि यह तेज होने के साथ बिजली की खपत भी कम करते थे जिससे इसको चलाना सस्ता हो गया था।
Third Generation Integrated Circuits (1964 – 1971)
Third Generation में Transistor की जगह Integrated Circuits ने ली।
अब Integrated Circuits काफी छोटे हो गए थे जिसको सिलिकॉन चिप्स के अंदर डाला गया और उसको सेमीकंडक्टर बोला गया।
Third Generation के Computer की स्पीड और एफिशिएंसी अधिक बढ़ गई थी।
इसके साथ Keyboard, Computer Mouse, Printer, और Monitor का इस्तेमाल होने शुरू हो गया था जिसके लिए ऑपरेटिंग सिस्टम का यूज किया गया।
Fourth Generation Microprocessor (1971 – Present)
Fourth Generation के Computer में Microprocessor का इस्तेमाल किया गया।
इसमें हजारों Integrated Circuit को एक ही सिलिकॉन चिप में Embedded किया गया था जिससे मशीन का आकार छोटा हो गया और माइक्रोप्रोसेसर के इस्तेमाल से Computer की एफिशिएंसी बढ़ गई।
Fifth Generation Artificial Intelligence (Present and Beyond)
आज के समय में Fifth Generation के Computer चल रहे हैं इन कंप्यूटर में नई-नई टेक्नोलॉजी आयी हैं।
जैसे :- Speech Recognition, Parallel Processing, Quantum Calculation आदि।
कंप्यूटर के प्रकार
Computer एक मल्टीपर्पस मशीन हैं जिसका इस्तेमाल तरह-तरह के कामो के लिए किया जाता हैं कंप्यूटर को ब्रॉडली और आकर के आधार पर दो प्रकार से विभाजित किया गया है।
काम करने के आधार पर कंप्यूटर के प्रकार
1. Analog Computer
यह Computer Analog Data को प्रोसेस करता हैं।
Analog Data नंबर के फ्रॉम में नहीं होते है यह Data Physical Quantity के from में होते हैं जिसकी गणना नहीं की जाती हैं।
2. Digital Computer
Digital Computer नम्बर को प्रोसेस करता हैं इस प्रकार के कंप्यूटर 0 से 1 के base पर किसी भी डेटा को Calculate करते हैं।
0 और 1 को बाइनरी नम्बर सिस्टम कहते हैं।
3. Hybrid Computer
Hybrid Computer में Analog Computer और Digital Computer दोनों गुण पाए जाते हैं
इसका का उपयोग Hospital में अधिक किया जाता हैं।
रोगी की धड़कन या रक्तचाप इत्यादि को एनालॉग के रूप में माप जाता हैं।
आकार के आधार पर कंप्यूटर के प्रकार
आकार के आधार पर कंप्यूटर बहुत से प्रकार के होते हैं।
1. Super Computer
सुपर कंप्यूटर सबसे तेज और शक्तिशाली होते हैं यह बहुत मंहगे होते हैं।
इन Computer का उपयोग खास कामों जैसे: मौसम की भविष्यवाणी, एनिमेशन, ग्राफिक, डिजाइनिंग और फ्लूइड डायनामिक्स के कैलकुलेशन आदि के लिए किया जाता है।
2. Mini Computer
मिनी कंप्यूटर आकार और शक्ति के अनुसार यह मीडियम लेवल में आते हैं
मिनी कंप्यूटर मेन फ्रेम और वर्क स्टेशन के बीच आते हैं।
मिनी कंप्यूटर में 4 से 200 यूजर एक साथ काम कर सकते हैं।
3. Mainframe Computer
मेनफ्रेम कंप्यूटर बहुत ही महंगा और बड़े आकार का कंप्यूटर हैं।
यह एक साथ हजारों यूजर्स को सभाल सकता हैं।
मेन फ्रेम कंप्यूटर सुपर कंप्यूटर से कई गुना शक्ति शाली होते हैं क्योंकि यह एक साथ कई प्रोग्राम को Run कर सकते हैं।
कंप्यूटर के अन्य प्रकार जैसे माइक्रो कंप्यूटर, लैपटॉप और पर्सनल कंप्यूटर आदि है।
कंप्यूटर के पार्ट्स
Computer अनेक पार्ट्स से मिलकर बनता है जिनमे से कुछ महत्वपूर्ण पार्ट्स निम्नानुसार है।
1. Motherboard
कंप्यूटर के मुख्य सर्किटबोर्ड को Mother board कहाँ जाता हैं।
Mother board एक पतली प्लेट की तरह होती हैं जिस पर कंप्यूटर के अनेक पार्ट्स (जैसे: Processor, Memory, Hard drive और Optical drive, Fan आदि) लगे होते है।
कंप्यूटर में Mother board सभी पार्ट्स के साथ डायरेक्टली या इंनडायरेक्टली जुड़ा हुआ होता हैं।
2. RAM
RAM का पूरा नाम Random access memory होता हैं
इसका इस्तेमाल Data को Store करने के लिए किया जाता हैं लेकिन पॉवर ऑफ होते ही इसमें स्टोर डाटा Delete हो जाता हैं।
RAM किसी भी कंप्यूटर या लैपटॉप के लिए बहुत ही जरूरी हिस्सा होती हैं।
3. ROM
यह मेमोरी कंप्यूटर सिस्टम का प्राइमरी स्टोरेज डिवाइस हैं जो Chip के आकार की होती हैं और मदरबोर्ड से जुड़ी होती हैं।
ROM का Full From:- Random access memory हैं।
Computer बन्द होने पर ROM में डाटा स्टोर रहता हैं।
4. Input Device
Computer के को निर्देश देने के लिए उपयोग की जाने वाली Device को Input Device कहते है।
जैसे :- Keyboard, Scanner और Mouse आदि ।
5. Output Device
Computer में डेटा प्रोसेस होने के बाद आउटपुट देने के लिए उपयोग की जाने वाली Device को Output device कहा जाता है।
जैसे :- Printer, Speaker, Monitor आदि।
6. Hard disk device
Hard disk device में Data (सॉफ्टवेयर, डॉक्यूमेंट और फाइल आदि ) को Save किया जाता हैं।
7. CPU
CPU का Full from : Central processing unit हैं इसको Computer का दिमाक कहाँ जाता हैं।
Computer के सभी पार्ट्स जैसे: Ram, Rom, Processor, और CD Drive आदि CPU के अंदर ही होते है।
8. Power Supply
Power supply unit का काम Main power supply से पॉवर लेकर जरूरत के अनुसार दूसरे Components में Supply करना होता हैं।
कंप्यूटर सीखना क्यों जरूरी हैं
आज के समय में Computer सीखना बहुत जरूरी हो गया हैं क्योकि आज जिसको कंप्यूटर नहीं आता तो समझो उसको कुछ नहीं आता है।
यदि आप कंप्यूटर के बारे में जानना चाहते हैं तो अपने आस-पास बैंक में जाकर देखिए बिना कंप्यूटर और इंटरनेट के कोई भी काम होना असंभव हैं।
आपने अपने घर में टीवी तो जरूर ही देखी होगी। वो भी इंटरनेट का ही रूप हैं आप चाहे लाइव देख रहे हो या फिर कोई मूवी या सिलियल देख रहे हो बिना कंप्यूटर और इंटरनेट के यह देख पाना नामुमकिन था।
मोबाइल पर किसी से बात करना या वीडियो कॉलिंग करना है, यह सब कंप्यूटर की मदद से संभव हैं।
कंप्यूटर और इंटरनेट का उपयोग हर क्षेत्र में हो रहा हैं गवर्मेन्ट वैकेंसी ऑनलाइन ही आती हैं और इसके फ्रॉम ऑनलाइन ही भरे जाते हैं और आजकल तो एग्जाम भी ऑनलाइन ही होने लगे हैं और रिजल्ट भी ऑनलाइन ही आता हैं।
आप सभी ATM तो जरूर ही यूज करते होंगे वह भी कंप्यूटर इंटरनेट के द्वारा ही चलता हैं जिस ATM मशीन से आप पैसे निकालते हैं कुछ बटन दबाते हैं और पैसे अपने आप निकल जाते हैं ATM मशीन में जो स्क्रीन लगी होती हैं वह भी एक कंप्यूटर हैं।
आप Computer सीखने के बाद अपना बिजली-बिल, मोबाइल का बिल, टीवी का बिल आदि घर बैठे ऑनलाइन भर सकते है।
यदि आपको Computer नहीं आता तो आपको हर कदम पर इन सभी कार्यो को करने के लिए किसी दूसरे व्यक्ति की मदद लेनी होगी जो इसके लिए आपसे बहुत अधिक पैसे लेगा इसलिए आपको कंप्यूटर सीखना बहुत आवश्यक है।
कंप्यूटर आपको तेजी से काम करने में मदद करते हैं जैसे-जैसे कंप्यूटर, सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर में सुधार होता है, वैसे-वैसे उनकी क्षमताएं भी बढती जा रही है।
उदाहरण के लिए, किसी भाषा की या तकनीक की साधारण समझ रखने वाला इंसान भी कंप्यूटर की सहायता से तेजी से काम कर सकता है और किसी ऐसे व्यक्ति की तुलना में अधिक लिखने में आनंद के साथ काम कर लेता है जो टाइपराइटर पर टाइप कर रहा हो।
कंप्यूटर के उपकरण
कंप्यूटर अनेक उपकरणों से मिलकर कार्य करता हैं जो उपकरण निम्नानुसार है।
1. System Unit
सिस्टम यूनिट को CPU भी कहते हैं इसे Computer का हृदय या मस्तिष्क कहाँ जाता हैं जो कंट्रोल यूनिट, अर्थमेटिक लॉजिक यूनिट तथा प्राथमिक मेमोरी से मिलकर बना होता है।
सभी प्रोसेसिंग कार्य सीपीयू में ही सम्पन्न किए जाते हैं।
2. Monitor
Monitor एक आउटपुट डिवाइस हैं मॉनिटर को विजुअल डिस्प्ले यूनिट भी कहा जाता हैं।
इसके बिना आप कोई कार्य नहीं कर सकते क्योकि सभी कार्य इसमें देखकर ही सम्भव होते है।
3. Keyboard
Keyboard एक इनपुट डिवाइस हैं जिसे हिंदी में कुंजीपटल कहते हैं।
कीबोर्ड का उपयोग Text लिखने में किया जाता हैं और इसका उपयोग माउस की तरह भी Keyboard से किया जाता हैं।
4. Mouse
Mouse का आविष्कार एक द्वितीय विश्व युद्ध सैनिक Douglas C Engelburt ने सन 1968 में किया था।
कंप्यूटर माउस, एक इनपुट डिवाइस हैं इसका वास्तविक नाम Pointing Device हैं।
माउस का इस्तेमाल कंप्यूटर स्क्रीन पर आइटम को चुनने के लिए किया जाता हैं इसका उपयोग करके यूजर Computer को निर्देश देता हैं और यूजर कंप्यूटर स्क्रीन पर कहीं भी पहुँच सकता हैं।
5. Speaker
Speaker एक बहुत ही Common Output Devices होते हैं इसे Computer सिस्टम में इस्तेमाल किया जाता हैं।
कुछ स्पीकर को डिजाइन किया जाता हैं स्पीकर को हिंदी में वक्ता कहाँ जाता हैं।
6. Printer
प्रिंटर एक ऑनलाइन आउटपुट डिवाइस हैं जो Computer से प्राप्त जानकारी को कागज में छापता हैं इसको प्रतिलिपि हार्ड कॉपी भी कहते हैं।
कंप्यूटर से प्राप्त जानकारी को आउटपुट के द्वारा बहुत तेजी से निकारा जाता हैं।
कंप्यूटर के लाभ
Computer सभी काम बहुत तेजी और शुद्धता से करता हैं इसी कारण से आज सभी जगह कंप्यूटर का इस्तेमाल किया जा रहा हैं।
कंप्यूटर निम्न क्षेत्रो में उपयोग किया जाता है।
1. शिक्षा के क्षेत्र में
शिक्षा के क्षेत्र में कंप्यूटर का बहुत ही महत्व हैं स्टूडेंट्स को किसी भी सब्जेक्ट में किसी भी प्रकार की कोई जानकारी चाहिए हैं तो वह Computer और इंटरनेट के माध्यम से ज्ञात कर सकता हैं
कंप्यूटर के द्वारा ऑनलाइन क्लास लगाई जा रही है जिसमे घर बैठे ऑनलाइन पढ़ाई संभव है
2. चिकित्सा के क्षेत्र में
चिकित्सा के क्षेत्र में भी Computer वरदान हैं कंप्यूटर की मदद से मरीजो का इलाज करने में आसानी होती हैं।
आजकल सभी चीजें डिजिटल हो गई हैं जिससे बड़ी आसानी से किसी भी रोग का पता लगाया जा सकता हैं और उस हिसाब से इलाज करना भी पॉसिबल हो गया हैं इससे ऑपरेशन करना भी आसान हो गया हैं।
3. विज्ञान के क्षेत्र में
Computer Science की ही देन हैं इससे Research करने में आसानी होती हैं।
आजकल एक एक नया ट्रेड चल रहा हैं जिसे Collaboratory भी कहाँ जाता हैं जिससे दुनिया भर में जितने भी Scientist हैं सभी मिलकर इस पर एकसाथ काम कर सकते है चाहे कोई भी किसी भी कोने में क्यों ना हो सभी Collaboratory पर एकसाथ काम कर सकते हैं।
4. व्यापार के क्षेत्र में
व्यायाम के क्षेत्र में इसका बहुत ही योगदान हैं Productivity और Competitiveness बढ़ने के लिए Computer का इस्तेमाल मुख्य रूप से किया जाता हैं।
जैसे :- Marketing, Retailing, Banking, Stock Trading में होता हैं।
Computer में सभी चीजें Digital होने के कारण इसकी Speed Fast हैं और आज कल कैश लैस ट्रांसक्शन पर ज्यादा इम्पोर्टेंस दिया जा रहा हैं।
5. मनोरंजन के क्षेत्र में
मनोरंजन के क्षेत्र में भी कंप्यूटर का बड़ा हाथ हैं Computer के द्वारा हम घर बैठे टीवी देख पा रहे हैं।
जैसे :- मूवी, सीलियर, न्यूज या फिर लाइफ न्यूज सभी Computer के माध्यम से ही प्रसारित हो रही हैं।
6. गवर्मेन्ट के क्षेत्र में
गवर्मेन्ट के क्षेत्र में कंप्यूटर का सबसे बड़ा योगदान हैं आजकल गवर्मेन्ट ऑनलाइन वैकेंसी निकालती हैं और इसके फ्रॉम भी ऑनलाइन ही भरे जाते हैं और आजकल तो एग्जाम भी ऑनलाइन ही होने लगे हैं और रिजल्ट भी ऑनलाइन ही आता हैं।
कंप्यूटर के नुकसान
वैसे तो कंप्यूटर हमारे लिए वरदान है लेकिन इसका गलत उपयोग कही न कही हमारे लिए नुकसान दायक है जो निम्नानुसार है
- हैकर Computer का गलत उपयोग करके लोगो के अकाउंट के पैसे चोरी कर लेते है।
- गलत खबरों को भी आसानी से लोगो तक पहुंचाया जाता है।
- अशिक्षित लोग कंप्यूटर का उपयोग नहीं कर पाते है।
आशा है कि कंप्यूटर से संबंधित समस्त जानकारी आपको पसंद आयी होगी।
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