आजकल हर जगह आपको बड़े-बड़े Speaker देखने को मिल जाएंगे। जितनी भी शादी, पार्टी या कोई भी प्रोग्राम होता है वहां पर स्पीकर का इस्तेमाल जरूर किया जाता है। इसलिए इस पेज पर हम Speaker की जानकारी को पढ़कर समझेंगे।
Speaker क्या है
स्पीकर एक आउटपुट डिवाइस है जो डिजिटल सिग्नल्स को ध्वनि के रूप में Output देती है।
आसान भाषा में कहा जाये तो Speaker ध्वनि के रूप में Output की Soft Copy प्रेजेंट करता है।
स्पीकर हार्डवेयर डिवाइस है।
Speaker को हिन्दी में वक्ता कहा जाता हैं।
साउंड कार्ड, कंप्यूटर का एक कंपोनेंट होता है और यह कंपोनेंट, कंप्यूटर स्पीकर से जो साउंड उत्पन्न करता है उसे जनरेट करता है।
कंप्यूटर से जुड़े सीडी/डीवीडी में जो ऑडियो होती है वह उनसे इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल को लेता है और उन्हें ऑडियो में बदल देता है।
स्पीकर के प्रकार
स्पीकर चार प्रकार के होते है।
1. Multi Channel Speaker
इस प्रकार के स्पीकर की कीमत थोड़ी ज्यादा होती है परंतु इनकी Sound Quality बहुत ही बढ़िया होती है।
यह स्पीकर चैनल के आधार पर Sound को निकालते हैं जैसे 5.1 चैनल, यह पांच स्पीकर पर अपना काम करते हैं। इसके साथ ही इसमें एक Subwoofer भी होता है जो आवाज की गुणवत्ता को बढ़ा देता है।
इसका अधिक इस्तेमाल घर में किटी पार्टी, बर्थडे पार्टी के लिए होता है।
2. PC Speaker
इसके नाम से ही आप यह आसानी से समझ गए होंगे कि इसका इस्तेमाल कंप्यूटर और लैपटॉप में किया जाता है।
अगर हम इस स्पीकर की तुलना Sound के आधार पर करें तो यह बहुत ही साधारण होते हैं और उपयोग करने में भी आसान होते हैं साथ ही इनका Size भी छोटा होता है।
3. Standard Speaker
यह स्पीकर साधारण Frequency और Channel के आधार पर काम करते है।
जैसे 2.1 चैनल इनमें 2 स्पीकर का इस्तेमाल होता है।
इन स्पीकर को ऑफ़िस में इस्तेमाल के लिए अच्छा माना जाता है। और इन स्पीकर की कीमत भी कम होती है।
4. USB Speaker
इस प्रकार के स्पीकर को Wireless Speaker भी कहा जाता है और इस स्पीकर का इस्तेमाल करने के लिए आपको अपने कंप्यूटर में USB को जोड़ना होता है।
इस प्रकार का स्पीकर एक निश्चित दूरी तक ही कार्य करता है और इसकी आवाज की क्वालिटी बहुत ही अच्छी होती है।
Speaker Frequency क्या है
इसका काम स्पीकर की आवाज की पहुंच को नापना है और यह उसे पहचानता है कि आवाज की पहुंच कम है या फिर ज्यादा।
THD (Total Harmonic Distortion) : यह एंपलीफायर के द्वारा दिए गए सिग्नल के आवाज की प्रकृति को नापता है।
Watts : स्पीकर में कितनी क्षमता की Applification होती है, यह इस बात का ध्यान रखता है।
Speaker कैसे काम करता है
स्पीकर इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव को साउंड वेव में Convert करता है। स्पीकर में आगे की साइड एक गोल आकार का Cone होता है।
जिसका निर्माण Paper, Plastic अथवा किसी हल्के Metal से हुआ होता है और इसके पीछे एक आयरन कोइल लगी हुई होती है। यह आयरन कोयल परमानेंट मैग्नेट के बिल्कुल आगे होती है।
जब स्पीकर की कॉइल को एंपलीफायर से कनेक्ट किया जाता है और उसे पावर दी जाती है, तो ऐसा करने से इलेक्ट्रो मैग्नेटिक फील्ड बनती है।
जिससे वह कोयल को अपनी तरफ आकर्षित करती है और उसे एंपलीफायर के Signal के अनुसार छोड़ती है, जिससे Coil के Vibration से साउंड का निर्माण होता है और आपको गाने सुनाई देते हैं।
स्पीकर का उपयोग
- यह कंप्यूटर की ऑडियो साउंड को अच्छी Quality में हमारे सामने प्रस्तुत करने के कार्य करता है।
- इन स्पीकर के साथ आप अपने Mp3, Midi’s, iTunes डाउनलोड कर सकते है।
- आप किसी भी मल्टीमीडिया को अपने कंप्यूटर में इसके प्रयोग से आसानी से सुन सकते है।
- यह आवाज़ को एक खास तरह से सुनने की तकनीक होती है। इसमें आप अपनी पसंद के गाने को प्ले कर सकते है और इन स्पीकर को आप घर में कहीं पर भी रख सकते है।
स्पीकर बनाने वाली कपनियाँ
- Ikall
- Jbl
- Toshiba
- Intex
- Ahuja
- Stranger
- Medha
- National Mehta
- Sony
- Phillips
- Samsung
- Hom
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आशा है Speaker की जानकारी आपको पसंद आयी होगी।
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