नमस्कार छात्रों इस पोस्ट के माध्यम से हम गणतंत्र दिवस पर निबंध को विस्तार से पढ़ेंगे, जो कि समस्त कक्षा की परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण है।
छात्रों से परीक्षा में कोई एक निबंध जरूर ही पूछ लिया जाता हैं और भारत का राष्ट्रीय पर्व होने की वजह से गणतंत्र दिवस पर निबंध परीक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं
इसलिए इस पोस्ट में हम गणतंत्र दिवस के बारे में सम्पूर्ण जानकारी विस्तार से पढ़ेंगे ताकि आप परीक्षाओं में गणतंत्र दिवस पर निबंध या इससे संबंधित प्रश्नों को आसानी से लिख पाए।
पिछली पोस्ट पर हम दीपावली पर निबंध और महात्मा गाँधी का निबंध शेयर कर चुके है उन्हें जरूर पढ़े।
तो चलिए गणतंत्र दिवस पर निबंध को पढ़ना शुरू करते है।
गणतंत्र दिवस पर निबंध
1. प्रस्तावना
एक पक्षी सोने के पिंजरे में सम्पूर्ण खानपान की सुविधाओं से युक्त होकर भी पराधीनता का जीवन बिताने को बेबस होता हैं।
अपने अन्नदाता के संकेतों पर वह विविध कार्य करता हैं स्वच्छंद उड़ान का सपना देखते हैं उसकी आत्मा में एक अजीब पीड़ादायक तड़प उठती हैं।
यही तड़पन थी जो सन 1857 ई. में प्रथम स्वतंत्रता संघर्ष में परिवर्तित हो गई थी।
2. गणतंत्र दिवस का इतिहास
प्रथम स्वतंत्रता दिवस स्वंतत्रता संघर्ष सन 1857 ई. में बर्बर अंग्रेज शासकों ने कुचल दिया यह दबी हुई आग सुलगती हुई बाल गंगाधर तिलक की सिंह गर्जना में स्वराज्य हमारा जन्मसिद्ध अधिकार हैं फुट पड़ी।
महात्मा गांधी राजनैतिक रंगमंच पर प्रकट हुए जवाहरलाल नेहरू ने राजसी वैभव त्यागा और स्वतंत्रता की साधना की धूनी रमा ली कांग्रेस दल ने रावी तट पर एक अध्यक्षता में 26 जनवरी 1930 की अंधेरी रात्रि में तिरंगे तले कांग्रेस का अधिवेशन सम्पन्न हुआ नेहरू के साथ सभी सदस्यों ने अपने लक्ष्य की घोषणा की आज से हमारा लक्ष्य हैं – पूर्ण स्वराज।
सत्याग्रह चले, बर्बर विदेशी शासकों के हौसले पस्त होने लगे हमारे क्रांतिकारियों के बलिदानों से परन्तु विजय हुई सत्य की, अहिंसा की, स्वतंत्रता के दीवारों की ओर अमर बलिदानियों की और 15 अगस्त 1947 ई. को भारत ने स्वतंत्र वायुमण्डल में सांस ली।
लाल किले के लहराते तिरंगे ने प्रेरणा दी अभी संघर्ष बाकी हैं संविधान बना भारत को सार्वभौमिक सत्ता सम्पन्न गणराज्य घोषित करते हुए 26 जनवरी 1950 ई. के पवित्र दिन हमारा संविधान लागू हुआ।
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3. भारतीय गणतंत्र दिवस
भारत ने 26 जनवरी 1950 ई. को अपने द्वारा निर्मित संविधान के अनुरूप शासन चलाने की स्वतंत्रता प्राप्त की संविधान में जनता के द्वारा चुने प्रतिनिधियों द्वारा देश का शासन चलाने की व्यवस्था की गई।
विभिन्न राज्यों में जनता के प्रतिनिधियों की सरकार होगी और उन राज्यों का समूह भारत राष्ट्र निर्माण करेगा 26 जनवरी को भारत मे गणतन्त्रात्मक शासन व्यवस्था लागू हुई थी इसलिए इस पवित्र दिन को गणतंत्र दिवस कहा जाता हैं।
4. गणतंत्र दिवस का महत्व व उपयोगिता
यह दिवस भारतीय स्वतंत्रता के दीवाने अमर शहीदों की स्मृति दिलाता हैं राष्ट्र की प्रगति को प्रदर्शित करती विभिन्न झाँकियाँ जन-जन के मन को स्पर्श करती हैं राष्ट्रपति का संदेश राष्ट्र निर्माण में लगे रहने की प्रेरणा देता हैं।
प्रत्येक नगर, प्रत्येक गांव में यह दिवस धूमधाम से मनाया जाता हैं प्रभात फेरियाँ निकलती हैं ध्वजारोहण होता हैं भाषण होते है भारतीय स्वतंत्रता और उसकी अखण्डता की शपथ दिलायी जाती हैं।
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5. गणतंत्र दिवस का संदेश
हमारा गणतंत्र दिवस प्रत्येक वर्ष प्रगति का नया सन्देश लेकर आता हैं इसके सन्देश को 26 जनवरी के उदित होते सूर्य की प्रथम किरण के साथ ही लहरों पर थिरकते, तैरते सभी के द्वारा जल, थल और नभ में सर्वत्र स्वर लहलियों में सुना जाता हैं।
भारत के प्रत्येक नागरिक की अंतरात्मा में भारत की रक्षा का संदेश उसकी अखण्डता का संदेश और उसकी स्वाधीनता का संदेह सुनाई पड़ता हैं।
6. उपसंहार
गणतंत्र दिवस का पवित्र राष्ट्रीय पर्व हमें देश पर अपने प्राण न्यौछावर करने की प्रेरणा देता हैं यह प्रतिज्ञा का दिवस हैं हमारे हृदय में इस दिन एक ही स्वर गूँजता रहता हैं।
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