इस पेज पर आप गणित विषय के महत्वपूर्ण अध्याय चतुर्भुज की जानकारी पढ़ने वाले हैं।
पिछले पेज पर हमने त्रिभुज की जानकारी शेयर की हैं आप उस पोस्ट को भी पढ़े।
चलिए आज हम चतुर्भुज किसे कहते हैं चतुर्भुज के प्रकार, सूत्र और विशेषताएँ की जानकारी को पढ़ते और समझते हैं।
चतुर्भुज किसे कहते हैं
चार भुजाओं से घिरे समतल क्षेत्र को चतुर्भुज कहते हैं। किसी भी चतुर्भुज में चार भुजाएँ तथा चार कोण होते हैं। चतुर्भुज के चारों कोणों का योगफल 360° होता हैं।
रेखाखण्ड AC तथा BD को विकर्ण कहते हैं।
चतुर्भुज की वे दो भुजाएँ, जिसका कोई उभयनिष्ठ बिंदु न हो, सम्मुख भुजाएँ कहलाती हैं।
AB, CD के सम्मुख भुजाएँ हैं एवं AD, BC के सम्मुख भुजाएँ हैं।
अर्थात ∠A + ∠B + ∠C + ∠D = 360°
चतुर्भुज के सूत्र
- चतुर्भुज का क्षेत्रफल = ½ × विकर्णों का गुणनफल
- चतुर्भुज के क्षेत्रफल = ½ × d(h₁ + h₂)
चतुर्भुज के प्रकार
चतुर्भुज निम्नलिखित प्रकार के होते हैं चलिए नीचे चतुर्भुज के प्रकारों को विस्तार से पढ़ते हैं।
1. वर्ग
चार भुजाओं से घिरी वह आकृति जिसकी चारों भुजाएँ बराबर हों तथा प्रत्येक कोण समकोण अर्थात 90° का हो, उसे वर्ग कहते हैं।
वर्ग के सूत्र
- वर्ग का क्षेत्रफल = (एक भुजा)² = a²
- वर्ग का क्षेत्रफल = ½ × (विकर्णो का गुणनफल) = ½ × AC × BD
- वर्ग की परिमिति = 4 × a
- वर्ग का विकर्ण = एक भुजा × √2 = a × √2
- वर्ग का विकर्ण = √2 × वर्ग का क्षेत्रफल
2. आयत
चार भुजाओं से घिरी वह आकृति, जिसमें आमने सामने की भुजाएँ समान्तर और बराबर होती हैं तथा प्रत्येक कोण समकोण होता हैं आयत कहलाता हैं।
आयत के सूत्र
- आयत का परिमाप = 2(लम्बाई + चौड़ाई)
- आयत का क्षेत्रफल = लंबाई ×चौड़ाई
- आयत का विकर्ण =√(लंबाई² + चौड़ाई²)
3. समचतुर्भुज
एक ऐसा चतुर्भुज जिसकी चारों भुजाएँ समान हों समचतुर्भुज कहलाता हैं।
समचतुर्भुज के सूत्र
- समचतुर्भुज का क्षेत्रफल = ½ (विकर्णों का गुणनफल)
- समचतुर्भुज का परिमाप = 4 x भुजा
समचतुर्भुज से सम्बंधित महत्वपूर्ण बिन्दु
- समचतुर्भुज की चारों भुजाएँ बराबर होतीं हैं।
- समचतुर्भुज के विकर्ण परस्पर लम्ब होते हैं।
- समचतुर्भुज के सम्मुख कोण बराबर होते हैं।
4. समान्तर चतुर्भुज
जिस चतुर्भुज के आमने-सामने की भुजाएँ समान एवं समानान्तर हो समान्तर चतुर्भुज कहलाता हैं।
- समान्तर चतुर्भुज का क्षेत्रफल = लम्बाई x चौड़ाई
- समान्तर चतुर्भुज का परिमाप = 2 (लम्बाई + चौड़ाई)
समान्तर चतुर्भुज चतुर्भुज से सम्बंधित महत्वपूर्ण बिन्दु
- समान्तर चतुर्भुज मे प्रत्येक युग्म मे सम्मुख भुजाएँ बराबर होती हैं।
- समान्तर चतुर्भुज मे प्रत्येक युग्म मे सम्मुख कोण बराबर होते हैं।
- समान्तर चतुर्भुज मे दोनों विकर्ण एक-दूसरे को समद्विभाजित करते हैं।
5. विषमकोण समचतुर्भुज
चार भुजाओं से घिरी वह आकृति, जिसमें चारों भुजाएं बराबर हों, लेकिन एक भी कोण समकोण न हो, उसे विषमकोण समचतुर्भुज कहते हैं।
विषमकोण समचतुर्भुज के सूत्र
- विषमकोण चतुर्भुज का क्षेत्रफल = ½ × दोनों विकर्णो का गुणनफल
- विषम कोण समचतुर्भुज की परिमाप = 4 × एक भुजा
- समचतुर्भुज में (AC)² + (BD)² = 4a²
Note :- समचतुर्भुज के विकर्ण एक दूसरे को 90° पर दो बराबर भागों में विभाजित करते हैं।
6. समलम्ब चतुर्भुज
एक ऐसा चतुर्भुज जिसकी भुजाओं का एक युग्म समानांतर हो समलम्ब चतुर्भुज कहलाता हैं।
समलम्ब चतुर्भुज के सूत्र
- समलम्ब चतुर्भुज का क्षेत्रफल = ½ × ऊँचाई × समान्तर भुजाओं का योग
- समलम्ब चतुर्भुज का क्षेत्रफल = ½ × h × (AD + BC)
7. चक्रीय चतुर्भुज
ऐसा चतुर्भुज जिसके चारों शीर्ष एक वृत्त पर स्थिर हो चक्रीय चतुर्भुज कहलाता हैं।
चक्रीय चतुर्भुज के गुण
- चक्रीय चतुर्भुज के सम्मुख कोण संपूरक होते हैं।
जैसे :- ∠A + ∠C = 180°, ∠B + ∠D = 180° - चक्रीय चतुर्भुज के चारों शीर्ष एक वृत्त पर होते हैं।
- चक्रीय चतुर्भुज एक वर्ग होता हैं।
- चक्रीय चतुर्भुज एक आयत होता हैं।
- वर्ग तथा आयत हमेशा एक चक्रीय चतुर्भुज भी होता हैं।
- समलम्ब समद्विबाहु चतुर्भुज के चक्रीय चतुर्भुज होता हैं।
- इस चतुर्भुज का एक बहिष्कोण के एक सम्मुख कोण के बराबर होता हैं।
8. पतंगाकार चतुर्भुज
पतंगाकार चतुर्भुज में आसन्न भुजाओं के दो युग्म बराबर लम्बाई के होते हैं। अर्थात एक विकर्ण, चतुर्भुज को दो सर्वांगसम त्रिभुजों में विभाजित करता हैं।
इसलिए समान भुजाओं के दो युग्मों के बीच के कोण बराबर होते हैं। और दोनों विकर्ण एक दूसरे के लम्बवत होते हैं।
चतुर्भुज की विशेषताएं
- चतुर्भुज के चारों कोणों का योग 360° होता हैं।
- चतुर्भुज का मान चार समकोण के बराबर या 2π रेडियन होता हैं।
- आयत के विकर्ण समान होते है, लेकिन एक दूसरे पर लम्बवत नहीं होते हैं।
- विषम कोण सम चतुर्भुज के विकर्ण समान नही होते लेकिन एक दूसरे पर लम्बवत होते हैं।
- पंचभुज के कुल अंतः कोण का योग 540° अर्थात 6 समकोण होता हैं।
- पंचभुज में विकर्ण की संख्या 5 होती हैं।
- षष्टभुज के कुल अंतः कोण का योग 720° अर्थात 8 समकोण होता हैं।
- अष्टभुज के कुल अंतः कोण का योग 1080° यानि 12 समकोण होता हैं।
FAQ
उत्तर :- चार भुजाओं वाली सभी बंद आकृतियों को चतुर्भुज कहा जाता है।
उत्तर :- चतुर्भुज एक बहुभुज होता है जिसमें चार भुजाएँ, चार कोण और चार शीर्ष होते हैं। चतुर्भुज शब्द लैटिन के ‘क्वाड्री’ से लिया गया है, जिसका अर्थ है चार और ‘लैटस’, जिसका अर्थ है भुजा।
उत्तर :- चतुर्भुज चार भुजाओं वाला बहुभुज होता है जिसमें चार कोण होते हैं।
चतुर्भुज के सात प्रकार : समांतर चतुर्भुज, समचतुर्भुज, समभुज, समलम्ब चतुर्भुज, वर्ग और समद्विबाहु समलम्ब चतुर्भुज।
उत्तर :- चतुर्भुज एक आकृति है जिसमें चार भुजाएँ, चार कोने और चार कोण होते हैं ।
उत्तर :- सामान्य चतुर्भुज का क्षेत्रफल सूत्र = 1/2 x विकर्णों की लंबाई x (दो त्रिभुजों की ऊंचाइयों का योग)।
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