November Current Affairs | नवम्बर माह की तात्कालिक जानकारी 2018

इस पेज पर आप November Current Affairs को पढ़ेंगे।

नवम्बर माह की तात्कालिक जानकारी

चलिए November Current Affairs के महत्वपूर्ण दिनों को समझते है।

5 नवम्बर

5 नवम्बर को राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस मनाया जाता हैं। नवम्बर 2018 को देशभर में तीसरा राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस मनाया गया।

आयुष मंत्रालय ने इस आयुर्वेद दिवस के उपलक्ष्‍य में देश के थिंक टैंक नीति आयोग के साथ मिलकर 4-5 नवंबर, 2018 को नई दिल्‍ली में आयुर्वेद में उद्यमिता और व्‍यापार विकास पर एक सम्मेलन का आयोजन किया है।

इस सम्मेलन का उद्देश्‍य आयुर्वेद क्षेत्र से जुड़े हित धारकों और उद्यमियों को व्यापार के नए अवसरों के प्रति जागरूक करना है।

यह सम्मेलन आयुर्वेद से जुड़े उत्‍पादों की बाजार हिस्‍सेदारी को वर्ष 2022 तक तीन गुना करने के आयुष मंत्रालय द्वारा तय किए गए लक्ष्‍य की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है।

इस सम्मेलन के माध्‍यम से व्‍यापार के अवसरों के बारे में हितधारकों के बीच जागरूकता पैदा की जा सकेगी,  युवा उद्यमियों को नई प्रौद्योगिकी और नवाचारों का उपयोग करने के लिए प्रोत्‍साहित किया जा सकेगा तथा वैश्विक स्‍तर पर आयुर्वेद उत्‍पादों के लिए अवसरों के बारे में जानकारी उपलब्‍ध कराई जा सकेगी।

सम्मेलन में विपणन, वित्‍तीय प्रबंधन, नवाचार, टेली मेडिसिन और स्‍टार्टअप के विशेषज्ञ तथा नीति निर्माता और आयुर्वेद फार्मा और चिकित्‍सा उद्योग क्षेत्र के अनुभवी लोग प्रतिभागियों के साथ अपने अनुभव साझा करेंगे और उनका मार्ग दर्शन करेंगे। तीसरे आयुर्वेद दिवस के अवसर पर आयोजित मुख्‍य कार्यक्रम में देशभर से करीब 800 प्रतिभागियों के शामिल होने की संभावना है।

तीसरे आयुर्वेद दिवस के अवसर पर 5 नवंबर को आयुष स्‍वास्‍थ्‍य प्रणाली का इलेक्‍ट्रोनिक माध्‍यम से रिकॉर्ड रखने के लिए आयुष-स्‍वास्‍थ्‍य प्रबंधन सूचना प्रणाली (ए-एचएमआईएस) के नाम से एक समर्पित सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन लांच किया जाएगा।

इसे शुरूआती चरण में देश के विभिन्‍न हिस्‍सों में 15 आयुष इकाइयों में शुरू किया जाएगा। इससे आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध और होम्‍योपैथी चिकित्‍सा के तरीकों में आधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्‍तेमाल कर और प्रभावी बनाया जा सकेगा। आयुष मंत्रालय आयुर्वेद दिवस के उपलक्ष्‍य में देश के विभिन्‍न हिस्‍सों में कई कार्यक्रम आयोजित करेगा।

राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु

आयुष मंत्रालय प्रत्येक वर्ष धनवंतरी जयंती के अवसर पर यह दिवस मनाता है। इस अवसर पर आयुष मंत्रालय द्वारा देशभर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए।

इसके साथ ही इस अवसर पर आयुष स्वास्थ्य प्रणाली का इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से रिकॉर्ड रखने के लिए आयुष-स्वास्थ्य प्रबंधन प्रणाली (ए-एचएमआईएस) के नाम से एक समर्पित सॉफ्टवेयर ऐप्लीकेशन लांच किया गया।

इस उपलक्ष्य में 4-5 नवंबर, 2018 के मध्य नई दिल्ली में आयुर्वेद में उद्यमिता और व्यापार विकास पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

इसका आयोजन नीति आयोग के सहयोग से आयुष मंत्रालय द्वारा किया गया।

इसका उद्देश्य आयुर्वेद क्षेत्र से जुड़े हितधारकों और उद्यमियों को कारोबार के नए अवसरों के प्रति जागरूक करना है।

आयुर्वेद क्षेत्र के जानेमाने वैद्यों को इस दिन ‘राष्‍ट्रीय धन्वंतरि आयुर्वेद पुरस्‍कार’ से सम्‍मानित किया जाएगा। पुरस्‍कार में एक प्रशस्ति पत्र, धनवंतरी की प्रतिमा वाली ट्राफी और पांच लाख रूपये नकद दिए जाएंगे।

इस बार यह पुरस्‍कार आयुर्वेद के जानेमाने विशेषज्ञ वैद्य शिव कुमार मिश्रा, वैद्य माधव सिंह भघेल और इतूजी भवदासन नंबूदरी को दिया जाएगा।

इनका चयन आयुष मंत्रालय ने किया है। नई दिल्‍ली के अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्‍थान द्वारा राष्‍ट्रीय स्‍तर पर आयोजित की गई आयुर्वेद प्रश्‍नोत्‍तरी प्रतियोगिता के विजेताओं को भी समारोह में सम्‍मानित किया जाएगा

7 नवम्बर

7 नवम्बर को राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस मनाया जाता हैं

तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने 7 नवंबर 2014 को प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस के रूप में मनाये जाने की घोषणा की थी।

7 नवम्बर 2014 को राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस देश भर में 7 नवंबर 2014 को मनाया गया. इसका मुख्य उद्देश्य कैंसर होने के संभावित कारणों के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना एवं कैंसर के प्राथमिक स्तर पर ही उसकी पहचान करने के प्रति लोगों में जागरूक करना था।

वर्तमान में देश भर में कैंसर के 29 लाख मामले हैं और हर वर्ष 1.1 लाख नए मामले इस संख्या में और जुड़ जाते हैं यदि कैंसर का शीघ्र पता लगा लिया जाए तो उसके उपचार पर होने वाला खर्च बहुत ही आंशिक और कम होता है किन्तु यदि कैंसर की बीमारी का विकसित दशा में पता लगता है तो उपचार की लागत कई गुना बढ़ जाती है।

9 नवम्बर

9 नवम्बर को राष्ट्रीय विधिक साक्षरता दिवस बनाया जाता हैं। 9 नवम्बर को राष्ट्रीय विधिक सारक्षता दिवस बनाया जाता हैं।विधिक साक्षरता से आशय जनता को कानून से संबंधित सामान्य बातों से परिचित कराकर उनका सशक्ती करण करना है विधिक जागरूकता से विधिक संस्कृति को बढ़ावा मिलता है, कानूनों के निर्माण में लोगों की भागीदारी बढ़ती है और कानून शाशन की स्थापना की दिशा में प्रगति होती है।

पहले ‘विधिक रूप से साक्षर’ होने का अर्थ था – ‘कानूनी दस्तावेजों, विचारों, निर्णयों, कानूनों आदि को लिख/पढ़ पाने की क्षमता’। किन्तु अब इसका अर्थ कानून से सम्बन्धित इतनी क्षमता से है जो किसी कानूनी समाज में अर्थपूर्ण जीवन जीने के लिए जरूरी हो।

10 नवम्बर

10 नवम्बर को विश्व विज्ञान दिवस मनाया जाता हैं

हर साल 10 नवम्बर को सयुक्त राष्ट्र संघ के सभी सदस्य राष्ट्रों द्वारा विश्व विज्ञान दिवस मनाया जाता है।

इस दिन विज्ञान किस तरह विश्व शान्ति और प्रगति में अहम भूमिका निभा सकती है, इस विषय को लेकर अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

2001 से ही विश्व विज्ञान दिवस मनाने की प्रथा की शुरुआत 10 नवम्बर से हुई, इस दिन को पहली बार अंतराष्ट्रीय कार्यक्रम के रूप में पहली बार 1999 में हंगरी के बुडापेस्ट शहर में सयुक्त राष्ट्र संघ के तत्वाधान में इसका आयोजन हुआ था, तब से लेकर वर्ष 2017 तक इसे निरंतर मनाया जा रहा है।

संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) द्वारा सभी वैज्ञानिक अविष्कारों को दुनिया के प्रत्येक इंसान तक उसकी महत्ता और उपयोग की जानकारी पहुचाने के लिए यह दिवस मनाया जाता है।

शान्ति और विकास जैसे विषयों में कैसे विज्ञान अपनी अधिक से अधिक भूमिका अदा कर सकती है. इस अवसर पर विभिन्न देशों के विज्ञान विभाग, संस्थानों और विश्वविध्यालयों द्वारा विज्ञान से जुड़े अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

इस प्रकार के दिवसों के जरिये न सिर्फ आमजन को विज्ञान से जुड़े विषयों पर जानकारी दी जाती है।

साथ ही विज्ञान विषय में रूचि रखने वाली विद्यार्थियों का मार्गदर्शन कर उन्हें इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया जाता है।

इसी हेतु की पूर्ति के लिए विद्यालयों और कॉलेजों में विश्व विज्ञान दिवस के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रम और संगोष्ठियों का आयोजन करवाया जाता है.

विश्व विज्ञान दिवस का महत्व

आज के समय में विज्ञान हमारे जीवन का अहम भमिका बन चुकी है शायद ही ऐसा कोई क्षेत्र होगा जिसमे हमे विज्ञान के आविष्कार के अविष्कारों का फायदा न मिला हो, विज्ञान के बिना हमारा जीवन एक तरह से अपूर्ण लगता है, विज्ञान दोधारी तलवार की तरह है जिसका उपयोग विनाश व सर्जन दोनों के लिए किया जा सकता है यह हम पर निर्भर है हम इसका उपयोग किस तरह करना चाहते है।

वर्ष 2015 में विश्व विज्ञान दिवस का विषय (थीम) विज्ञान की गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा रखा गया था 14 में इसका विषय मानव जीवन के लिए सुनिश्चित भविष्य हेतु तथा 2013 में इसकी थीम साइंस फॉर वाटर कोऑपरेशन: शेयरिंग डेटा, नॉलेज एंड इन्नोवेशंस रखी गई थी।

11 नवम्बर

11 नवम्बर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस बनाया जाता हैं 

यह दिवस भारत सरकार के पहले शिक्षा मंत्री एवं भारत रत्न से सम्मानित मौलाना अबुल कलाम आजाद की याद में हर 11 नवम्बर को मनाया जाता है। वैधानिक रूप से इसका प्रारम्भ 11 नवम्बर 2008 से किया गया है।

शांति निकेतन विश्वविद्यालय भारत की सर्वोत्कृष्ट राष्ट्रीय शिक्षा संस्था है जिसकी स्थापना डा रवीन्द्रनाथ टैगोर ने 1901 ई में की थी।

ब्रिटिश शासन  के विरुद्ध देश में जिस पुनर्जागरण तथा क्रांति के आन्दोलनों का सूत्रपात हुआ उनके कर्णधार राजा राममोहनराय, स्वामी विवेकानन्द, स्वामी दयानन्द, अरविन्द घोस, रवीन्द्रनाथ टैगोर आदि देशभक्त थे।

इन महापुरुषों ने जहाँ विविध क्षेत्रों में अपने मौलिक विचार प्रस्तुत किये, वहां शिक्षा के क्षेत्र में भी महत्त्वपूर्ण प्रयास किये। इन्होंने भारत में अँग्रेजी शिक्षा के विनाशकारी प्रभाव को समझ कर देश की सभ्यता एवं संस्कृति के अनुकूल शिक्षा के भारतीयकरण का प्रयास किया तथा अनेक राष्ट्रीय शिक्षा संस्थाओं की स्थापना कर लोगों में देशभक्ति की चेतना जाग्रत की।

12 नवम्बर

12 नवम्बर को राष्ट्रीय पक्षी दिवस बनाया जाता हैं

राष्ट्रीय पक्षी दिवस प्रत्येक वर्ष ’12 नवम्बर’ को मनाया जाता है। 12 नवम्बर (1896) डॉ. सालीम अली का जन्म दिवस है, जो कि विश्वविख्यात पक्षी विशेषज्ञ थे। इन्हें भारत में “पक्षी मानव” के नाम से भी जाना जाता था। पक्षी विशेषक्ष सालिम अली के जन्म दिवस को ‘भारत सरकार’ ने राष्ट्रीय पक्षी दिवस घोषित किया हुआ है।

सालिम अली ने पक्षियों से सम्बंधित अनेक पुस्तकें लिखी थीं। ‘बर्ड्स ऑफ़ इंडिया’ इनमें सबसे लोकप्रिय पुस्तक है।डाक विभाग ने इनकी स्मृति में डाक टिकट भी जारी किया है। वर्ष 1958 में सालिम अली को ‘पद्मभूषण’ तथा 1976 में ‘पद्मविभूषण’ से अलंकृत किया गया था।

14 नवम्बर

14 नवम्बर को विश्व बाल दिवस बनाया जाता हैं

बाल दिवस हर साल 14 नवंबर को मनाया जाता है।जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है, इस दिन स्‍कूलों में बच्‍चों के बीच मिठाई और टॉफियां बांटी जाती हैं बाल दिवस (Children’s Day) पूरे देश में बड़े ही उत्साह के साथ हर साल 14 नवंबर को मनाया जाता है।

सबंधित जानकारी: भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू (बच्चों में चाचा नेहरू के नाम से प्रसिद्ध) के जन्म दिवस (14 नवम्बर 1889) को प्रत्येक वर्ष बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है इस दिन बच्चों के लिए विद्यालयों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं तथा यह दिन देश भर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है

14 नवम्बर को विश्व मधुमेह दिवस बनाया जाता हैं

14 नवंबर, 2017 को संपूर्ण विश्व में ‘विश्व मधुमेह दिवस’ (World Diabetes Day) मनाया गया। वर्ष 2017 में इस दिवस का मुख्य विषय ‘‘महिलाएं एवं मधुमेह” स्वस्थ भविष्य के लिए हमारे अधिकार’ हैं।

यह दिवस इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन (I.D.F.) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (W.H.O.) द्वारा वर्ष 1991 में स्थापित किया गया था। उल्लेखनीय है कि यह दिवस डॉ. फ्रेडरिक ग्रांट बैंटिंग के जन्म दिवस के अवसर पर मनाया जाता है।

डॉ. फ्रेडरिक बैंटिंग ने चार्ल्स बेस्ट के साथ वर्ष 1921 में इंसुलिन की खोज की थी। जिन्हें जॉन मैक्लोड के साथ चिकित्सा (Physiology) का नोबेल पुरस्कार दिया गया था। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2007 में प्रतिवर्ष 14 नवंबर को ‘विश्व मधुमेह दिवस’ मनाने की घोषणा की थी।

वर्ष 2014 में वैश्विक स्तर पर लगभग 422 मिलियन युवा मधुमेह से ग्रसित रहे, जबकि वर्ष 1980 में 108 मिलियन युवा इससे ग्रसित थे।

मधुमेह एक बहुत ही खतरनाक बिमारी है। वर्तमान में हर 5 में से 1 व्‍यक्‍ति मधुमेह की बीमारी से ग्रसित है। मधुमेह ऐसी बीमारी है, जो अधिकांशत: लोगों को अनुवांशि‍क होती है।

यदि किसी परिवार में मधुमेह की बिमारी पहले से है तो उस परिवार में पीढ़ी-दर-पीढ़ी यह बीमारी बढ़ती जाती है। डाईबिटीज मुख्‍यत: पीड़ित व्‍यक्‍ति के रक्त में, ग्‍लूकोज की मात्रा ज्‍यादा होने के कारण होती है।

ऐसा दो कारणों से होता है – पहला, जब किसी व्‍यक्‍ति के शरीर में इंसुलिन का बनना बंद हो जाता है या व्‍यक्‍ति के शरीर की कोशिकाएं बन रही इंसुलिन पर प्रतिक्रिया नहीं करते।

16 नवम्बर

16 नवम्बर को सहनशीलता के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस बनाया जाता हैं

दुनिया से अशिक्षा को समाप्त करने के संकल्प के साथ आज 52वां अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाया गया साल 1966 में शिक्षा के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने तथा विश्व भर के लोगों का इस तरफ ध्यान आकर्षित करने के लिए प्रतिवर्ष 8 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय/ विश्व साक्षरता दिवस मनाने का निर्णय लिया था जिसके बाद हर साल 8 सितंबर को दुनिया भर में ये दिन मनाने की परंपरा जारी है।

निरक्षरता को खत्म करने के लिए ‘अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस’ मनाने का विचार पहली बार ईरान के तेहरान में शिक्षा के मंत्रियों के विश्व सम्मेलन के दौरान साल 1965 में 8 से 19 सितंबर को चर्चा की गई थी

26 अक्टूबर, 1966 को यूनेस्को ने 14वें जरनल कॉन्फ्रेंस में घोषणा करते हुए कहा हर साल दुनिया भर में 8 सितंबर को ‘अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा. इस साल ये 52वां अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस है।

17 नवम्बर

17 नवम्बर को विश्व विघार्थी दिवस बनाया जाता हैं

15 अक्टूबर 2017 को देशभर में ‘विश्व विद्यार्थी दिवस’ (World Student Day) मनाया गया। यह दिवस पूर्व राष्ट्रपति मिसाइलमैन डॉ.ए.पी.जे अब्दुल कलाम के जन्मदिन के अवसर पर मनाया जाता है।

संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्ष 2010 में डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का 79वां जन्म दिवस ‘विश्व विद्यार्थी दिवस’ के रूप में मनाया गया था।

इनका जन्म 15 अक्टूबर, 1931 को रामेश्वरम, तमिलनाडु में हुआ था और 27 जुलाई, 2015 को शिलांग, असम में एक कार्यक्रम के दौरान उनका निधन हुआ था।

17 नवम्बर को राष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस बनाया जाता हैं

17 को राष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस दिवस बनाया जाता हैं। भारतीय प्रेस की स्वतंत्रता को समर्पित राष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस प्रत्येक वर्ष 17 नवंबर को मनाया जाता है

इस दिवस को मनाए जाने की शुरूवात प्रेस स्थापना के 50 वर्ष पूरे होने पर की गई थी। इस दिवस का उद्देश्य भारतीय प्रेस का सही दिशा में विकास करना है।

19 नवम्बर

19 नवम्बर को विश्व नागरिक दिवस बनाया जाता हैं

नवंबर महीने का चौथा दिन विश्व नागरिक दिवस के रूप में मनाया जाता है इस अवधारणा के पीछे यह अनुमान लगाया जाता है

कि पृथ्वी की प्रक्षेप गति सूर्य को वर्ष में दो बार पृथ्वी का चक्कर लगाने के लिए  सक्षम बनाती हैं सूरज क्षितिज से अर्द्ध गोले की तरह दिखता है।

लेकिन पृथ्वी का आधा भाग प्रकाशमय और आधा भाग अंधकारमय दिखता है और इसी कारण से वर्ष का आधा भाग बसंत और आधा भाग शरद ऋतू के रूप में परिभाषित किया जाता है। इस ब्रह्मांडीय समानता ने ही मानव जीवन के अनुरूप भविष्यवाणी की थी इसकी गड़ना कई रूपों में की जाती है।

जैसी नागरिकों के अधिकारों और उनके कर्तव्यों की समानता के सन्दर्भ में बहुत से ऐसे नागरिक हैं जो कि कुछ दिवसों को विश्व नागरिक दिवस या विश्व एकता दिवस के रूप में मनाये जाने की सिफारिश करते हैं

यह दिवस ऐसा दिवस है जबकि लोगो की असमानता के खिलाफ कार्यवाही की जाती है साथ ही इस ग्रह पर किये जाने वाले सभी असमान कार्य या जिम्मेदारी से परे किये जाने वाले कार्य या अन्य अमानवीय कार्यों के खिलाफ कार्यवाही किये जाने की सिफारिश करते हैं।

विश्व नागरिक दिवस का मुख्य उद्देश्य यह है कि इस दुनिया में सभी इंसान एक दुसरे से जुड़े हुए हैं और किसी भी इन्सान के द्वारा लिए गए निर्णय किसी अन्य के ऊपर नकारात्मक और सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।

अतः इस दिवस को अति सहयोग दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए साथ ही लोगो में आपसी मन-मुटाव न रहे इस सन्दर्भ में भी कार्य किया जाना चाहिए।

19 नवम्बर को विश्व शौचालय दिवस मनाया जाता हैं

विश्व शौचालय दिवस की स्थापना विश्व शौचालय संगठन द्वारा वर्ष 2001 में की गयी थी। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा वर्ष 2013 में इसे आधिकारिक संयुक्त राष्ट्र विश्व शौचालय दिवस घोषित किया गया इसका प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र जल संघ द्वारा प्रस्तुत किया गया था।

विश्व शौचालय दिवस (World Toilet Day) 19 नवंबर 2018 को मनाया गया यह दिवस उन लोगों के बारे में जागरूकता लाने के लिए मनाया जा रहा है।

जिनके पास शौचालय की सुविधा नहीं है, जबकि यह उनका मूलभूत अधिकार है। इस दिवस का आयोजन बेहतर पोषण और स्वास्थ्य में सुधार के तथ्य पर बल देते हुए शौचालय के महत्व पर पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित करने के लिए किया गया।

यह विभिन्न बीमारियों के प्रसार को रोकने में भी मदद करता है। विश्व शौचालय दिवस वैश्विक स्वच्छता संकट से निपटने हेतु प्रेरित करने वाला एक महत्वपूर्ण दिवस है वर्ष 2018 के लिए विश्व शौचालय दिवस का विषय “व्हेन नेचर कॉल्स है।

विश्व में सभी लोगों को शौचालय की सुविधा उपलब्ध करवाना संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों का हिस्सा है।

शौचालय, एक शक्तिशाली अर्थव्यवस्था बनाने और स्वास्थ्य में वृद्धि करने और लोगों की गरिमा और सुरक्षा के संरक्षण में, एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं।

संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों में सबको शुद्ध पेयजल और स्वच्छता की सुविधा उपलब्ध कराने का लक्ष्य भी रखा गया है। लेकिन खराब आधारभूत ढांचे दूषित जल आपूर्ति और गंदगी के कारण प्रत्येक दिन एक हजार बच्चों मौत का शिकार होते हैं।

समाज में जागरूकता पैदा करना

विश्व शौचालय दिवस के द्वारा निजता के अभाव में महिलाओं और बालिकाओं के साथ यौन हिंसा की आशंका और शौचालय के उपयोग में गैर-बराबरी के बारे में जागरूकता पैदा की जानी है।

विश्व शौचालय दिवस की स्थापना के बाद से दुनिया में परिवर्तन करने के लिए व्यवसायों, सरकारों और कई अन्य समूहों ने इसको बढ़ावा देने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

विश्व शौचालय संगठन का गठन

विश्व शौचालय संगठन एक अंतरराष्ट्रीय गैर-लाभकारी संस्था है जो दुनिया भर में स्वच्छता और शौचालय की स्थिति में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है। संगठन के सभी सदस्य शौचालय की समस्या को खत्म करने और दुनिया भर में स्वच्छता के समाधान के लिए काम करते हैं।

20 नवम्बर

20 नवम्बर को सार्वभौमिक बाल दिवस बनाया जाता हैं

20 नवंबर 2017 को संपूर्ण विश्व में ‘सार्वभौमिक बाल दिवस’ (Univershal Children’s Day) मनाया गया।  इस दिवस की स्थापना वर्ष 1954 में हुई थी। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 20 नवंबर 1954 को बाल अधिकारों का घोषणा-पत्र तथा 20 नवंबर 1989 को ही बाल अधिकारों पर अभिसमय को स्वीकार किया था।

इसी कारण प्रतिवर्ष 20 नवंबर को बच्चों के अधिकारों के प्रति जागरूकता तथा बच्चों के कल्याण को बढ़ावा देने के लिए यह दिवस मनाया जाता है।

20 नवम्बर को अंतराष्ट्रीय बाल अधिकार दिवस बनाया जाता हैं

संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रति वर्ष 20 नवंबर को विश्व बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है. इसकी स्थापना  1954 में की गयी थी यह दिवस अंतर्राष्ट्रीय एकजुटता बच्चों के प्रति जागरूकता और बच्चों के कल्याण को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है।

20 नवम्बर एक बेहद ही महत्वपूर्ण दिन के रूप में जाना जाता है क्योंकि इस दिन संयुक्त राष्ट्र की जनरल असंबली ने 1959 में बाल अधिकारों को घोषित किया था यह दिवस ओर भी महत्वपूर्ण बन जाता है क्योंकि 1989 में संयुक्त राष्ट्र ने बाल अधिकारों पर हुए सम्मलेन के सुझावों को अपनाया।

1990 में, विश्व बाल दिवस का दिन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि समान दिन ही संयुक्त राष्ट्र महासभा ने दोनों घोषणाओं को अपनाया था।

21 नवम्बर को विश्व मांसाहार निषेध दिवस बनाया जाता हैं

प्रतिवर्ष 25 नवम्बर को दुनिया मांसाहार निषेध दिवस मनाती है। मांसाहार के अनेक नुकसान सामने आ रहे हैं, तो कुछ लोग उसके फायदे भी कम नहीं मानते हैं।

लेकिन शाकाहारी भोजन के गुणों को जानकर अब पाश्चात्य देशों में शाकाहार आन्दोलन तेज हो रहा है। अमेरिका में सलाद बार अत्यधिक लोकप्रिय हो रहे हैं। लेकिन जो सबसे बड़ा खतरा मांसाहार से सामने आया है वह है।

इससे ग्लोबल वॉर्मिंग का बढ़ना। यह बात थोड़ी अटपटी लग सकती है पर दोनों में गहरा संबंध है। खाने की थाली में सजा लजीज मांसाहार हमारे स्वास्थ्य पर चाहे जो प्रभाव डाल रहा हो लेकिन पर्यावरण पर तो इसका बहुत बुरा असर हो रहा है। आखिर निरीह जीवों की हत्या और आह से सना भोजन कैसे स्वास्थ्य एवं सौभाग्य वर्द्धक हो सकता है?

21 नवम्बर

21 नवम्बर को विश्व टेलीविजन दिवस बनाया जाता हैं

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 17 दिसंबर 1996 को 21 नवम्बर की तिथि को विश्व टेलीविजन दिवस के रूप घोषित किया था. संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 1996 में 21और 22 नवम्बर को विश्व के प्रथम विश्व टेलीविजन फोरम का आयोजन किया था।

इस दिन पूरे विश्व के मीडिया हस्तियों ने संयुक्त राष्ट्र के संरक्षण में मुलाकात की इस मुलाक़ात के दौरान टेलीविजन के विश्व पर पड़ने वाले प्रभाव के सन्दर्भ में काफी चर्चा की गयी थी साथ ही उन्होंने इस तथ्य पर भी चर्चा की कि विश्व को परिवर्तित करने में इसका क्या योगदान है।

उन्होंने आपसी सहयोग से इसके महत्व के बारे में चर्चा की यही कारण था की संयुक्त राष्ट्र महासभा नें 21 नवंबर की तिथि को विश्व टेलीविजन दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की।

विश्व टेलीविजन दिवस के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र द्वारा 1996 में इस दिवस को मनाये जाने पुष्टि की गई थी यह विभिन्न प्रमुख आर्थिक और सामाजिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करते हुए पूरे विश्व के ज्ञान में वृद्धि करने में मदद करता है वर्तमान में यह मीडिया की सबसे प्रमुख ताकत के रूप में उभरा है।

यूनेस्को ने टेलीविजन को संचार और सूचना के एक महत्वपूर्ण साधन के रूप में पहचाना है साथ ही यह भी माना है कि इस माध्यम ने व्यापक स्तर पर लोगो की बीच ज्ञान के प्रवाहमान को बरकरार रखा है कम विकासित देशों में यह माध्यम ज्ञान के विस्तार के लिए अति महत्वपूर्ण माध्यम है यह हमें विश्व भर के लोगों के बीच समानता को दर्शाता है।

26 नवम्बर

26 नवम्बर को विश्व पर्यावरण संरक्षण दिवस बनाया जाता हैं

विश्व पर्यावरण संरक्षण दिवस 26 नवंबर को मनाया जाता है। यह दिवस पर्यावरण के प्रति जागरुक होने और पर्यावरण संरक्षण के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने के संबंध में मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम यूएनईपी के माध्यम से सन 1992 में पृथ्वी सम्मेलन पर पर्यावरण के प्रति जागरुक होने के लिए विश्व के सभी देश एकत्रित होकर इस के संबंध में विचार विमर्श किया था।

26 नवम्बर को राष्ट्रीय विधि दिवस बनाया जाता हैं

यह दिवस प्रति वर्ष 26 नवम्बर को आयोजित किया जाता है. ध्यान रहे कि इसी दिन वर्ष 1949 में संबिधान सभा नें भारत के संविधान को अपनाया था।

26 नवंबर 1949 के पश्चात करीब 30 वर्षों बाद भारत के उच्चतम न्यायालय के बार एसोसिएसन ने 26 नवम्बर की तिथि को राष्ट्रीय विधि दिवस के रूप में घोषित किया था।

तब से प्रति वर्ष यह दिवस पूरे भारत में राष्ट्रीय विधि दिवस के रूप में आयोजित किया जाता है विशेषकर विधिक बंधुत्व को बढ़ावा देने या इस तरह की विचारधारा को फैलाने के लिए इस दिवस का महत्व है।

वस्तुतः यह दिवस संविधान को निर्मित करने वाली संविधान सभा के उन 207 सदस्यों के अतुलनीय योगदान को देखते हुए और उन्हें सम्मान देने के लिए आयोजित किया जाता है।

वर्ष 2013 में भारतीय राष्ट्रीय बार एसोसिएसन नें दो दिवसीय (आईएनबीए) 26 और 27 नवम्बर को भारतीय अंतर्राष्ट्रीय केंद्र नें एक अंतर्राष्ट्रीय बैठक आयोजित की थी और इन दो दिवसों को राष्ट्रीय विधि दिवस के रूप में आयोजित किया था।

इस सम्मेलन में सम्माननीय न्यायधीश वर्ग, वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, फार्च्यून 500 कम्पनियों के वकीलों ने भी भाग लिया था इसके अलावा राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर की विधिक कम्पनियों ने भी इस सम्मेलन में भाग लिया था।

इस सम्मेलन का मूल उद्देश्य औद्योगीकरण से जुड़े विधिक वर्गों को एक आधार प्रदान करना था इसके अलावा इस सम्मेलन में बहुत सारे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों से जुड़े विधिक पहलुओं पर भी चर्चा की गयी थी।

26 नवम्बर को भारतीय संविधान दिवस बनाया जाता हैं

भारत में 26 नवम्बर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है, 26 नवंबर 1949 के द‍िन देश में भारतीय संविधान सभा द्वारा पारि‍त क‍िया गया।

इसके ठीक एक साल बाद यह 26 नवंबर 1950 को लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के साथ लागू हुआ। भारत सरकार ने 19 नवम्बर, 2015 को 26 नवम्बर को राष्ट्रीय संविधान दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी।

भारत के संविधान निर्माता के रूप में डॉ भीमराव अम्बेडकर को जाना जाता है। इन्होंने भारतीय संविधान के रूप में दुनिया का सबसे बड़ा संविधान तैयार किया है।

यह हस्तलिखित संविधान है। लंबे समय से 26 नवम्बर को कानून दिवस के रूप में मनाते आ रहे हैं लेकिन 19 नवंबर 2015 पीएम नरेंद्र मोदी ने ऐलान किया क‍ि अब यह दिन संविधान दिवस के रूप में मनाया जाएगा।

26 नवम्बर को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस बनाया जाता हैं

26 नवम्बर 2016 को संपूर्ण देश में ‘राष्ट्रीय दुग्ध दिवस’ (National Milk Day) मनाया गया। भारत में श्वेत क्रांति के जनक डॉ. वर्गीज कुरियन के जन्मदिन को ‘राष्ट्रीय दुग्ध दिवस’ मनाया जाता है।

पहली बार यह दिवस इंडियन डेयरी एसोसिएशन (IDA) द्वारा 26 नवम्बर 2014 को मनाया गया था। इस दिवस के अवसर पर आयोजित एक समारोह में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने बताया कि विगत दो वर्षों 2014-15 तथा 2015-16 में दूध उत्पादन ने 6.28 प्रतिशत की विकास दर हासिल की है। इससे प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता वर्ष 2013-14 के 307 ग्राम प्रतिदिन से बढ़कर वर्ष 2015-16 में 340 ग्राम प्रतिदिन हो गई।

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