Goat Farming कैसे शुरू करे

Goat Farming Business को अगर सही सूझबूझ और रणनीति के साथ किया जाए तो यह आपको मालामाल कर सकता है।

हमारे भारत देश के गांव में बहुत सारे किसान भाई बकरी पालते हैं परंतु वह उसे एक व्यवसाय के तौर पर नहीं बल्कि अपनी आजीविका चलाने के तौर पर देखते हैं जिसके कारण उन्हें ज्यादा मुनाफा नहीं मिल पाता। इसलिए इस पेज पर हमनें बकरी पालन व्यापार अर्थात Goat Farming Business के बारे में समस्त जानकारी शेयर की है।

गांव के अशिक्षित किसानों को Goat farming के बारे में ज्यादा ज्ञान नहीं होता परंतु आज भारत में कई ऐसे लोग हैं जो गोट फार्मिंग बिजनेस को अपनाकर अच्छे रुपए कमा रहे हैं और लोगों के लिए मिसाल बन रहे हैं।

इस Business की सबसे अच्छी बात यह है कि इसे करने के लिए आपको सरकार की तरफ से लोन भी कम दरों पर मिल जाएगा। साथ ही इस बिजनेस को करने के लिए किसी भी प्रकार की पढ़ाई लिखाई की जरूरत नहीं है। इस बिजनेस को करने के लिए बस आपको अपनी बुद्धि का प्रयोग करना पड़ेगा।

तो चलिए Goat Farming Business के बारे में समस्त जानकारी पढ़ते है।

Goat Farming में लागत

अगर आप बकरी पालन अर्थात Goat farming business करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको शुरुआत में लगभग ₹100000 तक का इन्वेस्टमेंट करना पड़ सकता है। यह ₹100000 सिर्फ बकरियों की खरीदारी के लिए है।

इसके अलावा उनके रहने की व्यवस्था करने के लिए तथा बिजली पानी की व्यवस्था के साथ आपको कुल मिलाकर ₹200000 तक इन्वेस्टमेंट करने पड़ सकते हैं।

अगर आपके पास कम पूंजी है तो आप बैंकों से अपने बिजनेस को चालू करने के लिए लोन भी ले सकते हैं। ऐसे बिजनेस के लिए बैंक और सरकारी संस्थाएं आसानी से लोन दे देती हैं।

बकरियों को रखने की जगह

बकरियों को ऐसी जगह पर रखें जहां पर चारों तरफ से हवा का आना-जाना बना रहे और पर्याप्त रोशनी भी रहे।

जहा बकरियों को रखना है वहां एक बोरिंग भी अवश्य करवा ले ताकि आपको 24 घंटे पानी मिलता रहे।

बकरियों को रखने की वाली जगह को बाउंड्री से कवर करे ताकि कोई हिंसक प्राणी बकरियों तक ना पहुंच पाए।

बाउंड्री वॉल आप इट की बना सकते हैं परंतु अगर आपका बजट कम है तो आप बांस का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।

8×14 वर्ग फीट के टीन शेड में आप 100 बकरिया आसानी से पाल सकते हैं।

हम आपको शुरुआत में 20 बकरी और एक बकरे से गोट फार्मिंग बिजनेस चालू करने की सलाह देते हैं।

बकरी की सही नस्ल का चुनाव

दोस्तों Goat farming business में यह सबसे अहम चीज है।

बकरी की सही नस्ल का चुनाव आपको बकरी पालन के बिजनेस में सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाएगा। इसलिए बकरियों की नस्ल पर विशेष ध्यान रखें।

आपके एरिया का तापमान और वातावरण के अनुसार ही बकरियों की नस्ल का चयन करें जिससे आपको उन्हें पालने में ज्यादा कठिनाइयों का सामना ना करना पड़े।

बकरी खरीदते समय ऐसी बकरिया ही खरीदें जो एक बच्चा दे चुकी हो, इससे आपको बांझ बकरियों का खतरा नहीं रहेगा जिससे आपके फार्म का प्रोडक्शन जल्दी से होगा।

Goat Farming Bके लिए बकरियों की प्रमुख और अच्छी नस्लें

बकरियों की अच्छी नस्ल में सिरोही, बीटल सोजात, बारबरी, जमुनापारी, उस्मानाबादी, तेल्ली चेरी, ब्लैक बंगाल इत्यादि प्रमुख नस्ले हैं।

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बकरी पालन व्यापर के लिए लोन

Goat farming business के लिए आप NABARD संस्था से अपनी जरूरत के हिसाब से लोन ले सकते हैं।

अगर आप नाबार्ड संस्था से बकरी पालन के लिए लोन लेते हैं तो आपको लोन ली गई रकम पर बहुत ही कम ब्याज चुकाना होता है।

इसके अलावा भारतीय स्टेट बैंक भी आपको इस व्यवसाय के लिए लोन देती है।

इन दोनों संस्थाओं से लोन लेने के लिए आप एक सादे पन्ने पर अपनी अर्जी और अपने जरूरी डॉक्यूमेंट लेकर इन दोनों संस्थाओं के मैनेजर से मिले और उन्हें अपनी बात बताएं।

इसके बाद वह आप की आवश्यकता अनुसार बैंक आपको लोन देता है।

बकरियों को चारा देना

हम मुख्य तौर पर दूध और मांस के लिए ही बकरी पालन करते हैं और बकरिया यह दोनों चीज तभी दे पाएंगी जब आप उन्हें अच्छा चारा देंगे।इसलिए बकरियों को ताजा और हरा चारा अवश्य खिलाएं परंतु इस बात का ध्यान रखें कि आप बकरियों के चारे के पीछे ज्यादा पैसा ना खर्चा करें बल्कि आप बकरियों का हरा चारा अपने खेत में ही उगाए।

हरे चारे के तौर पर आप अपने खेत में बरसीम उगा सकते हैं और उन्हें बकरियों के खिलाकर फायदा कमा सकते हैं।

बकरियों के लिए सूखा चारा

आप हरे चारे के साथ-साथ बकरियों को सूखा चारा भी अवश्य खिलाएं।

अपने घर पर सूखा चारा बनाने के लिए आपको निम्न चीजों की आवश्यकता हो सकती है।

  • मकई का दर्रा – 30 kg
  • गेहू का चोकर – 40  kg
  • खल्ली (मूंग फली ) – 10  kg
  • चने का छिलका – 15 kg
  • मिनरल मिक्सचर पाउडर – 4 kg
  • नमक – 1  kg

यह सूखा चारा आपको बकरियों को सुबह शाम कटे हुए पुवाल में मिलाकर दे।

इससे बकरियों का विकास बहुत अच्छा होगा और 7 से 8 महीने के भीतर ही बकरियों का वजन 25 से 30 किलो तक हो जाएगा। यह वजन आपके बकरियों की नस्ल पर निर्भर करता है।

बकरियों का सही समय पर प्रजनन

जैसे ही बकरी गरम हो तब हमें यह चाहिए कि हम 12 से 24 घंटे के अंदर ही उसका बकरे के साथ संबंध बनवा दें। इससे गर्भधारण करने में आसानी होती है और बच्चा देने के बाद 30 से 35 दिन के अंदर यदि वह दोबारा हिट में आ जाए तो उसका दोबारा बकरे के साथ संबंध बनवाएं।

गोट फार्मिंग बिजनेस में सही समय पर प्रजनन होना बहुत ही जरूरी है। इसी पर हमारे फॉर्म का प्रोडक्शन निर्भर करता है।

बकरिया अथवा बकरे की कीमत

अगर आप कोई ऐसी बकरी बेचते हैं जिसका वजन 30 किलो है तो आपको उससे 15000 रूपये से 16000 रूपये आसानी से मिल जाएंगे और अगर आप कोई ऐसा बकरा बेचते हैं जिसका वजन 30 से 35 किलो है तो उसकी कीमत 20000 रूपये से 25000 रूपये तक हो सकती है।

बकरे और बकरियों को कहां बेचे

इस बिजनेस में सबसे बड़ी समस्या आती है कि बकरी और बकरों को कहां बेचे परंतु आप इसके बारे में चिंता ना करें इसके बारे में भी हम आपको बताने वाले हैं।

बकरी और बकरों को अपने एरिया के किसी लोकल कसाई खाने वाले को बेच सकते हैं। इसके अलावा अपने एरिया अथवा शहर में जितने भी मांसाहारी होटल अथवा ढाबे हैं वहां जाकर भी उन लोगों से बातचीत कर सकते हैं और उनसे डायरेक्ट कांटेक्ट कर सकते हैं।

अगर उन्हें आपका ऑफर जमता है तब वह आपसे आपके बकरे और बकरीया खरीदने लगेंगे।

इसके अलावा आप चाहे तो अपनी बकरियां बाहर के राज्य में भी सप्लाई कर सकते है।

साथ ही अगर आपके एरिया में कोई मीट कंपनी है तो आप वहां अपनी बकरियां और बकरे सप्लाई कर सकते हैं। वह कंपनी आपको आपके बकरियों के अच्छे दाम भी देगी।

बकरियों का टीकाकरण

यह इस बिजनेस का सबसे अहम मुद्दा है। बकरियों को सैड के अंदर डालते ही आप उनका टीकाकरण और डिवर्मिंग जरूर करवा दें।

ऐसा करने से वह जल्दी बीमार नहीं पड़ेगी और उनके अंदर रोगों से लड़ने की क्षमता भी बढ़ जाएगी।

अपने फार्म की हर बकरियों का हर 2 महीने में किसी डॉक्टर द्वारा चेकअप अवश्य करवाएं ताकि इससे आप यह जान सके कि आपकी बकरियों को कोई रोग हुआ है या नहीं और अगर उन्हें कोई रोग हुआ है तो उसकी रोकथाम पर समय पर ध्यान दिया जा सके।

Goat Farming Business का भविष्य

जैसा कि आप जानते हैं कि भारत आज मांस और अंडे के उत्पादन में विश्व में पांचवें पायदान पर पहुंच गया है। इसका मतलब है कि भारत में मांसाहारी भोजन करने वाले लोगों की संख्या बढ़ी है जिसके मद्देनजर मास के कारोबार में अच्छा प्रॉफिट है।

इसलिए कई कंपनियां गोट फार्मिंग के साथ-साथ मुर्गी पालन भी करवा रही है। इसके लिए वह बकायदा व्यक्तियों के साथ करार भी करती हैं।

इस तरह बकरी पालन व्यापार में अच्छा भविष्य है।

बकरी पालन व्यापार सफल व्यक्ति

जिला धार, मध्य प्रदेश के रहने वाले दीपक पाटीदार ने गोट फार्मिंग में सफलता की ऊंचाइयों को छुआ है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दीपक पाटीदार ने कृषि में बीएससी किया था इसके बावजूद उन्हें कुछ सालों तक Goat फार्मिंग बिजनेस में अनेकों कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था।

परंतु अपनी मेहनत और लगन से आज दीपक पाटीदार गोट फार्मिंग बिजनेस में अच्छे मुकाम तक पहुंच गए हैं और इनकी आर्थिक स्थिति भी बहुत अच्छी हो गई है।

आप भी अगर इस बिजनेस से मेहनत करते हैं तो आप भी सफलता पा सकते हैं।

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दोस्तों इस आर्टिकल में आपने Goat farming business के बारे में सम्पूर्ण जानकारी को पढ़ा है।

मुझे उम्मीद हैं कि आपको हमारे द्वारा लिखी गई यह बकरी पालन की जानकारी जरूर पसंद आएगी।

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