इस पेज पर आप हिंदी के महत्वपूर्ण अध्याय काल की परिभाषा, प्रकार, नियम और उदाहरण को विस्तार पूर्वक पड़ेंगे। जो सभी प्रकार की परीक्षाओं की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं।
पिछले पेज पर हमने काव्य शास्त्र की जानकारी शेयर की हैं तो उस आर्टिकल को भी पढ़े। चलिए आज हम काल के बारे में पढ़ना शुरू करते हैं।
काल किसे कहते है
क्रिया के जिस रूप से कार्य करने या होने के समय का ज्ञान होता है उसे ‘काल’ कहते है।
अर्थात क्रिया के उस रूपान्तर को काल कहते है, जिससे उसके कार्य-व्यापर का समय और उसकी पूर्ण अथवा अपूर्ण अवस्था का बोध हो।
जैसे : मैं बाजार से सामान ला चुका हूँ।
इस वाक्य में “मैं” कर्ता हैं, “खाना” क्रिया हैं एवं “चुका हूँ” द्वारा यह दर्शाया गया हैं कि यह क्रिया भूतकाल में क्रियान्वित की जा चुकी हैं।
उदाहरण : |
सीता स्कूल जाती हैं। |
श्रीराम वनवास जा रहे हैं। |
मोहन बाजार जा चुका हैं। |
रोहन स्कूल जाता था। |
हम लोग पिकनिक जा रहे थे। |
वो स्कूल से घर जा चुका था। |
मोहनी खाना बनाती होगी। |
रोशन गीत गा रही होगी। |
अभिनव होमवर्क कर चुका होगा। |
पहले वाक्य में क्रिया वर्तमान समय में हो रही है।
दूसरे वाक्य में क्रिया पहले ही समाप्त हो चुकी थी।
तथा तीसरे वाक्य की क्रिया आने वाले समय में होगी।
इन वाक्यों की क्रियाओं से कार्य के होने का समय प्रकट हो रहा है, इसी प्रकार अन्य वाक्य भी दिए गए हैं।
काल के प्रकार
काल तीन प्रकार होते है
- वर्तमान काल (present Tense)
- भूतकाल(Past Tense)
- भविष्यत काल (Future Tense)
1. वर्तमान काल (Present Tense)
क्रिया के जिस रूप से यह पता चले की काम अभी हो रहा है उसे वर्तमान काल कहते हैं।
अथार्त क्रिया के जिस रूप से क्रिया का वर्तमान समय का पता चले उसे वर्तमान काल कहते हैं।
जिन वाक्यों के अंत में ता हैं, ती हैं, ते है, आते हैं वो वर्तमान काल कहलाता है क्योकि क्रियाओ के होने की निरन्तरता को वर्तमान काल कहते हैं।
उदाहरण : |
मोहन डांस कर रहा हैं। |
पिता जी देख रहे हैं। |
सीता गाना गा रही हैं। |
सुनीता खाना बना रही हैं। |
मोहन बाजार से सब्जी ला रहा हैं। |
सुनीता अपने बेटे को पढ़ा रही हैं। |
श्यामू अपने दोस्त के घर जा रहा हैं। |
पुजारी पूजा कर रहा है। |
राधा स्कूल जाती हैं। |
कृष्णा बांसुरी बजा रहा हैं। |
श्याम खा रहा है। |
सीमा उसे मार रही है। |
वह परीक्षा के लिए जा रहा है। |
गाड़ी चल रही है। |
मैं ट्रेन में बैठा हूँ। |
ट्रेन रफ्तार पकड़ रही है। |
घड़ी चल रही है। |
सोहम लिख रहा है। |
बल्ब जल रहा है। |
उपर्युक्त वाक्यों में क्रिया के वर्तमान समय में होने का पता चल रहा है।
अतः ये सभी क्रियाएँ वर्तमान काल की क्रियाएँ हैं।
वर्तमान काल के प्रकार
वर्तमान काल के 6 प्रकार होते है
- सामान्य वर्तमानकाल
- अपूर्ण वर्तमानकाल
- पूर्ण वर्तमानकाल
- संदिग्ध वर्तमानकाल
- तत्कालिक वर्तमानकाल
- संभाव्य वर्तमानकाल
(a). सामान्य वर्तमानकाल (Present Indefinite)
क्रिया के जिस रूप से कार्य की पूर्णता और अपूर्णता का पता न चले उसे सामान्य वर्तमान काल कहते हैं।
अथार्त जिस क्रिया से क्रिया के सामान्य रूप का वर्तमान में होने का पता चलता है उसे सामान्य वर्तमान काल कहते हैं।
क्रिया के जिस रूप से सामान्यतः यह प्रकट हो कि कार्य का समय वर्तमान में है, न कार्य के अपूर्ण होने का संकेत मिले न संदेह का, वहाँ सामान्य वर्तमान होता है।
जैसे :- ‘बच्चा खिलौनों से खेलता है’।
वाक्य में ‘खेलना’ प्रस्तुत समय में है, किन्तु न तो वह अपूर्ण है और न ही अनिश्चित, अतः यहाँ सामान्य वर्तमान काल है।
उदाहरण : |
वह पुस्तक पढ़ता है। |
माली पौधों को पानी देता है। |
श्यामू खाना खाता हैं। |
वह अपना होमवर्क करता हैं। |
सीता गाना गाती हैं। |
राधा डांस करती हैं। |
(b). अपूर्ण वर्तमानकाल (Present Continuous)
अपूर्ण का अर्थ होता है – अधुरा, क्रिया के जिस रूप से कार्य के लगातार होने का पता चलता है उसे अपूर्ण वर्तमान काल कहते है।
जिन वाक्यों के अंत में रहा है, रहे है, रही है, रहा हूँ, आदि आते है उसे अपूर्ण वर्तमान काल कहते हैं।
उदाहरण : |
श्याम गेंद खेल रहा है। |
मोहन विद्यालय जा रहा है। |
वह घर जा रहा है। |
वर्षा हो रही है। |
अनुराग लिख रहा है। |
अनीता गीत गा रही है। |
रमेश लिख रहा है। |
बन्दर नाच रहा है। |
कमल पत्र लिख रहा है। |
श्याम आ रहा है। |
(c). पूर्ण वर्तमानकाल (Present Perfect)
क्रिया के जिस रूप से कार्य के अभी पूरे होने का पता चलता है उसे पूर्ण वर्तमान काल कहते है।
इसमें हमें कार्य की पूर्ण सिद्धि का पता चलता है इसमें हमें क्रिया के व्यापार के तत्काल पूरे होने के बारे में पता चलता है।
उदाहरण : |
मैंने फल खाए हैं। |
उसने गेंद खेली है। |
वह आया है। |
नकर आया है। |
पत्र भेजा गया है। |
सीता ने पुस्तक पढ़ी है। |
(d). संदिग्ध वर्तमानकाल (Present Doubtful)
जिससे क्रिया के होने में सन्देह प्रकट हो, पर उसकी वर्तमानकाल में सन्देह न हो, उसे संदिग्ध वर्तमानकाल कहते हैं।
सरल शब्दों में, जिस क्रिया के वर्तमान समय में पूर्ण होने में संदेह हो, उसे संदिग्ध वर्तमानकाल कहते हैं।
जैसे : ‘माँ खाना बना रही होगी, वाक्य में ‘रही होगी’ से खाना बनाने के कार्य को निश्चित रूप से नहीं कहा गया, उसमें संदेह की स्थिति बनी हुई है, अतः यहाँ संदिग्ध वर्तमान है।
उदाहरण : |
राम पढ़ता होगा। |
हलवाई मिठाई बनाता होगा। |
आज विद्यालय खुला होगा। |
(e). तत्कालिक वर्तमानकाल
क्रिया के जिस रूप से यह पता चलता हो कि कार्य वर्तमान में हो रहा है उसे तात्कालिक वर्तमान काल कहते हैं
इसमें बोलते समय क्रिया का व्यापार चलता रहता है, इसमें इसकी पूर्णता का पता नहीं चलता है।
उदाहरण : |
मैं पढ़ रहा हूँ। |
वह जा रहा है। |
मैं लेख लिख रहा हूँ |
वह खेल रहा है। |
हम कपड़े पहन रहे हैं। |
(f). सम्भाव्य वर्तमानकाल
इससे वर्तमानकाल में काम के पूरा होने की सम्भावना रहती है उसे सम्भाव्य वर्तमानकाल कहते हैं।
संभाव्य का अर्थ होता है संभावित या जिसके होने की संभावना हो।
उदाहरण : |
वह आया हो। |
वह लौटा हो। |
वह चलता हो। |
उसने खाया हो। |
वह जाता हो। |
2. भूतकाल (Past Tense)
क्रिया के जिस रूप से बीते हुए समय का बोध होता है, उसे भूतकाल कहते है।
अर्थात जिससे क्रिया से कार्य की समाप्ति का बोध हो, उसे भूतकाल की क्रिया कहते हैं।
भूतकाल को पहचानने के लिए वाक्य के अन्त में ‘था, थे, थी’ आदि आते हैं।
उदाहरण : |
रमेश आगरा गया था। |
राम विघालय गया था। |
शोहम खा चुका था। |
हर्षित ने अपना पाठ याद किया। |
पहले मैं लखनऊ में पढ़ता था। |
राम ने रावण का वध किया था। |
दादा जी कहानी सुना रहे थे। |
वह खा चूका था। |
मैंने पत्र लिखा था। |
मैंने पुस्तक पढ़ ली थी। |
मोहन बाजार गया था |
रोहन खेलने गया था। |
बच्चा जा चुका था। |
उपर्युक्त सभी वाक्य बीते हुए समय में क्रिया के होने का बोध करा रहे हैं, अतः ये भूतकाल के वाक्य है।
भूतकाल के प्रकार
भूतकाल के 6 प्रकार होते है
- सामान्य भूतकाल (Simple Past)
- आसन भूतकाल (Recent Past)
- पूर्ण भूतकाल (Complete Past)
- अपूर्ण भूतकाल (Incomplete Past)
- संदिग्ध भूतकाल (Doubtful Past)
- हेतुहेतुमद् भूत (Conditional Past)
(a). सामान्य भूतकाल (Simple Past)
जिससे भूतकाल की क्रिया के विशेष समय का ज्ञान न हो, उसे सामान्य भूतकाल कहते हैं।
अर्थात क्रिया के जिस रूप से काम के सामान्य रूप से बीते समय में पूरा होने का बोध हो, उसे सामान्य भूतकाल कहते हैं।
जिन वाक्यों के अंत में आ, ई, ए, था, थी, थे आते हैं वे सामान्य भूतकाल होते है।
उदाहरण : |
मोहन आया। |
सीता गयी। |
राधा ने डांस किया। |
श्रीराम ने रावण को मारा। |
मैंने गाना गाया। |
खिलाडी खेलने गये। |
मनोज घर गया। |
पानी गिरा। |
मैंने समाचार देखा। |
श्याम ने पत्र लिखा। |
उपर्युक्त वाक्यों की क्रियाएँ बीते हुए समय में पूरी हो गई। अतः ये सामान्य भूतकाल की क्रियाएँ हैं।
(b). आसन्न भूतकाल (Recent Past)
क्रिया के जिस रूप से यह पता चले कि क्रिया अभी कुछ समय पहले ही पूर्ण हुई है, उसे आसन्न भूतकाल कहते हैं।
अथार्त क्रिया के जिस रूप से हमें यह पता चले की क्रिया अभी कुछ समय पहले ही पूर्ण हुई है उसे आसन्न भूतकाल कहते हैं, इससे क्रिया की समाप्ति निकट भूत में या तत्काल ही सूचित होती है।
उदाहरण : |
मैने आम खाया हैं। |
मैं अभी सोकर उठी हूँ। |
अध्यापिका पढ़ाकर आई हैं। |
मैं अभी आगरा से आया हूँ। |
मैंने सेब खाया है। |
अध्यापिका पढ़ाकर आयीं हैं। |
उसने दवा खायी है। |
सिपाही ने चोर को पकड़ लिया। |
उपर्युक्त वाक्यों की क्रियाएँ अभी-अभी पूर्ण हुई हैं। इसलिए ये आसन्न भूतकाल की क्रियाएँ हैं।
(c). पूर्ण भूतकाल (Complete Past)
क्रिया के उस रूप को पूर्ण भूत कहते है, जिससे क्रिया की समाप्ति के समय का स्पष्ट बोध होता है कि क्रिया को समाप्त हुए काफी समय बीता है।
अर्थात क्रिया के जिस रूप से यह ज्ञात हो कि कार्य पहले ही पूरा हो चुका है, उसे पूर्ण भूतकाल कहते हैं।
जिन वाक्यों के अंत में था, थी, थे, चूका था, चुकी थी, चुके थे, आदि आते हैं वो पूर्ण भूतकाल होता है।
उदाहरण : |
उसने श्याम को मारा था। |
अंग्रेजों ने भारत पर राज किया था। |
महादेवी वर्मा ने संस्मरण लिखे थे। |
महरानी सीता वन गई थी। |
श्री कृष्ण ने कंश का वध किया था। |
उपर्युक्त वाक्यों में क्रियाएँ अपने भूतकाल में पूर्ण हो चुकी थीं, अतः ये पूर्ण भूतकाल की क्रियाएँ हैं।
(d). अपूर्ण भूतकाल (Incomplete Past)
क्रिया के जिस रूप से यह पता चलता है कि कार्य भूतकाल में पूरा नहीं हुआ था अपितु नियमित रूप से जारी रहा उसे अपूर्ण भूतकाल कहते हैं।
अथार्त क्रिया के जिस रूप से कार्य के भूतकाल में शुरू होने का पता चले लेकिन खत्म होने का पता न चले उसे अपूर्ण भूतकाल कहते हैं।
जिन वाक्यों के अंत में रहा था, रही थी, रहे थे, आदि आते हैं वे अपूर्ण भूतकाल होते हैं।
उदाहरण : |
सुरेश गीत गा रहा था। |
रीता सो रही थी। |
मोहन बाजार जा रहा था। |
राधा खाना बना रही थी। |
सीता गीत गा रही थी। |
उपर्युक्त वाक्यों में क्रियाएँ से कार्य के अतीत में आरंभ होकर, अभी पूरा न होने का पता चल रहा है। अतः ये अपूर्ण भूतकाल की क्रियाएँ हैं।
(e). संदिग्ध भूतकाल (Doubtful Past)
भूतकाल की जिस क्रिया से कार्य होने में अनिश्चितता अथवा संदेह प्रकट हो, उसे संदिग्ध भूतकाल कहते है, इसमें यह सन्देह बना रहता है कि भूतकाल में कार्य पूरा हुआ या नही।
जिन वाक्यों के अंत में गा, गे, गी, आदि आते हैं वे संदिग्ध भूतकाल होते हैं।
उदाहरण : |
तू गाया होगा। |
बस छूट गई होगी। |
दुकानें बंद हो चुकी होगी। |
राम स्कूल जा चूका होगा। |
हर्षित खाना खा चूका होगा। |
उपर्युक्त वाक्यों की क्रियाएँ से भूतकाल में काम पूरा होने में संदेह का पता चलता है। अतः ये संदिग्ध भूतकाल की क्रियाएँ हैं।
(f). हेतुहेतुमद् भूतकाल (Conditional Past)
‘हेतु’ का अर्थ है कारण, जहाँ भूतकाल में किसी कार्य के न हो सकने का वर्णन कारण के साथ दो वाक्यों में दिया गया हो, वहाँ हेतुहेतुमद् भूतकाल होता है।
क्रिया के जिस रूप से यह पता चले कि कार्य हो सकता था लेकिन दूसरे कार्य की वजह से हुआ नहीं उसे हेतुहेतुमद् भूतकाल कहते हैं।
उदाहरण : |
मैं आगरा जाती तो ताजमहल देखती। |
महेश मेहनत करता तो सफल हो जाता। |
यदि वर्षा होती तो फसल अच्छी होती। |
यदि मैं आता तो वह चला जाता। |
यदि श्याम ने पत्र लिखा होता तो मैं अवश्य आता। |
उपर्युक्त वाक्यों की क्रियाएँ एक-दूसरे पर निर्भर हैं, पहली क्रिया के न होने पर दूसरी क्रिया भी पूरी नहीं होती है अतः ये हेतुहेतुमद् भूतकाल की क्रियाएँ हैं।
3. भविष्यत काल (Future Tense)
भविष्य में होनेवाली क्रिया को भविष्यतकाल की क्रिया कहते है।
अर्थात क्रिया के जिस रूप से काम का आने वाले समय में करना या होना प्रकट हो, उसे भविष्यतकाल कहते है।
भविष्यत काल की पहचान के लिए वाक्य के अन्त में ‘गा, गी, गे’ आदि आते है।
उदाहरण : |
वह कल घर जाएगा। |
हम सर्कस देखने जायेंगे। |
किसान खेत में बीज बोयेगा। |
अर्जुन अपना होमवर्क करेगा। |
अध्यापिका स्कूल मैं पढ़ाएगी। |
उपर्युक्त वाक्यों की क्रियाएँ से पता चलता है कि ये सब कार्य आने वाले समय में पूरे होंगे। अतः ये भविष्यत काल की क्रियाएँ हैं।
भविष्यत काल के प्रकार
भविष्यतकाल के 3 प्रकार होते है
- सामान्य भविष्यत काल
- सम्भाव्य भविष्यत काल
- हेतुहेतुमद्भविष्य भविष्यत काल
(सामान्य भविष्यत काल
क्रिया के जिस रूप से उसके भविष्य में सामान्य ढंग से होने का पता चलता है, उसे सामान्य भविष्यत काल कहते हैं, इससे यह प्रकट होता है कि क्रिया सामान्यतः भविष्य में होगी।
अथार्त जिन शब्दों के अंत में ए गा , ए गी , ए गे आदि आते हैं उन्हें सामान्य भविष्य काल कहते हैं। इससे क्रिया के भविष्य में होने का पता चलता है।
उदाहरण : |
बच्चे कैरम खेलेंगे। |
मोहनी बाजार जाएगी। |
राम मैच खेलेगा। |
वह घर जायेगा। |
दीपक अखबार बेचेगा। |
उपर्युक्त वाक्यों में क्रियाएँ भविष्य में सामान्य रूप से काम के होने की सूचना दे रही हैं। अतः ये सामान्य भविष्यत काल की क्रियाएँ हैं।
(b). सम्भाव्य भविष्यत काल
क्रिया के जिस रूप से उसके भविष्य में होने की संभावना का पता चलता है, उसे सम्भाव्य भविष्यत काल कहते हैं, इसमें क्रियाओं का निश्चित पता नहीं चलता। इसमें भविष्य में किसी कार्य के होने की संभवना होती है।
उदाहरण : |
शायद कल सुनील आगरा जाए। |
शायद आज वर्षा हो। |
शायद चोर पकड़ा जाए। |
शायद चोर पकड़ा जायेगा। |
परीक्षा में शायद मुझे दो अंक प्राप्त हों। |
मैं सफल हऊँगा। |
वह विजयी होगा। |
शायद आज रात वर्षा हो। |
संभव है कि श्याम पत्र लिखे। |
परीक्षा में शायद मुझे अच्छे अंक प्राप्त हों। |
उपर्युक्त वाक्यों में क्रियाओं के भविष्य में होने की संभावना है। ये पूर्ण रूप से होंगी, ऐसा निश्चित नहीं होता। अतः ये सम्भाव्य भविष्यत काल की क्रियाएँ हैं।
(c). हेतुहेतुमद्भविष्य भविष्यत काल
क्रिया के जिस रूप से एक कार्य का पूरा होना दूसरी आने वाले समय की क्रिया पर निर्भर हो उसे हेतुहेतुमद्भविष्य भविष्य काल कहते है।
इसमें एक क्रिया दूसरी पर निर्भर होती है, इसमें एक क्रिया का होना दूसरी क्रिया पर निर्भर होता है।
उदाहरण : |
वह पढ़ेगा तो सफल होगा। |
यदि छुट्टियाँ होंगी तो मैं आगरा जाउँगा। |
अगर तुम मेहनत करोगे तो फल अवश्य मिलेगा। |
वह गाए तो मैं भी गाऊं । |
वह आये तो मै जाऊ। |
वह कमाए तो मैं खाऊ। |
वो बाजार जाए तो मैं भी जाऊ। |
वह पढ़ेगा तो सफल होगा। |
यदि शत्रु हमला करेगा तो मुंह की खायेगा। |
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