Computer Memory की परिभाषा, प्रकार, कार्य और विशेषताएं

इस पेज पर आप Computer Memory की जानकारी को विस्तार में पढ़कर समझेंगे। 

पिछले पेज पर हम कंप्यूटर प्रोसेसर की जानकारी शेयर कर चुके है उसे जरूर पड़े।

चलिए इस पेज पर हम Computer Memory की समस्त जानकारी को विस्तार से समझते हैं।

Computer Memory क्या है

Memory इंसान के दिमाग की तरह ही होती है इसका उपयोग कंप्यूटर में डाटा और निर्देश को स्टोर करने के लिए किया जाता है।

मेमोरी कंप्यूटर के लिए एक Storage Space के जैसा है जहां पर डाटा को प्रोसेस किया जाता है।

मेमोरी को बड़ी संख्या में छोटे-छोटे भागों में बांटकर स्टोर किया जाता है जिसे Cell कहा जाता है। 

मेमोरी में उपस्थित प्रत्येक Cell की एक अलग पहचान होती है जिसे Cell Address या Path कहते हैं इन Cells में ही डाटा को स्टोर किया जाता है।

यह डाटा Binary Digits 0 और 1 के रूप में स्टोर रहता है। Memory Device Integrated Circuit का उपयोग करते हैं और Operating System, Software और Hardware द्वारा उपयोग किए जाते हैं।

Computer Memory के प्रकार

कंप्यूटर मेमोरी मुख्य रूप से तीन प्रकार की होती है।

  • Cache Memory
  • Primary Memory
  • Secondary Memory

1. Cache Memory

यह मेमोरी बहुत ही तेज होती है। इस मेमोरी में अधिकतर यानी Frequently इस्तेमाल होने वाले प्रोग्राम और Instruction स्टोर किए जाते हैं ताकि CPU तेजी से कार्य कर सकें।

Cache Memory CPU और Primary Memory के बीच स्थित होती है यानी CPU पहले से ही Cache Memory में स्टोर डाटा और Instruction प्राप्त कर लेता है और कार्य के दोहराव से बच जाता है।

क्योंकि उसे अब किसी कार्य के लिए Instruction और डाटा प्राप्त करने के लिए Primary Memory में नहीं जाना पड़ता है इसलिए CPU तेजी से कार्य करता है।

Cache Memory में इन डाटा और Instruction को Operating System द्वारा भेजा जाता है जिन्हें फिर CPU द्वारा इस्तेमाल कर लिया जाता है। इस मेमोरी की स्टोरेज क्षमता सीमित होती है इसलिए इसे बार-बार साफ करना पड़ता है। यह डाटा यूजर के काम का नहीं होता है।

Cache Memory के लाभ

  • Cache Memory Main Memory की तुलना में काफी तेज होते है।
  • यह Main Memory की तुलना में बहुत ही कम Access Time Consume करती है।
  • यह उन Programs को स्टोर करती है जिन्हें कम समय के भीतर ही Execute करना होता है।
  • यह डाटा को Temporary इस्तेमाल के लिए स्टोर करती है।

Cache Memory के नुकसान

  • Cache Memory की Limited Capacity होती है।
  • यह बहुत ही ज्यादा कीमती होता है।
  • Stored Data को बार-बार साफ करना पड़ता है।

2. Primary Memory

Primary Memory को Main Memory भी कहते हैं। यह केवल उस डाटा और निर्देश को स्टोर करके रखती है जिन पर कंप्यूटर उस समय काम कर रहा होता है। यह डाटा को स्थाई रूप से स्टोर करके नहीं रखती है।

इसकी स्टोरेज क्षमता बहुत कम होती है। सिस्टम के Switch off होने पर सारी जानकारी मेमोरी से डिलीट हो जाती है। प्राइमरी मेमोरी Semiconductor Device की बनी होती है और कंप्यूटर में CPU के नजदीक लगी होती हैं।

जिससे CPU को प्राइमरी मेमोरी से डाटा Access करने में समय कम लगे। यह Register Memory के मुकाबले कम फास्ट होती है लेकिन Secondary Memory से तेज होती है।

प्राइमरी मेमोरी दो प्रकार की होती है।

Primary Memory की विशेषताएं

  • यह Secondary Memory की तुलना में बहुत ही तेज़ होते हैं।
  • यह Semiconductor Memory होती है।
  • इसे Main Memory या Prime Memory भी कहा जाता है।
  • जब कंप्यूटर Power को Switch off कर दिया जाता है तो इसमें मौजूद डाटा खो जाता है।
  • यह कंप्यूटर की Working Memory होती है।
  • एक कंप्यूटर बिना Primary Memory के रन नहीं कर सकता।

3. Secondary Memory

Secondary Memory Non Volatile Memory होती है और इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से डाटा को लंबे समय के लिए स्टोर करने के लिए किया जाता है।

यह प्राइमरी मेमोरी के मुकाबले धीमी होती है लेकिन इसकी स्टोरेज क्षमता बहुत ज्यादा होती है। यह आपको GB और TB की साइज में देखने को मिल जाएगी।

CPU Directly Secondary Memory को Access नहीं करता है। इसके लिए सेकेंडरी मेमोरी में स्टोर डाटा पहले RAM में लोड होता है जहां से फिर से CPU डाटा को Access करता है। इसलिए RAM को प्राइमरी मेमोरी कहा जाता है।

Secondary Memory को स्टोरेज डिवाइस भी कहते हैं। यह आंतरिक और बाहरी दोनों तरह की होती है। जैसे HDD, SSD, Flash Drive, Pen Drive, Memory Card इत्यादि। यह सब डाटा को स्टोर करने के लिए यूज किए जाते हैं और इनकी कीमत Primary Memory से कम होती है।

Secondary Memory की विशेषताएं

  • यह Magnetic और Optical Memories होते हैं।
  • इसका इस्तेमाल कंप्यूटर में डाटा को स्टोर करने के लिए किया जाता है।
  • यह Non Volatile Memory होता है।
  • एक कंप्यूटर बिना Secondary Memory के भी चल सकता है।
  • इसे Backup Memory भी कहा जाता है।
  • इसमें डाटा स्थाई रूप से स्टोर होते हैं। अगर कंप्यूटर के पावर को Switch off भी कर ले तब भी यह स्टोर रहते हैं।
  • यह प्राइमरी मेमोरी की तुलना में बहुत ही धीमे होते हैं।
  • यह सस्ते और महंगे दोनों दामों में आते हैं।

Volatile और Non Volatile Memory क्या है

Volatile Memory कंप्यूटर मेमोरी है जिसे स्टोर डाटा को बनाए रखने के लिए पावर की आवश्यकता होती है। अधिकांश आधुनिक Semiconductor Volatile Memory या तो Static RAM या Dynamic RAM होती है।

यही कारण है कि यदि आपका कंप्यूटर प्रोग्राम काम करते समय Freeze या Reboot हो जाता है तो आप वह डाटा खो सकते हैं जिसे आपने स्टोर नहीं किया है।

Non-Volatile कंप्यूटर मेमोरी है जो चालू न होने पर भी स्टोर डाटा को बरकरार रख सकती है। Non-Volatile Memory के उदाहरण में केवल पढ़ने के लिए मेमोरी जैसे Hard Disk Drive, Floppy Disk, Optical Disk , EPROM इत्यादि शामिल है।

इसके अलावा मेमोरी की तीसरी श्रेणी Semiconductor Volatile Memory है। इस शब्द का उपयोग वैसे मेमोरी के लिए किया जाता है जिस पर बिजली जाने के बाद कुछ समय तक डाटा रहता है लेकिन कुछ समय बाद वह डाटा खो जाता है।

Virtual Memory क्या है

कंप्यूटर में Multiprocessing के काम को करने के लिए RAM का होना बहुत जरूरी होता है। Multiprocessing का मतलब है बहुत सारे प्रोग्राम और एप्लीकेशन को एक साथ Open करना जिसे में Web Browser, Microsoft word Excel, Photoshop आदि प्रोग्राम का इस्तेमाल शामिल है।

किसी भी कंप्यूटर में अलग-अलग तरीके से प्रोग्राम को रन करने के लिए कंप्यूटर में RAM इस कार्य को करती है। हम जितनी बार अलग-अलग Application को कंप्यूटर में खोलेंगे उतनी बार RAM का स्पेस Application को रन करने से भरता जाता है।

और कभी ऐसा समय आता है कि RAM का स्पेस पूरी तरह इन एप्लीकेशन को रन करने से भर जाता है। उसके बाद कोई भी एप्लीकेशन या सॉफ्टवेयर कंप्यूटर मे रन नहीं हो पाता है।

ऐसी स्थिति में कंप्यूटर Virtual Memory का इस्तेमाल करता है। Virtual Memory कंप्यूटर के हार्ड डिस्क का स्पेस लेकर कंप्यूटर में RAM के Alternative Task के लिए उपयोग किया जाता है। Virtual Memory कंप्यूटर को एक अलग RAM उपलब्ध कराती है जो Physical RAM से बिल्कुल अलग होती है।

Register Memory क्या है

कंप्यूटर सिस्टम में Register Memory साइज के उद्देश्य से सबसे छोटी लेकिन स्पीड में सबसे तेज मेमोरी होती है। कंप्यूटर प्रोसेसर Register Processor को Direct Access कर सकता है क्योंकि Register Memory कंप्यूटर प्रोसेसर का ही एक हिस्सा होती है।

Register बहुत छोटे डाटा Holding Element होते हैं जो Instructions, Memory Address और प्रोसेसर द्वारा बार-बार यूज होने वाले डाटा को स्टोर करके रखते हैं। सभी प्रकार का डाटा प्रोसेस होने से पहले इन्हीं रजिस्टर के माध्यम से पास होता है।

यूजर द्वारा Enter किए गए डाटा को प्रोसेस करने के लिए CPU रजिस्टर का इस्तेमाल करता है। रजिस्टर बहुत ही छोटे डाटा को स्टोर कर रख सकते हैं जिनकी साइज bits में होती है। किसी भी CPU की स्पीड उसमें उपस्थित रजिस्टर की साइज और उसके नंबर पर निर्भर करती है।

Bit और Byte क्या है

Bit : Bit कंप्यूटर और Information Technology की बेसिक यूनिट है। एक बीट का केवल एक ही मान हो सकता है 0 या 1 . इसे इस तरह समझा जा सकता है कि कंप्यूटर Binary Code द्वारा काम करता है। 

यह Binary Code को 0 या 1 होते हैं और इन Binary Code को ही bit कहा जाता है। बड़ी से बड़ी और छोटी से छोटी कंप्यूटर क्रिया इन्हीं bits के द्वारा होती है। बीट को इंग्लिश के Small Letter ‘b’ से दर्शाते हैं।

Byte : Byte कंप्यूटर की Bit से आगे की इकाई है। 8-Bit मिलकर एक Byte बनाते हैं। Byte कंप्यूटर की ऐसी इकाई है जो Stable है। 

यदि 8 bit मिलकर एक क्रिया करते हैं तो एक Byte की रचना करते हैं। Bytes का प्रयोग अक्सर हम डाटा को जानने हेतु कंप्यूटर में करते हैं। Byte को इंग्लिश के Capital Letter ‘B’ से दर्शाते हैं।

  • 1024 Bytes = 1 Kilo Bytes = 1 KB
  • 1024 Kilo Bytes = 1 Mega Bytes = 1 MB
  • 1024 Mega Bytes = 1 Giga Bytes = 1 GB

कंप्यूटर मेमोरी से सम्बंधित प्रश्न उत्तर

1. मेमोरी का उपयोग कैसे किया जाता है?

जब कोई प्रोग्राम जैसे कि आपका Internet Browser खुला होता है तो उसे आपकी Hard Drive से लोड किया जाता है और RAM में रखा जाता है।

यह प्रक्रिया उस प्रोग्राम को उच्च गति पर प्रोसेसर के साथ संचार करने की अनुमति देती है। जो कुछ भी आप अपने कंप्यूटर पर स्टोर करते हैं जैसे कि कोई चित्र या वीडियो स्टोरेज के लिए आपकी Hard Drive पर भेज दिया जाता है।

2. कंप्यूटर के लिए मेमोरी आवश्यक क्यों है?

कंप्यूटर में प्रत्येक डिवाइस अलग-अलग गति से चलते हैं और कंप्यूटर मेमोरी आपके कंप्यूटर के डाटा को जल्दी से Access करने की जगह देती है।

यदि CPU को हार्ड डिस्क ड्राइव की तरह Secondary storage device के लिए इंतजार करना पड़े तो कंप्यूटर बहुत धीमा हो जाएगा।

3. मेमोरी यूनिट क्या है?

Memory Unit कंप्यूटर मेमोरी की डाटा स्टोरेज क्षमता मापने का एक तरीका है। जिस प्रकार पानी को मापने के लिए लीटर होता है उसी तरह कंप्यूटर मेमोरी में Memory Units होते हैं।

4. Computer Memory में दर्ज किए जाने वाले डाटा या निर्देश को क्या माना जाता है?

कंप्यूटर मेमोरी में दर्ज किए जाने वाले डाटा या निर्देश को इनपुट कहा जाता है। जब भी हमें कंप्यूटर मेमोरी में कोई डाटा या Information दर्ज करना होता है तो हम उस डाटा को इनपुट डिवाइस की मदद से कंप्यूटर मेमोरी में दर्ज करते हैं।

5. कंप्यूटर के बंद होने पर मेमोरी का क्या होता है?

RAM अस्थिर मेमोरी है इसलिए जब कंप्यूटर से बिजली चली जाती है तो RAM में जो भी डाटा स्टोर होता है वह खो जाता है। यदि डाटा को किसी Non Volatile Memory में स्टोर किया गया हो तो डाटा सुरक्षित रहता है।

आशा है Computer Memory की जानकारी आपको पसंद आयी होगी।

Computer Memory से संबंधित किसी भी प्रश्न के लिए कमेंट करे।

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