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चलिए आज हम वृक्षारोपण पर निबंध की जानकारी पढ़ते और समझते हैं।
वृक्षारोपण पर निबंध 100 शब्दों में
पेड़ हमारे रहने के लिए महत्वपूर्ण हैं। वृक्षारोपण का मतलब एक स्थान पर पेड़ लगाना होता है। वृक्षारोपण से पृथ्वी और हमारी भलाई से जुड़े कई फायदे हैं।
हम जीने के लिए पूरी तरह से ऑक्सीजन लेते हैं, और पेड़ ऑक्सीजन के मुख्य स्रोत हैं। वृक्षारोपण गारंटी देता है कि ऑक्सीजन की आपूर्ति कभी समाप्त नहीं होती है।
पक्षी पेड़ों में अपना घर बनाते हैं और जमीन पर बीज और पराग बिखेरते हैं, जिसके परिणामस्वरूप विभिन्न पौधों का विकास होता है। तो, वृक्षारोपण जैव-विविधता का विस्तार करता है।
लेकिन आज हमारे पर्यावरण में वृक्षों की संख्या में कमी आ गई जिसके कारण कई समस्याएं खड़ी हो चुकी हैं। इसके लिए हमें अधिक से अधिक पेड़ लगाने की आवश्यकता है।
वृक्षारोपण पर निबंध 200 शब्दों में
“पेड़ पृथ्वी पर मनुष्य का सबसे अच्छा मित्र है।” पेड़ हमारे पृथ्वी पर मौजूद सबसे बड़े संसाधनों में से एक है। पेड़ों को ‘पृथ्वी का फेफड़ा’ कहा जाता है। वृक्षों के अभाव में पृथ्वी पर जीवन समाप्त हो जाएगा। पेड़ कई तरह से पर्यावरण को बनाए रखने के लिए जिम्मेदार हैं।
पेड़ प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया के दौरान ऑक्सीजन छोड़ते हैं और कार्बन डाइऑक्साइड जैसी हानिकारक गैसों को अवशोषित करते हैं।
वह उद्योगों और वाहनों द्वारा वातावरण में छोड़े गए जहरीले पदार्थ और अन्य प्रदूषकों को लेकर स्पंज के रूप में कार्य करते हैं।
पेड़ों की जड़ें मिट्टी को आपस में बांधती हैं जिससे अपरदन को रोका जा सकता है। वनों की कटाई की बढ़ी हुई दर भूस्खलन का पहला कारण है।
स्वादिष्ट फलों के के अलावा, पेड़ जानवरों, पक्षियों और कीड़ों की कई प्रजातियों का प्राकृतिक आवास होते है। इस प्रकार, एक पेड़ के विनाश का अर्थ है पूरे पारिस्थितिकी तंत्र का विनाश।
हमें यह ग्रह अपने पूर्वजों से कई संसाधनों से विरासत में मिला है। पृथ्वी के नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा करने की जिम्मेदारी हम पर है, ताकि आने वाली पीढ़ियों के पास एक ऐसा स्थान हो जिसे वह अपना घर कह सकें तो आइए हम सब हरे-भरे होने और पृथ्वी को विनाश से बचाने का संकल्प लें।
वृक्षारोपण पर निबंध 300 शब्दों में
आज वृक्षारोपण बहुत महत्वपूर्ण हो गया है क्योंकि पृथ्वी पर पेड़ों की संख्या बहुत तेजी से घट रही है। हम सभी को अपने अस्तित्व को बनाए रखने के लिए पेड़ों और पौधों की संख्या को बढ़ाना होगा जिसके लिए वृक्षारोपण बहुत अधिक आवश्यक है।
पेड़-पौधे पृथ्वी पर जीवन और पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और इसलिए वृक्षारोपण के महत्व को समझना चाहिए। पेड़ कार्बन डाइऑक्साइड को अंदर लेते हैं और ऑक्सीजन को बाहर निकालते हैं।
पेड़-पौधे भोजन, ईंधन, लकड़ी, फूल और कई अन्य महत्वपूर्ण वस्तुएँ भी प्रदान करते हैं। वह पक्षियों और वन्यजीवों के लिए भोजन और आवास के प्राकृतिक स्रोत भी हैं और पारिस्थितिकी तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पेड़ वातावरण से अन्य हानिकारक गैसों को भी अवशोषित करते हैं और इस प्रकार हवा को शुद्ध और ताजा बनाते हैं।
पेड़ों और पौधों से प्राप्त लकड़ी, रबर और विभिन्न उत्पादों की बढ़ती मांग के कारण अधिक से अधिक पेड़ों की कटाई हो रही है। इमारतों, सड़कों और उद्योगों के लिए भी अधिक भूमि की आवश्यकता होती है।
हालांकि विकास और प्रगति के लिए इसे टाला नहीं जा सकता है लेकिन वृक्षारोपण के महत्व को समझकर, वृक्षारोपण द्वारा पेड़ों के नुकसान की भरपाई की जानी चाहिए।
वृक्षारोपण के महत्व को सभी को समझना चाहिए क्योंकि पेड़ों की कटाई हमारे जीवन को काफी प्रभावित करती है। पेड़ों की कटाई से पेड़ आधारित उत्पादों की लागत बढ़ रही है और पक्षियों और जानवरों को उनके भोजन और आवास से वंचित किया जा रहा है, और यह सब पारिस्थितिकी तंत्र को प्रभावित कर रहा है।
पेड़ वायुमंडल में जलवाष्प बनाकर जल चक्र को बनाए रखने में भी मदद करते हैं। पेड़ों की कटाई से असंतुलन पैदा हो रहा है जिसके परिणामस्वरूप प्रदूषण, ग्लोबल वार्मिंग और अनियमित बारिश में वृद्धि हो रही है।
सभी को वृक्षों के रोपण के प्रति जागरूक बनाया जाना चाहिए तथा वृक्षारोपण के महत्व से अवगत कराना चाहिए तथा वृक्षारोपण एवं संरक्षण के लिए प्रेरित करना चाहिए।
वृक्षारोपण पर निबंध 400 शब्दों में
वृक्षारोपण काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह हमारी बुनियादी जरूरत से जुड़ा है। कई मूलभूत आवश्यकताओं के अलावा यह जैव विविधता को बनाए रखते हैं, जल संरक्षण करते हैं, मिट्टी का संरक्षण करते हैं, जलवायु को नियंत्रित करते हैं आदि।
वृक्षारोपण महत्वपूर्ण है क्योंकि वह पृथ्वी पर जीवन के निर्वाह के लिए ताजे फल, सब्जियां, मेवा आदि प्रदान करते हैं। वह सभी जीवित चीजों के जीवित रहने के लिए उत्पादक और खाद्य ऊर्जा के स्रोत हैं।
इस मूलभूत आवश्यकता के अलावा, वृक्षारोपण का महत्व मनुष्य के लिए उनकी औषधीय आवश्यकताओं, घरेलू पशुओं के लिए चारा, घरेलू उपकरण, ईंधन आदि को पूरा करने के लिए आवश्यक है।
पेड़ जीवित प्राणियों को सांस लेने और ऊर्जा पैदा करने के लिए स्वच्छ हवा प्रदान करते हैं। दम घुटने और प्रदूषण मुक्त, स्वस्थ जीवन के लिए विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में वृक्षारोपण बहुत अधिक आवश्यक है।
जैव विविधता को बनाए रखने और पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलित करने के लिए वृक्षारोपण का महत्व है। पेड़ विभिन्न प्रजातियों के लिए एक प्राकृतिक आवास प्रदान करते हैं। एक समृद्ध जैव विविधता और स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र पृथ्वी पर जीवन को संभव बनाता है।
पेड़ प्रकाश संश्लेषण के दौरान वाष्प छोड़ते हैं, जो बारिश के बादलों के निर्माण में योगदान देता है। इस प्रकार, पेड़ पृथ्वी के जल चक्र को बनाए रखते हैं। इसके अलावा, वह वर्षा जल के द्वारा, पृथ्वी के नीचे जल स्तर को भी बनाए रखते हैं।
पेड़ मिट्टी को जकड़ कर रखने और कटाव को रोकने के लिए भी उपयोगी हैं। बारिश और बाढ़ के दौरान, पृथ्वी की ऊपरी मिट्टी पानी से बह जाती है।
पेड़ों की जड़ें ऊपरी मिट्टी को कटाव से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इसलिए, भूस्खलन वाले क्षेत्रों में वृक्षारोपण का महत्व काफी प्रासंगिक है।
चूंकि पेड़ वातावरण से कार्बन डाइऑक्साइड को अंदर लेते हैं, इसलिए वृक्षारोपण सबसे अच्छा जैविक तरीका है जिसे ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए कुशलतापूर्वक लागू किया जा सकता है।
वृक्षारोपण से प्रदूषण, ग्लोबल वार्मिंग, मिट्टी का कटाव और जलवायु परिवर्तन जैसे आपदाओं को होने से रोका जा सकता हैं।
हाल के दिनों में, विशेष रूप से जलवायु परिवर्तन पर 2015 के पेरिस समझौते के बाद, कई देशों में वृक्षारोपण के महत्व को महत्वपूर्ण आधार मिला है।
चूंकि मानव ने जीवन शैली के आविष्कारों के बाद पिछली दो शताब्दियों में पेड़ों का अत्यधिक दोहन किया है, इसलिए वर्तमान समय में वृक्षारोपण का महत्व सर्वोच्च प्राथमिकता बन गया है। वृक्षारोपण प्रकृति को बनाए रखने और पृथ्वी पर मानव जीवन की गरिमा को बनाए रखने में मदद करता है।
वृक्षारोपण पर निबंध 500 शब्दों में
वर्ष 2030 तक विश्व की जनसंख्या के 8.3 अरब से अधिक हो जाने का अनुमान है, जिसके कारण उस समय भोजन एवं ऊर्जा की मांग 50% अधिक तथा स्वच्छ जल की मांग 30% अधिक हो जाएग। भोजन, ऊर्जा एवं जल की इस बढ़ी हुई मांग के फलस्वरुप उत्पन्न संकट के दुष्परिणाम भी भयंकर हो सकते हैं।
विश्व मे आई औद्योगिक क्रांति के बाद से ही प्राकृतिक संसाधनों का दोहन शुरू हो गया था, जो 19वीं एवं 20वीं शताब्दी में अपनी चरम सीमा को पार कर गया, कुपरिणामस्वरुप विश्व की जलवायु पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ा एवं प्रदूषण का स्तर इतना अधिक बढ़ गया की यह अनेक जानलेवा बीमारियों का कारक बन गया।
इसलिए 20वीं शताब्दी में सयुंक्त राष्ट्र एवं अन्य वैश्विक संगठनों ने पर्यावरण की सुरक्षा की बात करनी शुरु की। पर्यावरण सुरक्षा के लिए वैश्विक संगठन द्वारा किए गए हर प्रयास में वृक्षारोपण पर विशेष जोर दिया जाता है।
भारत सरकार भी विभिन्न राज्यों में वृक्षारोपण के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाओं पर कार्य कर रही है, इसके अतिरिक्त विभिन्न प्रकार के गैर सरकारी संगठन में वृक्षारोपण का कार्य करते हैं।
वृक्षारोपण के कार्यक्रमों को प्रोत्साहन देने के लिए लोगों को वृक्षों से होने वाले लाभ से अवगत कराकर पेड़ लगाने के लिए प्रेरित करना होगा। कुछ संस्थाएं तो वृक्षों को गोद लेने की परंपरा भी कायम कर रही है।
शिक्षा के पाठ्यक्रम में वृक्षारोपण को भी प्राप्त स्थान देना होग। पेड़ लगाने वाले लोगों को प्रोत्साहित करना होगा। यदि हम चाहते हैं कि प्रदूषण कम हो एवं हम पर्यावरण की सुरक्षा के साथ सामंजस्य रखते हुए संतुलित विकास की ओर अग्रसर हो, तो इसके लिए हमें अनिवार्य रूप से वृक्षारोपण का सहारा लेना होगा।
आज हम सब एके जॉन्स की तरह वृक्षारोपण का संकल्प लेने की आवश्यकता है जो कहते थे “मैं एक पेड़ लगा रहा हूं, जो मुझे अपनी गहरी जड़ों से सामर्थ्य एकत्र करने की शिक्षा देता है।
उद्योगीकरण के कारण वैश्विक स्तर पर तापमान में वृद्धि हुई, फलस्वरूप विश्व की जलवायु में प्रतिकूल परिवर्तन हुआ। साथ ही समुद्र का जलस्तर उठ जाने के कारण आने वाले वर्षों में कई देशों एवं शहरों के समुद्र में जलमगन हो जाने की आशंका है।
जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण, भूमि प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण में निरंतर वृद्धि हो रही है। यदि इस पर नियंत्रण नहीं किया गया तो परिणाम अत्यंत भयानक होंगे। एनवायर्नमेंटल डाटा (Environmental Data) सर्विसेज की रिपोर्ट के अनुसार, नागरिक एवं राष्ट्र की सुरक्षा, भोजन, ऊर्जा, पानी एवं जलवायु इन चार स्तंभों पर निर्भर है।
अपने आर्थिक या सामाजिक विकास के लिए मानव विश्व के संसाधनों का इतनी तीव्रता से दोहन कर रहा है कि पृथ्वी की जीवन को पोषित करने की क्षमता तेजी से कम होती जा रही है।
यदि मैं जान जाऊं कि कल इस संसार का अंत हो जाएगा, तब भी मैं अपना सेब का पेड़ अवश्य लगाऊंगा किंग मार्टिन लूथर की गई यह बात न सिर्फ़ वृक्षों की उपयोगिता का बयान करती है, बल्कि पेड़-पौधों से उनके हार्दिक प्रेम को भी प्रदर्शित करती है।
निसंदेह पेड़ पौधों के महत्व को कभी भी कम नहीं आंका जा सकता है, क्योंकि यह हमारे जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है। तभी तो हमारे देश में पेड़ पौधों की भी पूजा की जाती है, संत कबीर ने इनके महत्व को इस प्रकार व्यक्त किया “वृक्ष कबहुं नहीं फल भखे, नदी न संचे नीर, परमारथ के कारने, साधुन धरा शरीर।
पर्यावरणविद एवं वैज्ञानिक आजकल वृक्षारोपण पर अत्यधिक जोर दे रहे हैं। उनका कहना है कि पर्यावरण संतुलन एवं मानव की वास्तविक प्रगति के लिए वृक्षारोपण आवश्यक है।