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चलिए आज के पेज पर हम शंकु का छिन्नक से संबंधित समस्त जानकारी पढ़ते और समझते हैं।
शंकु का छिन्नक किसे कहते हैं
शंकु के कुछ उपरी भाग को आधार के समान्तर समतल द्वारा काट देने पर बचे ठोस को शंकु का छिन्नक कहते हैं।
शंकु का ऊपरी भाग आकार में समान रहता है लेकिन नीचे का भाग एक छिन्नक बनाता हैं। यह एक प्रकार का ग्लासनुमा आकृति होता हैं। जो शंकु के दो बराबर भाग में काटने पर प्राप्त होता हैं।
शंकु एक त्रिविमीय संरचना होती हैं जो शीर्ष बिंदु और एक आधार को मिलाने वाली रेखाओं द्वारा निर्मित होती हैं यदि किसी शंकु का आधार एक वृत्त हो तो वह लम्ब वृतीय शंकु कहलाता हैं।
शंकु का छिन्नक एक लैटिन शब्द है जिसका शाब्दिक अर्थ “टुकड़ा” होता हैं। छिन्नक प्राप्त करने के लिए किसी ठोस को इस तरह से काटा जाता है कि ठोस का आधार और ठोस को काटने वाला तल एक दूसरे के समानांतर हो तथा ठोस का वह हिस्सा जो समानांतर काटने वाले भुजा और आधार के बीच स्थिर हो।
- छिन्नक में दो वृत्त, केंद्र एवं दो त्रिज्या होती हैं।
- शंकु को काटने पर ही छिन्नक प्राप्त होता हैं।
- तिर्यक ऊंचाई शंकु के समरूप होते हैं।
जहाँ,
ऊंचाई = h
ऊपर की त्रिज्या = r
आधार की त्रिज्या = R
तिर्यक ऊंचाई = l
शंकु का छिन्नक के सूत्र
- शंकु के आधार का क्षेत्रफल = πr²
- शंकु की तिर्यक ऊँचाई (l) = √r² + h²
- शंकु का आयतन = ⅓ πr²h
- अतः व्रत शंकु की त्रिज्या = hr/(l + r)
1. शंकु के छिन्नक का आयतन = ⅓ (πh) (R² + r² + Rr)
जहाँ,
ऊंचाई = h
ऊपर की त्रिज्या = R
आधार की त्रिज्या = r
शंकु का आयतन = ¹⁄₃ πr²h
2. छिन्नक का वक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल = πL(R + r)
जहाँ, l = √(h² + (R – r)²]
3. तिर्यक भाग का क्षेत्रफल = π (R + r)³, l² = h² + (R – r)²
शंकु के छिन्नक का सम्पूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल = वक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल + दोनों वृत्त के आधार का क्षेत्रफल
= πL(R + r) + πR² + πr²
4. छिन्नक के सम्पूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल = π[R² + r² + l(R + r)]
शंकु के छिन्नक के गुण
- छिन्नक के दो वृताकार आधारों के बीच ऊंचाई समलम्ब होती हैं।
- बड़े वृत्त की त्रिज्या को R तथा छोटे वृत्त की त्रिज्या को r माना जाता हैं।
- शंकु की ऊंचाई, जिसमें छिन्नक बनाया गया हैं। (hr/r – R)
- शंकु का तिर्यक ऊंचाई, जिसमे छिन्नक बनाया गया हैं। (lr/r – R)
शंकु के छिन्नक के सवाल
Q.1 यदि किसी छिन्नक की तिर्यक ऊँचाई 5 सेंटीमीटर, बड़ी त्रिज्या 4 सेंटीमीटर और छोटी त्रिज्या 2 सेंटीमीटर हो, तो छिन्नक का वक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल ज्ञात करे?
A. ⁶⁶⁰⁄₇
B. ³³⁰⁄₇
C. ⁴⁵⁰⁄₇
D. ⁶⁷⁰⁄₇
हल:- प्रश्नानुसार,
h = 10 सेंटीमीटर,
L = 5 सेंटीमीटर,
r = 4 सेंटीमीटर
R = 2 सेंटीमीटर
छिन्नक का वक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल = π L(R + r)
= ²²⁄₇ × 5 × (2 + 4)
= ²²⁄₇ × 30
= ⁶⁶⁰⁄₇
Ans. ⁶⁶⁰⁄₇
Q.2 यदि किसी छिन्नक की ऊंचाई 5 सेंटीमीटर, तिर्यक ऊँचाई 4 सेंटीमीटर, बड़ी त्रिज्या 3 सेंटीमीटर और छोटी त्रिज्या 2 सेंटीमीटर हो, तो छिन्नक का सम्पूर्ण वक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल ज्ञात करे?
A. ⁷²⁶⁄₇
B. ⁸²⁰⁄₇
C. ⁴⁵⁰⁄₇
D. ⁸²⁰⁄₇
हल:- प्रश्नानुसार,
h = 5 सेंटीमीटर,
l = 4 सेंटीमीटर,
r = 3 सेंटीमीटर
R = 2 सेंटीमीटर
छिन्नक का सम्पूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल = πL(R + r) + π (R₂ + r₂)
= ²²⁄₇ × 4 × (2 + 3) + ²²⁄₇ (4 + 9)
= ⁴⁴⁰⁄₇ + ²⁸⁶⁄₇
= ⁽⁴⁴⁰⁄₇ ⁺ ²⁸⁶⁄₇⁾
= ⁷²⁶⁄₇
Ans. ⁷²⁶⁄₇
Q.3 यदि किसी छिन्नक की ऊंचाई 5 cm, तिर्यक ऊँचाई 4, बड़ी त्रिज्या 3cm और छोटी त्रिज्या 2cm हो, तो छिन्नक का सम्पूर्ण वक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल एवं आयतन ज्ञात करे.
हल:- दिया है,
h = 5 cm,
l = 4 cm,
r = 3 cm,
R = 2 cm,
छिन्नक का सम्पूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल = πL(R + r) + π (R² + r²)
= ²²⁄₇ × 4 × (2 + 3) + ²²⁄₇ (4 + 9)
= ²²⁄₇ × 4 × 5 + ²²⁄₇ × 13
= ²²⁄₇ × 20 + ²⁸⁶⁄₇
= ⁴⁴⁰⁄₇ + ²⁸⁶⁄₇
= ⁽⁴⁴⁰ + ²⁸⁶⁾⁄₇
= 726/7
= 103.7 वर्ग इकाई
छिन्नक का आयतन = ⅓ × π [r² + R² + (r × R) × h]
= ⅓ × ²²⁄₇ [3² + 2² + (3 × 2) × 5]
= ⅓ × ²²⁄₇ [9 + 4 + 6 × 5)
= ⅓ × ²²⁄₇[(13 + 30)
= ⅓ × ²²⁄₇ × 43
= ⁹⁴⁶⁄₂₁ घन इकाई
Ans. ⁹⁴⁶⁄₂₁ घन इकाई
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