वाक्य शुद्धि के नियम और उदाहरण

इस पेज पर आप हिंदी व्याकरण के अध्याय वाक्य शुद्धि की परिभाषा, नियम और उदाहरण को विस्तार पूर्वक पढ़ेंगे। जो परीक्षाओं दैनिक जीवन की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं।

पिछली पोस्ट में हम हिंदी व्याकरण के अध्याय समुच्चयबोधक की जानकारी शेयर कर चुके है उसे जरूर पढ़े।

तो चलिए वाक्य शुद्धि के बारे में पढ़ना शुरू करते हैं।

वाक्य शुद्धि क्या है

किसी भी वाक्य को लिखने में प्रयुक्त वर्णों के क्रम को वर्तनी या अक्षरी कहते हैं।

वाक्य, भाषा की महत्वपूर्ण इकाई होती है लिखने या बोलने के समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हमारे द्वारा जो कुछ लिखा या कहा जाए, वह बिल्कुल स्पष्ट सार्थक और व्याकरण की दृष्टि से शुद्ध हो।

वाक्यों के विभिन्न अंग यथास्थान होना चाहिए साथ ही विराम-चिह्नों का भी उचित जगहों पर प्रयोग होना चाहिए।

वाक्य-रचना में संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, अव्यय से संबंधित या अन्य प्रकार की अशुद्धियाँ हो सकती है इन्हीं को आधार बनाकर परीक्षा में प्रश्न पूछे जाते हैं।

अंग्रेजी भाषा में वाक्य शुद्धि को ‘Sentence Correction’ तथा उर्दू भाषा में वर्तनी को ‘हिज्जे’ कहाँ जाता हैं

वाक्य शुद्धि के नियम

1. हिंदी भाषा में विभक्ति चिन्ह सर्वनामों के अलावा शेष सभी शब्दों से अलग लिखे जाते हैं।

जैसे :-

  • मोहन ने पुत्र को कहा।
  • श्याम को रुपये दे दो।

2. यदि सर्वनाम के साथ विभक्ति चिन्ह हो तो उसे सर्वनाम में मिलाकर लिखा जाना चाहिए।

जैसे :- हमने, उसने, मुझसे, आपको, तुमसे, हमको, उसको, किससे, किसको, किसने, किसलिए आदि।

3. सर्वनाम के साथ दो विभक्ति चिन्ह होने पर पहला विभक्त चिन्ह सर्वनाम में मिलाकर लिखा जाएगा और दूसरा अलग लिखा जाएगा।

जैसे :- आपके लिए, उसके लिए, इनमे से, आप में से, हम में से, आदि।

यदि सर्वनाम और विभक्ति के बीच ‘ही’ अथवा ‘तक’ आदि अव्यय हो तो विभक्ति सर्वनाम से अलग लिखी जाएगी।

जैसे :- आप ही के लिए, आप तक को, मुझ तक को, उस ही के लिए।

4. संयुक्त क्रियाओं के सभी अंगभूत क्रियाओ को अलग अलग लिखना चाहिए।

जैसे :- पड़ा करता हैं, खा सकते हो आदि।

5. पूर्व कालिक प्रत्यय कर को क्रिया से मिलाकर लिखा जाता हैं।

जैसे :- सोकर, उठकर, अपनाकर, खाकर, पीकर आदि।

6. द्वंद्व समास में पदों के बीच योजन चिन्ह (-) लगाया जाना चाहिए।

जैसे :- माता-पिता, शिव-पार्वती, राधा-कृष्ण, रात-दिन आदि।

7. तक और साथ जैसे अव्ययों को पृथक लिखा जाना चाहिए जैसे:- मेरे साथ, हमारे साथ, उसके साथ, अब तक, कब तक, यहाँ तक आदि।

8. जैसा और सा जैसे सामरूप्य शब्दों के पहले योजक चिन्ह (-) का प्रयोग करना चाहिए।

जैसे :- चाकू-सा, तीखा-सा, प्यारा-सा, कन्हैया-सा, आप-सा आदि।

9. जब वर्णमाला के किसी भी पाँच अक्षर के बाद उसी वर्णमाला के प्रथम चार वर्णों में से कोई भी वर्ण हो तो पंचम वर्ण के स्थान पर अनुस्वार का प्रयोग होता हैं।

जैसे :- गंगा, चंचल, ठंड, कंकर, नन्दन, आदि।

10. जब नासिक्य व्यजंन वर्ण का पांचवा वर्ण उसी वर्ण के प्रथम चार वर्णों के अलावा अन्य किसी वर्ण के पहले आता हैं तो उसके साथ उस पंचम वर्ण का आधा रूप ही लिखा जाना चाहिए।

जैसे :- सम्राट, सम्मान पूण्य, अन्य, सन्मार्ग, रम्य, जन्म, गन्ना, आदि।

11. अंग्रेजी से हिंदी में आए जिन शब्दों में आ एवं ओ के बीच की ध्वनि आँ की ध्वनि का प्रयोग होता हैं उनके ऊपर आधी चंद बिंदु लगानी चाहिए।

जैसे :- कॉलेज, हॉस्पिटल, डॉक्टर, कॉपी, बॉलीवुड, बॉल, हॉलीबुड, हॉलर आदि।

12. संस्कृत भाषा के कुछ ऐसे शब्द होते हैं जिनके आगे विसर्ग (:) लगता हैं यदि हिंदी में उन शब्दों को तत्सम रूप में लिखे जाए तो उनमें विसर्ग लगाना चाहिए।

जैसे :- दुःख, फलतः, प्रायः, अतः, मूलतः, आदि।

13. विसर्ग के पश्चात यदि श, ष, या, स आदि अक्षर आए तो या तो विसर्ग को यथावत लिखा जाता हैं उसके स्थान पर अगला वर्ण अपना रूप ग्रहण कर लेता हैं।

जैसे :-

  • दुः + शासन = दुःशासन
  • निः + सन्देह = निःसन्देह

14. विराम चिन्हों का प्रयोग न होने पर भी अशुद्ध हो जाती हैं और अर्थ का अनर्थ हो जाता हैं।

जैसे :-

  • रोको, मत जाने दो
  • रोको, मत जाने दो
  • रोको मत, जाने दो

इन वाक्यो में विराम चिन्ह की वजह से सभी वाक्यों का अर्थ बिल्कुल ही बदल गया हैं।

15. अक्षर रचना की जानकारी का अभाव देवनागरी लिपि में सयुक्त व्यजंनों में दो व्यंजन मिलाकर लिखे जाते हैं परंतु इनके लिखने पर गलती हो जाती हैं।

जैसे :-

अशुद्ध शब्दशुद्ध शब्द
आर्शीवादआशीर्वाद
निमार्णनिर्माण
पुर्नस्थापनापुनस्र्थापना

वाक्य शुद्धि के उदाहरण

1. संज्ञा संबंधी वाक्य शुद्धि

अशुद्ध वाक्यशुद्ध वाक्य
हिन्दी के प्रचार में आज-भी बड़े-बड़े संकट हैं।हिन्दी के प्रचार में आज-भी बड़े-बड़े संकट हैं।
सीता ने गीत की दो-चार लड़ियाँ गायीं।सीता ने गीत की दो-चार कड़ियाँ गायीं।
पतिव्रता नारी को छूने का उत्साह कौन करेगा।पतिव्रता नारी को छूने का साहस कौन करेगा।
कृषि हमारी व्यवस्था की रीढ़ है।कृषि हमारी व्यवस्था का आधार है।
प्रेम करना तलवार की नोक पर चलना है।प्रेम करना तलवार की धार पर चलना है।
मैं रविवार के दिन तुम्हारे घर आऊँगा।मैं रविवार को तुम्हारे घर आऊँगा।
कुत्ता रेंकता है।कुत्ता भौंकता है।
मुझे सफल होने की निराशा है।मुझे सफल होने की आशा नहीं है।
गले में ग़ुलामी की बेड़ियाँ पड़ गई।पैरों में ग़ुलामी की बेड़ियाँ पड़ गई।
नगर की सारी जनसंख्या भूखी है।नगर की सारी जनता भूखी है।
वह मेरे शब्दों पर ध्यान नहीं देता।वह मेरी बात पर ध्यान नहीं देता।
जिसकी लाठी उसकी भैंस वाली कथा चरितार्थ होती है।जिसकी लाठी उसकी भैंस वाली कहावत चरितार्थ होती है।
मुझे सफल होने की निराशा है।मुझे सफल होने की आशा नहीं है।
इस समस्या की औषध उसके पास है।इस समस्या का समाधान उसके पास है।
गोलियों की बाढ़।गोलियों की बौछार।

2. लिंग संबंधी अशुद्धियाँ

अशुद्ध वाक्यशुद्ध वाक्य
परीक्षा की प्रणाली बदलना चाहिए।परीक्षा की प्रणाली बदलनी चाहिए।
हिन्दी की शिक्षा अनिवार्य कर दिया गया।हिन्दी की शिक्षा अनिवार्य कर दी गयी।
मुझे मजा आती है।मुझे मजा आता है।
उसने संतोष का साँस ली।उसने संतोष की साँस ली।
सविता ने जोर से हँस दिया।सविता जोर से हँस दी।
मुझे बहुत आनंद आती है।मुझे बहुत आनंद आता है।
वह धीमी स्वर में बोला।वह धीमे स्वर में बोला।
राम और सीता वन को गई।राम और सीता वन को गए।
देश की सम्मान की रक्षा करो।देश के सम्मान की रक्षा करो।
लड़की ने जोर से हँस दी।लड़की ने जोर से हँस दिया।
दंगे में बालक, युवा, नर-नारी सब पकड़ी गयींदंगे में बालक, युवा, नर-नारी सब पकड़े गये

3. वचन संबंधी अशुद्धियाँ

अशुद्ध वाक्यशुद्ध वाक्य
सबों ने यह राय दी।सब ने यह राय दी।
पेड़ों पर तोता बैठा है।पेड़ पर तोता बैठा है।
उसने अनेकों ग्रंथ लिखे।उसने अनेक ग्रंथ लिखे।
उसने अनेक प्रकार की विद्या सीखीं।उसने अनेक प्रकार की विद्याएँ सीखीं।
महाभारत अठारह दिनों तक चलता रहा।महाभारत अठारह दिन तक चलता रहा।
पाकिस्तान ने गोले और तोपों से आक्रमण किया।पाकिस्तान ने गोलों और तोपों से आक्रमण किया।
मेरे आँसू से रूमाल भींग गया।मेरे आँसुओं से रूमाल भींग गया।
तेरी बात सुनते-सुनते कान पक गए।तेरी बातें सुनते-सुनते कान पक गए।
ऐसी एकाध बातें सुनकर दुःख होता है।ऐसी एकाध बात सुनकर दुःख होता है।
हमारे सामानों का ख्याल रखियेगा।हमारे सामान का ख्याल रखियेगा।
वे विविध विषय से परिचित हैं।वे विविध विषयों से परिचित हैं।
इस विषय पर एक भी अच्छी पुस्तकें नहीं है।इस विषय पर एक भी अच्छी पुस्तक नहीं है।

4. कारक संबंधी अशुद्धियाँ

अशुद्ध वाक्यशुद्ध वाक्य
हमने यह काम करना है।हमें यह काम करना है।
मैंने राम को पूछा।मैंने राम से पूछा।
सब से नमस्ते।सब को नमस्ते।
नौकर का कमीज।नौकर की कमीज।
मैंने नहीं जाना।मुझे नहीं जाना।
मेरे नये पते से चिट्ठियाँ भेजना।मेरे नये पते पर चिट्ठियाँ भेजना।

5. सर्वनाम संबंधी अशुद्धियाँ

अशुद्ध वाक्यशुद्ध वाक्य
मेरे से मत पूछो।मुझ से मत पूछो।
कुत्ता रेंकता है।कुत्ता भौंकता है।
मेरे को यह बात पसंद नहीं।मुझे यह बात पसंद नहीं।
तेरे को अब जाना चाहिए।तुझे अब जाना चाहिए।
मुझे सफल होने की निराशा है।मुझे सफल होने की आशा नहीं है।
मैंने नहीं जाना।मुझे नहीं जाना।
आप आपका काम करो।आप अपना काम करो।
मैं रविवार के दिन तुम्हारे घर आऊँगा।मैं रविवार को तुम्हारे घर आऊँगा।
आप जाकर ले लो।तुम जाकर ले लो।
वह सब भले लोग हैं।वे सब भले लोग हैं।
आँख में कौन पड़ गयाआँख में क्या पड़ गया
गले में ग़ुलामी की बेड़ियाँ पड़ गई।पैरों में ग़ुलामी की बेड़ियाँ पड़ गई।
मैं उन्होंके पिताजी से जाकर मिला।मैं उनके पिताजी से जाकर मिला।

6. विशेषण संबंधी अशुद्धियाँ

अशुद्ध वाक्यशुद्ध वाक्य
उसे भारी प्यास लगी है। (बहुत)उसे बहुत प्यास लगी है। (बहुत)
उसे भारी दु:ख हुआ।उसे बहुत दु:ख हुआ।
जीवन और साहित्य का घोर संबंध है। (घनिष्ठ)जीवन और साहित्य का घनिष्ठ संबंध है।
मुझे बड़ी भूख लगी है। (बहुत)मुझे बहुत भूख लगी है। (बहुत)
सिंह बड़ा बीभत्स होता है।सिंह बड़ा भयानक होता है।
यह एक गहरी समस्या है। (गंभीर)यह एक गंभीर समस्या है। (गंभीर)
किसी और लड़के को बुलाओ।किसी दूसरे लड़के को बुलाओ।
इसका कोई अर्थ नहीं है। (कुछ भी)इसका कुछ भीअर्थ नहीं है। (कुछ भी)
इस वीरान जीवन में। (नीरस)इस नीरस जीवन में। (नीरस)
उसकी बहुत हानि हुई। (बड़ी)उसकी बड़ी हानि हुई। (बड़ी)
सब लोग अपना काम करो।सब लोग अपना-अपना काम करो।
राजेश अग्रिम बुधवार को आएगा। (आगामी)राजेश आगामी बुधवार को आएगा। (आगामी)
दूध का अभाव चिन्तनीय है। (चिन्ताजनक)दूध का अभाव चिन्ताजनक है। (चिन्ताजनक)

7. क्रिया संबंधी अशुद्धियाँ

अशुद्ध वाक्यशुद्ध वाक्य
वह कुरता डालकर गया है।वह कुरता पहनकर गया है।
क्या यह संभव हो सकता हैक्या यह संभव है
पगड़ी ओढ़कर आओ।पगड़ी बाँधकर आओ।
तुम क्या काम करता हैतुम क्या काम करते हो ?
वह पढ़ना माँगता है।वह पढ़ना चाहता है।
वह लड़का मोटर हाँक सकता है।वह लड़का मोटर चला सकता है।
छोटी उम्र शिक्षा लेने के लिए है।छोटी उम्र शिक्षा पाने के लिए है।
वे दस-बारह पशु उठा ले गए।वे दस-बारह पशु हाँक ले गए।
राधा ने माला गूँध ली।राधा ने माला गूँथ ली।
मैं दर्शन देने आया था।मैं दर्शन करने आया था।
बस तुम इतने रूठ उठे बसतुम इतने में रूठ गए।
अपना हस्ताक्षर लगा दो।अपना हस्ताक्षर कर दो।
उपस्थित लोगों ने संकल्प लिया।उपस्थित लोगों ने संकल्प किया।
हमें यह सावधानी लेनी होगी।हमें यह सावधानी बरतनी होगी।
वहाँ घना अँधेरा घिरा था।वहाँ घना अँधेरा छाया था।

8. अव्यय संबंधी अशुद्धियाँ

अशुद्ध वाक्यशुद्ध वाक्य
यद्यपि वह बीमार था परन्तु वह स्कूल गया।तथापि वह बीमार था परन्तु वह स्कूल गया।
पुस्तक विद्वतापूर्ण लिखी गयी है।पुस्तक विद्वतापूर्वक लिखी गयी है।
आसानीपूर्वक यह काम कर लिया।आसानी से यह काम कर लिया।
शनैः उसको सफलता मिलने लगी।शनैः शनैः उसको सफलता मिलने लगी।
एकमात्र दो उपाय है।केवल दो उपाय है।
यह पत्र आपके अनुसार है।यह पत्र आपके अनुरूप है।
यह बात कदापि भी सत्य नहीं हो सकती।यह बात कदापि सत्य नहीं हो सकती।
वह अत्यन्त ही सुन्दर है।वह अत्यन्त ही सुन्दर है।
सारे देश भर में अकाल है।सारे देश में अकाल है।

9. पदक्रम संबंधी अशुद्धियाँ

अशुद्ध वाक्यशुद्ध वाक्य
छात्रों ने मुख्य अतिथि को एक फूलों की माला पहनाई।छात्रों ने मुख्य अतिथि को फूलों की एक माला पहनाई।
भीड़ में चार पटना के व्यक्ति भी थे।भीड़ में पटना के चार व्यक्ति भी थे।
कई बैंक के कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया।बैंक के कई कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया।
आप जाएँगे क्या?क्या आप जाएँगे?

10. अधिकपदत्व संबंधी अशुद्धियाँ

  • मानव ईश्वर की सबसे उत्कृष्टतम कृति है।
  • हीन भावना से ग्रस्त मोहन अपने को दुनिया का सबसे निकृष्टतम व्यक्ति समझता है।
  • गीता नित्य राधा को पढ़ाती है।
  • उसने गुप्त रहस्य प्रकट कर दिये।
  • माली जल से पौधों को सींच रहा था।

11. शब्द ज्ञान संबंधी अशुद्धियाँ

अशुद्ध वाक्यशुद्ध वाक्य
बाण बड़ा उपयोगी शस्त्र है।बाण बड़ा उपयोगी अस्त्र है।
लाठी बड़ा उपयोगी अस्त्र है।लाठी बड़ा उपयोगी शस्त्र है।
चिड़ियाँ गा रही है।चिड़ियाँ चहक रही है।
वह नित्य गाने की कसरत करता है।वह नित्य गाने का अभ्यास करता है।
सोहन नित्य दण्ड मारता है।सोहन नित्य दण्ड पेलता है।
इस समय सीता की आयु सोलह वर्ष है।इस समय सीता की उम्र सोलह वर्ष है।
धनीराम की सौभाग्यवती पुत्री का विवाह कल होगा।धनीराम की सौभाग्यकांक्षिणी पुत्री का विवाह कल होगा।
कर्मवान व्यक्ति को सफलता अवश्य मिलती है।कर्मवीर व्यक्ति को सफलता अवश्य मिलती है।
जरूर पढ़े :
शब्दवाक्यअव्यय
क्रियाविशेषणविलोम शब्द

12. समास सम्बन्धी अशुद्धियां

दो या दो से अधिक पदों का समास करने पर प्रत्ययों का उचित प्रयोग न करने से जो शब्द बनता हैं उसमें कभी-कभी अशुद्धि रह जाती हैं।

अशुद्ध शब्दशुद्ध शब्द
नवरात्रानवरात्र
दिवारात्रिदिवारात्र
निरपराधीनिरपराध
ऋषिजनऋषिजन
प्रणिमात्रप्राणिजन
स्वामिभक्तस्वामिभक्ति
पिताभक्तिपितृभक्ति
महाराजामहाराज
भ्राताजनभ्रातृजन
स्वामीहितस्वामिहित
दुरावस्थादुरवस्था

13. संधि संबंधी अशुद्धियां

अशुद्ध शब्दशुद्ध शब्द
उपरोक्तउपर्युक्त
सदोपदेशसदुपदेश
वयवृद्धवयोवृद्ध
सदेवसदैव
अत्याधिकअत्यधिक
सन्मुखसम्मुख
उधृतउद्धृत
मनहरमनोहर
अधतलअधस्तल
आर्शीवादआशीर्वाद
दुरावस्थादुरवस्था

14. विशेष्य-विशेषण सम्बन्धी अशुद्धियां

अशुद्ध शब्दशुद्ध शब्द
पूज्यनीय व्यक्तिपूजनीय व्यक्ति
लाचारवशलाचारीवश
महान कृपामहती कृपा
गोपन कथागोपनीय कथा
विद्वान नारीविदुषी नारी
मांयनीय मंत्रीजीमाननीय मंत्रीजी
सन्तोष चित्तसन्तुष्ट चित्त
सुखमय शांतिसुखमयी शांति
सुंदर वनिताएँसुंदरी वनिताएँ
महान कार्यमहत्कार्य

15. उपसर्ग-प्रत्यय संबंधी अशुद्धियाँ

अशुद्ध शब्दशुद्ध शब्द
सौन्दर्यतासौंदर्य
लाघवतालाघव
गौरवतागौरव
चातुर्यताचातुर्य
एक्यताएक्य
सामथ्र्यतासामथ्र्य
सौजन्यतासौजन्य
मनुष्यत्वतामनुष्यत्व
अभिषअभीष्ट
बेफिजूलफिजूल
मिठासतामिठास
अज्ञानताअज्ञान
भूगौलिकभौगोलिक
इतिहासिकऐतिहासिक
निरसनीरस

16. अक्षर या मात्रा सम्बंधी अशुद्धियां

अशुद्ध शब्दशुद्ध शब्द
ब्रटिशब्रटिश
त्रगुणत्रिगुण
रिषिऋषि
ब्रह्मब्रह्मा
बधबंध
पैत्रिकपैतृक
जागृतीजागृति
स्त्रीयास्त्रियां
स्रष्टिसृष्टि
अतिअति
तैय्यारतैयारी
आवश्यकीयआवश्यक
उपरोक्तउपयुक्त
स्त्रोतस्त्रोत
जाईयेजाइए
लाइयेलाइए
लियेलिए
अनुग्रहअनुग्रह
आकाशआकाश
अतीसआशिष
देहिकदैहिक
कवियत्रीकवयित्री
द्रष्टिदृष्टि
घनिष्टघनिष्ठ
व्यवहारिकव्याहारिक
रात्रीरात्रि
प्राप्तीप्राप्ति
सामर्थसामथ्र्य
एकत्रितएकत्र
ईशाईष्र्या
पुन्यपूण्य
कृतघकृतर्घ
बनितावनिता
निरिक्षणनिरीक्षण
पतीपति
आकृष्टआकृष्ट
सामिलशामिल
मस्तिस्कमस्तिष्क
निसारनिः सार
सम्मानसम्मान
हिन्दूहिन्दू
गुरुगुरु
दांतदाँत
चाहिएचाहिए
प्रथकपृथक
परिक्षापरीक्षा
षोडशीषोडशी
परीवारपरिवार
परीचयपरिचय
सौन्दर्यतासौंदर्य
अज्ञानताअज्ञान
गरीमागरिमा
समाधीसमाधि
बूड़ाबूढ़ा
एक्यताएक्यएकता
पूज्यनीयपूजनीय
पत्नीपत्ती
अतीशयअतिशय
संसारिकसांसारिक
शताब्दीशताब्दी
निरोगनीरोग
दुकानदुकान
दम्पतिदम्पती

17. वर्तनी से संबंधी अशुद्धियां एवं उनमें वाक्य शुद्धि

उच्चारण दोष अथवा शब्द रचना और संधि के नियमों की जानकारी की अपर्याप्त के कारण सामान्यतः वर्तनी अशुद्धि हो जाती हैं।

अशुद्ध शब्दशुद्ध शब्द
कोसिसकोशिश
सीदासीधा
सबीसभी
सोरशोर
अरामआराम
पाणीपानी
बबालबवाल
पाठसालापाठशाला
शबशव
निपुननिपुण
प्रानप्राण
बचनवचन
ब्यवहारव्यवहार
रामायनरामायण
गुनगुण

जरूर पढ़े :

आशा है वाक्य शुद्धि जानकारी आपको पसंद आयी होगी और आप इसको पढ़कर वाक्य को शुद्ध करना सीख गए होंगे।

वाक्य शुद्धि से संबंधित किसी भी प्रश्न के लिए कमेंट करे और जानकारी पसंद आयी है तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूले।

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