आप MPPSC परीक्षा की तैयारी कर रहे है या शुरू करना चाहते है तो आप सही पेज पर आ गए है क्योकि इस पेज पर हमने MPPSC परीक्षा की तैयारी की समस्त जानकारी शेयर की है।
मध्यप्रदेश सरकार ने MPPSC के पदों के लिए हर साल नयी भर्ती जारी करती हैं मध्यप्रदेश सरकार द्वारा बेरोजगार उम्मीदवारों के लिए हर साल एक सुनहरा मौका आता हैं भर्ती के लिए योग्य उम्मीदवारों के लिए मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग ने नोटिफिकेशन जारी किया हैं।
इस पोस्ट में MPPSC परीक्षा के बारे में पूरी जानकारी विस्तार पूर्वक दी गई हैं आप मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के Syllabus के बारे में अच्छे से जान ले तथा इसी आधार पर Mppsc की तैयारी करें आपको सफलता जरूर मिलेगी।
चलिए अब MPPSC परीक्षा की तयारी की जानकारी को विस्तार में पढ़ते है।
MPPSC परीक्षा की जानकारी
MPPSC परीक्षा की तैयारी चालू करने से पहले आपको MPPSC परीक्षा की समस्त जानकारी होना बहुत जरूरी है।
MPPSC की परीक्षा तीन चरणों मे पूरी होती है और हम नीचे तीनो चरणों के सिलेबस की जानकारी विस्तार से पड़ेगे।
- MPPSC प्रारंभिक परीक्षा (MPPSC Prelims Exam)
- MPPSC मुख्य परीक्षा (MPPSC Mains exam)
- MPPSC साक्षात्कार (MPPSC Interview)
1. MPPSC Prelims Exam
MPPSC प्रारंभिक परीक्षा में दो पेपर सामान्य अध्ययन और सामान्य अभिरुचि के दो पेपर होते है।
दोनों पेपर 200 नम्बर के होते है और प्रत्येक पेपर के लिए आपको 2 घण्टे का समय मिलता हैं।
MPPSC EXAM में पास होने के लिए यह आपकी पहली सीढ़ी होती है और यदि आप इस परीक्षा को पास कर पाते है तभी आपका MPPSC PRELIMS EXAM का दूसरा पेपर CHECK होता हैं इस पेपर की तैयारी के लिए SYLLABUS नीचे दिया हुआ हैं।
यदि आप MPPSC की प्रारम्भिक परीक्षा का पहले पेपर सामान्य अध्य्यन में पास हो जाते है तब ही आपका दूसरा पेपर CHECK होता है जिसमे भी आपको कम से कम 33% नंबर प्राप्त करना होता है।
MPPSC की प्रारंभिक परीक्षा (MPPSC PRELIMS EXAM) के दोनों पेपर में पास होने के बाद आपकी MERIT LIST बनेगी और यदि आप MERIT LIST में चुने जाते है तो आप MPPSC MAINS EXAM के लिए पास हो जाते है और आपको दूसरे चरण के EXAM देने होते है।
MPPSC PRELIMS Exam SYLLABUS
सामान्य अध्ययन :
इस पेपर में सभी सवाल सामान्य ज्ञान के होंगे जो सभी परीक्षाओं में पूछे जाते है इसके लिए आपको अधिक मेहनत करनी होगी क्योंकि इसका Syllabus थोड़ा बड़ा है लेकिन यदि आप 6 महीने मेहनत से पढ़ाई करेंगें तो आसानी से परीक्षा में पास हो पाएंगे।
- भारत का इतिहास एवं स्वतंत्र भारत – राष्ट्रीय आन्दोलन एवं स्वतंत्र भारत के विकास, इतिहास में सामाजिक, आर्थिक एवं राजनैतिक पहलुओं से सम्बन्धित सामान्य ज्ञान के प्रश्न होते है।
- भूगोल – इसमें भारतीय कृषि एवं प्राकृतिक संसाधनों का समावेश होगा तथा भारतीय जनांकिकीय एवं जनगणना, भारत का भूगोल, भौतिक, सामाजिक एवं आर्थिक, भूगोल के सामान्य प्रश्न होते है।
- सामान्य विज्ञान एवं पर्यावरण – सामान्य विज्ञान एवं पर्यावरण (पर्यावरणीय पारिस्थितिकी, जैव विविधता और मौसम परिवर्तन) के प्रश्नों में दैनिक या रोजमर्रा के अवलोकन और अनुभव से संबंधित प्रश्न आते है।
- राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय महत्व की वर्तमान घटनाएँ – इसमें प्रमुख राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के ज्ञान का परीक्षण किया जाएगा।
- भारतीय राजनीति एवं अर्थव्यवस्था – इसमें देश की राजनीतिक व्यवस्था एवं संविधान, पंचायती राज, सामाजिक व्यवस्था, सतत् आर्थिक विकास, चुनाव, राजनीतिक दलों, योजनाएँ, औद्योगिक विकास, विदेशी व्यापार, आर्थिक एवं वित्तीय संस्थानों आदि से सम्बंधित प्रश्न आते है।
- खेलकूद – मध्यप्रदेश, भारत, एशिया एवं विश्व में खेले जाने वाले प्रमुख खेलकूद एवं खेल प्रतियोगिताओं, पुरस्कारों, व्यक्तित्वों तथा प्रतिष्ठित खेल संस्थानों से संबंधित प्रश्न होंगे।
- अनुसूचित जाति एवं जनजाति – मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम – 1993 (अत्याचार निवारण अधिनियम) 1989 (1889 का 33) एवं सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम 1955 (1955 का 22)
- मध्यप्रदेश की राजनीति एवं अर्थव्यवस्था –इसमें उद्योग, योजनाएं, आर्थिक कार्यक्रम, व्यापार, मध्यप्रदेश की जनांकिकीय और जनगणना पर भी प्रश्न पूछे जाएंगे। मध्य प्रदेश की राजनीतिक व्यवस्था, राजनीतिक दलों एवं चुनाव, पंचायतीराज, मध्यप्रदेश की सामाजिक व्यवस्था, सतत् आर्थिक विकास से संबंधित प्रश्न होंगे।
- सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी – इसमें अभिलक्षण, प्रयोग और शब्दावलियों जैसे वेबसाईट, ऑनलाईन सर्च इंजिन, ई-मेल, वीडियो मेल, चैटिंग, वीडियो कॉन्फ्रंस, हैकिंग , क्रेकिंग, कंप्यूटर वायरस और सायबर अपराध से सम्बन्धित प्रश्न सम्मिलित होंगे।
- मध्यप्रदेश का भूगोल, इतिहास तथा संस्कृति – मध्यप्रदेश के इतिहास एवं संस्कृति में प्रसिद्ध राजवंशों का योगदान, जनजातियां, कला, स्थापत्य कला, ललित कलाओं एवं ऐतिहासिक व्यक्तियों पर भी प्रश्न होंगे मध्यप्रदेश के भूगोल में पर्वतों के विकास, नदियां, जलवायु, वनस्पतियां, जीवजंतु, खनिज, परिवहन से संबंधित प्रश्न होंगे।
सामान्य अभिरुचि :
यह दूसरा पेपर होता है जो पहले पेपर के बाद उसी दिन दूसरी shift में होता है इस पेपर के नंबर मुख्य परीक्षा की मेरिट लिस्ट में नही जुड़ते है ये सिर्फ आपको पास होना जरूरी होता है इसलिए इसकी ज्यादा पढ़ाई करने की जरूरत नही होती हैं।
लपास होने के लिए आपको कम से कम 33% नंबर परीक्षा में लाना जरूरी है और जिसके लिए आप पुराने पेपर को हल करके इसकी तैयरी कर सकते है। इसका syllabus छोटा है जो नीचे दिया गया हैं।
- बोधगम्यता
- आधारभूत संख्यनन (संख्याएं एवं उनके संबंध, विस्तार क्रम, आदि दसवीं कक्षा स्तर तक), आंकड़ों का निर्वचन (चार्ट, ग्राफ, तालिका, आंकड़ों की पर्याप्तता आदि बारहवीं कक्षा तक)
- निर्णय लेना और समस्या समाधान
- सामान्य मानसिक योग्यता
- संचार कौशल सहित अंतर वैयक्तिक कौशलता
- तार्किक कौशल एवं विश्लेषणात्मक क्षमता
- हिन्दी भाषा में बोधगम्यता कौशल बारहवीं कक्षा के स्तर की
आप MPPSC प्रारम्भिक परीक्षा (prelims exam) की जानकारी समझ गए होंगे कि क्या syllabus हैं और कैसे एग्जाम होता है अब हम नीचे MPPSC मुख्य परीक्षा (MAINS EXAM) के बारे में देखेंगे।
2. MPPSC Mains Exam
राज्य सेवा मुख्य परीक्षा (Madhya Pradesh State Services Mains Examination) मै 6 प्रश्न पत्र होते है – GS1, GS2, GS3, GS4, सामान्य हिंदी, और निबंध लेखन आपको निबंध लेखन के लिए 2 घण्टे का समय दिया जाएगा और बाकि पेपर के लिए आपको 3 घण्टे का समय दिया जाएगा
GS1, GS2, GS3, प्रश्न पत्र 300 नंबर के होते हैं और GS4, का पश्न पत्र 200 नंबर का होता हैं और सामान्य हिंदी का प्रश्न पत्र 200 नंबर का होता हैं निबंध लेखन का प्रश्न पत्र 100 नंबर होता हैं यदि सभी नंबर को जोड़ दिया जाए तो कुल पूर्णांक 1400 नंबर हो जाते हैं
नीचे हमने कुछ आसान Steps में MPPSC परीक्षा की तैयारी की जानकारी दी है इस स्टेप्स को फॉलो करके आप आसानी से Mppsc परीक्षा की तैयारी कर पाएंगे। तो चलिए पढ़ना शुरू करते है
नीचे कुछ महत्वपूर्ण बिंदु दिए जा रहे हैं तो कृपया उन को ध्यान से जरूर पढ़िए
- सामान्य ज्ञान के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय प्रश्नपत्र में 2 खंड अ तथा ब होंगे।
- प्रत्येक खंड 150 अंको का होगा।
- प्रत्येक खंड के लिए एक उत्तर पुस्तिका प्रदान की जाएगी।
- प्रत्येक खंड में 15 अति लघु उत्तर, 10 लघु उत्तर एवं 3 निबंधात्मक प्रश्न होंगे।
- प्रश्नों की संख्या को आवश्यकतानुसार कम या अधिक किया जा सकता हैं।
- चतुर्थ प्रश्नपत्र में सिर्फ एक ही खंड रहेगा।
- प्रश्नपत्र में 15 लघुउत्तरीय तथा 15 लघु स्तरीय संक्षिप्त टिप्पणी सम्मलित प्रश्न रहेंगे तथा एक या दो केश स्टडी से संबंधित प्रश्न रहेंगे।
- लघु स्वरूप प्रश्न पूछे जाएंगे प्रश्नों की संख्या में परिवर्तन किया जा सकता हैं।
- सामान्य ज्ञान के प्रथम, द्वितीय, तृतीय तथा चतुर्थ प्रश्न पत्र हिंदी व अंग्रेजी भाषा में होंगे।
MPPSC Mains Exam Syllabus
MPPSC की मुख्य परीक्षा में कुल 6 प्रश्न पत्र आते हैं।
1. सामान्य अध्ययन पेपर – 1 (GS1)
- इतिहास एवं संस्कृति
- भूगोल
- जल प्रबंधन
- आपदा एवं आपदा प्रबंधन
(i). इतिहास एवं संस्कृति
MPPSC की मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए आपको इतिहास एवं संस्कृति में नीचे दिए गए अध्याय को पड़ना जरूरी होता है क्योंकि सिर्फ इन्हीं में से प्रश्नों को पूछा जाता है।
विश्व का इतिहास : विश्व के इतिहास में पुनर्जागरण, इंग्लैंड की संधि, फ्रांस की संधि, औघोगिक क्रांति, रूसी की क्रांति, प्रथम एंव द्वितीय विश्व युद्ध आदि से संबंधित प्रश्न पूछे जाते है
भारतीय इतिहास : भारत के इतिहास में आपको निम्न अध्याय की तैयारी करनी होती है
- भारत का राजनीतिक, आर्थिक एवं सामाजिक इतिहास, हड़प्पा सभ्यता से 10 वीं शताब्दी तक।
- मुगल और उनका प्रशासन, मिश्रित संस्कृति का उद्भव – 11 वीं से 18 वीं शताब्दी तक मध्यभारत का राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक इतिहास।
- ब्रिटिश शासन का भारतीय अर्थव्यवस्था एवं समाज पर प्रभाव – ब्रिटिश शासन के प्रति भारतीयों की प्रतिक्रिया कृषक एवं आदिवासियों का विद्रोह, प्रथम स्वतंत्रता आंदोलन एवं विद्रोह
- भारतीय पुनर्जागरण – राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन एवं इसके नेतत्वकर्ता
- गणतंत्र के रूप में भारत का उदय राज्यों का पुनगर्ठन, मध्यप्रदेश का गठन, स्वतंत्रता प्राप्त के पश्चात के प्रमुख घटनाक्रम।
- मध्यप्रदेश के विशेष संदर्भ में भारतीय सांस्कृतिक विरासत – प्राचीन काल से आधुनिक काल तक विभिन्न कला भारत में विश्व धरोहर स्थल, मध्यप्रदेश में पर्यटन।
(ii). भूगोल
मध्यप्रदेश राज्य सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए भूगोल में आपको निम्न अध्याय पड़ने की जरूरत होती है।
भारत एवं विश्व भौतिक भूगोल की प्रमुख्य विशेषताएं/लक्षण
- प्रमुख प्राकृतिक संसाधनों का वितरण, मध्यप्रदेश के कृषि – जलवायु क्षेत्र एवं उघोग।
- भारत एवं मध्यप्रदेश की जानकारी, मध्यप्रदेश की जनजातियां, आपदाग्रस्त जनजातियों के विशिष्ट संदर्भ में
- कृषि परिस्थितिकी एवं मनुष्य के लिए इसकी प्रासंगिकता, धारणीय प्रबंधन एवं संरक्षण
- राज्य की प्रमुख फसलें कृषि जोत क्षेत्र एवं फसल चक्र, फसलों के उत्पादन और वितरण का भौतिक और सामाजिक पर्यावरण।
- राज्य में बीज एवं खाद की गुणवत्ता एवं आपूर्ति, कृषि के तरीके, बागवानी, मुर्गी पालन, डेयरी, मछली एवं पशु पालन आदि के मुद्दों एवं समस्याएं, कृषि उत्पादन, परिवहन, भण्डारण एवं विपणन आदि से सम्बंधित समस्याएं एवं चुनौतीयां।
मृदा : मृदा के भौतिक रासायनिक एवं जैविक गुण,
- मृदा निर्माण की प्रकिया एवं मृदा के खनिज एवं कार्बनिक तत्व
- भूमि की उत्पादकता बनाये रखने में इनका योगदान मृदा एवं वनस्पति में आवश्यक वनस्पति पोषक और विभिन्न लाभदायक तत्व।
- समस्याग्रस्त मृदा और उसके परिष्कार के तरीक़े, मध्यप्रदेश में मृदा क्षरण और ह्रास की समस्याएँ।
- जलग्रहण आधार पर मृदा संरक्षण नियोजन।
भारत में खाद्य प्रसंस्करण एवं संबंधित उद्योग : संभावनाएं एवं महत्व,
- स्थान निर्धारण,
- उद्योग की पूर्ववर्ती एवं अग्रवर्ती आवश्यकताएँ,
- मांग पूर्ति श्रृंखला प्रबन्धन।
- भारत में भूमि सुधार
(iii). जल प्रबंधन
यह सबसे छोटा और महत्वपूर्ण टॉपिक है इसलिए इसको अच्छे से पड़ना आवश्यक है।
- भू-जल एवं जल संग्रहण प्रबन्धन।
- जल का उपयोग एवं कुशल सिंचाई प्रणाली।
- पेयजल – आपूर्ति, जल की अशुद्धता के कारण एवं गुणवत्ता का प्रबन्धन।
(iv). आपदा एवं आपदा प्रबन्धन :
मानव निर्मित एवं प्राकृतिक आपदाएँ:- आपदा प्रबन्धन की अवधारणाएँ एवं विस्तार की संभावनाएँ, विशिष्ट खतरे एवं उनका शमन।
समुदायक योजनाएँ :- संसाधन मान चित्रण, राहत एवं पुनर्वास, निरोधक एवं प्रशासनिक उपाय, सुरक्षित निर्माण, वैकल्पिक संचार एवं जीवन रक्षा हेतु दक्षता
केश स्टडी (प्रकरण अध्ययन) :- चेरनोबिल परमाणु संयंत्र त्रासदी 1986, भोपाल गैस त्रासदी 1984, कच्छ भूकंप 2001, भारतीय सुनामी 2004, फुकुसिमा डायची जापान परमाणु आपदा 2011, उत्तराखंड बाढ़ 2013, उज्जैन त्रासदी 1994, इलाहाबाद कुंभ की भगदड़ 2013, जम्मू एवं कश्मीर की बाढ़ 2014 आदि का अध्ययन।
सामान्य अध्ययन पेपर – 2 (GS2)
- संविधान, शासन की राजनैतिक एवं प्रशासनिक संरचना
- बाह्य एवं आंतरिक सुरक्षा के मुद्दे।
- सामाजिक एवं महत्वपूर्ण विधान
- सामाजिक क्षेत्र
- शिक्षण प्रणाली
- मानव संसाधन विकास
- कल्याणकारी कार्यक्रम
- लोक सेवाएं
- लोक व्यय एवं लेखा
- अंतराष्ट्रीय संगठन
संविधान, शासन की राजनैतिक एवं प्रशासनिक संरचना :
- संविधान निर्माण समिति, भारत का संविधान, प्रस्तावना, बुनियादी संरचना, मौलिक अधिकार एवं कर्तव्य एवं राज्यों के नीति निदेशक सिंद्धान्त, संविधान की अनुसूचियां, संवैधानिक संशोधन, भारत के संविधान की अन्य देशों के संविधानों की अन्य देशों के संविधानों के साथ तुलना।
- केंद्र एवं राज्य विधायका।
- केंद्र एवं राज्य कार्यपालिका।
- न्यायपालिका – सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालय, जिला एवं अधीनस्थ न्यायालय, न्यायालय की अवमानना।
- भारत संघ की प्रकृति, केंद्र एवं राज्यों के संबंध, शक्तियों का विभाजन।
- विकेंद्रीकरण एवं लोकतांत्रिक शासन में जनभागीदारी, स्थानीय शासन, संविधान के 73वे एवं 74वे संसोधन, पंचायते, नगर पालिकाएं।
- लोकपाल, लोकायुक्त एवं लोक न्यायालय- न्यापालिका – संवैधानिक व्यवस्था एवं प्रहरी के रूप में – न्यायिक सक्रियता, जनहित याचिका।
- जवाबदेही एवं अधिकार प्रतिस्पर्धा आयोग, उपभोक्ता न्यायालय, सूचना आयोग, महिला आयोग, मानव अधिकार आयोग, अजा/अजजा/अपिव आयोग एवं अन्य निर्वाण संस्थाएं/प्राधिकरण।
- पारदर्शिता एवं जवाबदेही, सूचना का अधिकार, सेवा प्राप्ति का अधिकार, सार्वजनिक निधि का उपयोग।
- लोकतंत्र का कार्य प्रणाली – राजनीतिक दल, राजनीतिक प्रतिनिधित्व, निर्णय प्रक्रिया में नागरिकों की भागीदारी।
- निर्वाचन आयोग, निर्वाचन संबंधी सुधार।
- समुदाय आधारित संगठन एवं गैर सरकारी संगठनों का उद्भव – स्व-सहायता समूह।
- मीडिया की भूमिका एवं समस्याएं
सामाजिक एवं महत्वपूर्ण विधान :
- भारतीय समाज, सामाजिक बदलाव के एक साधन के रूप में सामाजिक विधान।
- मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993
- भारतीय संविधान एवं आपराधिक विधि के अंतर्गत महिलाओं को प्राप्त सुरक्षा।
- घरेलू हिंसा से स्त्री का सरंक्षण अधिनियम – 2005
- सिविल अधिकार संरक्षक अधिनियम 1955
- अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अधिनियम 1989
- सूचना का अधिकार अधिनियम 2005
- पर्यावरण अधिनियम 1986
- उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
- सूचना प्राद्योगिकी अधिनियम – 2000
- भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम – 1988
- मध्यप्रदेश लोक सेवाओं के प्रदान की गांरटी अधिनियम – 2010
सामाजिक क्षेत्र – स्वास्थ्य, शिक्षा एवं सशक्तिकरण :
- स्वास्थ्य सेवाएं – भारत/मध्यप्रदेश में महिलाओं एवं बच्चों के संदर्भ में निरोधात्मक एवं उपचारात्मक स्वास्थ्य कार्यक्रम।
- सभी के लिए उपचारात्मक स्वास्थ्य की उपलब्धता से संबंधित समस्याएं।
- चिकित्सकों एवं चिकित्सा सहायकों की उपलब्धता ग्रामीण क्षेत्र में चिकित्सा सेवाएं।
- कुपोषण – कारण और प्रभाव एवं पूरक पोषण हेतु शासकीय कायक्रम।
- प्रतिरक्षा शास्त्र के क्षेत्र में तकनीकी दखल – प्रतिरक्षण, पारिवारिक स्वास्थ्य, बायोटेक्नोलॉजी, संक्रमण एवं असंक्रामक बीमारियों एवं उनके उपचार।
- जन्म-मृत्यु समंक
- विश्व स्वास्थ्य संगठन – उद्देश्य, संरचना, कार्य एवं कार्यक्रम।
शिक्षण प्रणाली :
मानव संसाधन विकास में शिक्षा – एक साधन – सर्वाभौमिक/समान प्रारंभिक शिक्षा, उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा, व्यवसायिक शिक्षा की गुणवत्ता, बालिकाओं की शिक्षा से सम्बंधित मुद्दे, वंचित वर्ग, निः शक्त जन से संबंधित मुद्दे।
मानव संसाधन विकास :
कुशल मानव संसाधन की उपलब्धता, भारत में मानव संसाधन की नियोजिता एवं उत्पादकता, रोजगार के विभिन्न चलन विभिन्न संस्थाओं जैसे:- एन. सी. एच. ई. आर, एन. सी. ई. आई. टी, एन. आई. ई. पी. ए, यू. जी. सी, ओपन विश्वविद्यालय, ए. आई. सी. टी. ई, एन. सी. टी. ई, एन. सी. व्ही. टी, आई. सी. ए. आर, आई. आई. टी, आई. आई. एम, एन. आई. टी, एन. एल. यू. एस, पॉलिटेक्निक एवं आई. टी. आई. आदि की भूमिका एवं मानव संसाधन विकास।
कल्याणकारी कार्यक्रम :
वृद्ध जन, निःशक्त जन, बच्चों महिलाओं, श्रम, सामाजिक रूप से वंचित वर्ग एवं विकास परियोजनाओं के फलस्वरूप विस्थापित वर्गों से सम्बंधित मुद्दे एवं कल्याणकारी कार्यक्रम।
लोक सेवाएं :
लोकसेवाएँ, अखिल भारतीय सेवाएं, केंद्रीय सेवाएं, राज्य सेवाएं, संवैधानिक पद- भूमिका, कार्य और कार्य की प्रवृत्तियों संघ, लोक सेवा आयोग, मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग शासन के बदलते प्रारूप के संदर्भ में केंद्र एवं राज्य के प्रशिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थाएँ।
लोक व्यय एवं लेखा :
लोकव्यय पर नियंत्रण, संसदीय नियंत्रण, प्राक्कलन समिति, लोकलेखा समिति आदि।
भारत के नियंत्रण एवं महालेखा परीक्षण का कार्यक्रम, मौद्रिक एवं वित्तीय नीति में वित्त मंत्रालय की भूमिका, मध्यप्रदेश के महालेखाकार का गठन एवं कार्य।
अंतराष्ट्रीय संगठन :
- संयुक्त राष्ट्र एवं उसके सहयोगी संगठन।
- अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक एवं एशियाई विकास बैंक।
- सार्क, ब्रिक्स, अन्य द्वविपक्षीय एवं क्षेत्रीय समूह।
- विश्व व्यापार संगठन एवं भारत पर इसके प्रभाव।
सामान्य अध्ययन पेपर – 3 (GS3)
- विज्ञान एवं तकनीकी
- तर्क एवं आंकड़ों की व्यख्या करना
- तकनीकी
- विकासशील तकनीकी
- ऊर्जा
- पर्यावरण एवं धारणीय विकास
- भारतीय अर्थव्यवस्था
विज्ञान एवं तकनीकी :
- हमारे आस पास व्याप्त पदार्थ, तत्व, यौगिक, मिश्रण,
- धातुएं और अधातुएँ,
- कार्बन और इसके यौगिक,
- अणु, परमाणु, परमाणु की संरचना,
- रासायनिक अभिक्रिया,
- अम्ल, क्षार एवं लवण।
- जीव, जीवों के प्रकार,
- ऊतक,
- जीवन की इकाई,
- कोशिका,
- जैविक क्रियाएं,
- चयापचय,
- नियंत्रण और सामंजस्य,
- प्रजनन,
- आनुवंशिकी एवं जैव विकास।
- गुरुत्वाकर्षण,
- गति,
- बल,
- गति के नियम,
- कार्य और ऊर्जा,
- प्रकाश,
- ध्वनि,
- विद्युयत एवं चुम्बकत्व।
तर्क एवं आंकड़ों की व्यख्या करना :
- आधार संख्या और सांख्यिकी
- आंकड़ो का प्रबन्धन एवं व्याख्या
- अनुपात और समानुपात,
- इकाई विधि,
- लाभ एवं हानि,
- प्रतिशत,
- बट्टा,
- साधारण ब्याज और चक्रवर्ती ब्याज।
- क्षेत्रमिति,
- क्षेत्रफल,
- परिमाप,
- आयतन
- तार्किक शक्ति,
- विश्लेषणात्मक क्षमता और समस्या समाधन।
तकनीकी :
- विज्ञान एवं तकनीकी का सामाजिक और आर्थिक विकास में अनुप्रयोग,
- देषज तकनीकी,
- तकनीकी हस्तांतरण और नवीन तकनीकी का विकास।
- पेटेंट और बौद्धिक संपदा के अधिकार
- विज्ञान एवं तकनीकी के क्षेत्र में भारतीयों का योगदान
विकासशील तकनीकी :
- नवीन तकनीकी जैसे सूचना और संचार तकनीकी,
- सुदूर संवेदन,
- अंतरिक्ष जी आय एस. जी पी एस,
- जैव प्रौद्योगिकी,
- नैनो तकनीकी,
- कृषि और अन्य संबंधित क्षेत्र,
- स्वास्थ्य,
- ई-गर्वनमेंट,
- यातायात,
- स्थानिक नियोजन,
- ग्रह एवं क्रीड़ा आदि में इनके अनुप्रयोग।
ऊर्जा :
- परंपरागत और गैर परंपरागत ऊर्जा संसाधन
- ऊर्जा प्रवंधन – मुद्दे और चुनौतियाँ।
- वैकल्पिक ऊर्जा संसाधनों की वर्तमान स्थिति और भविष्य की संभावनाएं।
पर्यावरण एवं धारणीय विकास :
- पर्यावरणीय क्षरण, कारण, प्रभाव एवं निदान
- पर्यावरण सरंक्षण विधियां, नीतियां और नियामक ढाचा।
- पर्यावरण एवं विकास पर चर्चा
- ठोस, तरल,
- अपशिष्ट,
- जल-मल,
- हानिकारक चिकित्सा अवशिष्ट एवं ई-वेस्ट का प्रवंधन।
- जलवायु परिवर्तन – कारण और निदानात्मक उपाय।
- पर्यावरण और इससे निपटने की रणनीतियां
भारतीय अर्थव्यवस्था :
- भारत में विकास का अनुभव
- मध्यप्रदेश में मंद औद्योगिक विकास के लक्षण
- 1991 के बाद से हुए आर्थिक सुधार औद्योगिक एवं वित्तीय क्षेत्र में सुधार,
- स्टाक बाजार एवं बैकिंग प्रणाली।
- उदारीकरण, निजीकरण एवं वैश्वीकरण।
- भारतीय अर्थव्यवस्था की वर्तमान प्रवृतियां एवं चुनौतियाँ।
- भारत में विकास का नियोजन।
- राष्ट्रीय आय एवं लेखांकन की प्रणाली।
- आधारभूत अधोसंरचना विकास एवं मुद्दे।
- गरीबी, बेरोजगारी, क्षेत्रीय असंतुलन एवं प्रवजन
- नगरीय क्षेत्र के मुद्दे – नगरीय विकास के मुद्दे एवं निम्न आय वर्गीय समूह के लिए आवास।
- ग्रामीण क्षेत्र के मुद्दे, ग्रामीण विकास एवं ग्रामीण साख।
- विकास का सूचकांक, मानव विकास एवं आर्थिक विकास
- भारत और मध्यप्रदेश में सहकारिता आंदोलन
- मध्यप्रदेश और भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि की महत्ता
- आर्थिक विकास के तत्व
- कृषि क्षेत्र एवं अन्य सामाजिक क्षेत्रों के लिए प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष सब्सिडी के मुद्दे।
- लोक वितरण प्रणाली – उद्देश्य, कार्यप्रणाली, सीमाएं, खाद्यय सुरक्षा एवं बफर स्टॉक से सम्बंधित मुद्दे।
सामान्य अध्ययन पेपर – 4 (GS4)
- मानवीय आवश्यकताएं एवं अभिप्रेरणा
- दार्शनिक/विचारक, समाजिक कार्यकर्ता/सुधारक
- मनोवृत्ति
- अभिक्षमता एवं लोक सेवा हेतु आधारभूत योग्यताएं,
- सांवेगिक बुद्धि
- भ्रष्टाचार
- पाठ्यक्रम में सम्मिलित विषयवस्तु पर आधारित प्रकरणों का अध्ययन।
मानवीय आवश्यकताएं एवं अभिप्रेरणा :
- लोक प्रशासन में नैतिक सदगुण एवं मूल्य,
- प्रशासन में नैतिक तत्व-सत्यनिष्ठा,
- उत्तरदायित्व एवं पारदर्शिता,
- नैतिक तर्क एवं नैतिक दुविधा
- नैतिक मार्गदर्शन के रूप में अन्तरात्मा,
- लोक सेवकों हेतु आचरण संहिता,
- शासन में उच्च मूल्यों का पालन।
दार्शनिक/विचारक, समाजिक कार्यकर्ता/सुधारक :
- महावीर, बुद्ध, कौटिल्य, प्लेटो, अरस्तू, गुरुनानक, कबीर, तुलसीदास, रविन्द्रनाथ टैगोर, राजा राम मोहन राय, स्वामी दयानंद सरस्वती, स्वामी विवेकानंद, श्री अरविंदो, मोहनदास करमचंद गांधी, सर्वपल्ली राधाकृष्णन, भीमराव रामजी अम्बेडकर, मौलाना अबुल कलाम आजाद, दीनदयाल उपाध्याय, राम मनोहर लोहिया आदि।
मनोवृत्ति :
- विषयवस्तु, तत्व, प्रकार्य, मनोवृत्ति का निर्माण, मनोवृत्ति परिवर्तन, प्रबोधक संप्रेषण, पूर्वाग्रह तथा विभेद, भारतीय संदर्भ में रूढ़िवादिता।
अभिक्षमता एवं लोक सेवा हेतु आधारभूत योग्यताएं :
सत्यनिष्ठा, निष्पक्षता एवं असमर्थकवादी, वस्तुनिष्ठता, लोक सेवा के प्रति समपर्ण समानुभूति, सहिष्णुता एवं अशक्त वर्गों के प्रति संवेदना/करुणा।
सांवेगिक बुद्धि :
अवधारणा, प्रशासन/शासन में इसकी उपयोगिता एवं अनुप्रयोग।
भ्रष्टाचार :
- भ्रष्टाचार के प्रकार एवं कारण,
- भष्टाचार का प्रभाव,
- भ्रष्टाचार को अल्पतम करने के उपाय,
- समाज, सूचनातंत्र,
- परिवार एवं विसलब्लोअर की भूमिका,
- भष्टाचार पर राष्ट्रसंघ की घोषणा,
- भ्रष्टाचार का मापन,
- अंतराष्ट्रीय पारदर्शिता आदि।
पाठ्यक्रम में सम्मिलित विषयवस्तु पर आधारित प्रकरणों का अध्ययन
सामान्य हिंदी – पेपर 5
इस प्रश्नपत्र का स्तर स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण छात्रों के समकक्ष होगा।
इसका उद्देश्य उम्मीदवार की पढ़ने, समझने और लेखन की योग्यता एवं हिंदी में स्पष्ट तथा सही विचार व्यक्त करने की जांच करना हैं।
सामान्यतः निम्नलिखित विषयों पर प्रश्न पूछे जाएंगे।
पल्लवन, सन्धि व समाज :
- दिए गए वाक्यों का व्यापक अर्थ
- सन्धि,
- समास व विराम चिन्ह
प्रारूप लेखन :
- शासकीय व अर्धशासकीय पत्र,
- परिपत्र, प्रपत्र,
- विज्ञापन,
- आदेश,
- पृष्ठांकन,
- अनुस्मारक,
- अधिसूचना,
- टिप्पणी लेखन – (कोई दो)
प्रयोग, शब्दावली तथा प्रारम्भिक व्याकरण :
- प्रशासनिक पारिभाषिक शब्दावली (हिंदी व अंग्रेजी)
- मुहावरे अथवा कहावतें
- विलोम शब्द एवं समानार्थी शब्द
- तत्सम-तद्भव शब्द
- पर्यायवाची शब्द
- शब्द युग्म
- अपठित गद्यांश
- प्रतिवेदन (प्रशासनिक, विधि, पत्रकारिता, साहित्य व सामाजिक)
अनुवाद (वाक्यों का) :
- हिंदी से अंग्रेजी एवं अंग्रेजी से हिंदी
- छठवें प्रश्नपत्र में
हिंदी निबंध लेखन पेपर – 6
प्रथम निबंध (लगभग 1000 शब्दों में), अंक – 50
द्विवितीय निबंध (लगभग 1000 शब्दों में), अंक – 25
तृतीय निबंध (लगभग 1000 शब्दों में), अंक – 25
कुल अंक – 100
3. साक्षात्कार (Interview)
मुख्य परीक्षा और प्रारम्भिक परीक्षा पास करने बाद आपका INTERVIEW लिया जाता हैं जो उम्मीदवार दोनों परीक्षाओं को पास कर लेता हैं सिर्फ उन लोगों को ही इंटरव्यू में बैठने का मौका प्राप्त होता हैं।
Interview में कुल नंबर 175 होते हैं यदि आपके Interview में 175 नंबर आ गए तो आप 100% सेलेक्ट हो जाओगे और डिप्टी करेक्टर बन जाओगे।
राज्य सेवा मुख्य परीक्षा (Madhya Pradesh State Services Mains Examination) में total मार्क्स 1575 चाहिए पड़ते हैं।
MPPSC Mains Syllabus and Interview 2020
S. No. | Papers | Subject Name | Total Marks | Time Duration |
---|---|---|---|---|
1 | Paper I | General Studies | 300 | 3 घंटे |
2 | Paper II | General Studies | 300 | 3 घंटे |
3 | Paper III | General Studies | 200 | 3 घंटे |
4 | Paper IV | General Studies | 200 | 3 घंटे |
5 | Paper V | General Hindi | 200 | 3 घंटे |
6 | Paper VI | Essay Writing | 100 | 2 घंटे |
Interview | 175 | |||
Total – 1575 |
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बहुत ही बढ़िया जानकारी दी आपने एमपीपीएससी की तैयारी को लेकर
बहुत आभार
ऐसे ही स्टडी वाले आर्टिकल पोस्ट करे ताकि हमारी prepration में हेल्प हो सके
फीडबैक के लिए बहुत-2 शुक्रिया
ऐसे ही हमरा प्रोत्साहन करते रहिए हम आपके लिए उपयोगी जानकारी लाते रहेंगे
Bahut badiya content sir…..😍
Sir apne bhaut hi badiya jankari di hai keep sharing